टेबल ऑफ़ कंटेंट
- खाते कितने प्रकार के होते हैं?
- अकाउंट क्यों ज़रूरी है?
- खाता किसे कहते हैं?
- एकाउंटिंग विषय मे खाता?
- एकाउंटिंग मे खाते प्रकार?
क्या आपको पता है बैंक खाते कितने प्रकार के होते हैं, बैंक खाते बहुत तरह के होते है और एकाउंटिंग विषय मे खाते कितने प्रकार के होते हैं, आज हम दोनों के बारेमे मे आसान भाषा मे विस्तार से जानेंगे चलिए आज का ये आर्टिकल ‘बैंक खाते कितने प्रकार के होते हैं’ शुरू करते है,
पैसों को बढ़ाने के लिए, सेव करने के लिए और इन्वेस्ट करने के लिए सबसे अच्छी जगह बैंक अकाउंट है. आजकल हर बैंक मे बहुत सारे बैंक खातों के प्रकार जिनसे अलग अलग कस्टमर को फायदा मिलता है,
हर खाते के अपने अलग फीचर और रेकुइरमेंट होते है, इस आर्टिकल ‘खाते कितने प्रकार के होते हैं’ मे बैंक खाते और एकाउंटिंग मे कितने खाते होते है ये जानेंगे, इसलिए आर्टिकल आखिर तक पढ़े, चलिए देखते है बैंक खाते कितने प्रकार के होते हैं.
बैंक अकाउंट किसे कहते हैं?
बैंक खाते कितने प्रकार के होते हैं ये जानने के बाद ये जाने बैंक खाता क्या है यानि अयसी व्यवस्था जो बैंक कस्टमर को देता है जिसमे कस्टमर पैसे दाल सकते है और निक्साल सकते है और कुर कुछ खतों मे इंटरेस्ट भि मिलता है.
बैंक खाते कितने प्रकार के होते हैं?
◉ सेविंगस अकाउंट (Saving Account)
◉ करंट अकाउंट (Current Account)
◉ रेकरिंग डिपाजिट (Recurring Deposit)
◉ फिक्स्ड डिपाजिट (Fixed Deposit)
◉ सैलरी अकाउंट (Salary Account)
◉ एनआरआई अकाउंट (NRI Account)
◉ डीमत (DEMAT)
◉ बेसिक सेविंग बैंक डिपाजिट अकाउंट (BABDA)
◉ थ्री इन वन अकाउंट (3-in-one account)
◉ नो फ्रिल अकाउंट (No Frill Account)
◉ जन धन सेविंग अकाउंट (Jan dhan Saving Account).
सबसे पहले बैंक खाते कितने प्रकार के होते हैं ये जानेंगे फिर एकाउंटिंग मे कितने प्रकार के खाते होते है जानेंगे,
इंडिया मे पहले सिर्फ चार प्रमुख बैंक अकाउंट थे सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट, रेकरिंग अकाउंट और फिक्स्ड डिपाजिट अकाउंट लेकिन बादमे बैंकिंग सेक्टर एडवांस होने पर दुसरे तरह बैंक अकाउंट भि लाये गये.
1. Saving Account
सेविंग अकाउंट को कोई एक व्यक्ति या दो लोग मिलकर जॉइंट खाता खोल सकते है, सेविंग अकाउंट को खोलने का सबसे अच्चा फायदा ये है के बैंक आपके पैसों पर इंटरेस्ट देता है,
सेविंग खाते मे कस्टमर जितनी बार चाहे उतनी बार पैसे डिपाजिट करसकता है लेकिन विथद्रव (withdrawn) कितनी बार करसकते है इसपर रेस्ट्रिकशन है, सेविंग खाते मे कस्टमर को मिलने वाला इंटरेस्ट हर साल चार से छे परसेंट होता है,
इस खाते मे कस्टमर चाहे तो उन्हें एटीएम कार्ड भि मिलता है, इसमें कोई भि मिनिमम बैलेंस रखने कि ज़रूरत नहीं है, सेविंग खाता को छात्रों इस्तेमाल करसकते है, जिन्हें पेंशन मिलती है वह इस्तेमाल करसकते है औरकाम करने वाले प्रोफेशनल इस्तेमाल करसकते है.
ये भि पढ़े: एसबीआई मे सेविंग अकाउंट कैसे खोले?
2. Current Account
करंट अकाउंट को पैसे सेविंग करने के लिए नहीं खोला जाता है, करंट अकाउंट को कंपनीस, एसोसिएशन, रिलिजन इंस्टिट्यूशन और दुसरे व्यापार से जुड़े कामों के लिए खोला जाता है, करंट अकाउंट मे पैसे डिपाजिट और विथद्रव जितनी बार चाहे उतनी बार करसकते है इसमें कोई पाबंदी नहीं है,
इन अकाउंट मे इंटरेस्ट नहीं दिया जाता है, इस अकाउंट से इंटरनेट बैंकिंग करसकते है और ओवरड्राफ्ट कि सुविधा भि मिलती है.
3. Recurring Deposit

रेकरिंग अकाउंट को वो लोग खोलते है जो हर महीना पैसे डिपाजिट करना चाहते है किसी निश्चित समय तक, निश्चित समय तक कस्टमर को हर महिना पैसे डालना होता है फिर समय होने पर पुरे पैसे इंटरेस्ट के साथ निकल सकते है,
पैसे निकलने पर अकाउंट को बंद किया जाता है, ये छे महीनो से 10 साल का होसकता है, इंटरेस्ट रेट कितना होगा ये अकाउंट किस बैंक मे खोल रहे है उसपर निर्भर है,
जो पैसा कस्टमर हर महीने भरते है वो कम से कम 50 रुपे भि होसकता है और हर बैंक मे अलग होता है, अगर कस्टमर को निश्चित समय से पहले पैसे निकालना है तो बैंक को पनेलती देनी होगी.
4. Fixed Deposit
आपने एफडी (FD ) या फिक्स्ड डिपाजिट के बारेमे सुना है होगा, इस अकाउंट को किसी भि प्राइवेट या गवर्नमेंट बैंक मे खोल सकते है, इस अकाउंट मे एक हि बार पैसा डाला जाता है और एक हि बार निकाला जाता है,
यानि जब अकाउंट बनेगा तब अकाउंट होल्डर एक अमाउंट डालना होगा ये अमाउंट कितना भि होसकता है एक निश्चित समय तक ये पैसा इसी अकाउंट मे रहेगा और समय पूरा होने के बाद पैसे निकाल सकते है,
जो पैसे इस अकाउंट मे डाले जाते है इसे सिर्फ एक हि बार डाला जाता है रेकरिंग अकाउंट कि तरह हर महीने डाला नहीं जाता, फिक्स्ड डिपाजिट अकाउंट मे इंटरेस्ट मिलता है,
इंटरेस्ट रेट कितना होगा ये निर्भर करता है के अमाउंट कितना है और कितने समय तकके लिए है. समय कि बात करे तो ये सात दिन से 10 साल के तक होसकता है, अगर किसी को निश्चित समय से पहले पैसे निकलना है तो बैंक को पनाल्टी देनी पड़ेगी.
5. Salary Account
सैलरी अकाउंट को बड़े बिज़नेसेस या कोरपोरेशन के दुअरा ओपन किया जाता है ताके वह अपने कर्मचारियों को हर महीने सैलरी देसके इन बैंक से,
हर कर्मचारी को ये अकाउंट मेन्टेन करना होता है और इन अकाउंट मे मिनिमम बैलेंस कि ज़रूरत नहीं होती है, कुछ बैंक सैलरी अकाउंट को ओवरड्राफ्ट कि सुविधा देते है यानि ज़रूरत पढने पर बैंक से उधार पैसे ले सकते है,
सैलरी अकाउंट बैंक अपनी हर सर्विस देती है जैसे एटीएम कार्ड, डेबिट/क्रेडिट कार्ड, चेक बुक, इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, आदि. सैलरी खाते से कभी भि कितना भि पैसा निकल सकते है.
कर्मचारी इस अकाउंट को बादमे सेविंग अकाउंट मे बदल सकते है अगर तीन महीने से कुछ भि एक्टिविटी नहीं दिखी गयी तो और सेविंग अकाउंट के अलग रूल है जिनको आप ऊपर पढ़सकते है.
6. NRI Account
इंडियन ओरिजिन (Indian Origin) या नॉन-रेजिडेंशियल इंडियन बैंक कि सुविधा पासके इसके लिए एनआरआई बैंक (NRI bank Account) अकाउंट बना है, एनआरआई खाते के तीन प्रकार है
1. ‘नॉन-रेजिडेंट आर्डिनरी रुपीस’ अकाउंट (NRO Account)
इस अकाउंट को एक व्यक्ति या दो लोग मिलकर बना सकते है, इस अकाउंट से बाहेर देश के पैसों को इंडिया मे ट्रान्सफर किया जाता है, इस अकाउंट को एफडी, सेविंग, करंट या आरडी अकाउंट के रूप मे खोला जासकता है.
2. ‘नॉन-रेजिडेंट एक्सटर्नल रुपीस अकाउंट (NRE Account)
जब कोई इंडियन सिटीजन बाहेर के देश मे कमाने जाता है तो उसे अपने अकाउंट को एनआरइ (NRE) अकाउंट मे कन्वर्ट करना पड़ता है, इसे इंडियन एड्रेस पर ओपन किया जासकता है.
3. ‘फॉरेन करेंसी नॉन-रेजिडेंट’ अकाउंट (FCNR account)
बाहेर देश के पैसों को मैनेज करने के लिए इस अकाउंट को खोला जाता है, ये अकाउंट फिक्स्ड डिपाजिट के रूप मे खोला जाता है यानि इन पैसों को निश्चित समय के बाद हि निकला जासकता है, एफसीएनआर (FCNR) अकाउंट के पैसों से अकाउंट होल्डर लोन लेसकते है.
7. DEMAT

शेयर्स और बांड कि ट्रांसकशन और सिक्यूरिटीस जो इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म मे होती उनके लिए ये अकाउंट है, डीमत अकाउंट को डीमटेरियलिजड (Dematerialized) अकाउंट भि कहते है,
इंडिया मे दो हि डिपाजिटरी आर्गेनाइजेशन है जो इस तरह के बैंक अकाउंट को सँभालते है वो है सेंट्रल डिपाजिटरी सर्विसेज लिमिटेड और नेशनल सिक्योरिटीज डिपाजिटरी लिमिटेड.
इया अकाउंट कि मदद से बांड्स और शेयर्स को मैनेज किया जासकता है बिना टेंशन के शेयर्स के ट्रांसकसहन करसकते है, ट्रेडर कहीं से भि काम करसकते है और इसमें ट्रांसकशन कि कॉस्ट भि कम हुई है, इस अकाउंट से पेपर वर्क कम होता है.
8. Basic Saving Bank Deposit Account
(BABDA) को पहले सबसे जियादा लोग खोलते थे कियोंकि ये बेसिक सेविंग बैंक डिपाजिट अकाउंट है, इसतरह के अकाउंट मे मिनिमम बैलेंस कि ज़रूरत नहीं है लेकिन इसमें कुछ पाबंदियां ज़रूर है जैसे अकाउंट मे 50,000 से जियादा रुपे नहीं रख्सकते,
अगर हम पैसों कि लेनदेन करते है तो टोटल महीनों कि ट्रांसकशन मिलाने पर दस हज़ार से जियादा कि ट्रांसकशन नहीं होनी चाहिए, अगर इन रेस्ट्रिकशन को फॉलो नहीं किया तो अकाउंट सीस होजायेगा और रेगुलर सेविंग अकाउंट मे कन्वर्ट होजायेगा.
9. 3-in-one account
ये अकाउंट इन्वेस्टर्स के लिए बहुत बढ़िया है जो मार्किट मे ट्रेड करना चाहते है, इसका नाम इस्क्लिये अयसा है कियोंकि इसमें तीन अकाउंट के फायदे मिलते है, जैसे ट्रेडिंग अकाउंट,
रेगुलर अकाउंट और डीमत (Demat) अकाउंट, बहुत सारे बैंक्स इसतरह के बैंक अकाउंट कस्टमर के लिए ओपन कररहे है कियोंकि इंडिया मे रिटेल ट्रेडिंग बढ़रही है, बैंक जैसे आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक.
10. No Frill Account
इस आकोउंत को ख़ास आरबीआई कि नयी गाइडलाइन कि वजह से बनाया गया है ताके इस अकाउंट कस्टमर जीरो बैलेंस से भि अकाउंट चला सके, यानि इसमें कोई मिनिमम बैलेंस रखना ज़रूरी नहीं है,
जो लोग मिनिमम बैलेंस नहीं रखना चाहते एह इस अकाउंट को ओपन करसकते है और इस अकाउंट किसी भि बैंक मे ओपन करसकते है.
11. Jan Dhan Saving Account

इस अकाउंट को प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत बनाया गया है ताके गरीब लोग भि अपनी सेविंग इस अकाउंट मे करसके, इस अकाउंट को जीरो बैलेंस अकाउंट भि केहते है,
इसमें कोई भि चेक बुक नहीं डीजातीएक महीने मे सिर्फ चार पार पैसे निकाले जासकते है, इस अकाउंट बनाने वाले को 30 हज़ार का इन्सुरांस कवर और एक्सीडेंटल इन्सुरांस भि दिया जाता है.
बैंक खाते कितने प्रकार के होते हैं अब पता चलगया होगा लेकिन सिर्फ इतने प्रकार नहीं होते हमने आपको सबसे ज़रूरी और जियादा इस्तेमाल किये जाने वाले बैंक खतों के बारेमे बताया है.
Bank Account kyu important hai?
- कस्टमर अपनी कमाई के पैसे बैंक खाते मे रखते है कियोंकि उन्हें सुरक्षित महसूस होता है अगर बैंक बंद होजाते है तो कस्टमर उनके पैसे वापस मिलजाते है.
- बैंक खाते के ज़रिये आसानी से ट्रांसकशन करसकते है.
- एक खाते से दुसरे खाते मे फास्ट मनी ट्रान्सफर करसकते है.
- बैंक खाते सस्ते है कियोंकि कस्टमर मे बहुत कम फी मे अलग अलग सर्विसेज बैंक कि तरफ से मिलते है.
- बैंक खाता होने पर बैंक क्रेडिट/डेबिट कार्ड, चेक आदि कि सुविधा देती है.
- बैंक अकाउंट मे पैसे रखने से पैसे बडते भि जैसे ज़यादातर बैंक अपने सेविंग अकाउंट मे इंटरेस्ट भि देते है.
- बैंक खाते से कभी भि पैसे निकल सकते है.
- बैंक खाते के ज़रिये क्रेडिट फैसिलिटी मिलती है और लोन भि लेसकते है.
- बैंक खाते ट्रांसपेरेंट होते है यानि पासबुक या अकाउंट स्टेटमेंट के ज़रिये खाते मे हर चीज़ को ट्रैक करसकते है.
- बैंक खाता एक व्यक्ति कि पहचान होता हिया जिसे गवर्नमेंट संस्थाने इस्तेमाल करती है.
Accounting विषय मे खाता किसे कहते हैं?
बैंक खाता किसे कहते हैं और बैंक अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं ये जानने के बाद एकाउंटिंग सब्जेक्ट मे खाता किसे कहते हैं और खाते कितने प्रकार के होते हैं जाने,
अकाउंट एक आउटलाइन है ट्रांसकशनस का जो बिज़नेसेस या एक व्यक्ति के दुअरा किये जाते है, यानि जब कोई बिज़नेस सपलायर या कस्टमर के साथ किसी ट्रांसकशन मे इन्वोल्व होता है तो यहा दोनों सपलायर और कस्टमर अलग अलग अकाउंटस का काम करते है,
जैसे अगर कोई बिज़नेस ज़मीन, मशीन, बिल्डिंग, मटेरियल खरीदते है तो ये सारि वास्तविक चीज़े अलग अकाउंट कि तरह काम करते है और अयसे अकाउंट चीजों से जुड़े होते है.
Accounting मे खाते कितने प्रकार के होते हैं?
एकाउंटिंग मे तीन प्रकार के खाते होते है:
- पर्सनल अकाउंट.
- रियल अकाउंट.
- नोमिनल अकाउंट.
People Also Ask
1. DEMAT अकाउंट का फुल फॉर्म क्या है?
डीमत अकाउंट का फुल फॉर्म है Dematerialized account.
2. हर दिन ट्रांसकशन करने के लिए कौनसा बैंक अकाउंट अच्चा है?
करंट अकाउंट सबसे बेस्ट है हर दिन ट्रांसकशन करने के लिए कियोंकि इसमें पैसे डिपाजिट और क्रेडिट करने मे कोई लिमिट नहीं होती और ये अकाउंट पैसे सेविंग करने के लिए नहीं बुसिनेस के लिए इस्तमाल होते है.
3. एनआरआई अकाउंट के कितने प्रकार है?
एनआरआई (NRI) अकाउंट के दो प्रकार है: ‘नॉन-रेजिडेंट आर्डिनरी रुपीस’ अकाउंट (NRO Account) और ‘नॉन-रेजिडेंट एक्सटर्नल रुपीस अकाउंट (NRE Account).
4. खाते कितने प्रकार के होते हैं?
खाते बहुत तरह के होते है जैसे सेविंग खाता, करंट खाता, रेकरिंग खाता,, फिक्स्ड खाता, सैलरी खाता, एनआरआई खाता, इतियादी.
5. बैंक अकाउंट के लिए कोई फीस देनी पड़ती है क्या?
हर बैंक के अलग रूल होते है कुछ कुछ बैंक थोड़ी फीस लेते है और कुछ बैंक फीस नहीं लेते लेकिन कुछ कंडीशन होती है.
6. अकाउंट बनाने के लिए बेसिक डॉक्यूमेंट?
कोई भि पहचान पत्र जैसे
- आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, वोटर आइडेंटिटी कार्ड, पैन कार्ड.
- एड्रेस प्रूफ कोई भि जैसे पासपोर्ट, आधार कार्ड, वोटर आइडेंटिटी कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस.
- करंट अकाउंट के लिए पैन और दुसरे डॉक्यूमेंट जो बैंक ने मांगवाए है.
7. मेरे अकाउंट मे कम से कम कितना पैसा होना चाहिए?
बैंक अकाउंट बनाने पर सबसे पहले ओपनिंग बैलेंस डालना होता है और मिनिमम बैलेंस भि रखना होता है कुछ बैंक जीरो बैलेंस भि अल्लो करते है कि भि पनेल्टी नहीं लेते.
8. कोई भि कितने अकाउंट ओपन करसकता है?
एक व्यक्ति कितने भि अकाउंट खोल सकता है इनकम टैक्स के दुअरा अयसा कोई भि नियम नहीं है के एक या दो से जियादा अकाउंट नहीं खोल सकते है, अपनी ज़रूरत के हिसाब से आप कितने भि अकाउंट खोलसकते है.
9. सेविंग खाता कितने प्रकार के होते हैं?
सेविंग अकाउंट के दो प्रकार है:
- ‘बीएसबीडीए’ (Basic Savings Bank Deposit Account)
- ‘बीएसबीडीएस’ (Basic Saving Bank Deposit Small Scheme).
निष्कर्ष?
आज हमने जाना के बैंक खाते कितने प्रकार के होते हैं, बैंक खाता किसे कहते हैं और एकाउंटिंग खाता किसे कहते हैं, एकाउंटिंग मे खाते कितने प्रकार के होते हैं, आदि. आशा है आपको इस सवाल ‘बैंक खाते कितने प्रकार के होते हैं’ का जवाब मिलगया होगा.
अकाउंट से जुड़े सवाल मन मे होते नीचे कमेंट करें और शेयर करे ताके दूसरों को भि पता चले के ‘खाते कितने प्रकार के होते हैं’ हमारा ये आर्टिकल ‘types of bank accounts in hindi’ यहीं समाप्त होता है.
ये आर्टिकल भि पढ़े: