पैसों को बढ़ाने के लिए और पैसे सेव करने के लिए बैंक अकाउंट आवश्यक होता है, और निवेश करने के लिए बैंक अकाउंट की आवश्यकता होती है। आजकल हर बैंक में बहुत सारे बैंक खातों के प्रकार होते हैं, जिनसे विभिन्न ग्राहकों को फायदा मिलता है। आइए,
हर खाते के अपने विशेष फीचर्स और आवश्यकताएँ होती हैं। इस लेख में हम बैंक खातों और लेखा में कितने प्रकार के खाते होते हैं, इसके बारे में जानेंगे।
बैंक अकाउंट किसे कहते हैं?
बैंक खाते कितने प्रकार के होते हैं ये जानने से पहले ये जाने के बैंक खाता किसे कहते हैं, बैंक अकाउंट यानि ऐसी व्यवस्था जो बैंक, कस्टमर्स को देता है जिसमे कस्टमर्स पैसे दाल सकते है और निकाल सकते है, इन्वेस्टमेंट करने के लिए बैंक अकाउंट की ज़रूरत होती है। बैंक एकाउंट्स को पैसे जमा करने और बैंकिंग कि सारि सर्विसेज और facilities को इस्तेमाल करने के लिए बनाया जाता है।
बैंक अकाउंट कितने प्रकार के होते । Bank Account Kitne Prakar Ke Hote Hain
◉ सेविंग अकाउंट
◉ करंट अकाउंट
◉ रेकरिंग डिपाजिट
◉ फिक्स्ड डिपाजिट
◉ सैलरी अकाउंट
◉ NRI अकाउंट
◉ डीमैट अकाउंट
◉ ‘BABDA’ (बेसिक सेविंग बैंक डिपाजिट अकाउंट)
◉ 3-in-one account
◉ No Frill Account / जीरो बैलेंस अकाउंट
◉ जन धन सेविंग अकाउंट
सबसे पहले बैंक खातों के कितने प्रकार होते हैं, ये जानेंगे। फिर Accounting में खातों के कितने प्रकार होते हैं, ये जानेंगे। भारत में पहले सिर्फ चार प्रमुख बैंक खाते थे: Savings अकाउंट, करंट अकाउंट, Recurring Account और फिक्स्ड डिपाजिट अकाउंट। लेकिन बाद में बैंकिंग सेक्टर के डेवलपमेंट होने पर दूसरे तरह के बैंक खाते भी लाए गए।
1. सेविंग बैंक अकाउंट । Savings Bank Account
खातों के प्रकार में सबसे कॉमन बैंक अकाउंट है सेविंग बैंक अकाउंट. “Savings Account” को एक व्यक्ति या दो लोग मिलकर जॉइंट अकाउंट खोल सकते हैं।
लोग बचत खातों में पैसे जमा करने के अलावा उनके जमा किए गए पैसों पर बैंक ब्याज के लिए भी खाता खोलते हैं। बचत खातों में ग्राहक जितनी बार चाहें उतनी बार पैसे जमा कर सकते हैं, लेकिन निकासी कितनी बार कर सकते हैं, इस पर प्रतिबंध होता है।
बचत खातों में ग्राहकों को मिलने वाला ब्याज हर साल 4 से 6 प्रतिशत होता है। इस खाते में ग्राहकों को चाहें तो उन्हें एटीएम कार्ड भी मिलता है। इसमें आपको मिनिमम बैलेंस रखने की आवश्यकता होती है।
बचत खाता छात्रों को उपयोग में आ सकता है, जिन्हें पेंशन मिलती है, वे उपयोग करते हैं। काम करने वाले पेशेवर भी उपयोग करते हैं और पैसे जमा करने के लिए महिलाएं भी इस खाता को खोलती हैं।
2. करंट बैंक अकाउंट । Current Bank Account
“करंट अकाउंट” को पैसों को सेव करने के लिए खोला नहीं जाता है, “करंट अकाउंट” जिसे चालू खाता भी कहा जाता है। “करंट अकाउंट” को कंपनियों, संघटनों, धार्मिक संस्थानों और अन्य व्यापारिक कार्यों से जुड़े कामों के लिए खोला जाता है।
“करंट अकाउंट” में पैसे जमा और निकासी जितनी बार चाहें उतनी बार कर सकते हैं, इसमें कोई पाबंदी नहीं होती। “करंट अकाउंट” में बैंक द्वारा ब्याज नहीं दिया जाता है, इस अकाउंट से इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध है और वो सर्विसेज भी प्राप्त की जा सकती हैं जो सामान्य बैंक अकाउंट में मिलती हैं।
3. रेकरिंग डिपाजिट । Recurring Deposit
रेकॉर्डिंग डिपॉजिट को वो लोग खोलते हैं जो हर महीना पैसे डिपॉजिट करना चाहते हैं, किसी निश्चित समय तक। निश्चित समय तक कस्टमर को हर महीने पैसे डालने होते हैं, फिर समय होने पर पूरे पैसे इंटरेस्ट के साथ निकाल सकते हैं।
पैसे निकालने पर अकाउंट को बंद किया जाता है, यह समय 6 महीने से 10 साल का हो सकता है। इंटरेस्ट रेट कितना होगा यह अकाउंट किस बैंक में खोल रहे हैं उसपर निर्भर करता है, जो पैसा कस्टमर हर महीने भरते हैं वो कम से कम 50 रुपये भी हो सकता है। यह आपके बैंक पर भी निर्भर करता है, अगर कस्टमर को निश्चित समय से पहले पैसे निकालने हो तो बैंक आप पर पेनल्टी लगाएगा, यानी कुछ पैसे लेगा।
4. फिक्स्ड बैंक डिपाजिट । Fixed Bank Deposit
FD या फिक्स्ड डिपॉजिट के बारे में सुना होगा, इस अकाउंट को किसी भी प्राइवेट या सरकारी बैंक में खोल सकते हैं। इस अकाउंट में एक ही बार पैसा डाला जाता है और एक ही बार निकाला जाता है, यानि जब अकाउंट बनेगा तो अकाउंट होल्डर एक अमाउंट डालेगा।
यह अमाउंट कितना भी हो सकता है, एक निश्चित समय तक यह पैसा इसी अकाउंट में रहेगा और समय पूरा होने के बाद पैसे निकाल सकते हैं। जो पैसे इस FD में डाले जाते हैं, उन्हें सिर्फ एक ही बार डाला जाता है, रेकरिंग डिपॉजिट की तरह हर महीने डाला नहीं जाता। FD अकाउंट में इंटरेस्ट मिलता है।
इंटरेस्ट रेट कितना होगा, यह निर्भर करता है कि अमाउंट कितना है और कितने समय के लिए बैंक में रखने वाले हैं। समय की बात करें तो यह 7 दिन से 10 साल तक हो सकता है, अगर किसी को निश्चित समय से पहले पैसे निकालना हो तो आपको पेनल्टी देनी पड़ेगी, यह पेनल्टी आपके बैंक पर निर्भर है, यह अक्सर इंटरेस्ट के 0.50% से 1% तक होती है।
5. सैलरी बैंक अकाउंट । Salary Bank Account
सैलरी अकाउंट को बड़े businesses या corporation के दुअरा खोला जाता है ताके वह अपने कर्मचारियों को हर महीने सैलरी सीधे उनके बैंक अकाउंट मे भेज सके, हर कर्मचारी को ये अकाउंट मेन्टेन करना होता है और इन अकाउंट मे मिनिमम बैलेंस रखने कि ज़रूरत नहीं होती है।
कुछ बैंक सैलरी अकाउंट मे overdraft कि सुविधा भि देते है यानि ज़रूरत पढने पर बैंक से उधार पैसे ले सकते है, सैलरी अकाउंट होल्डर्स को बैंक अपनी हर सर्विस देता है जैसे डेबिट कार्ड, चेक बुक, इन्टरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, आदि।
सैलरी अकाउंट से कभी भि कितना भि पैसा निकाल सकते है। Employees इस अकाउंट को बाद मे सेविंग अकाउंट मे बदल सकते है, अगर तीन महीने से अकाउंट मे कुछ भि एक्टिविटी नहीं देखि गयी तो भी ये कहता सेविंग खता में बदल्दिया जाता है।
6. NRI बैंक अकाउंट । NRI Bank Account
इंडियन ओरिजिन या नॉन-रेसिडेंट इंडियन्स को बैंकिंग फ़ासिलितीज़ प्रदान करने के लिए NRI बैंक खाता बनाया जाता है, NRI खातों के तीन प्रकार होते हैं:
1. ‘NRO अकाउंट’ (Non-Resident Ordinary Rupees)
इस अकाउंट को एक व्यक्ति या दो लोग मिलकर बना सकते हैं। इस अकाउंट से दूसरे देशों के पैसे भारत में ट्रांसफर किए जाते हैं। इस अकाउंट को एफडी, सेविंग्स, करेंट या आरडी अकाउंट के रूप में खोला जा सकता है।
2. ‘NRE अकाउंट’ (Non-Resident External Rupees Account)
जब कोई भारतीय नागरिक दूसरे देश में कमाई के लिए जाता है, तो उसे अपने अकाउंट को NRE अकाउंट में कन्वर्ट करना पड़ता है, और इसे इंडियन एड्रेस पर खोला जा सकता है।
3. ‘FCNR अकाउंट’ (Foreign Currency Non-Resident)
दुसरे देशों के पैसों को मैनेज करने के लिए FCNR अकाउंट को खोला जाता है, यह अकाउंट फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में खोला जाता है, यानि इन पैसों को निश्चित समय के बाद ही निकाला जा सकता है। FCNR अकाउंट के पैसों से खाताधारक लोन ले सकते हैं।
7. डीमैट अकाउंट । Demat Account
शेयर्स और बॉंड्स जैसे सिक्योरिटीज के transactions करने के लिए और सिक्योरिटीज को डिजिटल फॉर्म में स्टोर करने के लिए इस अकाउंट को बनाया जाता है। डीमैट अकाउंट को ‘Dematerialized account‘ भी कहते हैं, भारत में दो डिपाजिटरी आर्गेनाइजेशन हैं जो इस तरह के अकाउंट को संभालते हैं, वो हैं ‘Central Depository Services Limited’ और ‘National Securities Depository Limited’। ये बैंक अकाउंट नहीं है लेकिन बैंक अकाउंट की तरह काम करता है.
इस अकाउंट की मदद से शेयर्स, बॉंड्स, म्यूच्यूअल फंड, आदि को मैनेज किया जाता है बिना टेंशन के शेयर्स के transactions ऑनलाइन कर सकते हैं। ट्रेडर्स कहीं से भी ट्रेडिंग कर सकते हैं और इसमें transactions की कॉस्ट भी कम हुई है,
इस अकाउंट को आप घर बैठे ऑनलाइन खोल सकते हैं। बैंक या दूसरे ऑफिस में जाने की ज़रूरत नहीं है। डीमैट अकाउंट के फायदे और नुकसान भी होते हैं।
8. बेसिक सेविंग बैंक डिपाजिट अकाउंट
पहले लोग इस अकाउंट को बहुत खोलते थे क्योंकि यह ‘Basic Savings Bank Deposit Account’ है, इस तरह के अकाउंट में मिनिमम बैलेंस की ज़रूरत नहीं होती, लेकिन इसमें कुछ पाबंदियाँ ज़रूर होती हैं, जैसे कि अकाउंट में 50,000 से ज्यादा रुपये नहीं रख सकते हैं।
अगर हम पैसों की लेन-देन करते हैं तो पूरे महीने की ट्रांजैक्शन मिलाने पर दस हजार से ज्यादा की ट्रांजैक्शन नहीं होनी चाहिए, अगर इन प्रतिबंधों का पालन नहीं किया जाता है तो अकाउंट सीज हो जाएगा और रेगुलर सेविंग्स अकाउंट में कन्वर्ट हो जाएगा।
9. 3-In-One Account
यह अकाउंट इन्वेस्टर्स के लिए बहुत बढ़िया है जो शेयर मार्केट में इन्वेस्टिंग करना चाहते हैं, इसका नाम इसलिए ऐसा है क्योंकि इसमें तीन अकाउंट के फायदे मिलते हैं, जैसे कि ट्रेडिंग, डीमैट, और बैंक अकाउंट। कुछ बैंक और ब्रोकर्स इस तरह के अकाउंट्स कस्टमर्स के लिए खोलते हैं क्योंकि भारत में लोग शेयर मार्केट इन्वेस्टमेंट में दिलचस्पी ले रहे हैं। आप ICICI बैंक में अकाउंट खोल सकते हैं।
10. जीरो बैलेंस अकाउंट । No Frill Account
इस बैंक अकाउंट को ख़ास आरबीआई की नई दिशा-निर्देशिका की वजह से बनाया गया है ताकि कस्टमर जीरो बैलेंस से भी अकाउंट को चला सके, यानि इसमें कोई न्यूनतम बैलेंस रखना ज़रूरी नहीं होती या बहुत कम न्यूनतम बैलेंस रखना होता है, जो लोग न्यूनतम बैलेंस नहीं रखना चाहते वह इस बैंक अकाउंट को खोल सकते हैं और इस बैंक अकाउंट को आप किसी भी बैंक में खोल सकते हैं।
11. जन धन सेविंग अकाउंट । Jan Dhan Saving Account
इस अकाउंट को प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत बनाया गया है ताके गरीब लोग भी अपनी सेविंग्स को इस अकाउंट में रख सकें, इस अकाउंट को जीरो बैलेंस अकाउंट भी कहते है, एक महीने में सिर्फ चार बार पैसे निकाले जा सकते हैं, अकाउंट बनाने वाले को 30 हजार का इंश्योरेंस कवर और एक्सीडेंटल इंश्योरेंस भी दिया जाता है।
सिर्फ इतने प्रकार नहीं होते हमने आपको सबसे ज़रूरी और जियादा इस्तेमाल किये जाने वाले बैंक खातों के प्रकार के बारेमे बताया है।
बैंक अकाउंट क्यूँ ज़रूरी है । Why Bank Account is Important
- कस्टमर अपनी कमाई के पैसे बैंक अकाउंट मे रखते है कियोंकि उन्हें सुरक्षित महसूस होता है अगर बैंक बंद होजाते है तो भि कस्टमर्स को उनके पैसे वापस मिलजाते है।
- बैंक खाते के ज़रिये आसानी से transactions करसकते है।
- एक खाते से दुसरे खाते मे फ़ास्ट मनी ट्रान्सफर करसकते है।
- बैंक खाते सस्ते है कियोंकि कस्टमर्स को बैंक कि तरफ से कम फीस मे अलग अलग सर्विसेज मिलते है।
- बैंक खाता होने पर बैंक्स डेबिट कार्ड, चेक बुक, पास बुक, इन्टरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, आदि कि सुविधा देती है।
- बैंक खाते से कभी भि ज़रूरत के वक़्त पैसे निकाल सकते है।
- बैंक खाते के ज़रिये क्रेडिट फैसिलिटी मिलती है।
- बैंक खाते transparent होते है यानि पासबुक या अकाउंट स्टेटमेंट के ज़रिये खाते मे हर चीज़ को ट्रैक किया जा सकता है।
- बैंक खाता एक व्यक्ति कि पहचान होता है जिसे गवर्नमेंट organizations इस्तेमाल करती है।
प्राइवेट या सरकारी कौन सा बैंक अकाउंट खोलें?
किस बैंक मे अकाउंट खोलना चाहिए ये आपके need पर डिपेंड है आप कौनसी सुविधा चाहते है वो किस bank मे है उसे चुन्लें। सरकारी बैंक उन लोगों के लिए है middle class है या कमज़ोर है जो बैंकिंग कि हर सर्विस के लिए charges नहीं दे सकते है बस उन्हें नार्मल बैंकिंग करना होता है, सरकारी banks जैसे SBI, PNB, Bank of baroda, Canara Bank, आदि मे बहुत भीड़ होती है जिसकी वजह से कर्मचारियों पर काम का pressure होता है आप का काम भि थोडा late हो सकता है।
वहीँ प्राइवेट बैंक्स जैसे, HDFC, ICICI, Axis, आदि मे आपको मिनिमम बैलेंस जियादा रखना होता है और बाकि के बैंकिंग सर्विस के चार्जेज सरकारी बैंकों से अधिक होते है।
अगर आप कि फाइनेंसियल स्तिथि ठीक है तो आप प्राइवेट बैंक को चुने यहाँ भीड़ कम होगी जिससे आपका काम जल्दी होगा। या आप अपने नजदीकी प्राइवेट और गवर्नमेंट बैंक्स जाकर कस्टमर सर्विस देखकर फैसला कर सकते है।
एकाउंटिंग सब्जेक्ट मे एकाउंट्स किसे कहते हैं?
अकाउंट एक Outline है transactions कि जो बिज़नेसेस या एक व्यक्ति के दुअरा किये जाते है, यानि जब कोई बिज़नेस, supplier या कस्टमर के साथ किसी transaction मे involve होता है तो यहा दोनों supplier और कस्टमर अलग अलग accounts का काम करते है।
जैसे अगर कोई बिज़नेस ज़मीन, मशीन, बिल्डिंग, मटेरियल खरीदते है तो ये सारि रियल चीज़े अलग अकाउंट कि तरह काम करते है, machines के लिए अलग अकाउंट, materials के लिए अलग अकाउंट।
एकाउंटिंग मे कितने प्रकार के अकाउंट होते हैं । Type of account in Hindi
एकाउंटिंग मे तीन प्रकार के खाते होते है:
- पर्सनल अकाउंट (Personal Account)
- रियल अकाउंट (Real Account)
- नोमिनल अकाउंट (Nominal Account).
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
डीमेट अकाउंट का Full form क्या है?
डीमेट अकाउंट का फुल फॉर्म है Dematerialized account.
Daily transactions के लिए कौन सा बैंक अकाउंट बेस्ट है?
करंट अकाउंट सबसे बेस्ट है हर दिन transactions करते है तो, कियोंकि इसमें पैसे डिपाजिट और क्रेडिट करने मे कोई लिमिट नहीं है और ये अकाउंट ,पैसे सेविंग करने के लिए नहीं बिज़नेसेस के लिए इस्तमाल होते है।
NRI Account के कितने प्रकार है?
NRI Account के तीन प्रकार है: ‘NRO Account’, NRE Account’ और ‘FCNR Account’.
खाते कितने प्रकार के होते हैं?
खाते बहुत तरह के होते है जैसे सेविंग खाता, करंट खाता, रेकरिंग खाता, फिक्स्ड खाता, सैलरी खाता, NRI खाता, इतियादी।
Bank account के लिए कोई fees देनी पड़ती है क्या?
हर बैंक के अलग rules होते है कुछ बैंक थोड़ी fees लेते है और कुछ बैंक fees नहीं लेते लेकिन कुछ कंडीशन होती है।
अकाउंट बनाने के लिए बेसिक दस्तावेज़?
1. कोई भि Identity proof जैसे Aadhaar card, Driving license, Passport, Voter ID card, Pan card.
2. Address proof जैसे Passport, Aadhaar card, Voter ID card और Driving license.
3. Current account के लिए Pan और दुसरे duments जो बैंक ने मांगवाए है वो लगेंगे।मेरे अकाउंट मे कम से कम कितना पैसा होना चाहिए?
बैंक अकाउंट बनाने पर सबसे पहले opening balance डालना होता है जिसे मिनिमम बैलेंस कहते है, Banks zero balance भि allow करते है, पैसे नहीं रखना है तो Zero balance account भि खोल सकते है।
एक व्यक्ति कितने अकाउंट खोल सकता है?
एक व्यक्ति कितने भि अकाउंट खोल सकता है इनकम टैक्स के दुअरा ऐसा कोई भि नियम नहीं है के एक या दो से जियादा अकाउंट नहीं खोल सकते है, अपनी ज़रूरत के हिसाब से आप कितने भि अकाउंट खोल सकते है अलग अलग बैंक मे या एक बैंक मे। बस ये याद रखे के आप एक मोबाइल नंबर से अलग अलग बैंक्स मे अकाउंट खोल सकते है लेकिन एक बैंक मे एक मोबाइल नंबर से सिर्फ एक अकाउंट हि खोल सकते है।
सेविंग अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं?
सेविंग अकाउंट के दो प्रकार है:
Basic Savings Bank Deposit Account.
Basic Saving Bank Deposit Small Scheme.एक आदमी बैंक में कितना पैसा रख सकता है?
आप अपने बैंक अकाउंट मे कितने भि पैसे जमा कर सकते है लेकिन limit सिर्फ पैसे deposit करने और withdrawal मे है। एक लाख से जियादा cash deposit एक समय मे नहीं कर सकते है।
घर में कितना cash रखा जा सकता है?
Income Tax Act का इसा कोई नियम नहीं के आपको कितना पैसा घर मे रखना चहिये या नहीं रखना चाहिए हाँ लेकिन जब आपके घर पर Income tax department officer raid करते है तो आपके आपके पास पैसे कहा से अये इसका source बताना होता है।
जीरो बैलेंस अकाउंट में कितना पैसा रख सकते हैं?
Zero balance account मे जियादा से जियादा आप सिर्फ 1 लाख रुपे जमा कर सकते है इससे जियादा करने पर आपका जीरो balance account एक normal savings account मे बदल जायेगा।
क्या एक हि बैंक में एक से जियादा बैंक खाते खोले जा सकते हैं?
उधारण से समजते है अगर आप एक बैंक मे savings account खोलते है तो आप दूसरा savings account नहीं खोल सकते लेकिन उसी bank मे दुसरे प्रकार के account जैसे current account, FD account, आदि खोल सकते है। एक mobile number से अलग अलग banks मे savings account खोल सकते है लेकिन एक mobile number से एक हि bank मे दो savings account नहीं खोल सकते।
5 प्रकार के खाते कौन से हैं?
Savings Account
Current Account
Fixed Deposit Account
Recurring Deposit Account
NRI Account.बैंक के 4 प्रकार क्या हैं?
Commercial Bank
Government Bank
Payment Bank
Small Finance Bank.सेविंग अकाउंट का क्या मतलब है?
Savings account एक तरह का bank account है, जिसे लोग अपनी savings को जमा करने के लिए इस्तेमाल करते है normal banking services को पाने के लिए savings account खोला जाता है।
सेविंग अकाउंट के क्या फायदें है?
● कभी भि आसानी से open कर सकते है।
● पैसों को जमा करने और transactions करने के लिए।
● घर में रखने की बजाय आप safely savings account में पैसे रख सकते है।
● Online किसी को भी और कभी भि पैसे transfer कर सकते है।
● Share market में invest करने के लिए Demat account से savings bank account link कर सकते है।
● Savings account के साथ passbook, cheque book और Atm cards भी मिलते है।
● Auto debits और Auto credits set कर सकते है।मुझे अपना पैसा बैंक में रखना चाहिए या घर पर?
Emergency situatiion के लिए आपको कुछ पैसे अपने घर में रखें चाहिए, लेकिन आजकल ज़यादातर work online होता है, कोई भी चीज़ online shopping, Money transfer recharges, Bill payments, आदि दूसरी banking services को इस्तेमाल करने के लिए आपके bank account में पैसे होने चाहिए।
करंट अकाउंट और सेविंग अकाउंट में क्या अंतर है?
★ Saving account पैसो को जमा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, Savings account में पैसे डालने और निकालने की limit होती है और साथ आपको minimum balance bank account मेंरखना होता है savings account अच्छे से चलने के लिए।
★ Current account businesses के लिए बनाया गया है, Business में बहुत सारे transactions करने होते इसलिए current account में पैसे डालने और निकालने की कोई भी लिमिट नहीं है, Savings account की तरहा इसमें कोई ही intrest bank की तरफ से नहीं दिया जाता। इसमें कोई भी minimum balance रखें की ज़रूरत नहीं होती है।
अकाउंट कितने प्रकार के होते?
एकाउंटिंग मे अकाउंट के तीन प्रकार होते है एक व्यक्तिगत अकाउंट (Personal Account), वास्तविक अकाउंट (Real Account) और अवस्तुगत अकाउंट (Nominal Account). अब आपको पता चलगया होगा के khate kitne prakar ke hote hain.
Personal Account kya hota hai?
पर्सनल अकाउंट यानि ऐसे अकाउंट जो किसी व्यक्ति, संस्था, इंस्टिट्यूट से सम्बंधित होते है.
Current Account kya hota hai?
करंट अकाउंट एक बैंक अकाउंट है आमतौर पर बिज़नेसेस खोलते है, इस अकाउंट को बिज़नेस वाले लोग इसलिए खोलते है कियोंकि इसमें transactions करने की कोई लिमिट नहीं होती और पैसे रखने की भी कोई लिमिट नहीं होती है. हम दिन में जितनी बार चाहे उतनी बार transactions कर सकते है.
सेविंग अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं?
बैंक में इस्तेमाल किये जाने वाले कुछ सेविंग अकाउंट के प्रकार है:
● रेगुलर सेविंग अकाउंट
● जारो बैलेंस या बेसिक सेविंग अकाउंट
● Women’s सेविंग अकाउंट
● सीनियर सिटीजन सेविंग अकाउंट
● Kid’s सेविंग अकाउंट
● सैलरी अकाउंट
● फॅमिली सेविंग अकाउंट.
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