डीमैट अकाउंट के फायदे और डीमैट अकाउंट के नुकसान क्या हैं?

आज हम जानेंगे के डीमैट अकाउंट क्या है, डीमैट अकाउंट के नुकसान क्या है और डीमैट अकाउंट के फायदें क्या है, डीमेट अकाउंट क्यूँ खोला जाता है और डीमेट अकाउंट कैसे खोलें, आदि. चलिए देखते है डीमैट अकाउंट के फायदे और नुकसान क्या है.

Table of contents

डीमैट अकाउंट क्या है?

डीमैट अकाउंट के फायदे और नुकसान जानने से पहले डीमैट अकाउंट क्या है ये जानें, डीमैट अकाउंट यानि dematerialised अकाउंट जिसमे हम खरीदे हुए shares और दुसरे सिक्योरिटीज जैसे ETF, bonds, म्यूच्यूअल फण्ड और गवर्नमेंट सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होल्ड करके रखते है.

जब भी कोई इन्वेस्टर shares खरीदता है तो उसके shares इस डीमैट अकाउंट में जमा होते है फिर जब बेचता है तो इस डीमैट अकाउंट से खरीदने वाले के डीमैट अकाउंट में shares ट्रान्सफर होते है.

इन्वेस्टमेंट को सहीं से ट्रैक करने के लिए भी ये मदद करता है. डीमैट अकाउंट से भारतीय शेयर मार्केट में digitisation process चालू होता है जिससे SEBI को governance में आसानी होती है.

डीमैट अकाउंट की वजह से सिक्योरिटीज की चोरी होना, खोजाना या डैमेज होना जैसे नुक्सान बहुत कम है कियोंकि डीमैट अकाउंट securities को इलेक्ट्रनिक फॉर्म में रखता है. चलिए देखते है डीमैट अकाउंट के फायदे और नुकसान क्या है.

डीमैट अकाउंट के फायदे और नुकसान क्या है?

डीमैट अकाउंट के नुकसान

डीमैट अकाउंट के फायदे जानें । Demat account benefits in Hindi

  • फ़ास्ट और इजी प्रोसेस बनगया है

फिजिकल सर्टिफिकेट के मुकाबले ये प्रोसेस आसान हो चूका है. डीमैट अकाउंट के आने से पहले ट्रेड settlement के लिए 14 दिन तक लगते थे कियोंकि फिजिकल शेयर papers को seller से RTA और फिर खरीदने वाले के पास भेजा जाता था जिसमे बहुत समय जाता था.

लेकिन अब डीमैट अकाउंट की वजह से ये वक़्त 14 दिन से 2 बिज़नेस days पर आचुका है, इससे इन्वेस्टर की जियादा मेहनत नहीं लगती और कम समय में settlement भी पूरा होजाता है. आने वाले समय में ये समय और कम होगा और आप एक ही दिन में ट्रेड कर पाएंगे.

  • सेफ्टी और सिक्यूरिटी बढ़ गयी है

डीमैट अकाउंट पपेर वर्क से जुड़े losses को बहुत कम करता है. डीमैट अकाउंट का सबसे बड़ा फायदा ये भी है के अब पहले के मुकाबले जियादा सेफ्टी और सिक्यूरिटी मिलती है. जब सिक्योरिटीज को फिजिकल फॉर्म में जमा किया जाता था तब ये रिस्क होता था के सर्टिफिकेट चोरी न होजये, गुम ना जाये या डैमेज ना होजये, आदि.

इस तरहा के परिस्थिति मे अगर सर्टिफिकेट चोरी या गुम जाते, तो investors को बहुत सारे पेपर वर्क और ऑपरेशनल challenges से गुज़ारना पढता था recover होगा फिर भी कोई गारंटी नहीं होती थी. अब डीमैट अकाउंट मे shares को जमा करना और भी सुरक्षित होगया है. Dematerialized फॉर्म मे बहुत कम चांसेस है चोरी, गुम और डैमेज होने के.

  • घर बैठे शेयर खरीद सकते है
3. घर बैठे शेयर खरीदें

आप घर बैठे आसानी ऑनलाइन स्मार्टफोन या लैपटॉप से अपनी इन्वेस्टमेंट को देख सकते है मैनेज कर सकते है, ये डीमैट अकाउंट की वजह से संभव हो पाया है के हम कहीं से भी, कभी भि अपने डीमैट अकाउंट को access कर सकते है.

डीमैट अकाउंट आने से पहले शेयर खरीदना और बेचना मुश्किल प्रोसेस था. फिजिकल सर्टिफिकेट की तरह हमें फिजिकल ऑफिस जाकर शेयर खरीदने और बेचने पड़ते थे, लेकिन अब डीमैट अकाउंट की वजह से ऑनलाइन shares को खरीद भी सकते है और बेच भी सकते है.

  • Odd-lot प्रॉब्लम नहीं रहीं

डीमैट अकाउंट की वजह से Odd-lot/Size lot प्रॉब्लम ख़तम होगई है, ये डीमैट अकाउंट का बड़े फायदों मेसे एक है. पहले फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट के समय में एक शेयर खरीदना मुश्किल था आपको जियादा शेयर खरीदने और बेचने होते थे लेकिन अब डीमैट अकाउंट की वजह से आप एक share भी खरीद और बेच सकते है.

  • सारे एसेट के लिए एक सलूशन

डीमैट अकाउंट सिर्फ आपके shares स्टोर नहीं करता बलके इसके अलावा सारे फाइनेंसियल एसेट को स्टोर कर सकता है जैसे bonds, ETF, debentures, म्यूच्यूअल फण्ड और ULIP (Unit Linked Insurance Policies).

इसका मतलब है के आपके सारे assets आपको एक ही जगह मिलेंगे जिससे उनकी ट्रैकिंग, मॉनिटर और मेंटेनेंस में आसानी होगी साथ-ही-साथ आपको taxes फाइलिंग में भी मदद मिल सकती है कियोंकि सारा रिकॉर्ड एक ही जगह पर होगा.

  • Errors कम होगये है

ऑफलाइन settlements मे बहुत सारा काम manual होता है तो इसमें बहुत सारी गलतियाँ भी होई रहती है. इन manual errors को ‘Vanda’ और error trades भि कहते है. जब से डीमैट अकाउंट आया है तब से ये errors बहुत हद तक कम हुए है, डीमैट अकाउंट का ये एक बड़ा फायदा है.

  • Transactions कोस्ट कम हुए है
Demat account Transaction fee Hindi

डीमैट अकाउंट की वजह से transaction cost कम हुआ है कियोंकि, फिजिकल पेपर वर्क ख़तम हुआ है, ब्रोकरेज फीस कम हुई है फिजिकल assets के मुकाबले, डीमैट अकाउंट से जुड़े चार्जेज कम हुए है खतम नहीं, इसलिए डीमैट अकाउंट खोलने से पहले ब्रोकर के सारे चार्जेज को जानलें तभी ऑनलाइन डीमैट अकाउंट खोलें.

  • ट्रांसमिशन आसान हो गया है

अगर किसी डीमैट अकाउंट होल्डर की किसी वजह से मौत होजाती है तो assets की ओनरशिप परिजनों के पास जल्दी जा सकती है. ये आप जॉइंट डीमैट अकाउंट खोलकर कर सकते है या अपने डीमैट अकाउंट में नॉमिनी ऐड करके भी कर सकते है.

पहले जब फिजिकल फॉर्म में shares सर्टिफिकेट दिए जाते थे तब एय्सा होना संभव नहीं था इसके लिए बहुत सारी मेहनत करनी पड़ती थी. डीमैट अकाउंट की वजह से अब आसानी से और जल्दि से transmission संभव है.

  • कॉर्पोरेट एक्शन का एक्सेस

डीमैट अकाउंट होल्डर को टाइम से updates और notifications मिलते है, कॉर्पोरेट एक्शन के जैसे बोनस इश्यूज, डिविडेंड, rights issues और दुसरे कॉर्पोरेट announcements आदि.

  • ऑनलाइन एक्सेस और अकाउंट मैनेजमेंट

आप ऑनलाइन अपने डीमैट अकाउंट को एक्सेस कर सकते है कहीं से भि, अपने इन्वेस्टमेंट को देख सकते हो, उनके परफॉरमेंस को ट्रैक कर सकते हो, transaction हिस्ट्री देख सकते हो,

अपने पोर्टफोलियो को मैनेज कर सकते हो, इसके अलावा दुसरे एक्टिविटीज जो accouअकाउंट मैनेजमेंट मे आती हा उन्हें आसानी से एक्सेस कर सकते है. ये रहे डीमैट अकाउंट के फायदे जिसे इन्वेस्टर देख कर attract होते है.

  • फॉरेन इन्वेस्टर का भरोसा बढ़ गया है

डीमैट अकाउंट आने की वजह से ज़ियदा भारतीय शेयर बाज़ार से जुड़ रहे है, शेयर बाज़ार में साड़ी चीज़े डिजिटल हो रही है और ट्रांसपेरेंसी बढ़ रही है इसलिए foreign investors का नजरिया बदल रहा है वह इंडियन स्तोच्ज मार्केट के बारेमे सोच रहे है और भरोसा कररहे है.

डीमैट अकाउंट से ग्लोबलाइजेशन को प्रमोट किया जाता है, डीमैट अकाउंट की वजह से बाहेर देश के निवेशक आसानी से भारतीय शेयर बाज़ार मे निवेश कर सकते है और ये इंडियन इकोनोमी के लिए अच्चा है.

  • धोकाधडी से बचा जा सकता है

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए कोई भी फिजिकल डॉक्यूमेंट की ज़रूरत नहीं होती लेकिन पहले फिजिकल बांड्स और शेयर्स के समय में धोखा होने की संभव नाएँ बहुत होती थी. लेकिन डीमैट अकाउंट में आपकी सारी जानकारी और ज़रूरी डाटा होता है जिससे impersonation और जालसाजी/धोखा दाड़ी से बचा जा सकता है.

  • समय की बचत होती है

डीमैट अकाउंट खोलने में पहले के मुकाबले कम समय मे अकाउंट खुल जाता है, इसके अलावा डीमैट अकाउंट से हम शेयर्स खरीद और बेच सकते है इसमें भी समय बचता है पहले के मुकाबले.

ट्रेड का सारा प्रोसेस का समय कम हुआ है कियोंकि सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखा जाता है और ट्रान्सफर किया जाता है. इस की वजह से आप जियादा ट्रेड कर पाएंगे कम समय मे. तो ये थे कुछ बड़े डीमैट अकाउंट के फायदे जिनको जानना चाहिए चलिए अब डीमैट अकाउंट के नुकसान क्या है जानते है.

डीमैट अकाउंट के नुकसान । Disadvantages of Demat Account in Hindi

◉ डीमैट अकाउंट के नुकसान

  • डीमैट अकाउंट से जुड़े costs

डीमैट अकाउंट के नुकसान से जुड़ा सबसे बड़ा नुक्सान ये होसकता है के इसमें आपको डीमैट अकाउंट ओपनिंग और ऑपरेटिंग कोस्ट और दुसरे चार्जेज देना पड़ते है. डीमैट अकाउंट कोस्ट में ये costs शामिल है जैसे अकाउंट ओपनिंग चार्जेज, transaction चार्जेज, कस्टोडियन चार्जेज और एनुअल मेंटेनेंस चार्जेज.

बहुत सारे ब्रोकर होते है जो बहुत फीस लेते है लेकिन कुछ ब्रोकर कम फीस लेते है कुछ डीमैट अकाउंट खोलने की फीस लेते है और कुछ नहीं लेते जैसे उप्स्टोक्स डीमैट अकाउंट खोलने की फिलहाल फीस नहीं लेता है लेकिन दुसरे charges लेता हैं.

भारत के बेस्ट ब्रोकर है Upstox, Zerodha, Groww, 5paisa, आदि. डीमैट अकाउंट खोलने से पहले ब्रोकर आपसे कौन-कौन सी फीस लेगा ये जानले, एक दो ब्रोकर्स को compare करे और जो आपके लिए बेस्ट हो उसे चुनें.

  • डीमैट अकाउंट फ्रीज होने का खतरा

कुछ परस्थिति जैसे लीगल disputes, non-compliance और दुसरे रीज़न की वजह से डीमैट अकाउंट फ्रीज होने का खतरा होता है. अकाउंट को freeze किया जाता है या temporarily रिस्ट्रिक्टेड किया जाता है जिससे आप अपने सिक्योरिटीज को access नहीं कर सकते है और ट्रेड नहीं कर सकते है.

  • टेक्नोलॉजी बाधा बन सकती है
Demat account में Technology बाधा बन सकती है

जैसे के आपको पता होगा के आज के समय में ट्रेडिंग पूरी तरीके से डिजिटल बंचुका है. इस समय में अगर आपको डीमैट अकाउंट access करना है या शेयर्स खरीदना है या बेचने के लिए आर्डर प्लेस करना है तो आपको ऑनलाइन जाना होगा, आप शेयर मार्किट से जुड़ा हर काम ऑनलाइन घर बैठे अपने स्मार्टफोन या लैपटॉप से कर सकते है.

इसके लिए आपके पास बेसिक कंप्यूटर या स्मार्टफोन चलने की नॉलेज होनी चाहिए और ऑनलाइन शेयर कैसे खरीदें, कैसे बेचे पोर्टफोलियो को मैनेज कैसे करें पता होना चाहिए.

जो लोग कंप्यूटर या स्मार्टफोन को चलाना नहीं जानते या ऑनलाइन डीमैट अकाउंट कैसे खोलें और कैसे पैसे लगाएं नहीं जानते है उनके लिए डीमैट अकाउंट को ऑनलाइन चलाने मे बहुत मुश्किल आ सकती है. खास करके सीनियर लोगों को जो टेक्नोलॉजी से वाकिफ नहीं होते है उन लोगों को डीमैट अकाउंट से जुड़े ऑनलाइन कामों में मुश्किलात आ सकते है.

  • शोर्ट-टर्म इन्वेस्टमेंट की आदत लग सकती है

शेयर्स का dematerialization होने की वजह से ट्रेडिंग करना पहले से कहीं गुना जियादा फ़ास्ट, सिंपल और आसान प्रोसेस बन गया है. इससे shareholders या निवेशक घर बैठे कभी भि ऑनलाइन अपने शेयर्स को ट्रैक कर सकते है ये डीमैट अकाउंट का फायदा लगरहा है लेकिन,

ये एडवांटेज शोर्ट-टर्म ट्रेडिंग करने की आदत दाल सकता है, जिससे आप लॉन्ग-टर्म में होने वाले इन्वेस्टमेंट opportunities को मिस कर सकते है. इसकी वजह से आप लालच की वजह से बार बार ट्रेड करते है जबकि आप नहीं करना चाहते, इसकी वजह से आप अपना पैसा बार बार लोस कर सकते है. ये सबसे बड़े डीमैट अकाउंट के नुकसान मेसे एक है.

  • स्टॉकब्रोकर कण्ट्रोल

स्टॉक ब्रोकर के पास शेयर मार्केट में ऑपरेशन्स चलाने की शक्ति होती है। एक इन्वेस्टर के तौर पर, आपको अपने स्टॉक ब्रोकर के क्रियाओं पर नजर रखनी चाहिए। आपको यह देखते रहना चाहिए कि कहीं आपके डीमैट अकाउंट से गलत लेन-देन नहीं हो रहे हैं।

  • डीमैट अकाउंट बंद करना मुश्किल हो सकता है

एक बार डीमैट अकाउंट खोलने के बाद close करने में मुश्किल होती है, डीमैट अकाउंट खोलने का process जियादा मुश्किल नहीं है आप online किसी अच्छे broker से demat account खोल सकते है लेकिन इसे close करने के लिए आपको broker के website पर जाकर closing form download करके,

उसे फिल करना होता है, KYC documents देने होते है, अपने stockbroker तक पहुचना होता है वोभि offline, आपको physically ये documents अपने DP/stockbroker office में पहुचना होगा या head office में mail करना होता है. याद रखे के demat account में कोई भी share नहीं होना चहिये और ना ही negative balance होना चाहिए.

  • डीमैट अकाउंट में शेयर की वैल्यू गिरने से नुकसान

हम जो शेयर्स खरीदते है वह डीमैट अकाउंट मेजमा होते है और जब शेयर मार्केट में उनकी वैल्यू गिरती है तो हमारे डीमैट अकाउंट में भी उनका प्राइस कम होजाता है, अगर आपके पास डीमैट अकाउंट में 50 शेयर्स है जिनका प्राइस 150 रुपीस,

अब शेयर मार्केट की उतार-चडाव की वजह शेयर्स का प्राइस 100 रुपीस होजाये और आप इस समय इन शेयर्स को बेचते है तो आपको हर per share मे 50 रुपीस का नुक्सान उठाना पड़ेगा. इसलिए हमेशा शेयर मार्केट कंडीशन से अवगत रहे और अपने पोर्टफोलियो को मॉनिटर करते रहे. इस तरह से डीमैट अकाउंट के नुकसान बचना चाहिए.

  • डीमैट खाते से शेयर चोरी होने का खतरा

डीमैट अकाउंट से आपके शेयर्स तभी चोरी हो सकते है जब आपका डीमैट अकाउंट अकाउंट की सुरक्षा पक्की ना हो, आजके इन्टरनेट के समय में ऑनलाइन कुछ भी हो सकता है आपकी छोटी ला परवाही आपके डीमैट अकाउंट को हैक करवाने में हैकर की मदद कर सकती है.

अगर अच्छी सिक्यूरिटी नहीं होगी तो हैकर आपके डीमैट अकाउंट को हैक करके या आपने किसी को अपने डीमैट अकाउंट के login की जानकारी बताई तो आपके डीमैट अकाउंट में एक्सेस मिल्सकता है, शेयर्स को डीमैट अकाउंट से चुरा सकता है, जिससे आपका नुक्सान हो सकता है इसलिए अपने डीमैट अकाउंट को जितना हो सके उतना सुरक्षित रखिये, अकाउंट के पासवर्ड वगैरा को रेगुलरली बदलते रहना चाहिए और एंटीवायरस, फ़ायरवॉल जैसे साइबर सिक्यूरिटी टूल्स का भी इस्तेमाल काना चाहिए.

  • डिमैट अकाउंट मैनेज करना मुश्किल होता है

डिमैट अकाउंट में अगर बहुत सारे सिक्योरिटीज को होल्ड करते है तो उन्हें मॉनिटर करना और मैनेज करना मुश्किल होजाता है, खासकरके तब जब आप एक बेगिन्नेर होतो, अगर आपके डिमैट अकाउंट में अलग अलग सिक्योरिटीज है या आपने 10 कंपनियों के शेयर्स को ख़रीदा है तो आपको इन सब को मॉनिटर करना मुश्किल हो सकता है

कियोंकि सब की परफॉरमेंस अलग अलग होगी शेयर मार्केट और उस कंपनी के ग्रोथ पर डिपेंड है. इसलिए जब तक आप उन सब की परफॉरमेंस को ट्रैक और मैनेज नहीं कर सकते तब तक आपको इतने सारे कम्पनीज या सिक्योरिटीज मे एक दम निवेश नहीं करना चाहिए, आपको अपने अनुभव और रिस्क टॉलरेंस के हिसाब से निवेश करना चाहिए.

  • डिमैट अकाउंट में वार्षिक मेंटेनेंस चार्ज देना पड़ता है

ब्रोकर आपसे हर साल डिमैट अकाउंट को मेन्टेन करने के लिए फीस चार्ज करते है जिसे AMC (Annual Maintenance Charges) कहते है, AMC चार्जेज हर ब्रोकर लेता है ये आपका नुक्सान कर सकता है अगर आपके डिमैट अकाउंट कम वैल्यू वाले शेयर्स है या बहुत कम शेयर्स है तो.

डिमैट अकाउंट में कम वैल्यू वाले शेयर्स होने की वजह से आपको इसका return अच्चा नहीं मिलता और आपको AMC चार्जेज तो देने ही होंगे. डीमैट अकाउंट के नुकसान वाले लिस्ट में ये भी एक नुक्सान साबित होसकता है.

  • रेगुलर डिमैट अकाउंट स्टेटमेंट चेक करना होता है

डिमैट अकाउंट स्टेटमेंट आपको रेगुलरली चेक करनी पड़ती है ताके आपको पता चल सके के आपके शेयर्स की वैल्यू ऊपर जारही है या निचे जा रही है और चेक करने से ये भी पता चलता है के कोई गलत transaction तो नहीं हुई है.

अगर आप नियमित रूप से डिमैट अकाउंट स्टेटमेंट नहीं चेक करते है तो इससे आपका नुक्सान हो सकता है कियोंकि आपको अपने शेयर्स की वैल्यू बढ़ रही है या घट रहीं है पता नहीं चलेगा और गलत transactions की जानकारी भी नहीं मिलेगी, इसलिए आपको रेगुलरली स्टेटमेंट चेक करना चाहिए और SMS, ईमेल अलर्ट को एक्टिवेट करले एक्टिविटीज को मॉनिटर करने के लिए.

  • डीमैट खाते से ओनरशिप ट्रांसफर करना मुश्किल है

डीमैट अकाउंट के नुकसान की लिस्ट मे अगला नुक्सान ये है के डिमैट अकाउंट की फिजिकल ओनर शिप ट्रान्सफर करने में मुश्किल हो सकती है. अगर आपके पास शेयर्स है लेकिन वो शेयर्स फिजिकल फॉर्म में है यानि फिजिकल सर्टिफिकेट है तो उसे डिमैट फॉर्म में ट्रान्सफर करने के लिए आपको डिमैट फॉर्म फिल करना होगा,

ये सारा प्रोसेस manual होता है इसमें कुछ errors हो सकते है जिससे ट्रान्सफर के प्रोसेस में जियादा समय लग सकता है. अगर आप फिजिकल शेयर्स को डिमैट फॉर्म में ट्रान्सफर करना चाहते है तो ध्यान से फॉर्म फिल करें.

  • लॉक इन पीरियड से नुकसान होता है

डीमैट अकाउंट के माध्यम से निवेश करते समय, डीमैट अकाउंट के नुकसान का महत्वपूर्ण रूप से ध्यान देना चाहिए। लॉक इन पीरियड से आपके निवेश पर प्रभाव पड़ सकता है, जब आप डीमैट अकाउंट का उपयोग करके निवेश करते हैं। यदि आप किसी IPO में निवेश करते हैं और उसमें लॉक-इन पीरियड होता है, तो आपको उसे इस पीरियड के बिना बेच नहीं सकते। इसलिए, लॉक-इन अवधि आपके निवेश रणनीति पर भी प्रभाव डाल सकती है।

उदाहरण के रूप में, अगर आपने किसी IPO में निवेश किया है और उसमें एक लॉक-इन पीरियड है, तो आप उसे उस पीरियड के बिना बेचने की अनुमति नहीं होती।

इसका मतलब है कि आपके निवेश पर लॉक-इन अवधि का प्रभाव हो सकता है और आपकी निवेश रणनीति भी इस पर निर्भर करेगी। इसलिए, आपको सही तरीके से आईपीओ के लिए शोध करना और सही निवेश रणनीति तय करनी चाहिए।

तो ये थे कुछ बड़े और ज़रूरी डीमैट अकाउंट के नुकसान, डीमैट अकाउंट के फायदे और नुकसान भी है, हमें डीमैट अकाउंट के फायदे सहीं से इस्तेमाल करने चाहिए और डीमैट अकाउंट के नुक्सान पर ध्यान रखना चाहिए ताके शेयर मार्केट में नुक्सान से बचा जा सके.

डिमैट अकाउंट क्यूँ बनाना चाहिए?

डिमैट अकाउंट आपको इसलिए खोलना चाहिए कियोंकि इसके बिना आप शेयर मार्केट में इन्वेस्ट नहीं कर सकते है, डिमैट अकाउंट की वजह से ही आप शेयर्स को होल्ड कर सकते है. SEBI (Security & Exchange Board of India) के मुताबिक शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए डिमैट अकाउंट ज़रूरी है.

सबसे अच्छे डीमैट खाते का चयन कैसे करें?

शेयर मार्केट में अकाउंट कैसे खोलें या डीमैट अकाउंट कैसे खोलें

Best Demat account को choose करने के लिए इन बातों का ध्यान रखे:

  1. एक reputable और reliable DP/broker चुने जिनका track record अच्चा हो, customer reviews अच्छे हो.
  2. अलग अलग brokers के opening charges और maintenance charges compare करें. कुछ brokers zero demat account opening fees लेते है जैसे Upstox, Groww आदि.
  3. Trading fees क्या है compare करें, shares खरीदने और बेचने के लिए हर trade पर charges होते है उन्हें देखे.
  4. Brokers जो trading platform देते है उन्हें compare करें, मेरे मुताबिक beginners के लिए सबसे simple interface Groww app का है.
  5. Brokers के दुआर offer किये गये customer service और support को देखें.
  6. ऐसे broker को चुने जिनसे demat account open करके आप अपने पसंद के securities में invest कर सके.
  7. दूसरी services जैसे research reports, portfolio analysis, educational resources, आदि जैसे additional services offer करते brokers.
    Demat account open करने से पहले ये ज़रूरी है के आप research करें और best brokers को compare करें.

डीमेट अकाउंट कैसे खोलें?

Step1: सबसे पहले एक अच्चा DP और broker चुने, आजकल ये दोनों एक हि है. best Brokers जैसे Upstox, Groww, Zerodha, आदि.

Step2: Broker की app या website पर जाकर अपना Demat account खोलें.

Step3: Demat account खोलने का process थोडा लम्बा है आपको इसमें अपने सारे KYC document upload करके verify करना होता है. जैसे PAN, Aadhaar, Passport Size photos, signature, Income proof, आदि.

Step4: साड़ी जानकारी डालने के बाद और document upload करने के बाद form submit करें.

Step5: Demat account खोलने में 1-2 दिन का समय लगता है अक्सर 10 घंटों के अन्दर आपका account activate होजाता है. Demat account कैसे banaye complete guide.

कई सारे डीमैट अकाउंट खोलवाने के क्या-क्या नुकसान और फायदें हैं?

कोई भी एक से जियादा demat account खोल सकता है उनपर कोई भी कानूनी करवाई नहीं होगी. एक DP और broker से एक ही demat account खोल सकते है फिर दूसरा account खोलना चाहते है तो आपको दुसरे DP से खोलने होगा.

एक से जियादा demat account खोलने पर कोई ख़ास फायदें नहीं मिलते लेकिन ये ज़रूर है के आप अलग अलग brokers की services को इस्तेमाल कर सकते है. Short-term investment और long-term investment को अलग अलग रख सकते है track कर सकते है जिससे confusion कम हो जाता है. एक से जियादा demat account को active investors खोलते है.

एक से जियादा डीमेट अकाउंट खोलने के नुक्सान ये है के आपके brokerage charges, annual maintenance charges, आदि बाद जाते है. एक account खोने वाला एक broker को cherges pay करेगा और दो account open करने वाला दो brokers को pay करेगा. किसी एक demat account में लम्बे समय के लिए login नहीं करते हैं तो account freeze हो सकता है.

Demat और Trading account में क्या अंतर है?

Demat और trading account में ये अंतर है के demat account shares और दुसरे securities को digital form में hold करता है, जबकि trading account shares खरीदने और बेचने में मदद करता है. ये दोनों अकाउंट ज़रूरी होते है share market में trading करने के लिए, इन्हें आप किसी भी brokers से open कर सकते है.

क्या मैं बिना demat account के shares खरीद सकता हूँ?

एक Indian investor को shares खरीदने और बेचने के लिए demat account की ज़रूरत होती है, आप बिना demat account के shares खरीद नहीं सकते है.

एक व्यक्ति कितने डीमेट अकाउंट खोल सकता है?

आप जितने चाहे उतने demat accounts खोल सकते है इसमें कोई भी limit नहीं है, SEBI (Security And Exchange Board of India) ने कोई भी ऐसा limitation नहीं लगाया है. लेकिन ये जानना ज़रूरी है हर demat account के charges होते है उन्हें और सारे demat accounts को सहीं से PAN Card से link करना चाहिए.

डिमैट अकाउंट खुलवाने के लिए किन-किन कागजात की जरूरत पड़ती है?

Demat account खुलवाने के लिए किन-किन कागजात की जरूरत पड़ती है

  • Pan Card
  • Address Proof (Aadhaar card, driving license, passport)
  • Photograph
  • Signature
  • Income Proof, Futures and options ko activate karne ke liye.
  • Eligibility में Indian होना चाहिए, 18 साल उम्र होनी चाहिए कम से कम और एक active bank account होना चाहिए.

डिमैट अकाउंट खुलवाने के लिए सबसे बेहतर ऐप या ब्रोकर कौन सा है?

India के best apps या brokers जहां से best demat accounts खोल सकते है:

  • Upstox
  • Goww
  • Zerodha
  • 5paisa
  • Angel Broking.

मुझे शेयर बाजार में रुचि है, समझ नहीं आता शुरुआत कहाँ से करूं?

अगर आप share market में intrested है तो खुदको educate करके share market trading की शुरुवात कर सकते है, आपको share market कि basics को समजना चाहिए, share market kya hai, कैसे काम करता है, stocks, securities, exchanges, और trading क्या होती है और ट्रेडिंग कैसे सीखें जानना होगा.

इसके लिए आप online articles पढ़ सकते है, youtube videos देख सकते है, offline books पढ़ सकते है.

Upstox Pro क्या है?

Upstox Pro एक अच्चा trading platform है जिसको active traders इस्तेमाल करते है, वो traders जो intraday और F&O में tarde करते है. Upstox में standard features है लकिन Upstox Pro में stock search, analyze, trade, stock monitor, currencies, commodities और F&O जैसे चीज़े offer करता है.

अपस्टॉक्स डीमैट खाता कैसे बंद करें?

Step1: Upstox app में login करें और ‘Account’ section पर click करें.

Step2: अब ‘My Account’ पर click करें और ‘Profile’ में जाएं.

Step3: अब थोडा निचे scroll करें आपको ‘Account Closure’ option दिखेगा click करें.

Step4: अब अपना reason select करें और ‘continue’ पर click करें.

Step5: आपकी holdings, mutual funds, SIPs, balance, NFO positions, IPO positions, आदि clear होना चाहिए फिर ‘Close Account’ पर click करें.

इसतरहा आप demat account close कर सकते है. एक बार अपने demat account को बंद करने के बाद उसे दोबारा नहीं खोल सकते, आपको नया demat account open करना होगा KYC process complete करके. Account closure request submit करने के 7-8 दिन में Upstox demat account close हो जायेगा.

डीमैट अकाउंट में Discount broker और Full service broker कौन होते हैं, इसका मतलब क्या है?

Discount Brokerage AccountFull Service Brokerage Account
Discount brokerage account खोलने पर आपको खुद सीखना होता है invest करना और trade करना, या फिर अगर आप पहले अनुभवी है तो आप इसमें investing कर सकते हैFull service brokerage account मे trading account और trading platform के अलावा आपको advice भी offer कि जाती है.
Discount brokerage account में कम फीस होती है यानि trasnaction और AMC charges होते है.Full service brokers अपने clients को investing advice offer करते है, कैसे invest करते है, कितना invest करना है और कहां invest करना. अपने clients को portfolio manage करने की services भि देते है.
Discount brokerage firms आपको कम cost में सारे ज़रूरी trading tools देते है.Full service brokerage account में fees जियादा होती है, इसमें ऐसा होता है के आप किसी को hire कररहे है अपने लिए trading करने के लिए.
अगर आपको के पास technical knowledge या share market कि basic जानकारी है तो discount brokerage account को चुने.Full service brokerage firms आपको जियादा cost में trading guidence देते है. अगर आप invest करना चाहते है और आपके पास वक़्त नहीं है तो आपको full service brokerage को चुनना चाहिए.

सबसे सस्ता डीमैट खाता की सुविधा कौन प्रदान करता है?

India में Best और Cheap brokerage है:

  • Upstox
  • Zerodha
  • Groww
  • ICICI Direct
  • Angel One
  • FYERS
  • Paytm Money
  • Motilal Oswal.

ज्यादातर लोगों को शेयर बाजार में नुकसान क्यों होता है?

Reasons जिनकी वजह से ज़यादातर लोग stock market में पैसा गवाते है

  1. बिना अच्छी research करें free tips या emotions में आके investing करना.
  2. Patience कि कामि होने के कारन लोग अपने पैसे शेयर मार्केट में loss करते है.
  3. आंख बंद करके भीड़ को follow करना.
  4. Diversification ना करना.
  5. बिना knowledge के, बिना share market को समझे जल्दी पैसा कमाने की कोशिश करना.

शेयर बाजार हर सेकंड कैसे बदलता है?

Market कि activity के अनुसार share price हर second बदलते रहते है. Shares खरीदने वाले और बेचने वालों की वजह से price पर असर पड़ता है supply और demand के अनुसार. Share की value कितनी है ये supply और demand पर है जो खरीदने वाले और बेचने वालों पर depend है. इसलिए Share market fluctuate होती रहती है.

डीमैट खाता खोलने के लिए सबसे अच्छे ब्रोकर कौन से हैं?

Demat account खोलने के लिए सबसे अच्छे brokers है Upstox, Groww, Zerodha, आदि.

क्या IPO में डीमैट अकाउंट के माध्यम से पैसा लगाया जा सकता है?

हां, आप IPO (Initial Public offerings) में demat account से invest कर सकते है. वास्तव में IPO में invest करने के लिए demat account बहद ज़रूरी है. अगर आप नहीं जानते के Demat account kaise khole यहां से जानें.

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. क्या डीमैट खाता खोलने का कोई नुकसान है?

डिमैट अकाउंट खोलने के बहुत सारे फायदे तो है ही लेकिन इसके कुछ नुक्सान भी जिनको हमने ऊपर बताया है, डिमैट अकाउंट खोलने से पहले इसके क्या फायदें है और क्या नुक्सान है जानना ज़रूरी है.

2. कौन सा डिमैट अकाउंट सब से सुरक्षित है?

Upstox, Groww, Zerodha, 5paisa, आदि.

3. डिमैट अकाउंट खोलने के लिए क्या क्या चाहिए?

डिमैट अकाउंट खोलने के लिए आपके पास कम से कम PAN Card, Aadhaar Card, Bank Account होना चाहिए.

डिमैट अकाउंट में कौन से securities जमा कर सकते है?

Demat account में इन Securities को hold कर सकते है:

Equity Shares
Capital Gains और Tax-Free Bonds
Preference Shares
Treasury Bills (T-Bills)
Partly paid-up shares
Government bonds
Bonds & Debentures
Sovereign Gold Bonds (SGBs)
Commercial Papers (CPs)
Mutual Funds
Certificates of Deposits (CDs)
Exchange Traded funds (ETFs).

निष्कर्ष

जैसे के हमने ऊपर आपको बताया के Demat account के बहुत सारेफायदें है और कुछ नुक्सान भी है, आपको सहीं broker से अपना demat account खोलना चाहिए, और अपने आपको educate करना चाहिए के share market कैसे चलता है.

आज हमने जाना के डीमैट अकाउंट के नुकसान क्या होते हैं, डीमैट अकाउंट के फायदे क्या होते हैं और डीमेट अकाउंट कैसे खोलें, Hindi में डीमैट अकाउंट के फायदे और नुकसान, आदि.

डीमैट अकाउंट के नुकसान और फायदे से जुड़ा कोई सवाल होतो कमेंट करें और शेयर करें ताके दूसरों को भी पता चले के डीमैट अकाउंट के फायदे और नुकसान क्या होते है, हमारा ये आर्टिकल ‘डीमैट अकाउंट के नुकसान और डीमैट अकाउंट के फायदे’ यहीं समाप्त होता है.

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