इस आर्टिकल मे हम जानेंगे के Demat account kya hai (What is Demat account in hindi), डीमैट अकाउंट क्या होता है, डीमैट अकाउंट कैसे बनाते है, trading account kya hai, डीमैट अकाउंट बनाने के लिए ज़रूरी डॉक्यूमेंट, चार्जेज, फीचर, डीमैट अकाउंट के फायदे और नुकसान, आदि.
डीमैट अकाउंट क्या है । Demat Account Kya Hai
Dematerialized account को शोर्ट मे डीमैट अकाउंट कहते है, ये एक डिजिटल अकाउंट होता है जिनमे हम सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म मे होल्ड करके रखते है, सिक्योरिटीज जैसे शेयर, बांड्स, म्यूच्यूअल फंड्स, ETFs, debentures और गवर्नमेंट सिक्योरिटीज.
डीमैट अकाउंट, बैंक अकाउंट कि तरह हि होता है जैसे बैंक अकाउंट मे हम पैसे जमा करते है और डीमैट अकाउंट मे पैसों कि जगह इलेक्ट्रॉनिक सिक्योरिटीज को जमा करते है. ट्रेडिंग करने के लिए डीमैट अकाउंट कि ज़रूरत पड़ती है. अगर आप कोई शेयर या बोंड खरीदते है तो उसे आप जमा कहा करेंगे, जमा करने के लिए डीमैट अकाउंट होना ज़रूरी है.
डीमैट अकाउंट आने से पहले ‘Physical securities certificates’ का इस्तेमाल किया जाता था, पहले आप कोई शेयर खरीदते तो आपको certificates दिए जाते थे लेकिन इतने सारे सर्टिफिकेट संभालना और जमा करना मुश्किल होता था.
इसलिए डीमैट अकाउंट को लाया गया अब ‘Physical certificates’ कि ज़रूरत नहीं पड़ती और ट्रेडिंग का प्रोसेस असान होगया है, डीमैट अकाउंट कि वजह से सिक्योरिटीज को आसानी से और सुरक्षित तरीके से जमा करना आसान हो गया है.
इसे सबसे पहले 1996 मे NSE मे लाया गया था, शुरुवात मे डीमैट अकाउंट ऑनलाइन नहीं खोल सकते थे इसके लिए फिजिकली जाना पड़ता था और इन्वेस्टर को कई कई दिन इंतज़ार करना पड़ता था अकाउंट एक्टिवेट करने के लिए, लेकिन अब आप 5 मिनट मे डीमैट अकाउंट खोल सकते है. Free Demat account प्रोसेस डिजिटल है इसलिए डीमैट अकाउंट इतना पोपुलर हो रहा है.
Trading Account Kya Hai

ये भि एक तरहा का अकाउंट है जिनका इस्तेमाल लोग सिक्योरिटीज को बेचने या खरीदने के लिए करते है जैसे स्टॉक, बोंड, कमोडिटीज, derivatives और currencies. ये एक ऐसा अकाउंट है जिसका इस्तेमाल करके investors finanacial markets मे जाकर खरीदी और बिक्री मे भाग ले सकते है.
जिस तरहा बैंक अकाउंट से transaction करते है वेसे हि ट्रेडिंग अकाउंट से सिक्योरिटीज खरीदने या बेचने के लिए transaction कर सकते है लेकिन हम सिक्योरिटीज को ट्रेडिंग अकाउंट मे स्टोर नहीं कर सकते उसके लिए डीमैट अकाउंट चहिये होगा.
डीमैट अकाउंट vs ट्रेडिंग अकाउंट
ट्रेडिंग करने के लिए ये दोनों प्रकार के अकाउंट ज़रूरी है. दोनों को एक साथ इस्तेमाल किया जाता है लेकिन दोनों के काम बिलकुल अलग है. चलिए देखते है डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट मे क्या फर्क है:
डीमैट अकाउंट | ट्रेडिंग अकाउंट |
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Demat account का इस्तेमाल securities को electronic form मे store करने के लिए किया जाता है. | Trading account का इस्तेमाल share market मे securities को खरीदने और बेचने के लिए किया जाता है. |
Demat account securities को hold करता है जैसे shares, bonds, mutual funds, debentures और Government securities. | Trading account इन securities के अलावा दुसरे financial instruments जैसे commodities, currency और derivatives को भि बेचने और खरीदने मे काम अता है. |
Dmat account मे साल भर कि Maintenance fee, Transactions fee और इसके अलावा securities को hold करने के लिए या transfer करने के लिए भि charges होते है. | Trading account मे securities को बेचने या खरीदने के लिए brokerage fees लगती है. |
डीमैट अकाउंट को अक्सर long-term Investment के मकसद से इस्तेमाल किया जाता है. | Trading account को short-term investment करने के मकसद से इस्तेमाल किया जाता है जो कि है trading. |
डीमैट अकाउंट में कितने प्रकार के सिक्योरिटीज होते है?

Demat account मे जमा होने वाले securities यानि ऐसे financial instrument जिनसे trade किया जा सकता है या ऐसे assets जिनकी economic value होती है उन्हें Financial securities कहते है जिनको डीमैट अकाउंट मे store किया जाता है, जैसे shares, bonds, government securities, debentures, mutual fund, options और EFTs.
डीमैट अकाउंट के फीचर
डीमैट अकाउंट के प्रमुख फीचर है:
- Online Trading कर सकते है: किसी भि trading platform पर demat account से securities को खरीद या बेच सकते है. Securities Online store करने के लिए डीमैट अकाउंट काम अता है.
- Store करना सुरक्षित है: Demat Account securities को safe और secure तरीके से Electronic form मे जमा करता है इससे physical चोरी, damage या loss का खतरा ख़तम हो जाता है.
- Trading process fast और easy है: कियोंके demat account से अब paperwork कम होगया है और physical certificate देने कि ज़रूरत नहीं पड़ती इसलिए transaction और setelment process आसान और fast होचुका है.
- आसानी से Access कर सकते है: कहीं भि बैठकर अपने mobile या computer से डीमैट अकाउंट को access कर सकते है और अपने जमा किये हुए securities को manage कर सकते है.
- चाहे जितने भी securities या issuers हो सिर्फ आपका एक demat account काफी है सारे securities को hold करने के लिए.
- Corporate फायदे भि मिलते है: जिनके पास डीमैट अकाउंट होता है उनको Corporate benefits मिलते है जैसे Bonus Shares और dividends जैसे shares सीधे उनके account मे भेजे जाते है.
- खर्चा कम होता है: फिजिकल securities मे जितना खर्चा होता था उससे कम हुआ है जैसे stamp duty, handling charges, आदि.
ऑफलाइन Demat Account Kaise Khole

डीमैट अकाउंट ऑफलाइन खोलने के लिए इन steps को follow करें:
Step1: सबसे पहले अपने पसंद के कुछ DPs को compare करें, फिर अपने ज़रूरत और पसंद के आधार पर एक Depository Participant चुने.
Step2: अब आपको Application Form भरना होगा New Demat Account खोलने के लिए. इसके साथ आपको KYC documents भि देने होते है जैसे Identity proof, Address Proof, PAN Card, Bank कि जानकारी और personal जानकारी.
Step3: अब आपके Application का verification process चलता है, आपको rules और regulation कि list दि जाती है सहीं और legal तरीके से trading करने के लिए, DP आपके application और documents को verify करते है. Demat Account Open करते समय आपको fees देनी पड़ सकती है DP को, Fees कितनी होगी ये DP के policy पर depend है, Fees हर DP कि अलग-अलग होती है.
Step4: एक बार जब आपके documents verify होते है तब आपका demat account open होता है. आपके account को Unique Identification Number दिया जाता है.
Online Demat Account Kaise Khole
Online घर बैठे अपने mobile या computer से Demat account खोलने के लिए इन steps को follow करें:
Step1: सबसे पहले online Demat account service देने वाले DP को चुने, Online बहुत सारे Demat Account provider मिल जायेंगे जैसे Upstox, Zerodha, Angel Broking, 5 Paisa, Sharekhan Demat Account, ICICI Direct Demat Account, IIFL Demat Account, आदि. आपको उन्हें compare करके अपने लिए सहीं DP चुनना है.
Step2: अब चुने हुए DP के official website पर जाएँ.
Step3: Website पर ‘Create Account’ या ‘Demat Account’ बनाने के option को ढूंढे और उस पर click करें.
Step4: दिए गये Instructions को follow करते हुए अपनि details fill करें जैसे, Name, Mobile Number, Email Address डालकर आये हुए OTP को enter करके verify करें.
Step5: Next screen मे आपको KYC details डालने को कहा जायेगा जैसे date of birth, PAN card details, Bank account details और Personal details.
Step6: सारि ज़रूरी जानकारी डालने के बाद कुछ हि समय मे आपका Demat account open हो जायेगा, ये खबर आपके mobile number या email पर आयेगी के आपका डीमैट अकाउंट बन चूका है. अब आपको पता चल गया होगा के Demat account kya hai और डीमेट अकाउंट कैसे बनाते है.
डीमैट अकाउंट के लिए ज़रूरी डॉक्यूमेंट

Demat account खोलने के लिए आपके पास कुछ डॉक्यूमेंट का होना ज़रूरी है, आइडेंटिटी प्रूफ और एड्रेस प्रूफ कि ज़रूरत होती है चलिए देखते है कौनसे डॉक्यूमेंट accepted है:
Proof of identity
- PAN card
- Passport
- Voter’s ID
- Driver’s licence
- IT returns
- स्टेट या सेंट्रल गवर्नमेंट दुअरा इशू किया गया फोटो id कार्ड.
- ICAI, ICWAI, ICSI, bar council आदि.
Proof of address
- Voter’s ID
- Passport
- Ration card
- Bank Passbook/ bank statement
- Driving licence
- High Court/Supreme Court judges से Self-declaration.
- स्टेट या सेंट्रल गवर्नमेंट दुअरा इशू किया गया फोटो id कार्ड.
- ICAI, ICWAI, ICSI, bar council आदि.
ट्रेडिंग अकाउंट कैसे ओपन करें?
Step1: ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए सबसे पहले brokerage को चुने, इसके लिए रिसर्च करें, दो तीन brokers को compare करें, उनका trading platform, सर्विसेज और चार्जेज compare करे.
Step2: ब्रोकर चुनने के बाद उनके वेबसाइट पर जाये और अकाउंट ओपन करे, यहा आपको अकाउंट open करने के लिए एक फॉर्म भराया जायेगा और KYC फॉर्म भराया जायेगा.
Step3: ज़यादातर brokers demat और trading दोनों एक साथ खोलते है कियोंकि सिक्योरिटीज को जमा करने के लिए डीमैट अकाउंट कि ज़रूरत पड़ती हि है.
Step4: ये अकाउंट खोलने के लिए आपको अपने कुछ डॉक्यूमेंट सबमिट करने होंगे जैसे आइडेंटिटी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ और कुछ cases मे इनकम प्रूफ भि. आइडेंटिटी प्रूफ के लिए आधार कार्ड या पैन कार्ड का इस्तेमाल कर सकते है, एड्रेस प्रूफ के लिए आधार या पासपोर्ट का इस्तेमाल करसकते है. ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए PAN कार्ड का होना बेहद ज़रूरी है.
Step5: सारी जान्करिऔर डॉक्यूमेंट देने के बाद एप्लीकेशन सबमिट करें, अब ब्रोकर आपके डॉक्यूमेंट को ऑनलाइन वेरीफाई करता है, ऑनलाइन वेरीफाई करने के लिए आपका आधार कार्ड और पैन कार्ड लिंक होना चहिये और बैंक अकाउंट के साथ.
Step6: e-KYC process के लिए आपको अकाउंट ओपन करने के लिए वहीँ मोबाइल नंबर डालना है जो आधार कार्ड से लिंक हो.
Step7: ट्रेडिंग अकाउंट खोलने मे जियादा समय नहीं लगता है लेकिन कभी 3-4 भि लगते है अकाउंट को activate होने मे.
डीमैट अकाउंट से जुड़े चार्जेज?

- Account Opening Fees: आजकल इस फीस को बहुत सारे DP नहीं लेते ताके लोग अकाउंट खोले और कुछ DPs अकाउंट opening फीस लेते है.
- Annual Maintenance Charges: हर DP कि अलग guildine है इस फीस पर, ये फीस कितनी होगी ये आपके DP और holdings पर डिपेंड है.
- Demat Account Custodian Fees (Safety charges)
- Transaction Fees.
- ये सारे charges कितने होंगे इसके अलावा क्या चार्जेज होंगे ये सब आपको अकाउंट खोलने से पहले DPs को compare करते समय ध्यान रखना है, compare करके अपने लिए बेस्ट DP चुने.
Zerodha मे डीमैट अकाउंट कैसे खोलें?
Step1: सबसे पहले Zerodha वेबसाइट पर जाये, और Sign up बटन पर क्लिक करें.
Step2: मोबाइल नंबर डालें और मोबाइल पर अये otp को इंटर करें.
Step3: ईमेल एड्रेस डालें और फिर ईमेल पर आये otp को इंटर करके वेरीफाई करे.
Step4: अब अपना PAN कार्ड नंबर और date of birth इंटर करें.
Step5: अब आपको account opening फीस देनी होती है, कोई ऑनलाइन मेथड से पेमेंट कम्पलीट करे.
Step6: Digilocker अकाउंट को Zerodha अकाउंट से लिंक करें ताके zerodha आपके आधार डिटेल देख सके, अपने आधार details access करने के लिए ज़ेरोधा को allow करे.
Step7: अब अपने बैंक अकाउंट कि details भरे जैसे, नाम, अकाउंट नंबर, IFSC कोड, आदि.
Step8: सारे इंस्ट्रक्शन को ध्यान से पढ़े और checkboxes को tick करें और ‘continue’ पर क्लिक करे.
Step9: IPV यानि online ‘In-Person verification’ करने के लिए दिखाए गए OTP को पेपर पर लिख कर कैमरा के सामने पकडे.
Step10: सारे ज़रूरी डॉक्यूमेंट अपलोड करें जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, signature फोटो, इनकम प्रूफ, canceled cheque.
Step11: E-sign Adhaar कम्पलीट करें, अकाउंट opening फॉर्म को दोबारा देखें और सबमिट पर क्लिक करे. लग-भग इस तरहा का प्रोसेस होता है zerodha मे अकाउंट बनाने के लिए.
Upstox मे डीमैट अकाउंट कैसे खोलें?

Step-by-Step जाने के Upstox मे Online डीमेट अकाउंट कैसे खोलते है:
Step1: Upstox कि वेबसाइट https://upstox.com पर जाये या मोबाइल पर Upstox App को Download करे.
Step2: अब अपना Mobile Number इंटर करे और verify करें और Email address इंटर करें और इसे भि verify करें.
Step3: मोबाइल नंबर और ईमेल एड्रेस वेरीफाई करने के बाद, आपका Upstox अकाउंट बन चूका है. फिर चाहे आप Mobile से अकाउंट बनाये या website से.
Step4: Demat अकाउंट खोलने के लिए Documents कि ज़रूरत है जैसे Adhaar और Pan card, अकाउंट बनाते समय इन्हें अपने पास रखे.
Step5: अपना Pan card नंबर इंटर करें और जो पैन कार्ड पर है वही date of birth इंटर करें फिर ‘Next’ पर क्लिक करे.
Step6: अपने ‘Personal Details’ को enter करें जैसे gender, annual income, trading experience, marital status, आदि. फिर ‘Continue’ पर क्लिक करें.
Step7: कंटिन्यू पर क्लिक करने के बाद अपने एड्रेस डेटल को वेरीफाई करे. यानि अगर address कि जानकारी सहीं है या नहीं देखे या edit करे.
Step8: अपने ‘Digital signature’ को इंटर करें यानि white box मे signature कर सकते है या पेपर पर signature करके फोटो लेकर upload करने का आप्शन दिखाई दे तो वो भि करसकते है.
Step9: ‘Continue’ पर क्लिक करें, अब Digilocker को Upstox से कनेक्ट करें.
Step10: अगर आप Digilocker से कनेक्ट करते है तो आपको कोई भि डिटेल upload करने कि ज़रूरत नहीं होगी. ‘Connect now’ पर क्लिक करे.
Step11: अगले screen पर आपके camera access के लिए पुचा जायेगा आपकी live photograph के लिए.
Step12: next स्क्रीन पर अपने बैंक कि जानकारी इंटर करे जैसे अकाउंट होल्डर नेम, IFSC code, बैंक अकाउंट नंबर, आदि, ‘Continue’ पर क्लिक करे.
Step13: अब आप ‘Nominee Addition’ का option आयेगा, इसमें आप 3 nominees को add कर सकते है अपने Demat Account के लिए. इसको अब छोड़ कर आप अकाउंट open करने के बाद भि करसकते है.
Step14: आखिर मे E-sign application का option दिखाई देगा, अगर ये आप्शन को सेल्क्ट करते है तो आपको इसमें आधार नंबर इंटर करना होगा फिर आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर पर OTP आयेगा उसे इंटर करने पर process complete हो जायेगा.
Step15: Upstox Account Open करने के प्रोसेस को सफलता पूर्वक complete करने के बाद इस application status को track भि कर सकते है, ये 3 दिन तक समय ले सकता है आपके Upstox Account को verify और open करने के लिए. इन simple Steps को follow करके Online Upstox Account Open कर सकते है.
डीमैट अकाउंट खोलने मे कितने पैसे लगते है?
Demat account खोलने के लिए कितना पैसा लगता है ये डिपेंड करता है के आप किस प्रकार का अकाउंट खोल रहे है और किस brokers के पास खोल रहे है. कुछ brokers फ्री ma Demat account खोलते है, कुछ पैसे लेकर खोलते है कुछ सौ या कुछ हज़ार लेकर. इसके अलावा कुछ brokers के पास minimum balance मेंटेन करना होता है अकाउंट मे.
अकाउंट opening fees के अलावा demat account के दुसरे charges भि है जैसे annual maintenance चार्जेज, ट्रांसकशन फीस, सेफ्टी फीस, आदि. इसलिए ये advice है के आप demat account खोलने से पहले brokers को compare, करें रिसर्च करें.
डीमैट अकाउंट के फायदे और नुकसान?

डीमैट अकाउंट के फायदे:
- Safe और Secure: डीमैट अकाउंट का सबसे बड़ा फायदा ये है के हम सिक्योरिटीज को सेफ और सिक्योर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म मे रख सकते है. फिजिकल फॉर्म मे सिक्योरिटीज का खोंने, चोरी होने या डैमेज होने का रिस्क होता था, लेकिन अब ये रिस्क नहीं है.
- सुविधा: सिक्योरिटीज को जमा करने और ट्रेडिंग करने कि सुविधा देता है डीमैट अकाउंट, आसानी से और फास्ट तरीके से ऑनलाइन सिक्योरिटीज को खरीद के स्टोर कर सकते है.
- ट्रांसकशन cost कम होती है: डीमैट अकाउंट से फास्ट और cheap तरीके से ट्रांसकशन कर सकते है कियोंकि पहले फिजिकल सर्टिफिकेट के वक़्त आपको stamp duty देनी होती थी.
- बहुत सारे securities का access: डीमैट अकाउंट से आप बहुत सारे securities मे इन्वेस्ट कर सकते है जैसे stocks, bonds, mutual funds, आदि.
- फास्ट process है: फिजिकल सर्टिफिकेट के मुकाबले डीमैट अकाउंट से settlement process जियादा तीजी से होता है. यानि आप जल्दी इन्वेस्ट करसकते है.
- Paperwork कम हो चुका है: डीमैट अकाउंट कि वजह से फिजिकल paperwork बिलकुल कम हो गया है जैसे शेयर ट्रांसफर forms और फिजिकल सर्टिफिकेट, जिसको बनाने मे वक़्त लगता था और रखने के लिए जगह भि.
- Track करना आसान हुआ है: डीमैट अकाउंट कि मदद से अपने securities को आसानी से track कर सकते है, अकाउंट मे क्या क्या होल्ड किया हुआ है और मार्किट मे उसकी करंट value क्या है ये आसानी जान सकते है और सहीं इन्वेस्टमेंट फेसले ले सकते है.
- Corporate actions का एक्सेस: डीमैट अकाउंट वालों को कॉरपोरेट एक्शन के फायदे मिलते है जैसे dividents और बोनस शेयर. डीमैट अकाउंट से इन फायदों को पाना और इनमे भाग लेना आसान हुआ है.
डीमैट अकाउंट के नुकसान:
- Fees और charges: डीमैट अकाउंट फीस और चार्जेज के साथ अता है जैसे अकाउंट opening चार्जेज, annual maintenance फीस, transaction फीस. ये चार्जेज वक़्त के साथ बढ़ते है और शायद आपके returns को कम करदे.
- अकाउंट hack होने का रिस्क: जैसे किसी भि ऑनलाइन अकाउंट के सतह रिस्क होता है अकाउंट हैकिंग और फ्रॉड कामों का. इसलिए अपने अकाउंट को protected रखने के लिए ज़रूरी चीजों का ध्यान रखना जैसे मज़बूत password रखना, अपने log-in details कीस को नहीं बताना.
- अगर आपके पास फिजिकल सर्टिफिकेट है और डीमैट अकाउंट मे जमा करना है तो इन्हें electronic form मे करना होगा, ये प्रोसेस वक़्त लेसकता है.
- मार्किट रिस्क: जैसे हर investment के साथ कुछ लेवल का risk होता हि है, उसी तरह आपके जमा किये हुए सिक्योरिटीज कि value ऊपर निचे होती रहती है ये मार्किट कंडीशन और दुसरे फैक्टर पर डिपेंड है जो आपके हाथ मे नहीं होते.
- Technology पर निर्भर: डीमैट अकाउंट टेक्नोलॉजी पर डिपेंड है, कोई टेक्निकल glith या failure कि वजह से problem या फाइनेंसियल लोस भि हो सकता है. इसलिए अयसे वक़्त के लिए backup plan होना चहिये.
- Inactivity fees: कुछ brokers inactivity fees लेते है अगर कोई इन्वेस्टर डीमैट अकाउंट को कुछ समय तक इस्तेमाल नहीं किए तो. ये एक disadvantage हो सकता है investors के लिए जो बार-बार ट्रेड नहीं करते है.
- कुछ investors को physical certificates कि ज़रूरत होती है अलग अलग कारणों से लेकिन डीमैट अकाउंट कि वजह से सिक्योरिटीज के फिजिकल सर्टिफिकेट मिलना मुश्किल है.
DP vs Stockbrokers
Securities market मे (DPs) depository participants और stockbrokers दोनों ज़रूरी प्लेयर है लेकिन दोनों के काम अलग अलग है.
DPs आपको depository सर्विसेज देती है सिक्योरिटीज के लिए. वह इन्वेस्टर के behalf पर डीमैट अकाउंट मे सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म मे जमा करके रखते है.सिक्योरिटीज को एक अकाउंट से दुसरे अकाउंट मे ट्रान्सफर करने कि सर्विसेज, pledge, ट्रांसकशन और ownership का रिकॉर्ड मेंटेन रखना ये सारे काम DPs करते है. DPs को SEBI रेगुलेट करती है.
Stockbrokers व्यक्ति या firms हो सकते है जो सिक्योरिटीज को खरीदने वाले और बेचने वाले के बीच मे बिचौलियों (intermediaries) का काम करते है. अपने क्लाइंट को सिक्योरिटीज खरीदने और बेचने मे मदद करना, इन्वेस्टमेंट एडवाइस देना, investors के behalf पर ट्रेड कम्पलीट करना ये काम stockbrokers करते है. अपने सर्विसेज के बदले वह commission या फीस लेते है.
क्या स्टॉक ब्रोकर DP हो सकते है?
हाँ, एक stockbroker depository participant हो सकता है और दोनों सर्विसेज इन्वेस्टर को दे सकता है. भारत मे बहुत सारे stockbrokers Dps के लिए NSDL और CDSL मे registered हो चुके है.
एक हि जगह ट्रेडिंग और डिपाजिटरी सर्विसेज देने से investors को बहुत सुविधा मिलती है, इसलिए investors के लिए ये ज़रूरी है के अकाउंट खोलने से पहले फीस, सर्विसेज, reputation compare करे अलग अलग stockbrokers और Dps के.
People Also Ask
1. क्या Demat account safe है?
हाँ, आम तौर पर डीमैट अकाउंट को सेफ और सिक्योर कहा जाता है कियोंकि इसे depository participants मैनेज करते है और इनको रेगुलेट करती है (SEBI) ‘Securities and exchange board of India’. लेकिन आपको भि सतर्क रहना है और ज़रूरी कदम उठाने है जैसे रेगुलरली पासवर्ड बदलते रहना और अपना अकाउंट मे होने वली गतिविदियों पर नज़र रखना.
2. Demat account खोलने के लिए सबसे ज़रूरी document कौन सा लगता है?
डीमैट अकाउंट अकाउंट खोलने के लिए सबसे जियादा ज़रूरी डॉक्यूमेंट है PAN कार्ड. कियोंकि इस डॉक्यूमेंट को identification के लिए सबसे पहले पुचा जाता है और DP आपसे पैन कार्ड मांगते हि है.
3. क्या कोई भि Demat account खोल सकता है?
हाँ, कोई भि व्यक्ति जो भारतीय नागरिक हो और कम से कम 18 साल कि उम्र का हो तो डीमैट अकाउंट खोल सकता है.
4. क्या अपना डीमैट अकाउंट दूसरों के नाम कर सकते है?
हाँ, आप अपने डीमैट अकाउंट को किसी और के नाम पर ट्रान्सफर कर सकते है इस प्रोसेस को ‘dematerialization’ कहते है. इस प्रोसेस मे दोनों current holder और नये अकाउंट होल्डर कि सहमति होनी चहिये और इसमें कुछ फीस भि लगती है.
5. कितने Demat account बना सकते है?
डीमैट अकाउंट बनाने के लिए कोई भि लिमिट नहीं है आप कितने भि डीमैट अकाउंट बना सकते है लेकिन याद रखे के आप जितने अकाउंट बनायेंगे उतने जियादा charges और फीस देनी पड़ती है.
6. डीमैट अकाउंट कहां खोला जाता है?
डीमैट अकाउंट को किसी भि रजिस्टर depository participant के ज़रिये खोल सकते है जैसेbanks, stockbrokers और दुसरे फाइनेंसियल इंस्टिट्यूशन.
7. डीमैट अकाउंट बंद कैसे करे?
Online डीमैट अकाउंट close करने क एलिए सबसे पहले अपने DP के वेबसाइट पर जाएँ और ‘Demat account closure’ फॉर्म डाउनलोड करे, फॉर्म सहीं से भरे और KYC डॉक्यूमेंट के साथ सबमिट करें.
8. डीमैट अकाउंट इन हिंदी?
डीमैट अकाउंट, एक तरह का अकाउंट है जिसमे हम सिक्योरिटीज को जमा करते है जैसे हम बैंक अकाउंट मे पैसे जमा करते है, ये सिक्योरिटीज कुछ भि हो सकते है जैसे stocks, bonds, mutual funds, आदि.
Conclusion
आशा है अब आपको पता चल गया होगा के Demat account kya hai और इसे कैसे बनाते है, इस आर्टिकल मे हमने जाना के demat account kya hai, ट्रेडिंग अकाउंट क्या है, demat account kaise banaye और trading account kaise बनाये, आदि.
Demat account kya hai से जुड़ा कोई सवाल हो तो कमेंट करें और शेयर करें इस article को ताके दूसरों को भि पता चले के demat account kya hai. हमारा ये आर्टिकल ‘what is demat account in hindi’ यहीं समाप्त होता है.
ये भि पढ़े:
- Upstox kya hai और account kaise banaye?
- Demat account kya hai?
- Demat account kaise khole?
- शेयर क्या है?
- शेयर online कैसे ख़रीदे?
- शेयर खरीदने के नियम?
- Share Market se Paise kaise kamaye?
- शेयर मार्किट मे पैसे कैसे लगायें?
- ट्रेडिंग कैसे सीखें?
- शेयरबाज़ार मे नुकसान से बचने के टिप्स?
- Best Share market book in Hindi?