ईसीएस (ECS) का फुल फॉर्म क्या है?
नाच सिस्टम से पहले ईसीएस सिस्टम था, ‘इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सर्विस’ (Electronic Clearing Service). इस सिस्टम की वजह से कम्पनीज और आर्गेनाइजेशन बहुत सारे बैंक अकाउंट मे पैसे डाल सकते थे और निकाल सकते थे।
बैंक या कंपनियाँ ईसीएस का उपयोग कैसे करती हैं?
दो प्रकार से इस्तेमाल किया जाता है:
- ईसीएस क्रेडिट यानि एक साथ बहुत सारे खाते में पैसे भेजने को कहते है, जैसे एक साथ कई अकाउंट में डिविडेंड क्रेडिट करना, सैलरी भेजना, पेंशन भेजना, इंटरेस्ट आदि लोगों के बैंक अकाउंट में क्रेडिट करना।
- ईसीएस डेबिट यानि बहुत सारे अकाउंट से पैसे निकालना/प्राप्त करना, जैसे टेलीफोन बिल, हाउस टैक्स, वाटर टेक्स, इएमआई, एसआईपी या फिररेगुलर इन्वेस्टमेंट आदि।
ईसीएस सिस्टम से जुड़े ज़रूरी शब्दों का अर्थ?
★ ईसीएस मेनडेट
ये एक डॉक्यूमेंट होता है जिसमे हम बैंक को अनुमति देते है के वह हमारे अकाउंट से पैसे समय पर निकाल लें, इसमें आप का बैंक अकाउंट की जानकारी, जैसे नाम, अकाउंट नंबर, ब्रांच कोड, आदि की जानकारी होती है और बैंक ज्यादा से ज्यादा कितना पैसा निकाल सकता है ये भी बैंक को इसी आदेशपत्र में बताया जाता है।
★ ईसीएस यूजर
जो लोग ECS सिस्टम का इस्तेमाल करते है उन्हें ईसीएस यूजर कहते है जैसे बड़े कम्पनीज एक साथ पेमेंट करने के लिए ईसीएस का इस्तेमाल करते है, इन्हें ईसीएस यूजर कहां जाता है।
★ बेनिफिशियरी (Beneficiary)
ईसीएस बेनिफिशियरी उन्हें कहते है जिनके अकाउंट से पैसा इएमआई के तौर पर निकाला जाता है या सैलरी के तौर पर क्रेडिट किया जाता है, इन सब को एक बेनिफिशियरी कहते है।
★ स्पोंसर बैंक
ईसीएस यूजर का बैंक अकाउंट जिस बैंक्स में होता है उन बैंक्स को स्पोंसर बैंक कहते है। कम्पनीज अपने बैंक अकाउंट से लोगो के बैंक अकाउंट में क्रेडिट या डेबिट करते है, इन कम्पनीज के बैंकों को स्पोंसर बैंक कहते है।
★ डेस्टिनेशन बैंक
बेनिफिशियरी के अकाउंट जिन बैंकों में होते है उनको डेस्टिनेशन बैंक कहते है, जिन कस्टमर के बैंक अकाउंट से पैसे निकाले या डाले जाते है इन कस्टमर्स के बैंकों को डेस्टिनेशन बैंक कहते है।
★ डेस्टिनेशन अकाउंट होल्डर
ईसीएस के ज़रिये जिन कस्टमर या मेम्बर के बैंक अकाउंट से पैसे निकाले जाते है या डाले जाते है, उन ग्राहकों को डेस्टिनेशन अकाउंट होल्डर या बेनिफिशियरी अकाउंट होल्डर कहते है।
नाच का फुल फॉर्म हिंदी

नाच का फुल फॉर्म है नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस ‘नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हौस’, ये हमारे देश की इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सिस्टम है इसे कुछ साल पहले NPCI ने शुरू किया था, एनपीसीआई ने यूपीआई जैसी टेक्नोलॉजी लायी है उन्होंने ही ईसीएस के बाद नाच को लाया है।
ईसीएस को डेवेलोप करके नाच को तैयार किया गया है। अगर हमको बार बार किसीका भुगतान करना है या किसी से पैसे लेने है तो हम नाच का इस्तेमाल करते है, नाच के जरिए हर बार सही समय पर बैंक खाते में पैसे जमा या निकाले जा सकते हैं।
नाच क्या है?
नाच यानि नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस एक पेमेंट सिस्टम है, नाच को हिंदी मे ‘राष्ट्रिय स्वचालित समाशोधन गृह’ कहते हैं। ईसीएस का नाच आधुनिक रूप है।
ईसीएस मे एक अकाउंट से दुसरे अकाउंट मे पेमेंट के लिए क्लीयरिंग हाउस के कर्मचारियों की ज़रूरत पड़ती थी लेकिन नाच सिस्टम में उनका काम कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर करता है, यानि पेमेंट ट्रान्सफर करने के की प्रोसेस में क्लीयरिंग हाउस के कर्मचारियों की मदद नहीं लगती।
नाच के ज़रिये हम बिना बैंक जाएं इलेक्ट्रॉनिक के ज़रिये किसी भी तरह का भुगतान कर सकते है, जिसको नाच मैंडेट कहते है। नाच सिस्टम का इस्तेमाल करके कोई भी अपना बिजली बिल, फोन बिल, पानी का बिल, लोन इएमआई, म्यूच्यूअल फण्ड, क्रेडिट कार्ड की इएमआई को समय पर हर बार ऑटोमेटिकली भुगतान कर सकते है।
ईसीएस को आरबीआई के रीजनल क्लीयरिंग हाउसेस से ऑपरेट किया जाता था लेकिन अब नाच को नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया (NPCI) के तहत संचालित किया जाता है। नाच को देश का कोई भी व्यक्ति या कम्पनी इस्तेमाल कर सकता है और इन्टरनेट से ही पूरा प्रोसेस कम्पलीट होता है।
पहले ईसीएस सिस्टम से ट्रांजैक्शंस किये जाते थे, ईसीएस के मुकाबले नाच को जियादा तेज़ी से और सुविधा के लिए लाया गया है, करोड़ बैंकिंग से जुड़ी सेवाएँ देने वाली हर बैंक को नाच से सदस्यता लेनी पड़ती है। आजके समय में देश में बड़े और प्रमुख बैंकों ने नाच को अपनाया है, जो बैंक नाच सिस्टम को अपना चुके है उनसे ईसीएस हटा दिया गया है।
बैंकों के दुआरा पहले ईसीएस का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन इसमें कुछ खामियां थी जिनको दूर करने के लिए, बेहतर और जियादा आधुनिक सिस्टम लाने के लये नाच को लाया गया है।
नाच का उदाहरण
उधारण के लिए अगर आप कभी लोन लेते है किसी कंपनी या बैंक से और हर महीना चुकाना है, तो आप लोन चुकाने के लिए अपने बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करते है।
यानि आप लोन प्रोविडर को अपना बैंक अकाउंट देते है और वो बैंक/कंपनी बैंक अकाउंट से हर बार पैसे निकाल लेती है. हर बार आपको पैसे सेंड करने की ज़रूरत नहीं होती यहां पर हर बार ऑटोमेटिकली पैसा निकालना और लोन प्रोविडर के अकाउंट में डालने का काम नाच करता है इस तरह नाच काम करता है।
आपके बैंक अकाउंट से कंपनी तभी पैसे निकाल सकती है जब आप अनुमति देते है जिसे नाच मैंडेट कहते है। कंपनी जियादा से जियादा कितना पैसा निकाले गी ये भी नाच मैंडेट मे होसकता है। इस उधारण से आपको पता चलगया होगा के नाच क्या है और कैसे काम करता है.
नाच का उपयोग क्या है?
नाच का उपयोग कई तरह के बैंक अकाउंट के लेन-देन के लिए और बार-बार ट्रांजैक्शंस करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
शेयर बाजार में कंपनियाँ अपने कई शेयरधारकों को एक साथ डिविडेंड भेजने के लिए नाच का उपयोग करती हैं। कम्पनीज अपने कर्मचारियों को एक साथ सैलरी देने के लिए नाच का इस्तेमाल करते है।
अपने कस्टमर से पेमेंट कलेक्ट करने के लिए भी नाच का इस्तेमाल किया जाता है जैसे क्रेडिट कार्ड बिल, म्यूच्यूअल फण्ड मे एसआईपी का भुगतान के लिए और लोन की इएमआई ऑटोमेटिकली बैंक अकाउंट से डेबिट करने के लिए नाच का इस्तेमाल होता है।
नाच का इस्तेमाल करने की वजह से लोग अपने हर तरह के पेमेंट को आटोमेटिक कर सकते है, किश्तों से लेकर बिलों का भुगतान करने तक।
नाच की शुरुआत कब हुई
नाच को हमारे देश मे एनपीसीआई (National Payment Corporation of India) के दुआरा 1st मई 2016 मे लाया गया था। इससे पहले ईसीएस सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता था जिसे डायरेक्ट आरबीआई दुआरा ऑपरेट किया जाता था।
नाच को लाने का मकसद ये था के ईसीएस को बदला जा सके, एक बिना खामियों वाला और इससे आधुनिक सिस्टम का इस्तेमाल किया जाए इसलिए नाच को लांच किया गया था।
जैसे के आपको पता होगा के यूपीआई जैसी बेहतरीन पेमेंट टेक्नोलॉजी भी एनपीसीआई दुआरा लायी गयी है, एनपीसीआई देश के सारे ऑफलाइन और ऑनलाइन ट्रांजैक्शंस को क्लियर और सेटल करता है और एक खाते से दुसरे खाते मे पैसे भेजने में मदद करता है।
नाच एनपीसीआई का प्रोडक्ट है इसीका एक भाग है, इन दोनों को आरबीआई कण्ट्रोल और रेगुलेट करती है.
नाच क्यूँ ज़रूरी है?

● नाच और ईसीएस सिस्टम आने से पहले अगर हमको बार बार पेमेंट करनी होती तो हमें उतने चेक बनाकर देने होते थे।
● उधारण के लिए अगर कोई लोन लेता था दो साल के लिए तो उसे 24 इएमआई भरने के लिए 24 चेक तैयार करके लोन वाले कंपनी या बैंक को देने पड़ते थे।
● इन चेक्स से लोन वाली कंपनी हर महीने आपके बैंक अकाउंट से पैसे निकाल लेती थी, इन चेक का इस्तेमाल करके पैसे रिसीव किये जाते थे, इस प्रोसेस को पोस्ट डेटेड चेक पीदीसी (PDC) कहते थे।
● बादमे इस फैसिलिटी को बदल्दिया गया और ईसीएस सिस्टम का इस्तेमाल होने लगा, ईसीएस यानि इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सर्विस इस फैसिलिटी ने पीदीसी (PDC) को रिप्लेस किया।
● इससे पेमेंट्स को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म होती है जिससे लोन देने वाली कंपनी आपके खाते से पैसे डायरेक्ट काट सकती है बिना चेक्स के।
● ईसीएस मे कस्टमर को ईसीएस मैंडेट फॉर्म भरके और साइन करके देना होता है लोन देने वाली कंपनी को, इस फैसिलिटी में बहुत सारे पेपर डॉक्यूमेंट की ज़रूरत लगती थी और सबसे बड़ी प्रॉब्लम थी इसे एक्टिवेट होने समय लगता था।
● अगर इस प्रोसेस मे डॉक्यूमेंट में कुछ गलती होजये या सिग्नेचर मिसमैच हो या कोई एरर हो तो ईसीएस फैसिलिटी एक्टिवेट होने मे काफी समय लगता था, सारे डॉक्यूमेंट सहीं हो तो भी तीन से चार दिन लगते है और अगर कोई मिस्टेक हो तो पुरे प्रोसेस को कम्पलीट होने में कई महीने भी लगते थे।
● इसकी वजह से काफी नुक्सान होता था जैसे इएमआई का पहले और दूसरे महीने के पैसे नहीं कटते थे और कोई अपना बैंक अकाउंट बदलना चाहे तो उसे एक महीना लगता था यानि ईसीएस मे प्रोसेस कम्पलीट होने में बहुत जियादा समय लगरहा था।
● इसीलिए ईसीएस को रिप्लेस करके 1st मई 2016 को नाच सिस्टम लाया गया जो की ईसीएस से बेहतर और सुविधाजनक है।
नाच मैंडेट क्या है?

नाच का उपयोग करने के लिए अकाउंट से आटोमेटिक पैसों का लेनदें करने के लिए अनुमति देनी होती है, जिसे नाच मैंडेट कहते है।
इसकी अनुमति आप ऑफलाइन, इन्टरनेट बैंकिंग और बैंक के ऐप से भी दे सकते है। दूसरों के खाते से अपने बैंक अकाउंट में पैसे क्रेडिट करने के लिए भी दूसरों का नाच मैंडेट लेना ज़रूरी है।
उधारण के लिए बैंक से लोन लेने के लिए आपको ज़रूरी डॉक्यूमेंट तो देने ही होते है उसके अलावा आपको नाच मैंडेट सिग्नेचर करना होगा जिसे नाच मैंडेट फॉर्म भी केहते है। लोन और आपके बैंक अकाउंट से जुडी ज़रूरी जानकारी फॉर्म मे होती है।
नाच काम कैसे करता है?
नाच कैसे काम करता है इसका प्रोसेस जानें
स्टेप 1 – जो कंपनी या बैंक अपने कस्टमर से पैसे कलेक्ट करना चाहते है वह पहले उनसे मैंडेट फॉर्म कलेक्ट करते है और उसपर कस्टमर की साइन लेते है, कस्टमर फॉर्म देने का मतलब है के बैंक कस्टमर के अकाउंट से ऑटोमैटिक पैसे डेबिट कर सकता है हर महीने.
स्टेप 2 – नाच मैंडेट फॉर्म मिलने के बाद बैंक या कंपनी फॉर्म की सारी जानकारी को वेरीफाई करते है।
स्टेप 3 – डिटेल्स वेरीफाई करलेने के बाद नाच मैंडेट को बैंक/कंपनी दुआरा एनपीसीआई (National Payment Corporation of India) को भेजा जाता है. पैसे कलेक्ट करने वाले कंपनी के बैंक दुआरा नाच मैंडेट को एनपीसीआई से शेयर किया जाता है।
स्टेप 4 – एनपीसीआई के दुआरा जानकारी वैलिडेट होने के बाद, एनपीसीआई नाच मैंडेट को कस्टमर्स के बैंक को भेजता है अप्रूवल के लिए। एनपीसीआई बैंक को वोही मैंडेट भेजता है जो पूरा वैलिडेटेड होता है।
स्टेप 5 – जैसे ही बैंक ट्रांजैक्शंस के लिए मंजूरी देता है, कंपनी के पास ये अथॉरिटी आजाती है के वह कस्टमर के बैंक से पैसे डेबिट कर सकते है।
नाच मैंडेट के प्रकार

नाच मे दो प्रकार की सर्विसेज है:
- नाच क्रेडिट
- नाच डेबिट
नाच क्रेडिट पेमेंट क्या है?
- नाच क्रेडिट सिस्टम हर दिन दस मिलियन ट्रांजैक्शंस कर सकता है।
- ऑनलाइन नाच क्रेडिट सिस्टम सेफ और सिक्योर है।
- नाच क्रेडिट हर संडे बंद होता है और दुसरे होलीडे पर जो आरटीजीएस फॉलो करता है।
- नाच क्रेडिट सिस्टम कॉर्पोरेट को डायरेक्ट एक्सेस देता है और वह अपने पेमेंट्स को आसानी से ट्रैक कर सकते है।
- कम्पनीज अपने कर्मचारियों को एक साथ सैलरी उनके बैंक अकाउंट मे क्रेडिट करने के लिए नाच क्रेडिट सिस्टम का इस्तेमाल करते है।
- शेयर मार्केट में कम्पनीज अपने इन्वेस्टर के खाते मे डिविडेंड इनकम डालने के लिए इसी नाच सिस्टम का उपयोग करते है।
नाच डेबिट पेमेंट क्या है?
जब बैंक या कम्पनीज को अपने बहुत सारे कस्टमर से पेमेंट रिसीव करना होता है तब वह नाच डेबिट सिस्टम का इस्तेमाल करते है।
- नाच डेबिट सिस्टम मे एक यूनिक मैंडेट रिफरेन्स नंबर होता है जिससे यूजर एक से जियादा पेमेंट को आसानी से ट्रैक कर सकता है।
- आर्गेनाइजेशन और कस्टमर के बीचमे सेफ और सिक्योर ट्रांजैक्शंस हो ये नाच डेबिट सिस्टम सुनिक्षित करता है।
- नाच डेबिट सिस्टम में सिंगल यूजर का ज़रूरी डाटा भी सुरक्षित होता है।
- लोन देने वाली कम्पनीज अपने ग्राहकों से हर महीने इएमआई लेने के लिए इसी नाच डेबिट सिस्टम का इस्तेमाल करते है।
अगर आप के बैंक से इस तरह ऑटोमेटिकली पैसे कटते है या क्रेडिट होते है तो आप ‘नाच क्रेडिट इन योर अकाउंट’ और ‘नाच डेबिट इन अकाउंट’ लिखा हुआ देख सकते है अपने पासबुक मे या बैंक स्टेटमेंट में।
नाच मैंडेट कैसे काम करता है?

उधारण के लिए अगर कोई व्यक्ति एक्सिस बैंक से लोन लेना चाहता है, वह अपने एसबीआई बैंक अकाउंट की जानकारी देगा, नाच मैंडेट फॉर्म भरेगा और दुसरे डॉक्यूमेंट देगा। अब एक्सिस बैंक नाच मैंडेट फॉर्म को एनपीसीआई को भेजता है अप्रूवल के लिए।
एनपीसीआई नाच मैंडेट फॉर्म को एसबीआई बैंक को भेजता है ताके उस व्यक्ति की जानकारी सही है या नहीं ये वेरीफाई करने के लिए। अगर जानकारी सही होगी तो एसबीआई बैंक नाच फॉर्म को वेरीफाई और अप्प्रोव करके वापस एनपीसीआई को भेजेगा।
अब एनपीसीआई आपके नाच को इस्तेमाल करने की रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट करेगा मैंडेट फॉर्म एक्सेप्ट करके वापस एक्सिस बैंक को भेज देगा।
इसके बाद आपके एसबीआई बैंक अकाउंट से ऑटोमेटिकली एक्सिस बैंक पैसे काट सकता है तय किये गये समय तक, हर महीने इएमआई आपके अकाउंट से काट ली जाएगी
ईसीएस और नाच मे क्या अंतर है?

- ईसीएस का फुल फॉर्म है इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सर्विस और नाच का फुल फॉर्म है नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस।
- नाच एक ऐसा प्रोसेस है जो डिफाइन है इसलिए इसमें यूजर का बहुत समय बचता है। वहीँ पर ईसीएस एक मैन्युअल प्रोसेस है इसलिए इसमें समय बहुत लगता है।
- नाच के मुकाबले ईसीएस मे बहुत जियादा पेपरवर्क होता था।
- ईसीएस मे एप्लीकेशन रिजेक्ट होने के जियादा चांसेस होते थे नाच के मुकाबले।
- ईसीएस रजिस्ट्रेशन के लिए 8-10 दिन और कभी कभी तीस दिन लग सकते थे लेकिन नाच रजिस्ट्रेशन के लिए 48 घंटों लगते है।
- ईसीएस में पेमेंट को सेटल होने में तीन से चार दिन लगते थे लेकिन नाच मे उसी दिन पेमेंट सेटल होजाता है।
- ईसीएस मे एक यूनिक एमआरआर नंबर नहीं होता था वही पर नाचमे एक यूनिक एमआरआर नंबर दिया जाता है जिसका इस्तेमाल भविष्य मे इस्तेमाल किया जा सकता है।
- ईसीएस मे शुरूआती एक-दो महीने की इएमआई बाउंस होने के चांसेस होते है जिससे कस्टमर को बाउंस चार्जेज भी देने पड़ते थे लेकिन नाच मे इएमआई बाउंस नहीं होते है।
- नाच सर्विस एक्टिवेट करने के बाद आपके बैंक और लोन देने वाले कंपनी के बाच अगर विवाद होता है तो उसे डिस्प्यूट मैनेजमेंट सिस्टम दोनों पक्ष को सुनकर प्रॉब्लम दूर करता है, ईसीएस में विवाद को सुलझाने के लिए कोई भी सुविधा नहीं है इसको निपटने मे कई महीने लग सकते है।
नाच के फायदे

- स्विफ्ट ट्रांजैक्शंस रियल-टाइम में प्रोसेस होते है।
- नाच सिस्टम की वजह से बैंक्स अपने कस्टमर को अच्छी सर्विस दे सकते है, पेमेंट प्रोसेस को आसान बना सकते है और दुसरे इंस्टिट्यूट से मज़बूत संबंद बना सकते है।
- नाच से बैंक्स में error कम और काम फ़ास्ट होता है।
- कस्टमर को पहले की तरह manual कुछ भी नहीं करना है।
- सुपर फ़ास्ट और आसान प्रोसेस है कस्टमर के लिए।
- कस्टमर को अब अपने फोन बिल और इलेक्ट्रिसिटी जैसे bills की due डेट याद रखने की ज़रूरत नहीं पड़ती।
- checks पर डिपेंड रहने की ज़रूरत नहीं है।
- सहीं समय पर बहुत सारी सैलरी, डिविडेंड और पेंशन की पेमेंट की जाती है।
- नाच फैसिलिटी 48 घंटे मे एक्टिवेट हो जाती है।
- E-Nach फैसिलिटी मे तो पेपर वर्क की ज़रूरत नहीं नहीं पड़ती।
- नाच से बिना वजह EMI बाउंस नहीं होती है।
- नाच की पूरी प्रक्रिया ऑटोमेटेड है।
- नाच से शनिवार और रविवार को भी ट्रांजैक्शंस किये जा सकते है।
- बहुत सारे कस्टमर के बैंक अकाउंट मे एक साथ डेबिट या क्रेडिट किया जा सकता है।
- नाच सिस्टम बल्क पेमेंट करने के लिए अब तक्की सबसे अच्छी और आधुनिक टेक्नोलॉजी है।
- नाच सिस्टम मे यूनिक मदते रजिस्ट्रेशन रिफरेन्स नंबर दिया जाता है जिससे आगे कुछ प्रॉब्लम होने पर समाधान पा सकते है।
- नाच मे पेपरवर्क कम होगया है इसलिए रिजेक्शन भी कम हुए है।
- नाच सिस्टम में रजिस्ट्रेशन जल्द हो जाता है।
- API बेस्ड e-मैंडेट प्रोसेस भी नाच से संभव है, यानि कस्टमर खुद भी NPCI की वेबसाइट पर जाकर बैंक को ऑथेंटिकेट कर सकते है।
- नाच की मदद से घर बैठे आप समय पर ऑटोमेटिकली अपनी EMI, SIP, बिजली बिल, आदि की पेमेंट कर सकते है।
- नाच की मदद से म्यूच्यूअल फण्ड मे हर महीने निवेश किया जा सकता है।
- आम लोगों के लिए, बैंकों के लिए और दूसरी फाइनेंसियल आर्गेनाइजेशन के लिए नाच एक बहुत फायदेमंद है।
NACH RTN क्या होता है
NACH RTN यानि लेट फीस, यह चार्जेज तभी काटा जाता है जब आपके बैंक अकाउंट मे EMI आटोमेटिक भरने के लिए पैसे नहीं होते है, जिसकी वजह से Nach RTN फीस देनी पड़ती है।
उधारण के लिए अगर किसी ने लोन लिया है और हर महीने EMI उसके बैंक से डेबिट किया जाता है लेकिन किसी महीने मे EMI भरने जितने खाते मे पैसे नहीं है तो उसे Nach RTN चार्जेज देने पड़ते है।
जितना पैसा भरना है उतना न होतो नाच हिट लगता है, ये चार्जेज लोन देने वाली कंपनी या बैंक आपसे चार्ज करती है ये अमाउंट 200 से 300 रुपये के बीच में हो सकता है। आपको बाद मे EMI तो भरनी ही पड़ेगी लेकिन आपने सहीं समय पर नहीं भरी इसलिए लेट फीस/Nach RTN चार्जेज लगते है।
Nach RTN चार्ज क्या होता है?

बहुत सारे लोग नहीं जानते के Nach RTN Charges Meaning क्या है हिंदी मे. उन्हें मेसेज आता है ये अलग अलग कारणों की वजह से Nach RTN Charges से आ सकता है।
अक्सर बहुत सारे लोगों के खाते से 295 रुपीस डेबिट होते है, ये ज़यादातर तब होते है जब आपके बैंक मे EMI कटने के दिन उतने पैसे नहीं होते है तब।
लोग लोन लेते है, या EMI पे कोई भी प्रोडक्ट खरीदते है मोबाइल या लैपटॉप आदि तो लेने वालों के खाते से हर महीने एक निक्षित राशी डेबिट होती है अगर बैंक अकाउंट मे उतनी राशी नहीं होगी तो Nach NTR चार्जेज लगते है।
कुछ लोगों को 295 रुपीस डेबिट का मेसेज तब भी आता है जब वह दुकानदार को या लोन वाले कंपनी को कैश मे पे करते है।
नाच सिस्टम रजिस्ट्रेशन अपने बैंक अकाउंट से करने के बाद कैश मे पेमेंट करते है तो भी ये मेसेज आता है क्योंकि आपने EMI को बैंक से देने का तय किया था जो हर महीने ऑटोमेटिकली डेबिट किया जाता है।
इसलिए ऐसा आपके साथ ना हो ये सुनिक्षित करने के लिए आपको सिर्फ अपने खाते से ही EMI भरनी चाहिए या फिर आप अपने फाइनेंस वाले व्यक्ति से जिससे आपने लोन या EMI पे प्रोडक्ट लिया है उससे नाच कैंसिल करवाए, फॉर्म भरके दें।
कुछ कस्टमर के केस मे लोन पूरा चुकाने के बाद EMI पूरी भरने के बाद भी 295 रुपीस कटते है महीने में दो-तीन बार क्योंकि आपने नाच या ECS कैंसिलेशन फॉर्म भाकर नहीं दिया है।
जब भी आपका लोन ख़तम होजाता है तो आप अपने फाइनेंस व्यक्ति से इसे बंद कैंसिल करने को कहे या उससे NOC लेकर बैंक में जमा करें जिससे आपका बैंक ऑटो डेबिट बंद करदेगा। अब आपको पता चलगया होगा के नाच RTN चार्ज क्या होता है।
नाच मैंडेट की समयावधि कितनी होती है?
नाच मैंडेट एक ऑटो डेबिट सुविधा है जब आप इसे चालू करते है तो इसे बंद करने के लिए भी आपको ही बंद करना होगा यानि, नाच मैंडेट की समयावधि कभी ख़तम नहीं होती एक बार रजिस्ट्रेशन और एक्टिवेट करने के बाद या तो आपको खुद कैंसिल करना हिगा या आपके बैंक को कैंसिल करना होगा, नाच को बिना कैंसिल करें वो बंद नहीं होगा यानि नाच की कोई समयावधि नहीं है।
नाच रजिस्ट्रेशन कैसे करे?

नाच सुविधा के लिए रजिस्ट्रेशन करने के दो तरीके है ऑफलाइन और ऑनलाइन:
ऑफलाइन नाच रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
ऑफलाइन नाच सुविधा रजिस्ट्रेशन करने के लिए आपको अपने लोन देने वाले बैंक या कंपनी से नाच फॉर्म फिल करना है और उन्हें देना है इसके साथ आपको अपने बैंक अकाउंट की जानकारी देनी होगी जैसे बैंक पासबुक कॉपी, कैंसिल चेक या बैंक स्टेटमेंट।
अपन आधार कार्ड या पैन कार्ड की कॉपी और अपनी फोटो भी देनी होती है। इसतरह इन डॉक्यूमेंट से आप ऑफलाइन नाच रजिस्ट्रेशन कर सकते है।
ऑनलाइन नाच रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के लिए आपको अपने लोन लेने वाले कंपनी या बैंक मे ऑनलाइन नाच रजिस्ट्रेशन कैसे करें पता करना होगा, क्योंकि हर बैंक मेथड अलग होता है और कुछ बैंक ऑनलाइन फैसिलिटी नहीं देते है। आपको ऑनलाइन लिंक मिलेगा बैंक से।
लिंक पर क्लिक करने के बाद आपको इन्टरनेट बैंकिंग की जानकारी से लॉग इन करें औत नाच ऑनलाइन authenticate करें, इसके लिए 1 या 2 रुपए की लेनदेन होती है। सहीं से करने पर आपका नाच मैंडेट 48 घंटों मे एक्टिवेट हो जायेगा।
नाच फॉर्म कैसे भरे?
नाच फॉर्म कैसे भरे या LIC नाच फॉर्म कैसे भरे इसके लिए आप यूटूब पर सर्च करे आप को अच्छे समजमे आएगा।
Enach का मतलब क्या है?

E-Nach का फुल फॉर्म है इलेक्ट्रॉनिक नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस (Electronic National Automated Clearing House)। इसको बनाया गया है पपेर को रिप्लेस करने के लिए।
● नाच सुविधा को अगर हम ऑनलाइन एक्टिवेट करते है तो इसे ही ENach कहते है।
● ENach को एक्टिवेट करने के लिए आप जिस कंपनी या बैंक से लोन ले रहे है या LIC पालिसी ले रहे है तो आपको उनसे एक लिंक मिलेगा मोबाइल पर जिससे आप NPCI वेबसाइट पर जाकर e-nach फैसिलिटी को एक्टिवेट कर सकते है।
● लिंक पर क्लिक करने के बाद बैंक की जानकारी e-nach कितने समय तक एक्टिवेट रहेगा ये भी उसमे होता है।
● साड़ी जानकारी डालने के बाद आपके पास दो आप्शन होते है फैसिलिटी को एक्टिवेट करने के लिए।
● पहला है नेट बैंकिंग के ज़रिये और दूसरा है अपने डेबिट कार्ड के ज़रिये, इन मेसे किसी का भी इस्तेमाल करके आप e-nach फैसिलिटी को एक्टिवेट कर सकते है।
● इसके बाद E-Nach फैसिलिटी 48 घंटों मे एक्टिवेट हो जाएगी।
● सबसे पहले ECS ने चेक को रिप्लेस किया फिर ECS को Nach ने रिप्लेस किया समय बचाने के लिए और अब उससे भी अच्छी फैसिलिटी के साथ Enach सिस्टम है जिसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
● लोन लेने से लेकर म्यूच्यूअल फण्ड मे इन्वेस्टकरने से लेकर, LIC पोलिसी लेने तक, ऑटोमेटिकली पैसे भेजने के लिए नाच और E-Nach का इस्तेमाल किया जा रहा है।
Enach मैंडेट क्या होता है?
जिस तरह नाच मैंडेट फॉर्म भरना होता है ऑफलाइन लोन लेने के लिए इसी तरह ऑनलाइन Enach मैंडेट सेटअप करना भी ज़रूरी है ENach फैसिलिटी को एक्टिवेट करने के लिए।
10 बैंक के नाम जहां पर एनएसीएच लागू है?
प्रमुख बैंक जो एनएसीएच मैंडेट प्रणाली के सदस्य हैं:
- स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया
- बैंक ऑफ़ इंडिया
- बैंक ऑफ़ बरोडा
- एक्सिस बैंक
- पंजाब नेशनल बैंक
- एचडीएफसी बैंक
- ICICI बैंक
- यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया।