क्या आपको कोई ऐसा मैसेज आया है जिसमें डीसीसीएचजी लिखा हुआ है जिसमें आपके पैसे काटे गए हैं, या फिर आप अपने बैंक स्टेटमेंट में इस शब्द को देखा है, तो आप यह सोच रहे होंगे के डीसीसीएचजी क्या है इसका फुल फॉर्म हिंदी में क्या होता है, आदि. हम आपको इस आर्टिकल में डीसीसीएचजी से जुड़ी सारी जानकारी डिटेल में बताने वाले हैं.
डीसीसीएचजी क्या है?
डीसीसीएचगी का मतलब है डिक्लाइन चार्ज (Decline Charge). डिक्लाइन चार्ज का मतलब है किसी भी कारण से जब आपका बैंक आपके द्वारा किए गए ट्रांजैक्शंस को डिक्लाइन करता है, रोकता है,
ट्रांजैक्शंस के डिक्लाइन होने की वजह से बैंक आपसे कुछ फीस चार्ज करता है जिसको डिक्लाइन चार्ज कहते हैं. इसी तरीके से दूसरे फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन डिक्लाइन चार्ज अपने कस्टमर से लेते हैं.
डिक्लाइन चार्ज लगने की बहुत सारे वजह हो सकते हैं, जैसे आपके अकाउंट में इतने पैसे नहीं है जितने आप भेजना चाहते हैं, या आपने पेमेंट करने के लिए डीटेल्स गलत डली हुई है या फिर आपके अकाउंट में गलत एक्टिविटी देखी गई है,
तो बैंक आपके पेमेंट को डिक्लाइन करता है, और इस डिक्लाइन ट्रांजैक्शन पर फीस लेता है, इसी को डिक्लाइन चार्ज कहते हैं.
डीसीसीएचजी फुल फॉर्म इन हिंदी
डीसीसीएचजी (DCCHG) का फुल फॉर्म है डिक्लाइन चार्ज, इस शब्द का इस्तेमाल तब किया जाता है जब आपका पेमेंट को बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन द्वारा डिक्लाइन किया जाता है.
जब आपका कोई पेमेंट/ट्रांजैक्शन डिक्लाइन होता है तो इसका मतलब है कि आपका बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन आपके ट्रांजैक्शन को अप्रूव नहीं किया है और इसको डिक्लिन कर दिया है.
इसका रीजन कुछ भी हो सकता है. डीसीसीएचजी शब्द का इस्तेमाल फाइनेंशियल इंडस्ट्री में बहुत किया जाता है ताकि डिक्लाइन ट्रांजैक्शंस को आसानी से पहचाना जा सके.
DCCHG का मतलब होता है डिक्लाइन चार्ज, इस एक्सेलतब इस्तेमाल किया जाता है जबकिसी कस्टमर के बैंक अकाउंटट्रांजैक्शन को बैंक के द्वाराडिक्लाइन किया जाता है.
यह पेमेंट करने के लिए अकाउंट में पैसे काफी नहीं होने पर, इनकरेक्ट चेक बनने पर, गलत सिग्नेचर करने पर, या फिर टेक्निकल इश्यूज की वजह से ट्रांजैक्शन डिक्लाइन हो सकती है.
पेमेंट डिक्लाइन होने के अलग-अलग वजह हाथ हो सकते हैंलेकिन यह डिक्लाइन चार्ज तभी लगता हैजब आपका ट्रांजैक्शन फेल होता है, यह आपके लिए एक तरह की पेनल्टी होती है बैंक के द्वारा.
बैंक ऑफ़ बरोदा में डीसीसीएचजी क्या है?
अगर आपको बैंक ऑफ़ बरोदा की तरफ से डीसीसीएचजी (Decline Message) मैसेज आता है, जिसमें आपके पैसे भी काटे जाते हैं, तो इसका मतलब है कि आपके बैंक ऑफ़ बड़ोदा अकाउंट से डिक्लाइन चार्ज काटा गया है.
बैंक ऑफ़ बरोदा बैंक अकाउंट में डिक्लाइन चार्ज तभी लगता है जब किसी कारणवश आपका ट्रांजैक्शन डिक्लाइन होता है बैंक के द्वारा.
चाहे आपका बैंक अकाउंट किसी भी बैंक में हो अगर आपको डीसीसीएचजी का मैसेज आता है, तो समझ लीजिए के उस बैंक के द्वारा आप से डिक्लाइन चार्ज काटा गया है.
फिर चाहे एसबीआई बैंक हो, एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ़ बड़ोदा, आइसीआइसीआइ बैंक हो, एक्सिस बैंक, आदि जैसे बैंकों के द्वारा डिक्लाइन चार्ज लगाया जाता है.
इसके अलावा बैंक ऑफ़ बड़ोदा अपने एटीएम कार्ड पर भी हर साल फीस चार्ज करता है, यह फीस अलग-अलग डेबिट कार्ड के लिए अलग-अलग होती है, इसको डीकार्डफी (Dcardfee) फीस कहा जाता है.
बॉब डेबिट कार्ड | चार्ज और टैक्स | चार्ज |
---|---|---|
रुपे प्लैटिनम | ₹250 + ₹45 GST | = 295 Rs |
विजा क्लासिक | ₹150/ + ₹27 GST | =177 Rs |
विजा प्लैटिनम | ₹250 + ₹45 GST | = 295 Rs |
मास्टर कार्ड क्लासिक | ₹150/ + ₹ 27 GST | =177 Rs |
मास्टर कार्ड प्लैटिनम | ₹250 + ₹ 45 GST | = 295 Rs |
एसबीआई, एक्सिस और एचडीऍफ़सी बैंक में डीसीसीएचजी चार्जेज
अगर आपके बैंक अकाउंट में ट्रांजैक्शन करने के लिए पर्याप्त राशि नहीं है लेकिन फिर भी आप ट्रांजैक्शन करते हैं, तो डिक्लाइन चार्ज बैंक के द्वारा काटे जाते हैं, यह चार्ज ₹20 से ₹25 प्रति ट्रांजैक्शंस के लिए कांटे जाते हैं.
उदाहरण के लिए आपके बैंक अकाउंट में ₹5000 है लेकिन आप ₹5500 एटीएम के द्वारा निकालने की कोशिश करते हैं, तो पर्याप्त राशि न होने के कारण पैसे नहीं निकलेंगे और आपके बैंक अकाउंट से पेनल्टी फीस कटी जाएगी.
एसबीआई बैंक: अगर पर्याप्त राशि न होने के कारण एसबीआई बैंक अकाउंट में ट्रांजैक्शन डिक्लिन होता है तो एसबीआई ₹20 साथ में जीएसटी चार्ज करता है.
एक्सिस बैंक: इंसफिशिएंट फंड आपके बैंक अकाउंट में न होने के कारण एक्सिस बैंक ₹25 पर ट्रांजैक्शन चार्ज करता है.
एचडीएफसी: एचडीएफसी बैंक के डेबिट कार्ड से किसी भी दूसरे डोमेस्टिक एटीएम से या इंटरनेशनल एटीएम से पैसे विद्रोह करने की कोशिश करते हैं लेकिन आपके पास पर्याप्त राशि नहीं होती है, तो आपसे एचडीएफसी बैंक ₹25 + उपयुक्त टैक्स चार्ज करेगा.
एटीएम डिक्लाइन चार्ज क्या होता है?
जिस तरह से आप पेमेंट करने पर पर्याप्त राशि न होने पर डिक्लाइन चार्ज लगता है, इसी तरह हम एटीएम के द्वारा पैसे विद्रोह करते हैं लेकिन हमारे अकाउंट में पर्याप्त राशि नहीं होती है तो बैंक हमसे एटीएम डिक्लाइन चार्ज ता काटता है.
डिक्लाइन चार्जेज क्यूँ लगते है
● कस्टमर के बैंक अकाउंट में अगर पर्याप्त राशि नहीं है पेमेंट करने के लिए लेकिन फिर भी वह करता है तो उसे डिक्लाइन चार्ज लगता है.
● पेमेंट करने से पहले पेमेंट की जानकारी डालनी होती है अगर वह गलत डाल दी गई है तो पेमेंट डिक्लाइन हो सकती है जिससे आपको डिक्लाइन चार्ज देना पड़ सकता है.
● अगर बैंक आपकी पेमेंट फ्रॉड एक्टिविटी समझती है, तो बैंक आपके पेमेंट को डिक्लाइन कर सकती है.
● अगर अकाउंट की क्रेडिट लिमिट पार करने के बाद भी पेमेंट किए जाते हैं तो उन पेमेंट्स को डिक्लाइन किया जाता है.
● कभी-कभी टेक्निकल इश्यूज की वजह से भी आपकी पेमेंट्स डिक्लाइन हो सकते हैं.
● चेक में सिग्नेचर अलग होने की वजह से पेमेंट डिक्लाइन हो सकती हैं.
● चेक को भरते वक्त गलत जानकारी डालने से, डिक्लाइन चार्ज लगता है.
● चेक को पूरी तरीके से न भरने पर भी डिक्लाइन चार्ज लगता है.
● केवाईसी पूरी न करने पर कुछ अकाउंट्स होल्ड पर रहते हैं.
● ऑनलाइन पेमेंट करते वक्त डेबिट कार्ड की गलत जानकारी इंटर करने पर डिक्लाइन चार्ज लग सकता है.
● आपके लो इंटरनेट कनेक्शन या फिर पेमेंट गेटवे के नेटवर्क इश्यूज की वजह से भी पेमेंट डिक्लाइन होती है.
● कार्ड की एक्सपायरी डेट होने के बाद भी, कार्ड का इस्तेमाल करने पर पेमेंट डिक्लाइन होती है.
● जो अकाउंट्स ब्लॉक्ड होते हैं या क्लोज होते हैं, जिनको फ्रीज़ किया जाता है उनसे ट्रांजैक्शन नहीं किया जासकता.
● अज्ञात फॉरेन ट्रांजैक्शंस, सिक्योरिटी के लिए ब्लॉक किए जाते हैं.
डिक्लाइन चार्ज कितना होता है
डिक्लाइन चार्ज अलग-अलग बैंकों के लिए अलग-अलग होता है, लेकिन अक्सर यह ₹20 से ₹25 के बीच हो सकता है, इसमें टैक्स शामिल नहीं है. कुछ बैंक एक फिक्स अमाउंट लेते हैं, हर डिक्लाइन ट्रांजैक्शन के लिए और कुछ बैंक डिक्लाइन ट्रांजैक्शन अमाउंट का एक फिक्स्ड परसेंटेज अमाउंट चार्ज करते हैं, आपके बैंक द्वारा डिक्लाइन चार्ज कितना लिया जाता है यह आपको अपने बैंक से पता करना चाहिए.
डिक्लाइन चार्जेज से कैसे बचे
● डिक्लाइन चार्ज से बचने के लिए यह सुनिश्चित करें कि आपके बैंक अकाउंट में उतनी राशि हो जितनी आप पेमेंट करना चाहते हैं.
● ट्रांजैक्शन करने के लिए आप जब भी पेमेंट डिटेल डालें तो जानकारी एक्यूरेट है या नहीं, दोबारा वेरीफाई जरूर करें.
● जब भी आप चेक भरे उसमें सिगनेचर मिसमैच नहीं होने चाहिए, अमाउंट को शब्दों में और नंबर्स में सही से लिखे, चक में सारी जरूरी जानकारी डालनी होगी एक भी आप नहीं छोड़ सकते .
● जब भी बैंक अकाउंट खोलें तो हर एक या दो महीने में अपने बैंक अकाउंट में ट्रांजैक्शंस करते रहें, या अपनी पासबुक अपडेट करें ताकि आपका बैंक अकाउंट एक्टिव रहे,
बैंक अकाउंट इन-एक्टिव होने पर ट्रांजैक्शंस नहीं होते. अकाउंट को एक्टिवेट करने के लिए बैंक ब्रांच जाकर केवाईसी अपडेट करें.
ज़रूरी सवालें
1 साल में कितना एटीएम चार्ज लगता है?
1 साल में कितना एटीएम चार्ज लगेगा यह अलग-अलग बैंकों के लिए अलग-अलग चार्ज होता है.
एटीएम में ज़रिये ज्यादा से ज्यादा कितने ट्रांजैक्शन फ्री होते है?
अक्सर बैंक महीने के पांच विड्रोल (Five withdrawals) पर कोई चार्ज नहीं लगाते, लेकिन इसके बाद के हर एटीएम विड्रोल पर चार्ज लगाया जाता है.
डिक्लाइन चार्ज और डिक्लाइन ट्रांजैक्शन में क्या अंतर है?
ऊपर बताए गए किसी भी करण की वजह से आपका ट्रांजैक्शन नहीं होता है तो इसे डिक्लाइन ट्रांजैक्शन कहते हैं, ट्रांजैक्शन डिक्लाइन होने की वजह से बैंक जो फीस चार्ज करते हैं उसे डिक्लाइन चार्ज कहा जाता है.
मुझे कितने डिक्लाइन चार्जेस लगेंगे क्या इसकी कोई लिमिट है?
जी नहीं, बैंक आपके अकाउंट से कितनी बार डिक्लाइन चार्ज लगाएगा, इसकी कोई लिमिट नहीं है.
क्या डिक्लाइन चार्ज रिफंडेबल होते हैं?
डिक्लाइन चार्ज अक्सर रिफंडेबल नहीं होते हैं, यानी इन्हें वापस नहीं किया जाता है.
एसबीआई बैंक ₹295 क्यों काटता है?
जब आप किसी बैंक से लोन लेते हैं या दूसरे इंस्टीट्यूशन से लोन लेते हैं, तो आपको उसकी ईएमआई हर महीने भरनी होती है, अगर ईएमआई (EMI) डिडक्ट करने के समय आपके बैंक अकाउंट में पर्याप्त राशि नहीं होती है, तो वह ईएमआई ईएमआई फेल हो जाती है, जिसकी वजह से एसबीआई पेनल्टी के तौर पर ₹295 आपके अकाउंट से कटता है. जब जब ईएमआई ईएमआई फेल होती रहेगी एसबीआई बैंक आपके अकाउंट से यह अमाउंट काटता रहेगा.