आज हम जानेंगे Printer kitne prakar ke hote hain और types of printer in hindi, इनसे जुडी सारि ज़रूरी चीजों को जानेंगे, अगर कोई Printer खरीदना चाहता है अपने घरके लिए या ऑफिस के लिए तो इस आर्टिकल को पढने के बाद वह सहीं फैसला ले लेपायेगा,
किस प्रिंटर मे हाई quality होती है किस्मे लो quality, कौनसा सस्ता होता है और कौनसा महेंगा, कौनसा प्रिंटर किस काम अता है, आदि, चलिए देखते है Printer kitne prakar ke hote hain.
Printer Kya Hai

प्रिंटर का definetion है, एक elctromechanical आउटपुट डिवाइस जो computers से डाटा को लेता है और hard copies बनाता है जैसे texts और पेपर पर ग्राफ़िक. बहुत सारे नये प्रिंटर 2D और 3D printing के साथ आते है. 2D प्रिंटिंग यानि पेपर पे text या graphics प्रिंट करना और 3D प्रिंटिंग यानि three-dimentional प्रिंट करना फिजिकल चीजों पर जैसे T-shirts, plastic, shoe, mug, आदि.
प्रिंटर को पेपर पर प्रिंट करने के command देने के लिए कंप्यूटर से कनेक्ट किया जाता है. कंप्यटर सिस्टम से प्रिंटर को कनेक्ट करने के बहुत सारे रास्ते है जैसे Wi-Fi और USB. जिन प्रिंटर को बिना wire के wifi दुअरा कनेक्ट किया जा सकता है उन्हें वायरलेस प्रिंटर कहते है और जिनको computers से कनेक्ट करने के लिए वायर कि ज़रूरत होती है उन्हें Wired Printers कहते है जो USB से कनेक्ट होते है.
Printer Kitne Prakar Ke Hote Hain
प्रिंटर के अलग अलग प्रकार होते है उनके अकार, काम और फायदों के हिसाब से लेकिन सारे Printers को दो प्रमुख प्रकार मे बाटा जा सकता है, Impact Printer और Non-Impact Printer मे.

Impact Printers
Impact printers यानि ऐसे प्रिंटर जिनमे एक तरह का हम्मर होता है जो प्रिंट हेड से जादा हुआ होता है. जब प्रिंटर को चालू किया जाता है तो hammer print head को इंक रिबन मे धखेलता है. प्रिंट हेड मे अलग अलग अक्षर होने के कारण ये ink ribbon को पास मे रखे पेपर पर सहीं अक्षर लिखने मे मदद करता है.
ज़यादातर Impact Printers, प्रिंटिंग इमेजेज और graphics के लिए नहीं होते है या मेल नहीं खाते है. इन प्रिंटर मे electromechanical components का इस्तेमाल होता है जिससे बहुत जियादा आवाज़ निकलती और आजकल के प्रिंटर के मुकाबले काम भि धीरे करते है. ये प्रिंटर आज के ज़माने के लिए बहुत पुराने बनगए है. लेकिन इनका खर्चा कम है इसलिए बहुत जियादा प्रिंटिंग करने के लिए सहीं है.
Impact Printer ke prakar hai:
- Dot Matrix Printers
- Daisy Wheel Printers
- Drum Printers
- Line Printers
- Band Printers
- Chain Printers.
◉ Dot-Matrix Printers

इसको Pin printers भि कहा जाता है जिसे 1957 मे release किया गया था IBM के दुअरा फिर 1970 मे Sentonix के दुअरा सबसे पहले Dot-Matrix Impact Printer को बनाया गया, Inject और laser Printer के मुकाबले इसे कम इस्तेमाल किया जाता है,
कियोंकि इसकी Printing speed कम होती है और image कि quality भि लो होती है, लेकिन फिर भि कुछ field मे इनका इस्तेमाल होता है जैसे package delivery companies और Autopart stores मे. इसे Amazon पर देखसकते है.
फायदें | नुकसान |
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इसका Printing और Maintenence का खर्चा कम होता है. | इसमें जब Pin ribbon को हिट करती तो बहुत आवाज़ अति है. |
दुसरे के मुकाबले ये सस्ता और आसानी से मिलजाता है. | जिसका हमने कहा इसकी quality low है और printing speed slow है. |
इसमें किसी भि प्रिंट के carbon copies भि निकाल सकते है. |
Non-Impact Printers
Non-Impact Printers मे कोई hammer नहीं होता जो print head को ink ribbon मे धखेल सके और नाही ये printers ink ribbon का इस्तेमाल करते है प्रिंट करने के लिए. इसके बदले ये printers अलग अलग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते है जैसे laser, inkjet, chemical, electrostatic और xerographic. ये printers एक हि वक़्त मे full-page प्रिंट करने मे सक्षम है इसलिए non-impact printers को page printers भि कहा जाता है.
Non-Impact Printers ke prakar hai:
- Inkjet Printers
- Thermal Printers
- Laser Printers.
◉ Inkjet Printer

Inkjet Printer सबसे जियादा घरों और business के दूसरा इस्तेमाल किये जाते है इसमें magnetic plate के ज़रिये Ink को paper पर छिड़का जाता है और इसमें, stabilizer bar, ink Cartridge, print head, आदि जैसे चीज़े होते है,
Ink cartridge मे जमा होती है और अलग अलग colour के documents के लिए एक अलग catridge इस्तेमाल होता है, इन printers मे vivid colours कि मदद से high quality के picture बनाने कि क्षमता होती है, दुसरे printers के मुकाबले ये सस्ते और इस्तेमाल करने मे आसान होते है, प्रिंटर कितने प्रकार के होते हैं उनमे से ये पहला प्रकार था. Amazon से खरीद सकते है.
फायदें | नुकसान |
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Inkjet Printers high quality के picture दे सकते है. | Highlighter Marker को ये printers allow नहीं करते. |
इस्तेमाल करने मे आसान और fast होते है, | Print करने के लिए जियादा वक़्त ले सकते है. |
ये printers warm up के लिए time नहीं लेते है. | कभि कभि catridge खाली होने का गलत warning बताता है. |
◉ Thermal Printers
Thermal Printers को Electro Thermal Printer भि कहा जाता है इसे Jack Kilby ने बनाया था, इस मे गरम pins का इस्तेमाल किया जाता है पेपर पर image बनाने के लिए, इस तरह के printers इन जगहों पर इस्तेमाल किये जाते है जैसे, Healthcare, Grocery, Entertainment, Airline, Industries और banking आदि मे,
ये Printers कम पैसों मे आते है और fast print करते है, इन Printers के साथ लगातार काम किया जा सकता है कियोंकि इसमें catridge और ribbon को बदलने कि ज़रूरत नहीं होती. Thermal Printers को Amazon से खरीद सकते है.
फायदें | नुकसान |
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Thermal Printers को office मे भि इस्तेमाल किया जाता है कियोंकि इन printers मे आवाज़ नहीं होती. | Printing के वक़्त बहुत जियादा heat कि वजह से print head को नुकसान पहुच सकता है, अगर print head टूटता है तो उसे repaire करना होगा या नया खरीदना होगा. |
जैसा के हमने कहा सस्ते और fast होते है. | Standard printers कि तरह thermal printer अच्छे colour print नहीं करसकते. |
इसको इस्तेमाल करने पर ribbon और catridge बदलने का समय बचता है. |
◉ Laser Printer
1971 मे laser printer को बनाया गया था इसके बाद Gary Starkweather ने इसे develop किया, text और images को print करने के लिए इस printer मे Non-Impact Photocopier technology का इसेमल होता है,
जब भि इसको कोई document मिलता है print करने के लिए तो ये printer document को laser beam के ज़रिये Selenium-coted drum पर उतारता है electric charges कि मदद से, ज़यादातर laser printer monochrome मे printing करसकते है और monochrome laser printer दस गुना सस्ता होता है colour laser printers से. Laser Printer को Amazon से खरीद सकते है.
फायदें | नुकसान |
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Laser Printer मे document जल्दी print होते है. | इसको जियादा voltage कि ज़रूरत होती है. |
इस Printer मे paper कि capacity भि जियादा होती है. | Laser Printers को warm up कि ज़रूरत होती है. |
Inject Printers के मुकाबले मे ये कम महँगा होता है. |
दुसरे Popular Printers है?
◉ All In One Printer / Multi-function
इस device को multifuction printer भि कहते है कियोंकि ये printer बहुत सारे काम करसकता है जैसे scanning, printing, copying और fixing. इन Printers को कम budget वाले business इस्तेमाल करते है ताके काम जियादा हो और पैसे कम खर्चा हो, इस printer को computer के साथ connect करना बहुत ज़रूरी है wire के साथ या wireless तरीके से. यहाँ पर best All in one Printer खरीद सकते है.
फायदें | नुकसान |
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इसको खरीदने से पहले पैसा कम लगता है कियोंकि इसको खरीदने के बाद सारे devices को खरीदने कि ज़रूरत नहीं होती. | ये printers ‘first in first out rule’ पर निर्भर होते है, सारे काम line मे अटक सकते है, Machine slow हो सकती है और आपको wait करना पड़ सकता है. |
तीन चार devices जितना electricity consume करते उससे कहीं जियादा कम ये एक multifuction printer खर्च करता है यानि इससे आपका power भि कम खर्च होगा. | जब multifuction printer बंद होजाता है या टूट जाता है तो इसके सारे काम रुक जाते है जैसे coping, fixing, printing. |
ऑफिस और घरों मे इसका इस्तेमाल करने से आपकी बहुत सारि जगह बचती है कियोंकि Office चार devices जियादा जगह लेते है और इसमें सारे काम होते है. | Multifuction printers का maintenance खर्चा जियादा होता है कियोंकि ये Ink fast इस्तेमाल करता है दुसरे के मुकाबले. |
Multifuction Printer laser और दुसरे printers से जियादा fast होता है और कुछ multifuction printers print document को send भि करसकते है और copy भि करसकते है. |
◉ 3D Printers

Printing technology मे सबसे अच्चा अविष्कार 3D printers को माना जाता है जिसे Chunk Hull ने 1984 मे बनाया था, इसमें quality resolution कि मदद से किसी भि चीज़ का 3D object बना सकते है, इसमें इन चीजों का इस्तेमाल होता है जैसे polymers, plastic metal alloy और खाने कि चीज़े भि, 3D printers को archeology, biotechnology, aerospace और dentistry आदि. इसे Amazon से खरीद सकते है.
फायदें | नुकसान |
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इसकी printing quality अच्छी होती है. | इसका initial cost बहुत होता है. |
इसमें user खुद 3D printers बना सकते है, | इसमें जियादा materials नहीं होते. |
इसमें object को बनाने के लिए बहुत सारे shapes और giometry मिलते है. | 3D Printers कि technology अभि developing technology है. |
इसमें जियादा energy खर्च होती है. |
◉ LED Printers
LED Printer, Laser printer कि तरहा हि होते है, इन printers मे ink, drum, और fuser system का इस्तेमाल होता है, ये printers non-impact type मे आते है, इसमें printing के लिए laser कि बजाये light निकलती हुई diode का इस्तेमाल होता है, इस printer को 1989 मे OKI के दुअरा बनाया गया था.
फायदें |
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LED Printer को बनाने मे कम कर्चा होता है laser printer के मुकाबले. |
इन printers से मोटे 3D चीजों पर भि printing करसकते है. |
◉ Sublimation Printers
ये Printer भि heat का इस्तेमाल करता है ink से printing करने के लिए, इसमें सबसे पहले special paper पर ज़रूरी चीज़े print करता है फिर उस paper को heating condition मे लाता है जिससे paper कि ink gas बनकर object या fabric पर print हो जाती है, T-shirts, socks, आदि जैसे fabric जिसमे polymars material होता है इनपर print करने के लिए sublimation printers का इस्तेमाल होता है लेकिन natural fabric के लिए ये काम नहीं करता है जैसे silk और cotton.
◉ Plotter
Plotter hardware machine होते है जिसे सबसे पहले Remington-Raid ने 1953 मे बनाया था, इसे vector graphic को print करने के लिए बनाया गया है, इसमें ink और toner कि जगह pencil, pen marker जैसे driving tool का इस्तेमाल होता है, Plotter के भि type होते है जैसे, Inkjet plotter, flatbed plotter, cutting plotter, Electrostatic plotter और drum plotter.
फायदें | नुकसान |
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इसमें template और pattern को disk मे save करते है. | Plotter दुसरे printers के मुकाबले महेंगे होते है. |
इसके ज़रिये एक pattern हज़ार बार उतार सकते है. | Plotter को रखने के लिए जगह भि बहुत लगती है. |
Plotter के ज़रिये दो feet और इससे भि जियादा बड़े sheet पर print करसकते है अच्छे quality मे. | |
Aluminium, steel, plywood, plastic, sheet और flat sheet material पर print करसकते है. |
Printer खरीदने से पहले ये जानलें
घर के लिए या office के लिए printers खरीदने से पहले हमें इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- सबसे पहले printer का खर्चा हमारे budget मे होना चाहिए और printer को खरीदने के बाद के खर्चो को भि देखे जैसे पेपर, maintenance costs, toner और cartridges. इसके अलावा आपके चुने गये printer के ‘total cost per page printing’ भि calculate करे.
- Printer technology कौन सी है ये देखे कियोंकि technology का असर printer के performance, quality पर पड़ता है. आजके समय मे laser और inkjet printer नयी technology है. Inkjet printers घर के या छोटे office काम के लिए ठीक है और Laser printer’s businesses के लिए सहीं है.
- Printer कि speed बहुत मायने रखति है, Printer एक minute मे कितने pages print कर सकता है ऐसे printer कि speed callculate कि जाती है. अक्सर एक मिनट मे 5 से 10 pages के बीचमे speed होती है. Printer कि Speed बहुत चीजों पर depend है जैसे full graphical pages या सिर्फ text, low DPI या high DPI है, monochrome print करते है या colour print, आदि. Speed के मामले इस समय सारे printers मे laser printer आगे है जोकि महेंग भि है.
- Printer Ink और Toner इस्तेमाल करता है या नहीं ये भि देखे.
- Printing quality भि बहुत ज़रूरी होती है, Printer कि resolution DPI ‘dots per inch’ से मेजर किया जाता है जितना जियादा DPI उतनी अच्छी printing quality.
सबसे अच्चा Printer कौनसा है?
आपके लिए best printer कौन सा होगा ये आपके ज़रूरत और budget पर निर्भर है. लेकिन जब घर या छोटे office के कामों के लिए printer कि ज़रूरत होती है तो Inkjet Printer और Dot-Matrix Printer सहीं रहता है और जब commercial इस्तेमाल के लिए printer खरीदना चाहते है तो Multifunction Printer, 3D Printer और LED Printer सहीं होता है, कियोंकि ये printers fast भि है और इनकि quality भि अच्छी है.
People Also Ask
1. Inkjet Printer और Laser Printer मे क्या फर्क है?
1. Inkjet printer laser printer से कम expensive होता है कियोंकि inkjet printer मे बार बार ink बदलना पड़ता है.
2. Laser printer सुखे ink को इस्तेमाल करता है और inkjet printer गीले ink को इस्तेमाल करता है.
3. अगर paper गिला होगा तो inkjet printer blur print करता है और laser printer blur print नहीं करता.2. 3D printers कैसे काम करता है?
इस printer मे computer-edit device 'CAD' होता है अब जो object printer मे डाला जाता है उस object का CAD मे prototype बनाया जाता है, फिर इस prototype को STL stereolithography को भेजा जाता है, Printer मे इस prototype को process किया जाता है फिर इसे recreate किया जाता है.
Conclusion
ये बात याद रखे के printer कि operating speed को PPM (pages per minute) मे मेजर किया जाता है और printers के resolution को DPI (dots per inch) मे मेजर किया जाता है, यानि printer कि जितनी जियादा PPM और DPI होगी उतनि अच्छी printer कि परफॉरमेंस और print quality होगी.
आज हमने जाना के प्रिंटर कितने प्रकार के होते हैं, Types of printer in hindi, Impact Printer kitne prakar ke hote hain और Non-impact प्रिंटर कितने प्रकार के होते हैं, प्रिंटर के प्रकार के फायदे और नुकसान क्या है आदि,
आशा है आपको इस ‘प्रिंटर कितने प्रकार के होते हैं’ का जवाब मिलगया होगा कुछ पूछना है तो कमेंट करे और दूसरों शेयर करे ताके दूसरों को भि पता चले के printer kitne prakar ke hote hain, हमारा ये आर्टिकल ‘Printer ke prakar’ यहीं समाप्त होता है
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