जानें Software Kitne Prakar Ke Hote Hain और सॉफ्टवेयर के प्रकार?

आज हम जानेंगे के software kitne prakar ke hote hain, एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर क्या होता है और सिस्टम सॉफ्टवेयर क्या होता है, सिस्टम सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं, आदि.

इस आर्टिकल मे आपको इन सारे सवालों के जवाब मिलजायेंगे, चलिए देखते है Software ke prakar, सॉफ्टवेयर कोड और इंस्ट्रक्शन का कलेक्शन होता है जो हमें कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल, आदि चलाने मे मदद करता है इसके बिना कंप्यूटर मे ज़रूरी काम नहीं करसकते है,

Software Kitne Prakar Ke Hote Hain?

सॉफ्टवेयर के दो प्रकार होते है एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर और सिस्टम सॉफ्टवेयर, चलिए देखते है सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं:

  1. System Software
  2. Application Software.

System Software

सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के हार्डवेयर और यूजर को कनेक्ट करता है यानि कंप्यूटर दुसरे सॉफ्टवेयर को, हार्डवेयर को और यूज़र को सिस्टम सॉफ्टवेयर जोड़े रखता है, सिस्टम सॉफ्टवेयर के हार्डवेयर को इस्तेमाल नहीं किया जासकता,

आसान भाषा मे कहे तो कंप्यूटर के इंटरनल कामों को करने के लिए और कंप्यूटर हार्डवेयर को कंट्रोल करने के लिए सिस्टम सॉफ्टवेयर कि ज़रूरत है, कंप्यूटर हार्डवेयर जैसे स्टोरेज डिवाइसेस, प्रिंटर्स, मॉनीटर्स, आदि,

सिस्टम सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और यूजर के बीच कम्यूनिकेट कराता है कियोंकि हार्डवेयर मशीन लैंग्वेज को समजता है और वहीँ apps इंसानों कि भषाओं मे काम करते है जैसे हिंदी, इंग्लिश, जर्मन आदि. इसलिए सिस्टम सॉफ्टवेयर का काम होता है के इंसानों कि लैंग्वेज को मशीन लैंग्वेज मे कन्वर्ट करना और मशीन लैंग्वेज को इंसानों कि लैंग्वेज मे कन्वर्ट करना.

सिस्टम सॉफ्टवेयर के Features:

  • सिस्टम सॉफ्टवेयर स्पीड होता है इसकी वोर्किंग स्पीड अच्छी होती है,
  • सिस्टम सॉफ्टवेयर को अक्सर लो-लैंग्वेज मे लिखा जाता है,
  • सिस्टम सॉफ्टवेयर यूजर से कम इंटरैक्टिव करता है एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के मुकाबले,
  • सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर सिस्टम से नज़दीक होता है,
  • सिस्टम सॉफ्टवेयर को डिजाईन करना और समजना मुश्किल है.

System Software ke Prakar?

सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं- perfectalex.in

चलिए देखते सिस्टम सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं, सिस्टम सॉफ्टवेयर के तीन प्रकार होते है ऑपरेटिंग सिस्टम, लैंग्वेज प्रोसेसर, डिवाइस ड्राईवर.

Operating System

कंप्यूटर सिस्टम का सबसे ज़रूरी प्रोग्राम ऑपरेटिंग सिस्टम होता है, जब भि कंप्यूटर ऑन (on) होता है सबसे पहला सॉफ्टवेयर जो मेमोरी मे लोड होता है वो ऑपरेटिंग सिस्टम है,

कंप्यूटर के सारे रिसोर्सेज को मैनेज करता है जैसे हार्ड डिस्क, प्रिंटर, मेमोरी, सीपीयू, आदि. यूजर को कंप्यूटर सिस्टम से जोड़ने का काम ये सॉफ्टवेयर करता है, ऑपरेटिंग सिस्टम के उधारण है माइक्रोसॉफ्ट विंडोज, एप्पल मैकओएस, लिनक्स आदि. 

Language Processor

ये सॉफ्टवेयर इंसानों कि भाषा को मशीन लैंग्वेज मे कन्वर्ट करता है और मशीन लैंग्वेज को इंसानों कि भाषा मे, इसके अलावा लैंग्वेज प्रोसेसर हाई लेवल कि प्रोग्रामिंग लैंग्वेज जैसे सि, सि++, जावा, पाइथन आदि को आसान इंस्ट्रक्शन मे कन्वर्ट करता है ताके मशीन समज सके.

Device Driver

ये एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो डिवाइस को कंट्रोल औए मैनेज करने के इस्तेमाल किया जाता है जैसे प्रिंटर, माउस, मॉडेम आदि, इन डिवाइस को कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए डिवाइस ड्राईवर कि ज़रूरत होती है,

यानि जब भि आप नया डिवाइस अपने कंप्यूटर से कनेक्ट करते है तब आपको उस डिवाइस के डिवाइस ड्राईवर सॉफ्टवेयर को भि इंस्टाल करना होगा ताके कंप्यूटर समाज सके उस डिवाइस से कैसे काम लिया जाये.

Application Software

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर किसी ख़ास काम के लिए बनाया जाता है और ये फंक्शन कंप्यूटर के बेसिक कामों से जियादा होता है इसे एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कहते है,

आसान भाषा मे कहें तो एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर यूजर के काम को ख़तम करने के लिए बनाया जाता है, एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के उधारण है स्प्रेडशीट, इन्वेंटरी, डाटाबेस मैनेजमेंट, पेरोल प्रोग्रामस, आदि.

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के Features:

  • एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को समजना और डिजाईन करना आसान है,
  • इस तरहा के सॉफ्टवेयर के लिए जियादा स्टोरेज कि ज़रूरत होती है कियोंकि साइज़ जियादा होता है,
  • एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर बहुत काम के होते है और हर ज़रूरी काम के लिए इसे इस्तेमाल किया जा सकता है जैसे स्प्रेडशीट, वर्ड प्रोसेसिंग, ईमेल आदि.
  • एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को अक्सर हाई-लेवल लैंग्वेज मे लिखा जाता है,
  • यूजर के लिए बहुत इंटरैक्टिव होता है और इस्तेमाल करने मे भि आसान होता है.

Application Software ke prakar?

सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं (Software ke prakar)

चलिए देखते है एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं, एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के भि तीन प्रकार है जनरल पर्पस सॉफ्टवेयर, कस्टमाइज्ड सॉफ्टवेयर, यूटिलिटी सॉफ्टवेयर,

General Purpose Software

जनरल पर्पस सॉफ्टवेयर: इस तरहा के सॉफ्टवेयर बहुत सारे कामों के लिए बनाये जाते है और किसी एक काम के लिए नहीं बनाये जाते, उधारण: एमएस-वर्ड, एमएस-एक्सेल, पॉवरपॉइंट आदि.

Customized Software

Customized Software: इस तरहा के एप्लीकेशन किसी एक काम के लिए बनाये या डिजाईन किये जाते है, या फिर किसी एक आर्गेनाईजेशन के लिए डिजाईन किये जाते है, उधारण: रेलवे रिजर्वेशन सिस्टम, इनवॉइस मैनेजमेंट सिस्टम, एयरलाइन रिजर्वेशन सिस्टम आदी.

Utility software

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर: इन सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर सिस्टम को सपोर्ट और प्रोटेक्ट करने के लिए बनाया जाता है, यूटिलिटी सॉफ्टवेयर सिस्टम को एनालाइज करने के लिए, मेन्टेन करने के लिए, ऑप्टिमाइज़ करने के लिए और ज़रूरतों को पूरा करने के लिए बनाया जाता है,

इनके उधारण है Antivirus, मेमोरी टेस्टर, डिस्क रिपेयर, रजिस्ट्री क्लीनर्स, डिस्क स्पेस एनालाइजर, डिस्क फ्राग्मेंटर आदि. अब आपको पता चलगया होगा के एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं.

System Software vs Application Software

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयरसिस्टम सॉफ्टवेयर
ये सॉफ्टवेयर कंप्यूटर सिस्टम फंक्शनिंग काम नहीं अता कियोंकि किसी एक काम के लिए बनाया गया होता है,ये सॉफ्टवेयर सिस्टम फंक्शनिंग मे बहुत बड़ा रोल निभाते है इसलिए इन्हें सिस्टम सॉफ्टवेयर कहा जाता है,
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को रन करने के लिए सिस्टम सॉफ्टवेयर कि ज़रूरत है,इसको को रन करने के लिए किसी कि ज़रूरत नहीं होती
यूज़र के बहुत इंटरैक्टिव सॉफ्टवेयर होता हैयूज़र के लिए कम इंटरैक्टिव सॉफ्टवेयर होता है,
ये सॉफ्टवेयर यूज़र कि ज़रूरतों को पूरा करने के लिए या किसी एक काम को पूरा करने के लिए डिजाईन किया जाता हैये सॉफ्टवेयर कंप्यूटर सिस्टम को मैनेज करने के लिए डिजाईन किया जाता है जैसे प्रोवेस मैनेजमेंट और मेमोरी, आदि.
इन सॉफ्टवेयर को हाई लैंग्वेज मे लिखा जाता है.इन सॉफ्टवेयर को लो लैंग्वेज मे लिखा जाता है.

कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के फायदे?

अगर हम बिज़नेस कि बात करे के बिज़नेस मे सॉफ्टवेयर का इतना इस्तेमाल कियों होता है? ताके अपने कोम्पेतिटरस से अलग दिखे और अपने क्लिन्ट से अच्चा कनेक्शन बना पाए, आजकल सॉफ्टवेयर के मदद से क्लाइंट को अच्छी सर्विस डी जाती है और सारे डाटा को भि अनालिज़ करसकते है,

इस डाटा कि मदद से बहुत सारे मुश्किले आसान होजाती है, इतने सारे फायदों को देखकर आज हर छोटे बड़े बिज़नेस के पास एक सॉफ्टवेयर होता है अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए, सॉफ्टवेयर कि वजह से प्रमोशन करसकते है,

अपने एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को हर जगह प्रमोट करसकते है जिसकी वजह से sales बढ़ते है और सर्विसेज बढ़ते है, इन सॉफ्टवेयर कि मदद से कस्टमर से फीडबेक ले सकते है उनके ओपिनियन जान सकते है, वेब साईट या एप्लीकेशन कि मदद से इंगेजमेंट भि बडता है.

People Also Ask

  1. 1. सॉफ्टवेयर क्या है?

    सॉफ्टवेयर कलेक्शन ऑफ़ कोड या इंस्ट्रक्शन है, जिसे हम देख या छु नहीं सकते है, बिना सॉफ्टवेयर के कंप्यूटर को इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, सॉफ्टवेयर को बनाने के लिए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखनी पड़ती है.

  2. 2. सिस्टम सॉफ्टवेयर का क्या काम होता है?

    सिस्टम सॉफ्टवेयर का कंप्यूटर सिस्टम को मैनेज, कंट्रोल करने का होता है और हार्डवेयर और यूजर के बीच कनेक्शन भि सिस्टम सॉफ्टवेयर कि वजह से बनपाता है.

3. क्या कीबोर्ड एक सॉफ्टवेयर है?

नहीं, कीबोर्ड एक सॉफ्टवेयर नहीं है कियोंकि कीबोर्ड एक हार्डवेयर है और कंप्यूटर का इनपुट डिवाइस है.

4. सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं?

सॉफ्टवेयर के दो प्रमुख प्र कर होते है:

  • System software
  • Application software

5. गेमस किस प्रकार के सॉफ्टवेयर मे आते है?

गेम्स किसी एक काम के लिए डिजाईन किये जाते है इसलिए ये एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर मे आते है.

6. सॉफ्टवेयर का मतलब क्या होता है उधारण के साथ?

बहुत सारे Instructions के group को सॉफ्टवेयर कहसकते है, कियोंकि सॉफ्टवेयर हि है जो कंप्यूटर को इंस्ट्रक्शन देता है बताता है के क्या काम करना है, कंप्यूटर बिना हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर के काम नहीं करसकता है कंप्यूटर चलाने के लिए दोनों का होना ज़रूरी है. उधारण: MS Word, पॉवर पॉइंट, Excel, ब्राउज़र, आदि.

Conclusion

Software Kitne Prakar Ke Hote Hain

आज हमने जाना के सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं, सॉफ्टवेयर के फायदे, एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर क्या होता है, सिस्टम सॉफ्टवेयर क्या होता है, सिस्टम सॉफ्टवेयर के प्रकार और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के प्रकार, आदि,

आशा है आपको अपने सारे सवालों के जवाब मिलगये होंगे और भि कुछ पूछना ये कहना होतो कमेंट करे और दूसरों को शेयर करे ताके दूसरों को भि पता चले के सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं, हमारा ये आर्टिकल ‘सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं’ यहीं समाप्त होता है.

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