SIP Meaning in Hindi। SIP Full Form, फायदें, शुरू कैसे करें?

परिचय

क्या आप म्यूच्यूअल फण्ड में प्रवेश कररहे है और आपको सिप क्या है पता नहीं SIP meaning in hindi जानना चाहते है या SIP full form in hindi जानना चाहते है तो आप सहीं जगह आये है।

SIP एक निवेश करने का तरीका है जिसे म्यूच्यूअल फण्ड ने शुरू किया है, इसमें पहले से तय किये गये समय मे एक फिक्स अमाउंट इन्वेस्ट करना होता है म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम मे।

ये अमाउंट आमतौर पर हर महीने इन्वेस्ट होता है, लेकिन ये समय कुछ केसेस में हर हफ्ते, हर 6 महीने या हर साल भी हो सकता है। SIP के सिस्टम को आप इस तरह समज सकते है के जैसे recurring deposit मे एक विशेष तरीक पर फिक्स्ड अमाउंट डिपाजिट किया जाता है।

पिछले कुछ सालों से SIP भारत मे बहुत मशहूर हो रही है ख़ास करके नौजवान लोगों मे कियोंकि आज के समय मे इन्वेस्टिंग प्लेटफार्म की वजह से कोई भी कम से कम 500 रुपे से भी शुरू कर सकता है, इन्वेस्टिंग को एक अच्छी आदत बना सकते है discipline के साथ।

SIP मे इन्वेस्ट करके के लिए हर बार खुदसे वक़्त देना और मेहनत करने की ज़रूरत नहीं है, SIP हर महीने आपके बैंक अकाउंट से डायरेक्ट ऑटोमेटिकली deduct करली जाएगी। चलिए आसान भाषा मे SIP full form in hindi क्या है जानते है।

Table of contents

म्यूच्यूअल फण्ड सिप क्या है । SIP Meaning in Hindi

म्यूच्यूअल फण्ड सिप क्या है । SIP Meaning in Hindi

SIP यानि सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान। ये एक इन्वेस्टमेंट करने का रास्ता है जिसे म्यूच्यूअल फण्ड ऑफर करता है। SIP ख़ास करके उन investors के लिए है जो इन्वेस्टिंग शुरू करना चाहते है पर उन्हें पता नहीं है के कैसे और कहां से शुरू करें?

म्यूच्यूअल फण्ड के दुआरा इस SIP मे बहुत सारे schemes होती है जिन्मे एक निवेशक फिक्स्ड अमाउंट को regular-intervals के बाद निवेश करता है, ये समय हर महिने में एक बार हो सकता है, हर तीन महीने या हर साल भी ये समय हो सकता है और वो lump sum में भी इन्वेस्ट कर सकता है।

SIPs से कोई भी व्यक्ति कम से कम 500 रुपीस से भी इन्वेस्ट करना शुरू कर सकता है। इस प्रोसेस को आप बैंक से ऑटोमेट भी कर सकते है। इंडियन म्यूच्यूअल फण्ड इन्वेस्टर मे SIP इसलिए पोपुलर है कियोंकि इसमें इन्वेस्ट करने के बाद उनहे शेयर मार्केट की टाइमिंग और वोलाटिलिटी की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।

SIP जो म्यूच्यूअल फण्ड ऑफर करता है ये इन्वेस्टमेंट की दुनिया में आने का सबसे अच्चा रास्ता हो सकता है। SIPs आपके लिए सबसे बेस्ट तब बन सकती है जब आप young age से इन्वेस्ट करना शुरू करते है। SIP के केस में आप जितना जल्दी शुरू करेंगे उतना आपके लिए अच्चा होता है। अपने end returns को बढाने के लिए आपको जल्दी शुरू करने की ज़रूरत है।

सिप फुल फॉर्म इन हिंदी । SIP Full Form in Hindi

SIP full form in hindi है ‘सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान’ (Systematic Investment Plan). Mutual funds ने सिप को सुविधा देने के लिए ऑफर करते है ताके investors छोटा अमाउंट भी हर महीने दे सके जो lump sums मे इन्वेस्ट नहीं कर सकते है।

जो लोग एक साथ पैसे इन्वेस्ट नहीं कर सकते है उनके लिए SIP मे हर महीने या तय किये गये समय मे हर बार इन्वेस्ट करने की सुविधा होती है।

उधारण के लिए आप सिप में हर महीने इन्वेस्ट कर सकते है मिनिमम 500 रुपीस भी, आपको हर बार खुद से इन्वेस्ट करने की ज़रूरत नहीं है बैंक आपके अकाउंट से पैसे निकालकर SIP फाइनेंसियल सिस्टम मे ट्रान्सफर करता है, SIP में इन्वेस्ट करने के लिए इन्वेस्टर के बैंक अकाउंट से ऑटोमेटिकली पैसे deduct होते है, इस पेमेंट Nach सिस्टम कहते है।

SIP एक तरह का इन्वेस्टमेंट प्लान है जिसमे छोटे investors equal और रेगुलर payments करते है अपने चुने हुए स्कीम। ये सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान से आप पैसे जमा करके regularly small amount की पेमेंट कर सकते है ताके आप long-term मे अच्छे returns का फायदा उठा सके।

इसे डॉलर-कोस्ट अवेरागिंग (dollar-cost averaging) भी कहते है। DCA स्ट्रेटेजी से बहुत सारे इन्वेस्टर इन्वेस्ट करते है अच्छी कैलकुलेशन और डिस्कशन होने के बाद।

इस प्लान में investors को fixed अमाउंट देना होता है जो की शेयर और यूनिट पर डिपेंड नहीं होता है। जब शेयर्स का दाम कम होता है तो investors जियादा शेयर खरीदते है और जब दाम जियादा होता है तो शेयर्स कम खरीदते है।

सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान शोर्ट-टर्म नहीं होता ये एक पैसिव इन्वेस्टमेंट है कियोंकि इसमें इन्वेस्टर्स हर दिन डीलिंग और इन्वेस्टमेंट फैसले नहीं लेते है।

आसान शब्दों में कहे तो आपको लगातार पैसे add करने होते है फिर चाहे स्कीम कैसे भी परफॉर्म कररही हो। इसलिए आप कितना gain किये है ये आपको ट्रैक करने की ज़रूरत होती है।

जैसे ही आप अपने desired टारगेट को पाते है तो आपको अपने इन्वेस्टमेंट प्लान के बारेमे दोबारा सोचना चाहिए और उसे मॉडिफाई करना चाहिए।

इसमें स्ट्रेटेजी एक ज़रूरी रोल नभाते है, इसलिए नए स्ट्रेटेजीज try करें और ऐसे स्ट्रेटेजी को अपनाये जिसमे अटेंशन देने की ज़रूरत पड़ती हो ताके आप अपने पैसे को जल्दी grow कर सके। ये भी ज़रूरी है के बड़े फौसले लेने से पहले आप अपने फॅमिली, दोस्त या experts से कंसल्ट करे।

SIP की परिभाषा । Definition of SIP in Hindi

सिप का मतलब है सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान जो की एक इन्वेस्टमेंट करने का तरीका है जिसे म्यूच्यूअल फण्ड ऑफर करता है, जिसमे इन्वेस्टर एक फिक्स्ड अमाउंट को रेगुलर इन्वेस्ट करते रहता है, ये समय हर हफ्ते, महीने या हर साल हो सकता है।

एक साथ पैसे इन्वेस्ट करने के बदले वह SIP का चुनाव करते है। ये अमाउंट कम से कम 500 रुपीस भी हो सकता है। SIP के ज़रिये आप ऐसे market-linked funds/schemes मे इन्वेस्ट कर सकते है जिनको फण्ड houses जैसे म्यूच्यूअल फंड्स, इन्सुरांस कम्पनीज दुसरे फाइनेंसियल इंस्टिट्यूशन ऑफर करती है।

SIP Kya Hai उधारण से समझे?

SIP Kya Hai उधारण से समझे

उधारण के लिए अगर अआप एक SIP शुरू करते है म्यूच्यूअल फण्ड ‘A’ मे हर महीने 5000 हज़ार रुपे इन्वेस्ट करने है। म्यूच्यूअल फण्ड की current value (NAV) है 50 रुपे per यूनिट, यानि आपको फण्ड के 100 यूनिट प्राप्त हुए।
इस टेबल से समझे:

MonthInvestment amountPresent valueUnits allocatedTotal units
0Rs. 5,000Rs. 50100100
1Rs. 5,000Rs. 40125125+100 = 225
2Rs. 5,000Rs. 52.695225+95 = 320
3Rs. 5,000Rs.10050320+50 = 370
4Rs. 5,000Rs. 8558370+58 = 428

इसी तरह म्यूच्यूअल फण्ड एक NAV (present unit value) पर निर्भर है के कितने units हर महीने बदलेंगे, और कितने आपके पोर्टफोलियो में ऐड होंगे। NAV मे बदलाव का असर आपके इन्वेस्टमेंट अमाउंट पर भी पड़ता है। यानि SIP मार्केट वोलाटिलिटी के रिस्क को कम करने में मदद करता है और आपके लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट goals को पूरा करने में मदद करता है।

सिप अकाउंट क्या है । What is SIP Account in Hindi?

सिस्टेमेटिक प्लान इन्वेस्टमेंट शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको SIP अकाउंट की ज़रूरत पड़ती है। जब आप ये तय करते है के SIP में इन्वेस्ट करेंगे तो ये तय करें के आप कैसे इन्वेस्ट करेंगे।

आप एक फिक्स्ड अमाउंट हर महीने या हर तीन महीने में या हर हफ्ते इन्वेस्ट कर सकते है या lump sum मे भी इन्वेस्ट कर सकते है। SIPs में इन्वेस्टर्स के अकाउंट से जुड़े सेविंग अकाउंट से एक फिक्स्ड अमाउंट deduct करलिया जाता है और चुने हुए म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट किया जाता है, ये आप खुद कर सकते है या बैंक को हर महीने ऑटोमेटिकली पैसे deduct करने की परमिशन दे सकते है।

ये भी याद रखे के एक साथ बहुत सारे फंड्स में इन्वेस्ट न करें, आमतौर पर तीन से चार फंड्स काफी होते है एक इन्वेस्टर के लिए इन्वेस्ट करने के लिए और लगातार अच्छे returns बनाने के लिए।

सिप के लिए डाक्यूमेंट्स?

SIP मे निवेश करने के लिए और डीमेट अकाउंट बनाने के लिए कुछ डॉक्यूमेंट बेहद ज़रूरी होते है, म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने के लिए ज़रूरी डाक्यूमेंट्स है:

  • आधार कार्ड
  • Pan कार्ड
  • बैंक अकाउंट,
  • बैंक स्टेटमेंट,
  • पासपोर्ट साइज़ फोटो।

ये सारे डॉक्यूमेंट होना ज़रूरी है एसआईपी मे इन्वेस्ट करने के लिए और डीमैट अकाउंट बनाने के लिए। म्यूच्यूअल फण्ड मे भी निवेश करने से पहले आपको KYC कम्पलीट करनी होगी, इसके बिना आप ऑनलाइन या ऑफलाइन इन्वेस्ट नहीं कर सकते है।

SIP मे मुझे क्यूँ इन्वेस्ट करना चाहिए । Why Should I Invest in SIP in Hindi

SIP मे मुझे क्यूँ इन्वेस्ट करना चाहिए । Why Should I Invest in SIP in Hindi

जैसे SIP का मतलब है ‘सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान’ इसका मतलब भी बिलकुल येही है। चलिए आम आदमी Ajay के उधारण से समजते है।

Ajay एक 32 साल का अकाउंटेंट है, जो किराय के घर में रहता है अपनी बीवी और एक 4 साल की पयारी बेटी के साथ। अजय के फाइनेंसियल goals है के आने वाले 20 सालों मे वह घर, कार लेंगे और बेटी की शादी करेंगे, इसलिए उसने सिर्फ bonds मे इन्वेस्ट किया है।

जब हम उसके भविष में आते है तो उसने जो bonds से हासिल किया था वो उसके फ्यूचर खर्चो के लिए काफी नहीं है, यानि वो अपने फाइनेंसियल goals को पाने में असमर्थ है। इसके पीछे दो बड़े कारन है:

  • ये सच है के इन्फ्लेशन returns से जियादा तेज़ी से बढती है, इसलिए उसकी सेविंग आखिर मे आकर बहुत कम होगई।
  • अगर वह बांड्स की जगह equity सिक्योरिटीज मे इन्वेस्ट करते तो वह जियादा रिटर्न कमा सकते थे।

इसमें अजय ये कहके justify करेगा के बोंड्स मे इन्वेस्ट करके उसने safe खेला है। लेकिन फिर भी सवाल येही है के वह झटके से बचते हुए अच्छी ग्रोथ के लिए उसे क्या करना चाहिए?

अजय अपने फाइनेंसियल goals को पूरा करने के लिए SIP मे इन्वेस्ट कर सकता है यानि सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान कर सकता है। ये आपके लिए भी वजह हो सकती है अपने वित्तीय लक्षों के लिए सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान खरीद सकते है।

SIP मे कब इन्वेस्ट करना चाहिए । When Should I Invest in Hindi

SIP मे कब इन्वेस्ट करना चाहिए । When Should I Invest in Hindi

SIP इन्वेस्टमेंट को आप कभी भी शुरू कर सकते है, ये सुनिक्षित करते हुए के कम से कम रिस्क हो और इन्वेस्टर के लिए सूटेबल स्कीम प्लान का चुनाव कर सकते है।

अपने लॉन्ग-टर्म goals के लिए कौनसी प्लान सहीं होगा इन्वेस्टर्स को वो चुनना चाहिए। कोई ऐसा फिक्स समय नहीं है के इन्वेस्टर को कब SIP शुरू करनी चाहिए,

हाँ लेकिन अपनी ज़िन्दगी मे जितना जल्दी शुरू करेंगे उतना अच्चा होगा कियोंकि आपके पास जियादा समय होगा जिससे जियादा returns मिल सकते है, यानि जितना जल्दी शुरू करेंगे उतना आपके लिए अच्चा होगा।

SIPs के प्रकार । Types of SIP in Hindi

SIPs के प्रकार । Types of SIP in Hindi

क्या आप कंफ्यूज है के कितने प्रकार के SIPs होते है? चलिए देखते है SIPs के चार मेन प्रकार कौनसे है:

Top-Up SIP

जब आप अपने करियर मे अच्छी पोजीशन मे होते है और जियादा पैसा कमाने लगते है तो तब आपको टॉप-अप SIP फैसिलिटी का इस्तेमाल करना चाहिए अपने इन्वेस्टमेंट्स को बढाने के लिए। इस SIP मे आप तय किये गये समय पर पैसे बढ़ा सकते है।

यानि उधारण के लिए अगर आप की SIP है जिसमे हर महीने 3000 रुपीस इन्वेस्ट करना है तो हर 6 महीने के बाद इसमें 1000 रुपीस add होते रहेंगे। यानि SIP शुरू होने के 6 महीने बाद 1000 रुपे ऐडहोंगे जिससे 4000 रुपे होंगे और फिर 6 महीने के बाद 5000 रुपे होंगे, ये सिलसिला ऐसे भी आगे बढेगा।

Perpetual SIP

जब आप Perpetual SIP को शुरू करते है, तो इसमें end date नहीं होती यानि इसमें कितने समय तक इन्वेस्ट करेंगे समय तय नहीं किया जाता है। Investments तब तक ऐसे ही चलती रहेगी जब तक आप इसे खुद बंद करना नहीं चाहेंगे। आप जब भी इसे रोकना चाहे रोक सकते है।

Flexible SIP

जैसा इसका नाम है ये SIP आपको बहुत सुविधा देती है, इस तरह की SIP मे आप अपने इन्वेस्टमेंट अमाउंट को अपने इच्छा या cash flow से कम या जियादा कर सकते है। हालाँकि SIP की शुरुवात में एक फिक्स्ड अमाउंट तय किया जाता है लेकिन ये अमाउंट flexible होता है इसे बदला जा सकता है। SIP ऑनलाइन करने पर रास्ता और आसान बनता है।

Trigger SIP

Trigger SIP को अनुभवी निवेशक इस्तेमाल करते है। ये SIP उनके लिए ही है, वह सिप को चुन सकते है triggers से। यानि वह SIP पर ट्रिगर सेट कर सकते है जिससे वह ऑटोमेटिकली एक स्कीम से दुसरे स्कीम पर जा सकते है जब मार्केट वोलेटाइल होगी।

अब आपको समज आया होगा के SIPs के कितने प्रकार होते है और कैसे काम करते है। लेकिन क्या आपको पता है के SIP कैसे शुरू करते है इसकेलिए आगे पढ़े।

SIP इन्वेस्टमेंट कैसे शुरू करें । How to Start SIP Investment in Hindi

SIP इन्वेस्टमेंट कैसे शुरू करें । How to Start SIP Investment in Hindi

1. अपने फाइनेंसियल goals को तय करें– आपके वित्तीय लक्ष्य क्या है आपको पता होना चाहिए- और उसे आप हासिल कर सके ऐसे होने चाहिए।

2. टाइमलाइन तय करें– आपको फ्यूचर में कब पैसों की ज़रूरत है तय करें, इसे इन्वेस्टमेंट tenure कहते है।

3. आपको कितना इन्वेस्ट करने की ज़रूरत है ये तय करें– SIP calculator का इस्तेमाल करके ये तय करें के आप को अपने वित्तीय लक्ष को पाने के लिए कितना इन्वेस्ट करना चाहिए।

4. स्कीम का चुनाव करें: अपने फाइनेंसियल एडवाइजर से कंसल्ट कर सकते है और ऐसा प्लान चुनें जो आपके ज़रूरतों को पूरा करें।

4. AMC चुनें या ब्रोकर चुनें– ये सारे स्टेप पुरे करने के बाद आपको AMC (Asset Management Company) को चुनना होगा जैसे SBI म्यूच्यूअल फण्ड, ICICI Prudential Mutual Fund, HDFC म्यूच्यूअल फण्ड, आदि. आप इनकी वेबसाइट पर जाकर रजिस्टर करके स्कीम/प्लान चुन सकते है.

AMC के अलावा आप ब्रोकर से डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलकर भी म्यूच्यूअल फण्ड मे SIP से इन्वेस्ट कर सकते है, इसमें अपने ब्रोकर के प्लेटफार्म पर लॉग इन करके म्यूच्यूअल फण्ड सेक्शन मे जाकर अपनी तय की गयी स्कीम को सर्च करें और SIP से इन्वेस्ट करना शुरू करें।

इन्वेस्ट करने के लिए पुराना मेथड ‘पोस्ट-डेटेड चेक’ का इस्तेमाल कर सकते है या ECS और Nach सिस्टम का इस्तेमाल कर सकते है, जिसमे ऑटोमेटिकली बैंक आपके अकाउंट से पैसे deduct करलेगा और वो पैसे SIP में इन्वेस्ट हो जायेंगे।

म्यूच्यूअल फण्ड मे SIP इन्वेस्ट करने के बाद आप कभी भी उन्हें ट्रैक कर सकते है अपने पोर्टफोलियो में। अगर आपको डीमैट अकाउंट क्या है और कैसे खोलें जानना है तो हमरे आर्टिकल पढ़े।

SIP कैसे काम करती है । How Mutual Fund SIP works in Hindi

SIP कैसे काम करती है । How Mutual Fund SIP works in Hindi

चलिए विस्तार से जानते है के SIP कैसे काम करता है:

1. एक म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम को सेलेक्ट करें।

SIP सेट अप करने का सबसे पहला स्टेप है म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम तय करना। म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम सेलेक्ट करने से पहले आपको अच्छी रिसर्च करनी चाहिए और अपने रिस्क टॉलरेंस और फाइनेंसियल goals को ध्यान में रखकर चुनना चाहिए। बहुत सारे म्यूच्यूअल फण्ड के मौजूद है जैसे equity funds, डेब्ट फंड्स और बैलेंस्ड फंड्स, इन सबके अपने अलग फायदे और रिस्क होते है।

2. इन्वेस्टमेंट frequency और कितना अमाउंट इन्वेस्ट करोगे ये तय करें।

अच्छे से रिसर्च करके म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम तय करने के बाद दूसरा स्टेप है, आप कितना अमाउंट करना चाहते है या कर सकते है उसे तय करें और इस इन्वेस्टमेंट की frequency क्या होगी ये भी तय करें, यानि कितने समय के बाद आप इन्वेस्टमेंट करोगे, सबसे कॉमन frequency, ख़ास करके सैलरी वाले investors के लिए monthly frequency होती है कियोंके उन्हें सैलरी भी हर महीने ही मिलती है।

हांलांकि अगर आपके पास दूसरी frequency चुनने की वजह है तो आप दुसरे frequency को भी सेलेक्ट कर सकते है जैसे weekly, हर तीन महीने में, हर 6 महीने में या हर साल की frequency भी चुन सकते है।

3. म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम के लिए SIP सेट अप करें।

जब आप म्यूच्यूअल फण्ड तय करते है तो SIP को set up करना आसान होगा। SIP को सेट अप करने के लिए आपको फॉर्म भरन होगा या अपनी पर्सनल और फाइनेंसियल जानकारी देना होगा। आटोमेटिक पैसे बैंक से deduct करने के लिए बैंक अकाउंट की जानकारी की ज़रूरत होती है।
ऑनलाइन करने के लिए आप जिस AMC (Asset Management Company) से म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम मे इन्वेस्ट करना चाहते है उनके प्लेटफार्म जायें रजिस्टर करें, KYC कम्पलीट करे और SIP सेट अप करें।

4. आटोमेटिक पैसे इन्वेस्ट होते है।

एक बार SIP सेट अप होने के बाद आपके बैंक अकाउंट से ऑटोमेटिकली पैसे deduct हो जाते है और SIP मे इन्वेस्ट हो जाते है। आपने जो बैंक अकाउंट रजिस्टर किया होगा उसी बैंक से पैसे हर महीने deduct होते रहेंगे, जब आपके पैसे डेबिट होजाते है कुछ समय बाद आपको acknowledgment मिलेगा के आपके पैसे इन्वेस्ट हुए है।

इस acknowledgment में कितने units आपको allot हुए है NAV के हिसाब इसकी जानकारी होगी, हर महीने आपके पैसों से जो म्यूच्यूअल फण्ड के units खरीदे जाते है वह हर महीने एक जैसे नहीं आयेंगे कियोंकि NAV (net asset value) हर दिन बदलता रहता है।

5. SIP मे हमें सिर्फ इन्वेस्ट करना होता है।

जब आप SIP की मदद से इन्वेस्ट करते है तो आपको ये चिंता करने की ज़रूरत नहीं होती के आपके पैसे कैसे हैंडल किये जा रहे है। कियोंकि SIPs को experts की टीम दुआरा मैनेज किया जाता है, जिनको fund managers कहते है।

ये लोग प्रोफेशनल होते है अपने काम में, इनके पास मार्केट की जानकारी होती है, वह मार्केट के अलग अलग एरियाज में रिसर्च करके और एनालाइज करके इन्वेस्ट करते है। आप जैसे इन्वेस्टर्स म्यूच्यूअल फण्ड मे इन्वेस्ट करते है उन्ही पैसों को एनालाइज करके मार्केट मे इन्वेस्ट किया जाता है।

6. SIP में इन्वेस्ट करने के बाद अकाउंट में म्यूच्यूअल फण्ड units क्रेडिट होते है।

म्यूच्यूअल फण्ड में जब कोई इन्वेस्टर इन्वेस्ट करता है तो उसे म्यूच्यूअल फण्ड units allot होते है, इन Units मे स्टॉक्स, bonds, शोर्ट-टर्म डेब्ट जैसे बहुत सारे सिक्यूरिटी होते है, इतने सारे सिक्योरिटीज मे इन्वेस्ट करने से आपका पोर्टफोलियो diversify होता है यानि रिस्क भी सब में बटते है।

आपके इन्वेस्टमेंट tenure होने तक सारे units आपके अकाउंट मे जमा होते रहते है और हर महीने number of units अलग अलग allot होते है कियोंकि ये NAV वैल्यू पर डिपेंड होता है। जब आप इन units को redeem करते है तब उनकी वैल्यू आपके अकाउंट मे क्रेडिट होती है। SIPs के दो सिंधान होते है जिनपर को काम करती है जोकि है Rupee cost averaging और Compounding.

7. Rupee Cost Averaging को जानें।

SIPs से आप मार्केट volatility से बच सकते है। जब मार्केट ऊपर जाता है तो investors को कम units मिलते है और जब market निचे जाता है, तब investors को जियादा units मिलते है। इससे तरह SIPs आपके रिस्क को कम से कम करते है और ये सुनिक्षित करते है के कम average cost में units को खरीद सके।

8. Compounding की शक्ति को जानें।

आपने कभी कभी ‘Power of Compounding’ सुना होगा, हम रेगुलरली पैसे जमा करते है लॉन्ग-टर्म के लये तो इसका असर compounding पर बहुत ही अच्चा होता है।

इसे एक उधारण से समजते है:

L एक यक्ति है जो अपने 50th जन्मदिन के लिए इन्वेस्टिंग शुरू करता है अपने 30 साल की उम्र मे। हर महीने 1000 रुपीस इन्वेस्टमेंट पर 7% returns मिलेगा ये मान लीजिये। यानि L व्यक्ति के टोटल इन्वेस्टमेंट और returns मिलाकर 5,28,000 होता है।

अब मान लीजिये Y एक व्यक्ति है जो अपने 50th जन्मदिन के लिए इन्वेस्टमेंट शुरू करता है अपनी 20 साल की उम्र मे। इसका इन्वेस्टमेंट भी हर महिना 1000 हर महिना है और इसका return रेट भी 7% है। व्यक्ति Y का टोटल इन्वेस्टमेंट और returns मिलाकर 12,27,087 बनता है।

L व्यक्ति के इन्वेस्टमेंट वैल्यू को double भी करेंगे तो भी Y यक्ति की इन्वेस्टमेंट वैल्यू जियादा है। कियोंकि Y ने अपनी इन्वेस्टिंग जियादा समय के लिए की है और सबसे ज़रूरी बात उसने young age मे इन्वेस्टिंग शुरू की इसलिए वह अपने इन्वेस्टमेंट को इतना grow करसका है।

अंत में ये बात पता चलती है के नियमित (regularly) रूप से long-term मे इन्वेस्टमेंट करते है तो बहुत अच्छे returns मिल सकते है।

9. अपनी इन्वेस्टमेंट्स को ट्रैक करें।

इन्वेस्टमेंट करने के बाद आप अपने इन्वेस्टमेंट के परफॉरमेंस को मॉनिटर कर सकते है ये आप म्यूच्यूअल फण्ड अकाउंट से कर सकते है और अपने AMC वेबसाइट से कर सकते है, इसके अलावा आप अपने SIP मे बदलाव भी कर सकते है जैसे इन्वेस्टमेंट अमाउंट को बढ़ाना या कम करना या SIP मैंडेट को रोकना किसी भी वक़्त ये आपके SIP किस प्रकार की है उसपर भी डिपेंड है।

SIP के फायदे और नुकसान । Advantages and Disadvantages of SIP in Hindi

SIP के फायदे और नुकसान । Advantages and Disadvantages of SIP in Hindi

SIP एक flexible और affordable इन्वेस्टमेंट आप्शन है।

आप कम अमाउंट मे भी SIP की शुरुआत कर सकते है और वक़्त के साथ जैसे जैसे आपकी इनकम या सैलरी बढ़ेगी वैसे ही आप अपने इन्वेस्टमेंट अमाउंट को बढ़ा सकते है। हालांके ये ज़रूरी है के अच्छे returns के लिए long-term मे इन्वेस्ट करना होगा लेकिन ये compulsary नहीं है।

आप कभी भी अपने इन्वेस्टमेंट को रोक सकते है अपने मर्ज़ी से। इसके अलावा आप अपने इन्वेस्टमेंट अमाउंट को भी कम जियादा इन्वेस्ट कर सकते है अपने काश-फ्लो के मुताबिक, इसलिए SIP सबसे जियादा flexible है।

Entry और Exit के लिए कोई चार्जेज नहीं होते है।

जब आप SIP मे इन्वेस्ट करते है फिर अगर आप अपने इन्वेस्टमेंट रिटर्न से संतुष्ट नहीं है आप SIP को कभी भी रोक सकते है और अपने सारे पैसे withdraw कर सकते है बिना किसी पेनल्टी के, ये रूल अलग अलग AMC के लिए अलग हो सकता है.

आपका टाइम बचता है।

ECS या Nach सिस्टम इनेबल करके आप अपना बहुत सारा टाइम बचा सकते है, यानि इन सिस्टम से आप बैंक को अनुमति देते है, बैंक आपके अकाउंट से ऑटोमेटिकली पैसे deduct करता है और इन्वेस्ट करने के लिए पैसे आपके AMC को देता है। यानि आपको पैसे सेंड करने की भी ज़रूरत नहीं है बस आपके बैंक अकाउंट मे उतने पैसे होने चाहिए समय पर।

स्ट्रेस फ्री रहते है।

मार्केट के उतार-चडाव से घबराने की ज़रूरत नहीं पड़ती है जैसे म्यूच्यूअल फण्ड या स्टॉक में इन्वेस्ट करने पर स्ट्रेस होता है। इसके अलावा आपको अपना दिमाग पर का जियादा इस्तेमाल करने की ज़रूरत नहीं पड़ती आपके सारे काम market experts करते है आपको टेंशन लेने की ज़रूरत नहीं होती।

अनुशासन से savings करने का तरीका।

SIP से इन्वेस्टिंग करना ये सबसे Disciplined तरीका है। जब कोई SIP में इन्वेस्ट करने का तय करता है तो उसे हर महीने पैसे इन्वेस्ट करने के लिए जमा करना होगा, इससे आप में पैसा जमा करने की और इन्वेस्ट करने की एक Disciplined हैबिट बनती है, जोकि ज़रूरी है अपने goals को हासिल करने के लिए। हर इंस्टालमेंट से वो यक्ति अपने फाइनेंसियल goals के करीब होता जाता है।

लॉन्ग-टर्म मे फायदें।

SIP एक ऐसा इन्वेस्टमेंट टूल है जिससे में शक्ति है के उससे लम्बे समय तक इन्वेस्ट करने पर अच्चा रिटर्न प्राप्त हो सकता है। ये सब म्यूच्यूअल फण्ड के दो प्रिंसिपल से संभव है जोकि है ‘rupee cost averaging’ और ‘compounding’।

Compounding की शक्ति ये है के आपके investments पर जो returns मिलते है उन्हें फिर इन्वेस्ट किया जाता है जोकि आगे जाकर टोटल इन्वेस्टमेंट वैल्यू अच्छे से grow हो सकती है।

SIP सेट अप करना आसान है।

सिप को सेट अप करना और मैनेज करना आसान है। इसके अलावा मैंडेट की वजह से हमारे बैंक अकाउंट से ऑटोमेटिकली इन्वेस्टमेंट अमाउंट हर महीने debit हता है, यानि आपको खुदसे हर महीने पैसे इन्वेस्ट करने की ज़रूरत नहीं पडती। ये बहुत सुविधजनक टूल है इन्वेस्टमेंट का ख़ास उन लोगों के लिए जिनके पास अपनी इन्वेस्टमेंट के लिए और उसे मैनेज करने के लिए टाइम नहीं होता है।

Diversification के फायदें।

आपने ये मुहावरा तो सुना होगा के सारे अंडे एक ही बास्केट में नहीं रखना चाहिए। अगर हम किसी एक कंपनी या किसी एक सिक्यूरिटी पूरी इन्वेस्टमेंट लगाते है तो सिर्फ उस कंपनी या वो सिक्यूरिटी के निचे आने से आपके इन्वेस्टमेंट loss में जा सकती है।इसलिए ये एडवाइस की जाती है एक हमें अलग अलग कंपनी या अलग अल्लग सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट करना चाहिए।

इसमें हमारी मदद SIP करती है कियोंकि म्यूच्यूअल फण्ड SIP मे हमारे पैसे अलग अलग सिक्योरिटीज मे लगाएं जाते है जिससे रिस्क भी उन सब में बटता है।

अलग अलग स्टॉक्स और बोंड्स में इन्वेस्ट करने से कोई एक या दो की वैल्यू घटती है तो उसका असर पुरे इन्वेस्टमेंट पर नहीं होता है। SIP इस तरह की मार्केट वोलाटिलिटी के रिस्क को कम करता है और पोर्टफोलियो को बैलेंस करने में मदद करता है.

कम रिस्क और सुरक्षित इन्वेस्टमेंट SIP से कर सकते है, कियोंकि SIP मे छोटे amounts इन्वेस्ट होते है इससे कैपिटल रिक नहीं होता जो lump sum इन्वेस्टमेंट में होता है।

आपके स्कीम को प्रोफेशनल लोग मैनेज करते है।

म्यूच्यूअल funds को trained प्रोफेशनल मैनेज करते है जिनको सालों का इंडस्ट्री अनुभव होता है। SIP से हम म्यूच्यूअल फंड्स में इन्वेस्ट कर सकते है हर महिना अपने सुविधा के अनुसार।

जब हम स्टॉक में इन्वेस्ट करते है तो हमें actively स्टॉक की परफॉरमेंस को ट्रैक करने की ज़रूरत होती है और ज़रूरी बदलाव करने की ज़रूरत होती है लेकिन SIP म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्टमेंट स्कीम को प्रोफेशनल लोग मैनेज करते है।

Compounding के फायदें।

SIP compounding के प्रिंसिपल पर काम करती है इससे इन्वेस्टर्स को अच्छे रिटर्न्स मिल सकते है, कियोंकि कोम्पौन्डिंग का मतलब है हम जो इन्वेस्टमेंट करते है उसपर जो हमें returns मिलता है, इन दोनों को फिरसे इन्वेस्ट किया जाता है, अब इस इन्वेस्टमेंट पर जो returns आयेंगे उनको फिरसे reinvest किया जाता है।

ये प्रोसेस ऐसे ही चलता रहता है टोटल इन्वेस्टमेंट वैल्यू को reinvestment किया जाता है, जिससे लॉन्ग-टर्म में हाई returns मिल सकते है। जो लोग कोम्पुन्डिंग का इस्तेमाल करके जियादा से ज़ियदा returns पाना चाहते है उन्हें अपनी early life से इन्वेस्टिंग शुरू करनी होगी।

कम इनकम वालों के लिए फायदें।

SIP की वजह ऐसे लोग भी इन्वेस्टिंग कर सकते है जिनकी इनकम कम होती है या जिनकी income कम जियादा होते रहती है। इन्वेत्सिंग करने के लिए कम से कम आप 500 रुपीस चाहिए, इससे हर कोई इन्वेस्टमेंट की दुनिया में कदम रख सकता है और आगे बढ़ सकते है।

टैक्स से जुड़े फायदें।

इन्वेस्टर्स को कुछ टैक्स से राहत मिल सकती है अगर SIP में इन्वेस्ट करते है तो जैसे Rs. 1.5 लाख सेक्शन 80C के तहेत, लॉन्ग-टर्म के कैपिटल गेन में टैक्स की छुट है, यानि एक साल से जियादा समय तक अगर हम इन्वेस्टमेंट करते है तो उसके रिजल्ट पर कोई टैक्स नहीं लगता है। इसके अलावा डिविडेंड टैक्स छुट, आदि।

SIP के नुक्सान । Disadvantages of SIP in Hindi

अगर आप SIP को मिस करते है तो नुक्सान हो सकता है।

हर महीने आपको पैसे जमा करने पड़ेंगे, कियोंकि हर महीने बैंक से पैसे कटते है और इन्वेस्ट होते है।

आपको ये मालुम होना चाहिए के इन्वेस्टमेंट की दुनियां में किसी भी इन्वेस्टमेंट में किसी न किसी लेवल का रिस्क होता ही है, हर इन्वेस्टमेंट में रिस्क होता है ये आपके ऊपर है के आप कितना रिस्क tolarate कर सकते है।

अगर एक स्टेबल इनकम सोर्स नहीं है तो मुश्किलें आ सकती है SIP में।

आपकी इन्वेस्टमेंट अच्चा परफॉर्म करेगी या नहीं ये आपके फण्ड manager’s पर डिपेंड है कियोंकि वोहीं आपके इन्वेस्टमेंट को मैनेज करते है और वोही इसे profitable बना सकते है।

कुछ म्यूच्यूअल फण्ड कम्पनीज आपसे चार्ज करती है अगर आप तय किये गये समय से पहले withdraw करते है तो, इसलिए ये साड़ी चीजें पहले जानलें।

SIP मे इन्वेस्टमेंट करने से पहले इन बातों का ध्यान रखें?

SIP मे इन्वेस्टमेंट करने से पहले इन बातों का ध्यान रखें

अपने फाइनेंसियल goals जानें।

फाइनेंसियल goals क्या है आप के ये आपको तय करना है और इसको पाने में SIP आपकी कैसे मदद करेगी। ये लक्ष्य आपके बच्चों की पढ़ाई हो सकती है, रिटायरमेंट के लिए सेविंग हो सकती है, या किसी भी आपदा से बचने के लिए फाइनेंसियल सपोर्ट आपका goal हो सकता है। अपने goals को पूरा कर सके ऐसे SIP प्लान को चुनें। आप छोटे अमाउंट से शुरुवात कर सकते है और समय के साथ अपना अमाउंट बढ़ा सकते है।

रिस्क टॉलरेंस को पहचाने।

म्यूच्यूअल फण्ड SIP इन्वेस्टिंग मे कुछ रिस्क होता ही है। इसलिए ये सुनिक्षित करे के आप कितना रिस्क ले सकते है. SIP प्लान सेलेक्ट करने से पहले उसका रिस्क मेजर करे फिर स्कीम चुनें। Equity फंड्स आमतौर पर डेब्ट फंड्स से जियादा riskier होते है।

इन्वेस्टमेंट होरिजों (Investment Horizon) तय करें।

इन्वेस्टमेंट होरिजों यानि आप आप कितने समय तक इन्वेस्टमेंट करना चाहते है, SIP आपके लिए अच्छे से काम करेगी जब आप लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट tenure मे इन्वेस्टिंग करेंगे। इन्वेस्टिंग करने से पहले आप कितने समय तक इन्वेस्ट करेंगे ये तय करलें इससे SIP tenure तय करने में मदद मिलेगी।

इन्वेस्टमेंट अमाउंट और इन्वेस्टमेंट frequency decide करें।

अपने रिस्क टॉलरेंस और फाइनेंसियल goals के मुताबिक SIP इन्वेस्टमेंट अमाउंट तय करें। ये सोचे के आप कितना पैसा हर महिना आराम से इन्वेस्ट कर सकते है। इन्वेस्टमेंट फ्रीक्वेंसी यानि आप कितने इंटरवल के बाद पैसा इन्वेस्ट करना चाहते है। हर महिना या हर हफ्ता या हर 3 या 6 साल में या हर साल में। आप अपने इनकम और खर्चों के हिसाब से तय कर सकते है के आप किसे चुनना चाहते है, आमतौर पर सैलरी वाले लोग हर महीने की इन्वेस्टमेंट frequency तय करते है।

टैक्स की जानकारी हासिल करें।

अलग अलग SIPs के लिए अलग अलग टैक्स लगते है। इसलिए आप जिस SIP में इन्वेस्ट करने वाले है उससे जुड़े टैक्स की जानकारी होनी चाहिए।

पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन पर ध्यान दें।

किसी एक फण्ड में अपना सारा पैसा इन्वेस्ट करते है तो इसे सहीं फैसला नहीं मन जाता है। हमेशा अपने इन्वेस्टमेंट को अलग अलग सिक्योरिटीज मे इन्वेस्ट करना चाहिए जैसे स्टॉक्स, बोंड्स, म्यूच्यूअल फण्ड, आदि मे। अपने पोर्टफोलियो को diversify करने से आपका रिस्क भी उन सब भी बटता है।

ऑनलाइन सिप मे निवेश कैसे करें । How to Invest SIP in Hindi

ऑनलाइन सिप मे निवेश कैसे करें । How to Invest SIP in Hindi

1. सबसे पहले म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम चुनें।

अपनी ज़रूरतों और रिस्क टॉलरेंस को मददे नज़र रखते हुए अच्छी म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम चुनें।

2. म्यूच्यूअल फण्ड प्लेटफार्म चुनें और अकाउंट खोलें।

म्यूच्यूअल फण्ड प्लेटफार्म चुनें जो SIP में इन्वेस्टमेंट ऑफर करते हो। ये प्लेटफार्म कोई भी AMC वेबसाइट हो सकती है या ब्रोकर हो सकता है, सहीं प्लेटफार्म चुनने के बाद अकाउंट ओपन करें उस प्लेटफार्म पर।

3. SIP सेट अप करें।

उस म्यूच्यूअल फण्ड प्लेटफार्म में SIP सेट अप करें। सेट अप बैंक अकाउंट की जनकारी इंटर करना, इन्वेस्ट अमाउंट तय करना और कब से SIP चालू होगी ये तय करना, आदि शामिल है।

4. अपनी पेमेंट करें।

SIP की पेमेंट करें। ये आप अपने डेबिट कार्ड से कर सकते है या मैंडेट का इस्तेमाल करके ऑटोमेटिकली बैंक अकाउंट से पैसे ट्रान्सफर कर सकते है।

5. अपनी SIP इन्वेस्टमेंट को ट्रैक करते रहे।

आपको अपनी इन्वेस्टमेंट्स को मॉनिटर करते रहना चाहिए और उनकी परफॉरमेंस रिपोर्ट को देखते रहना चाहिए।

सिप में रिस्क क्या है । Risks of SIP in Hindi

जिस तरह इन्वेस्टमेंट की दुनियां मे हर इन्वेस्टमेंट में रिस्क होता है, SIP में लम्बे समय तक इन्वेस्ट करने से रिस्क कम होता है लेकिन फिर भी थोड़े रिस्क होते है।

  • कम समय के इन्वेस्टमेंट में अच्छे returns मिलना मुश्किल है इसलिए SIP में लम्बे समय के लिए निवेश करने की सलाह दी जाती है।
  • SIP में हमें जो returns मिलते है वो मार्केट की कंडीशन पर निर्भर है।
  • FD में रिटर्न मिलने की गारंटी होती है लेकिन SIP में ऐसी कोई गारंटी नहीं होती है।
  • म्यूच्यूअल फण्ड यूनिट पर कंपनी के ग्रेड गिरने पर असर पड़ता है।

SIP और Lumsump मे क्या अंतर है । SIP vs Lumsump in Hindi

Mutual Fund में हर महीने तय किये गया समय तक पैसे इन्वेस्ट करने के तरीके को SIP कहते है। उधारण के लिए एक व्यक्ति 1000 रुपे हर महिना इन्वेस्ट करता है आने वाले पांच सालों के लिए।

Lumpsum यानि इक ही टाइम इन्वेस्टमेंट करना म्यूच्यूअल फण्ड में। आमतौर पर जिन इन्वेस्टर्स के पास बहुत सारा पैसा होता है और वह सारा पैसा इन्वेस्ट करना चाहते है तो वह उस पैसे को सिंगल म्यूच्यूअल फण्ड या अलग अलग म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करते है।

इस तरह की इन्वेस्टमेंट वो इन्वेस्टर्स करते है जिनको मार्केट कंडीशन की जानकारी होती है और उसका वह फायदा उठाना चाहते है।

क्या SIP में इन्वेस्ट करना सुरक्षित है । Is SIP Safe in Hindi

हाँ, SIP में इन्वेस्ट करना सुरक्षित है। म्यूच्यूअल फण्ड में कम अमाउंट से इन्वेस्टिंग करके लम्बे समय तक अच्चा return हासिल कर सकते है। SIP भी दुसरे म्यूच्यूअल फंड्स की तरह रिस्क से जुडी होती है और ये बिलकुल सुरक्षित है।

SIP returns को कैसे calculate करें । How to Calculate SIP in Hindi

SIP returns को कैसे calculate करें । How to Calculate SIP in Hindi

SIP returns कैलकुलेट करने के लिए आपको टोटल इन्वेस्टमेंट रिटर्न को टोटल अमाउंट इनवेस्टेड से डिवाइड करना होगा जिससे आपको इन्वेस्टमेंट returns लिकेगा।

उधारण के लिए अगर आप एक साल मे 10,000 म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करते है और आपको टोटल इन्वेस्टमेंट returns 11,000 मिलते है तो SIP return होगा (11000-10000/10000) * 100 = 10%।

अगर आप इन्वेस्टमेंट return जानना चाहते है तो बेस्ट SIP Calculator का इस्तेमाल कर सकता है। SIP कैलकुलेटर गूगल पर सर्च करें, उसके बाद कैलकुलेटर में आप हर महीने कितन इन्वेस्ट करना चाहते है ये सेलेक्ट करें, कितना रिटर्न expect करते है ये इंटर करे और कितने समय तक के लिए इन्वेस्ट करने वाले है ये भी इंटर करें आपको टोटल वैल्यू क्या हो सकती है ये दिख जायेगा।

क्या में किसी भी वक़्त SIP withdraw कर सकता हूँ?

जी हां, आप कभी भी अपनी SIP इन्वेस्टमेंट withdraw कर सकते है। लेकिन आपको taxes देने पद सकते है ये आपके इन्वेस्टमेंट टाइप और इन्वेस्टमेंट पीरियड पर निर्भर है।

SIP के फीचर क्या है । Features of SIP in Hindi

SIP के फीचर क्या है । Features of SIP in Hindi

SIPs के सबसे बेस्ट और ज़रूरी फीचर को जानते है:

★ शेयर मार्केट की बहुत कम जानकारी रखने वाला व्यक्ति भी SIPs में लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट करके फायदा उठा सकता है कियोंकि SIP को मैनेज करने वाले फण्ड मेनेजर होते है जो प्रोफेशनल और अनुभवी होते है।

★ SIPs में इन्वेस्ट करने के बाद एक इन्वेस्टर को एक्स्ट्रा टाइम देने की ज़रूरत नहीं पड़ती जब वह एक बार SIP सेट अप करते है और ऑटो-डेबिट allow करते है तो हर महीने बैंक से पैसे ऑटोमेटिकली इन्वेस्ट हो जाते है। इस फीचर की वजह से SIP को किसी भी उम्र का इन्वेस्टर इस्तेमाल कर सकता है।

★ SIP में इन्वेस्ट करने से पैसे सेविंग करने की हैबिट बनती है, हर महीने टाइम में इन्वेस्टर को पैसे जमा करने होते है। और हर SIP इन्वेस्टमेंट में उनको अपने इन्वेस्टमेंट की साड़ी जानकारी मिलती है जैसे units कितने allot हुए है, आदि।

★ SIP में compounding से अच्चा रिजल्ट मिल सकता है, compounding यानि आपके इन्वेस्टमेंट पर जो return मिलते है उसे फिरसे इन्वेस्ट किया जाता है, इसी तरह हर returns को इन्वेस्टमेंट के साथ reinvest किया जाता है जिससे आपको लॉन्ग-टर्म में अच्चा फायदा हो सकता है।

★ अपनी मर्ज़ी से आप कभी भी SIP रोक सकते है। जब कोई इन्वेस्टर SIP रोकता है तो उस पर निर्भर है के वह फिरसे उस SIP में आगे इन्वेस्ट करेगा या नहीं।

यानि जैसे FD में आपको पैसे भरने ही है लेकिन इसमें आप बिना टेंशन के पैसे इन्वेस्ट कर सकते है अगर किसी पेमेंट को छोड़ देते है तो आपको कोई fine देने की ज़रूरत है आप अगली बार पेमेंट देकर SIP कंटिन्यू कर सकते है। ये rules अलग अलग AMC कंपनी के लिए अलग अलग हो सकता है, इसलिए पहले इसकी जानकारी हासिल करलें.

SIP जल्दी शुरू करने का फायदा । Why Should You Start SIP Early

SIP जल्दी शुरू करने का फायदा । Why Should You Start SIP Early

इन्वेस्टिंग की दुनियां में ऐसा कहां जाता है के आप अपनी ज़िन्दगी की early stage में इन्वेस्टिंग शुरू करते है आप अच्चा पैसा बना सकते है लॉन्ग-टर्म में।

आप जितना जल्दी सेविंग करना शुरू करेंगे आपके पास compound के लिए जियादा समय होता है फिर चाहे आप छोटे अमाउंट सेही क्यूँ न शुरू करो आप वक़्त के साथ जियादा पैसे इन्वेस्ट कर सकते है। ये सब compouding से संभव हो सकता है।

Compounding की शक्ति ये है के आपके इन्वेस्टमेंट्स पर जो returns मिलते है उन्हें फिर इन्वेस्ट किया जाता है जोकि आगे जाकर टोटल इन्वेस्टमेंट वैल्यू अच्छे से grow हो सकती है।

इसलिए आपको जल्दी इन्वेस्टिंग शुरू करनी चाहिए, कंसिस्टेंट इन्वेस्ट करते रहना चाहिए, अपने इन्वेस्टमेंट को diversify करना पड़ेगा और अपने रिस्क टॉलरेंस को जानना होगा, सब चीजों से आप अपने फाइनेंसियल goals को हासिल कर सकते है। सिप में इन्वेस्ट करने से आपको कितना फायदा हो सकता है ये कैलकुलेट करने के लिए सिप कैलकुलेटर का इस्तेमाल करें.

डायरेक्ट प्लान मे निवेश कैसे करते है?

KYC करना ज़रूरी है डायरेक्ट प्लान में निवेश करने के लिए। सबसे पहले किसी AMC को तय करें और अपने पसंद के म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम को चुनें, अब AMC की वेबसाइट पर रजिस्टर करके KYC कम्पलीट करें, किसी भी स्कीम में इन्वेस्ट करने से पहले अपनी रिसर्च करलें।

सिप vs म्यूच्यूअल फण्ड । SIP vs Mutual Fund in Hindi

सिप vs म्यूच्यूअल फण्ड । SIP vs Mutual Fund in Hindi

SIP एक टूल या तरीका है जिससे म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्टिंग की जाती है। SIP कम अमाउंट को regularly लम्बे समय तक इन्वेस्ट करने की सुविधा देती है। SIP बैंक के recurring deposit की तरह होती है। कस्टमर कभी भी SIP को रोक सकता है और withdraw कर सकता है अगर वह ELSS के अनुरूप नहीं है। (ELSS का तीन साल का lock-in पीरियड होता है.)

Mutual Fund को बहुत सारे सिक्योरिटीज जैसे स्टॉक्स, बोंड्स फिक्स्ड इनकम या सब को मिलकर बनाया जाता है।

म्यूच्यूअल फण्ड को प्रोफेशनल तरीके से मैनेज किया जाता है फाइनेंसियल इंस्टिट्यूशन के दुआरा, वह बहुत सारे investors से पैसे लेकर स्टॉक्स, बोंड्स, या दुसरे सिक्योरिटीज मे इन्वेस्ट करते है। जो लोग जियादा मार्केट की जानकारी नहीं रखते और इन्वेस्ट करें में टेंशन नहीं लेना चाहते म्यूच्यूअल फण्ड उनके लिए है।

क्या SIP बेहतर है FD से?

क्या SIP बेहतर है FD से

आजके समय में ये सवाल बहुत पुचा जा रहा है के पुँराना तरीका FD या SIP कौनसा बेहतर तरीका है। निचे बताये गये points से आपको क्लियर हो जायेगा।

FD की तरह SIP एक इन्वेस्टमेंट सिक्यूरिटी नहीं है। ये सिर्फ म्यूच्यूअल फंड्स में systematically इन्वेस्ट करने का तरीका है। FDs मे आपको returns की गारंटी होती है लेकिन इन्फ्लेशन को मात देना मुश्किल है। वहीँ पर म्यूच्यूअल फण्ड SIPs इन्फ्लेशन को आराम से मात दे सकती है।

फिक्स्ड डिपाजिट सिर्फ रुढ़िवादी (conservative) निवेशकों के लिए है और SIP दोनों रुढ़िवादी और आक्रामक (aggressive) निवेशकों के लिए है। फिक्स्ड डिपाजिट में इन्वेस्टर्स को lump sum में इन्वेस्ट करना होता है यानि एक साथ एक समय पर एक ही बार इन्वेस्टमेंट करना होगा लेकिन सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में इन्वेस्टर्स रेगुलर छोटा पेमेंट करते है।

अगर रिस्क की बात करें तो SIP के मुकाबले FD में कम रिस्क होता है। FD में returns के तौर पर इंटरेस्ट मिलता है और SIP इन्वेस्टमेंट में returns के तौर पर dividends मिलते है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

  1. SIP Kya Hai in Hindi?

    SIP एक तरीका है इन्वेस्ट करने का म्यूच्यूअल फण्ड मे. कोई भी इन्वेस्टर SIP के ज़रिये म्यूच्यूअल फण्ड में रेगुलर इन्वेस्ट कर सकता है है महिना, हफ्ता या हर साल.

  2. What is sip investment in Hindi?

    म्यूच्यूअल फण्ड में एक साथ पैसे ना इन्वेस्ट करके एक छोटा अमाउंट हर महिना इन्वेस्ट करने को SIP इन्वेस्टमेंट कहते है. ये समय हर हफ्ता, हर महीने हर तीन महिना या साल भी हो सकता है.

  3. सिप को कोई कैसे रोकें?

    आप कभी भी SIP को रोक सकते है. इसके लिए बस आपको अपने इन्वेस्टमेंट प्लेटफार्म पर जाना है जहां से आप इन्वेस्ट करते है SIP के दुआर फिर आप उस प्लेटफार्म के इंस्ट्रक्शन को फॉलो करके SIP को cancel कर सकते है.

  4. Mutual Fund SIP kya hai?

    म्यूच्यूअल फण्ड SIP यानि म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करने का तरीका. जिसमे इन्वेस्टर्स छोटे अमाउंट consistantly हर महिना पैसे इन्वेस्ट करते है किसी म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम में, इसीको म्यूच्यूअल फण्ड SIP कहते है.

  5. SIP kya hai hindi me?

    सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान और SIP, एक फैसिलिटी है म्यूच्यूअल फंड्स की तरफ से ताके इन्वेस्टर्स disciplined तरीके से इन्वेस्ट कर सके. इसमें इन्वेस्टर्स एक फिक्स्ड अमाउंट हर महीने या हफ्ते इन्वेस्ट करते है म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम में. ये फिक्स्ड अमाउंट जो हर महीने इन्वेस्ट करना होता है ये कम से कम 500 रुपीस भी हो सकता है.

    SIP में आप कितने समय के बाद पेमेंट करना चाहते है ये आपके ऊपर है जैसे हर महीने, हर हफ्ते या हर तीन महीने या हर साल भी पेमेंट कर सकते है. म्यूच्यूअल फण्ड SIP में इन्वेस्टर्स को जियादा मेहनत करने की ज़रूरत नहीं पड़ती और एवरेज कोस्टिंग और compounding की शक्ति का फायदा उठा सकते है.

  6. भारत मे सबसे बेस्ट SIP कौनसी है?

    अपने लिए बेस्ट म्यूच्यूअल फण्ड धुंडने के लिए आपको अपनी रिस्क टॉलरेंस और इन्वेस्टमेंट goals को जानना होगा. अगर आप 7 साला से जियादा के लिए इन्वेस्ट करना चाहते है, तो Equity फण्ड SIPs सहीं हो सकते है.

    लेकिन अगर आप कम समय के लिए इन्वेस्ट करना चाहते है तो आपको डेब्ट फंड्स के लिए सोचना चाहिए. जब आप केटेगरी को तय करलेते है आप बेस्ट म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम SIP को ढूंडकर इन्वेस्ट करना शुरू कर सकते है.

  7. 5 साल के लिए बेस्ट सिप कौनसी है?

    अगर आप 7 साल से जियादा इन्वेस्ट करना चाहते है तो आपको Equity फण्ड में इन्वेस्ट करना चाहिए और अगर 5 साल के लिए इन्वेस्ट करना चाहते है तो आपको बैलेंस फंड्स का इस्तेमाल करना चाहिए यानि equity और डेब्ट का mixture.

  8. SIP kya hota hai?

    SIP इन्वेस्टमेंट करने का तरीका है जो म्यूच्यूअल फण्ड ऑफर करता है. SIP यानि सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, इससे कोई भी म्यूच्यूअल फण्ड में सिस्टेमेटिक तरीके से हर महीने इन्वेस्ट कर सकता है.

  9. क्या सिप रिस्क-फ्री है?

    अगर एक शब्द में कहूँ तो नहीं. जब आप SIP से म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करते है तो इन schemes में स्टॉक्स, बोंड्स, डेब्ट हो सकते है जो की मार्केट कंडीशन पर डिपेंड है. आपकी इन्वेस्टमेंट वैल्यू मार्केट के उतार-चडाव से कम जियादा हो सकती है.

    इन्वेस्टमेंट की दुनियां में हर इन्वेस्टमेंट से रिस्क जुड़ा होता ही है कम या जियादा. SIP से म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करने से इन्वेस्टमेंट diversify होती है जिससे रिस्क भी सब में बटता है.

  10. SBI SIP kya hai?

    SBI म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी में अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम में SIP से इन्वेस्ट करते है तो उसे SBI SIP कहते है. SBI SIP को भी आप हर महीने, हर हफ्ते या हर साल इन्वेस्ट कर सकते है. कम से अकम आप 500 रुपीस से भी SIP शुरू कर सकते है.

    अगर आपके पास SBI SIP भरके के लिए बैंक अकाउंट में पैसा नहीं होते है जिसके अकारण आप SBI SIP मिस करते है तो आपको इसके लिए फीस देनी पड़ती है जोकि 150 से 700 के बाच में होती है. इस पनल्टी से बचने के लिए, जब आपको लगे के आप इन्वेस्ट नहीं कर सकते है तब SIP को रोकें (pause).

  11. सिप मीनिंग इन हिंदी?

    सिप यानि सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान. म्यूच्यूअल फण्ड में सिस्टेमेटिक तरीके से इन्वेस्ट करने को सिप कहते है.

  12. क्या में कभी भी SIP withdraw कर सकता हूँ?

    आपके पास ये आप्शन होता है के आप SIP इन्वेस्टमेंट को withdraw कर सकते है. अगर आपको पैसों की सकत ज़रूरत पड़ती है या आप अपने SIP इन्वेस्टमेंट से संतुष्ट नहीं और किसी दुसरे बेहतर SIP स्कीम मे इन्वेस्ट करना चाहते है तो आप अपने SIP इन्वेस्टमेंट को withdraw कर सकते है.

    कुछ म्यूच्यूअल फण्ड कम्पनीज आपसे SIP withdraw करने के चार्जेज लेते है, इसलिए ये जानकारी पहले ही जानलें.

  13. क्या सिप टैक्स फ्री होता है?

    जब कोई इन्वेस्टर equity फंड्स या बैलेंस म्यूच्यूअल फण्ड schemes मे SIP के ज़रिये इन्वेस्ट करता है और ये इन्वेस्टमेंट एक साल से जियादा का हो जाता है तो ये ‘लॉन्ग-टर्म कैपिटल gains’ की केटेगरी में आता है, और एक साल से जियादा का इन्वेस्टमेंट होने पर इस पर टैक्स नहीं लगता है. यानि SIP आपके लिए टैक्स फ्री इन्वेस्टमेंट आप्शन है.

  14. SIP के नुक्सान क्या है?

    ● मार्केट के उतार-चड़ाव का असर म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम पर पड़ता है.
    ● म्यूच्यूअल फण्ड को फण्ड मेनेजर मैनेज करते है, इन्वेस्टर्स को उनपर निर्भर होना पड़ता है.
    ● इन्फ्लेशन का रिस्क होता है.
    ● जो लोग हर महीने या रेगुलरली पैसे इन्वेस्ट नहीं कर सकते है उनको दिक्कत आसक्ति है.
    ● कुछ म्यूच्यूअल फण्ड कम्पनीज आपसे SIP withdraw करने के चार्जेज लेते है, इसलिए ये जानकारी पहले ही जानलें.

  15. SIP का मिनिमम इन्वेस्टमेंट अमाउंट क्या है?

    SIP में इन्वेस्टमेंट करने के लिए कम से कम 500 रुपीस इन्वेस्ट कर सकते है और माइक्रो SIPs में ये अमाउंट 100 रुपीस भी होता है.

  16. सिप इन्वेस्टमेंट में frequency कितनी होती है?

    SIP इन्वेस्टमेंट की frequency कितनी होगी ये आपके चुनें हुए म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम पर डिपेंड है. ये अक्सर हर महीने की इन्वेस्ट होती है ख़ास करके वह लोगों के लिए जिनकी सैलरी हर महीने आती है. इसके अलावा हर हफ्ते, हर तीन महीने या हर साला की भी म्यूच्यूअल फण्ड SIPs हो सकती है.

  17. क्या मुझे SIP में loss हो सकता है?

    हाँ, इन्वेस्टमेंट की दुनियां के हर इन्वेस्टमेंट पर रिस्क होता है. अगर आपके दुआरा चुना गया म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम अच्चा परफॉर्म नहीं करता है तो आप अपने SIP पैसों में loss देख सकते है.

  18. क्या SIP tanure मे इन्वेस्टमेंट अमाउंट को बदला जा सकता है?

    SIP अमाउंट को बदलना बदला जा सकता है ये आपके म्यूच्यूअल फण्ड मेनेजर या कंपनी पर डिपेंड है. लेकिन आप नयी SIP को कभी भी शुरू कर सकते है. इसकी जानकारी पहले ही हैसल करलें.

  19. SIP tanure ख़तम होने से पहले क्या कोई SIP से पैसे निकाल सकता है?

    हाँ, आप अपने SIP इन्वेस्टमेंट tanure से पहले पैसे withdraw कर सकते है. हांलांकि, ये प्रोसेस और कंडीशन अलग अलग होसकती है ये आपके म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम पर निर्भर है.

  20. Mutual fund sip meaning in Hindi?

    म्यूच्यूअल फण्ड SIP इन्वेस्ट करने का एक तरीका है. SIP के ज़रिये म्यूच्यूअल फण्ड में हर महिना एक फिक्स्ड अमाउंट इन्वेस्ट किया जाट अहै.

  21. Mutual fund sip full form in Hindi

    म्यूच्यूअल फण्ड सिप का फुल फॉर्म है म्यूच्यूअल फण्ड सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Mutual Fund Systematic Plan).

  22. SIP full form in Share market in Hindi?

    शेयर मार्केट में SIP का फुल फॉर्म है सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान.

  23. SIP में NAV क्या होता है?

    NAV का फुल फॉर्म है ‘नेट एसेट्स वैल्यू’ आप जिस भी म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करते है उस म्यूच्यूअल फण्ड के एक यूनिट के present price को NAV कहते है.

  24. सिप में कितना रिटर्न मिलता है?

    SIP इन्वेस्टमेंट में कितना returns मिलेगा ये पूरी तरीके से आपके म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम के परफॉरमेंस पर निर्भर है. लेकिन इंडिया में सिप फण्ड को एवरेज 12% से 15% का return मिलता है, और ये कभी कभी 20% तक भी जा सकता है.

  25. सिप में कितने रूपये जमा कर सकते है?

    सिप में आप कम से कम 500 रुपीस हर महिना जमा कर सकते है.

  26. सिप के प्रकार?

    ● फिक्स्ड सिप
    ● Flexible सिप
    ● Perpetual सिप
    ● ट्रिगर सिप
    ● Top-up सिप
    ● Step-up सिप
    ● वैल्यू averaging सिप
    ● मल्टीप्ल सिप.

  27. क्या beginners के लिए SIP सहीं है?

    हाँ, SIPs इन्वेस्टमेंट बिलकुल सहीं है एक बेगिन्नेर के लिए. SIPs से beginners सिस्टेमेटिक और deciplined तरीके से इन्वेस्ट कर सकते है. वह compounding, डायवर्सिफिकेशन और कास्ट averaging का फायदा उठा सकते है.

    SIPs से म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम में पैसे लगाने से पहले इन बातों को जानें, अपने इन्वेस्टमेंट goals क्या है जानें और रिस्क टॉलरेंस जानें, फण्ड परफॉरमेंस, फी रेश्यो, इन्वेस्टमेंट फ्रीक्वेंसी, और फण्ड मेनेजर का इतिहास, आदि जैसे ज़रूरी चीजों की जानकारी हासिल करें.

  28. क्या SIP duration बढ़ सकता है?

    हाँ आप SIP duration को बढ़ा सकते है, इसके लिए आपको अपने AMC को renewal फॉर्म भरके देना होगा. पुराणी SIP का आखरी महिना ख़तम उनके बाद आप नयी SIP को शुरू कर सकते है.

  29. क्या होगा अगर में एक SIP installment नहीं भरूँगा?

    https://www.sbimf.com/sipSIP installment मिस करने पर आपको पनेल्टी लगेगी या नहीं ये आपके म्यूच्यूअल फण्ड मेनेजर पर depend है अलग अलग कम्पनीज का अलग अलग कंडीशन होती है. क्यच कम्पनीज में कोई पनाल्टी नहीं देनी होती है, कुछ में फीस देनी पड़ती है और कुछ में अगर तीन बार SIP मिस करते है तो SIP कैंसल होजाती है.

  30. Top up SIP क्या है?

    Top up SIP एक ऐसी फैसिलिटी है जिससे इन्वेस्टर अपना SIP अमाउंट को increase कर सकते है फिक्स्ड अमाउंट को add करते है, पहले से तय किये गया समय पर. उधारण के लिए अगर कोई इन्वेस्टर हर महीने 6000 रुपे इन्वेस्ट करता है तो इस फैसिलिटी से हर छे महीने में वह 1000 रुपे बढ़ा सकता है.

  31. Compounding की शक्ति क्या है?

    Compounding की शक्ति ये है के आपके investments पर जो returns मिलते है उन्हें फिर इन्वेस्ट किया जाता है जोकि आगे जाकर टोटल इन्वेस्टमेंट वैल्यू अच्छे से grow हो सकती है।

  32. क्या सिप में कोई भी निवेश कर सकता है?

    SIP में कोई भी निवेश कर सकता है, कोई भी छोटे अमाउंट या बड़े अमाउंट से इन्वेस्टिंग शुरू कर सकते है.

  33. SIP शुरू करने का सबसे सहीं समय कौनसा है?

    आप अपनी ज़िन्दगी की early stage में इन्वेस्टिंग शुरू करते है आप अच्चा पैसा बना सकते है लॉन्ग-टर्म में। आप जितना जल्दी सेविंग करना शुरू करेंगे आपके पास compound के लिए जियादा समय होता है फिर चाहे आप छोटे अमाउंट सेही क्यूँ न शुरू करो आप वक़्त के साथ जियादा पैसे इन्वेस्ट कर सकते है।

  34. SIP में इन्वेस्ट करने के लिए क्या डीमैट अकाउंट ज़रूरी है?

    नहीं, SIP में इन्वेस्ट करने के लिए डीमैट अकाउंट ज़रूरी नहीं है, आप किसी भी AMC (Asset Management Company) से रजिस्टर करके, KYC कम्पलीट करके उनके वेबसाइट से SIP म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट कर सकते है बिना डीमैट अकाउंट के.

निष्कर्ष

आज हमने जाना के sip meaning in hindi, और कैसे काम करता है SIP से जुडी साड़ी जानकारी जानले. आशा है आपको हमारा ये आर्टिकल Sip full form in hindi से कुछ जानने को मिला होगा.

SIP meaning in hindi से जुड़ा कोई सवाल होतो कमेंट करे और दूसरों को भी शेयर करे ताके उन्हें भी पता चेले के SIP meaning in hindi या SIP kya hota hai.

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