आज हम जानेंगे कि शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स, Share market tips in hindi, 50 शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स और उनका मतलब, चलिए देखते है कि पहले 100 शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स।
शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स?
1. इन्वेस्ट करने से पहले कंपनी और उसकी मैनेजमेंट टीम पर रिसर्च करें.
2. अपने पोर्टफोलियो को अलग अलग सेक्टर और इंडस्ट्रीज मे बाटे करें.
3. लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टिंग करें, शोर्ट-टर्म इन्वेस्टिंग ना करें.
4. एक क्लियर इन्वेस्टिंग स्ट्रेटेजी बनाये और उसपर हि काम करें.
5. ऐसे ग्लोबल इकनोमिक इंडिकेटर पर नज़र रखे जिससे मार्केट पर असर होसकता है.
6. हाई-रिस्क वाले स्टॉक पर बिलकुल इन्वेस्ट ना करें.
7. एक उचित एंट्री और एग्जिट स्ट्रेटेजी रखे.
8. आप्शन ट्रेडिंग के बेसिक्स को समझे.
9. अपने पास इमरजेंसी फण्ड रखे unpredictable खर्चों और बाजार में गिरावट के लिए.
10. इंटरेस्ट रेट और इन्फ्लेशन पर भि अपनी नज़र रखे.
11. इमोशनल होकर इन्वेस्ट ना करें बलके रिसर्च और एनालिसिस पर ध्यान दे.
12. जिस कंपनी मे आप इन्वेस्ट करते है उस कंपनी के फाइनेंसियल परफॉरमेंस को मॉनिटर करें.
13. एक अच्छी रिस्क मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी बनाये.
14. अलग अलग प्रकार के इन्वेस्टमेंट के रिस्क और फायदों को समझे.
15. सब्र से काम ले और impulsive खरीद या बिक्री न करें.
16. इन्वेस्ट करने के लिए जियादा लाभ पाने के लिए कभी भि उधार ना लें.
17. अपने संपत्ति को सहीं से मैनेज करने स्ट्रेटेजी रखे.
18. छोटे और बड़े एकोनिमोक इंडीकेटर्स को ट्रैक करते रहे.
19. बाहर निकलने की उचित रणनीति अपनाएं.
20. जिन शेयर्स में आप इन्वेस्ट कर रहे हैं, उनकी liquidity पर विचार करें.
21. IPOs के बेसिक को समझे.
22. इनसाइडर ट्रेडिंग और दुसरे संभावित market हेरफेर से अवगत रहें.
23. अपने सारे अंडे एक हि बास्केट मे ना रखे यानि सिर्फ एक जगह पूरी इन्वेस्टमेंट ना करें.
24. उन कंपनी मे इन्वेस्ट करने से बचे जिनका जिनका फाइनेंसियल परफॉरमेंस खराब हो और जो बहुत जियादा कर्जे मे है.
25. एक अच्छी स्टॉप-लोस स्ट्रेटेजी को अपनाये.
26. Fundamental analysis के बेसिक्स को समझे.
27. Regulatory environment से अवगत रहे.
28. बोंड इन्वेस्टिंग के बेसिक को समझे.
29. प्राइवेट एकुइटी और वेंचर कैपिटल को भि समझे.
30. शोर्ट-टर्म के प्राइस ऊपर-नीचे होने पर पूरा ध्यान ना लगायें.
31. बाजार की अफवाहों या प्रचार से बचने कि कोशिश करें, उससे प्रभावित नाहो.
32. करेंसी के उतार-चडाव कि वजह से आपकी इन्वेस्टमेंट पर क्या असर होगा विचार करें.
33. कंपनी कि फाइनेंसियल स्टेबिलिटी और कैश फ्लो पर अपनी नज़रे रखे.
34. बिहेवियरल फाइनेंस के बेसिक्स को समझे.
35. पोलिटिकल वातावरण से अवगत रहे.
36. टैक्स-सेविंग इन्वेस्मेंट विकल्पों का फायदा उठाये.
37. ग्लोबल पॉलिसीस और ग्लोबल ट्रेड का असर क्या होगा इससे अवगत रहे.
38. एक उचित इन्वेस्टमेंट योजना बनाएं और उस पर टिके रहें.
39. फाइनेंसियल मॉडलिंग के बेसिक को समझे.
40. मार्केट पर असर करने वाले राजनेतिक और रेगुलेटरी डेवलपमेंट पर नजर रखें.
41. रियल एस्टेट इन्वेस्टिंग के बेसिक को समझे.
42. टेक्नोलॉजी एन्विरोंमेंट से अवगत रहे.
43. अल्गोरिथम ट्रेडिंग के बेसिक को समझे.
44. Guidence के लिए प्रोफेशनलस or फाइनेंसियल एडवाइजर से कांटेक्ट करें.
45. कैश मैनेजमेंट के लिए अच्छे से स्ट्रेटेजी बनाये.
46. अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट के बेसिक्स को समझे.
47. पोर्टफोलियो मैनेजमेंट के बेसिक्स को समझे.
48. एक अच्छी इन्सुरंस प्लानिंग स्ट्रेटेजी रखे.
49. हॉट स्टॉक्स और मार्किट ट्रेंड का पिचा करने से बचे.
50. अपने इमोशन को कंट्रोल करें और बिना सोचे फैसले नालें.
51. इकोनोमिकल एनवायरनमेंट से अवगत रहे.
52. कंपनी के levearage और डेब्ट पर भि नज़र रखे.
53. जितना खोने पर आप बर्दाश करसकते है उतना हि इन्वेस्ट करें उससे जियादा न करें.
54. एक प्रॉपर रिटायरमेंट स्ट्रेटेजी रखे.
55. तकनीकी विश्लेषण पर बहुत अधिक भरोसा करने से बचें.
58. लालच और डर को इन्वेस्टमेंट करते समय हावी ना होने दें.
56. इन्वेस्टमेंट लक्ष्य को रीयलिस्टिक और प्राप्त कर सके ऐसे रखे.
57. जिस कंपनी मे इन्वेस्ट करते है उसके कम्पटीशन से अवगत रहे.
58. स्टॉक मार्केट मे होने वाले नये डेवलपमेंट के बारेमे जानकारी रखे.
59. स्टॉक मार्केट मे इन्वेस्टिंग के लिए जो फीस और चार्जेज लगते है उनसे अवगत रहे.
60. ETFs और म्यूच्यूअल फण्ड के बेसिक्स को समझे.
61. इंडस्ट्री ट्रेंड से अवगत रहे.
62. अच्छी टैक्स प्लानिंग स्ट्रेटेजी बनाये.
63. Derivatives की बेसिक्स को समझें.
64. अपने निवेश के साथ देसिप्लिन रहें.
65. स्टॉक मार्केट के उतार-चदाव और downturns के लिए खुदको तैयार रखे.
66. हमेशा कंपनी के वैल्यूएशन और प्राइस और earning के रेश्यो पर नज़र रखे.
67. दुनियां मे चलरहे ऐसे ट्रेंड पर नज़र रखे जिससे स्टॉक मार्केट पर असर होसकता है.
68. अपने इन्वेस्टमेंट कंपनी के विशेष डेवलपमेंट और घोषणाओं पर नज़र रखे.
69. अपने पोर्टफोलियो को बैलेंस रखें और नियमित रूप से इसकी समीक्षा और रिबैलेंस करते रहे.
70. फाइनेंसियल प्लानिंग के बेसिक को भि समझे.
71. अपने गलतियों से सीखने कि कोशिश करें और सीखकर इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी बेहतर बनायें.
72. Market capitalization को देख कर या कंपनी के स्टॉक हाई प्राइस होने पर सिर्फ ये देखकर इन्वेस्टिंग करने से बचे.
73. फाइनेंसियल स्टेटमेंट और एनालिसिस के बेसिक्स को समझे.
74. मार्केट सेंटिमेंट और इन्वेस्टर कि सेंटिमेंट पर नजर रखें.
75. कंपनी के ग्रोथ और आगे भविष्य मे कितनी प्रॉफिट कमाए गी इस पर नज़र रखे.
76. अपने स्ट्रेटेजी मे अच्छी risk-reward ratio रखे.
77. अपनी सारि संपत्ति को शेयर बाजार में न लगाएं.
78. अपने पोर्टफोलियो को diversified रखें.
79. डेब्ट और एकुइटी के बीच संतुलन बनाये रखे.
80. मार्केट साइकिल से अवगत रहे.
81. कमोडिटी ट्रेडिंग के बेसिक को समझे.
82. इनसाइडर की खरीद-फरोख्त की गतिविधियों पर नजर रखें.
83. कंपनी के देविड़ेंद इतिहास और payout ratio पर नजर रखें.
84. एक अच्छी एसेट प्रोटेक्शन स्ट्रेटेजी होनी चाहिए.
85. कंपनी के records को ट्रैक करें और मैनेजमेंट टीम पर नज़र रखे.
86. रिस्क मैनेजमेंट के बेसिक को समझे.
87. ग्लोबल इकनोमिक के असर को समझे.
88. Qualities कम्पनीज मे इन्वेस्ट करें.
89. कंपनी के फंडामेंटल को समझे.
90. लगातार अपने आप को शेयर मार्केट कि नॉलेज देते रहे.
91. इंडेक्स फण्ड मे इन्वेस्ट करने का विचार करें.
92. कॉर्पोरेट एक्शन के असर को समझे.
93. ETFs यानि ‘Exchange-traded funds’ के असर को समझे.
94. गवर्नमेंट के पॉलिसीस के असर को समझे.
95. इनसाइडर बाइंग के असर को समझे.
96. कॉर्पोरेट गवर्नेंस के असर को समझे.
97. एक हि कंपनी या सेक्टर मे पूरा ध्यान न लगायें.
98. इन्वेस्ट करने से पहले goal set करें और रिसर्च करें.
99. मार्केट को समझे और फाइनेंसियल एडवाइजर कि मदद लें.
100. ये साड़ी चीज़े कोई tips नहीं है बलके जो investors करते है उनको बातों को बताया है, जो investors इन चीजों को अच्छे से करते है वह सफल होते है, अपना डीमेट अकाउंट खोले और छोटे अमाउंट से इन्वेस्टिंग शुरू करें.
शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स 50 tips

Market को समझे
Share Market मे invest करेने से पहले ये जानना ज़रूरी है के Share Market कैसे काम करता है और किन चीजों कि वजह से share price पर असर होता है. Institutuional Investor, Retail Investor और Market makers कि अच्छी समज होनी चाहिए इसके अलावा regulatory body जैसे ‘Security and Exchange Board of India’ SEBI कि भूमिका को समजना भि ज़रूरी है.
Invest करने से पहले research करे
जिन companies या sectors मे आप invest करना चाहते है तो पहले आपको ध्यान से research करना चहिये. companies के Financial Statement, Management और Competition को देखना चाहिए. इसके साथ साथ company कि news और announcements पर भि अपनी नज़र बनाये रखे.
Insider buying के असर को समझे
Insider buying यानि company के stocks को company के officer, director या दुसरे अन्दर के लोग खरीदते है तो इसे Insider trading कहते है. Insider buying company और उसके future की संभावनाओं में विश्वास का संकेत हो सकती है और इस तरह के transactions पर ध्यान देना ज़रूरी है क्योंकि वे stock के लिए सकारात्मक संकेत हो सकते हैं.
Market sentiment के असर को समझे
Market Sentiment यानि Stock market के प्रति invest करने वाले investors के mood और रविये को कहते है. Investment करने से पहले market sentiment को ध्यान मे रखना ज़रूरी है, क्योंकि एक negative sentiment मंदी के बाजार का संकेत दे सकती है जबकि positive sentiment बाजार में तेजी का संकेत दे सकती है.

Plan बनाये और उसी पर बने रहे
एक अच्छी और clear investment strategy होनी ज़रूरी है और उसे follow भि करना है. कुछ वक़्त के लिए market के ऊपर-नीचे होने पर जल्दी कोई भि फैसला नहीं लेना है अक्सर ये फेसले गलत होते है. Market मे ये pridict करना के कब market ऊपर जाएगी और कब नीचे आयेगी ये बहुत मुश्किल है इसलिए हमेशा long-term performance पर focus करके हि investment करें.
Growth Stock और Value stock के मिश्रण में invest करें
Growth Stock ऐसी companies होती है जो पुरे market की तुलना में fast growth rate से बढ़ने की उम्मीद करती हैं, जबकि Value stock undervalued companies हैं, जिनकी growth rate कम हो सकती है लेकिन higher devidend offer करते हैं.
Corporate governance के असर को समझे
Corporate Governance यानि ऐसे systems और process जिनका उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि कंपनी अपने share holder के सर्वोत्तम हित में संचालित हो. Company के corporate governance के कामों कि research करे, Research मे Board director कि आज़ादी, Financial reports कि transparency जैसे चीज़े शामिल है.
Stop-loss order को इस्तेमाल करें
Stop-loss order एक ऐसा process है जिसमे shares को sell किया जाता है जब वो एक price तक पहुच जाते है, ये संभावित नुकसान को कम करने मे मदद करता है.
High उड़ने वाले stock के पीछे ना भागे
किसी भि company के stock हालही मे अचानक बढ़ने के प्रचार मे हर कोई पड़ता है लेकिन ये शेयर बहुत risky होते है और long-term मे ये शेयर अच्चा perform नहीं करसकते है.
Macroeconomic indicators पर नज़र रखे
Intrest rate, GDP growth, Inflation जैसे factor का असर stock market पर पड़ता है इसलिए इनपर नज़र रखना ज़रूरी है.
Over-concentration से बचे
अपना सारा ध्यान एक sector या एक stock पर ना रखे और ना हि अपना सारा पैसा एक sector या stock मे लगायें. अपने Investment को अलग अलग companies और अलग अलग sector मे पहलएं इससे risk कम होता है.
Be Patient
Short-term के लिए stock market ऊपर-नीचे होते है लेकिन long-term मे positive returns मिल सकते है. ये ज़रूरी है के धर्य से काम ले stock market के कम समय के ऊपर नीचे होने से जल्दबाज़ी मे कोई भि फैसला न लें.

Taxs के बारे मे सावधान रहे
आपको अपने investment पर taxs के असर के बारेमे पता होना चहिये और Tax को अपनी investment strategy मे शामिल करें.
Financial advisor से contact करे
कोई भि Investment करने कि decision लेने से पहले एक financial advicsor से बात करना ज़रूरी है, ताके वो आपको guidence दे सके और आपकी investment strategy को develop करने मे मदद करसके.
Company management के असर को समझे
Company के मैनेजमेंट का मज़बूत असर company के performance पर पड़ता है इसलिए ये ज़रूरी है के company के management team कि research करे, Research मे उनके record track करना, उनका experience, और leadership style ये चीज़े शामिल है.
दुनिया कि economic के प्रभाव को जाने
दुनिया कि Economy का असर Indian stock market पर होसकता है. इसलिए दुनिया कि Economical development पर अपनी नज़र रखे.
Quality companies मे invest करे
ऐसे companies को ढूंडे जिनक financial performance अच्चा और मज़बूत हो, Management अच्चा हो और Business model sustenable हो. इस तरह के companies market downturns को झेलेते है और long-term मे लगातार returns देते रहते है.
सूचित रहे
हमेशा up-to-date रहे मार्किट के न्यूज़ और अनाउंसमेंट के मामले मे. इंडिया के साथ साथ पूरी दुनियां मे इसका असर होसकता है.
Risk और return के concept को समझे
शेयर मार्किट मे इन्वेस्टमेंट करने हमेशा से कुछ रिस्क होता हि है. इसलिए आपको अपने इन्वेस्टमेंट मे कितना रिस्क है ये जानना और रिटर्न कितना फायदा होगा ये जानना बेहद ज़रूरी है.
Currency के उतार-चढ़ाव के प्रभाव से अवगत रहें
भारतीय रुपया अन्य करेंसी के मुकाबले उतार-चढ़ाव कर सकता है, जिसका फॉरेन इन्वेस्टमेंट के रिटर्न पर प्रभाव पड़ सकता है.
Inflation के असर को समझे
इन्फ्लेशन वक़्त के साथ आपके इन्वेस्टमेंट कि वैल्यू को कम करसकता है, इसलिए इन्फ्लेशन को अपने इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी मे शामिल करें और अयसे इन्वेस्टमेंट करें जो इन्फ्लेशन को मतदे कर रिटर्न देसके.
Company के fundamentals को समझे
कंपनी के फाइनेंसियल स्टेटमेंट और मैट्रिक्स को देखे जैसे प्रॉफिट, रेवेनुए और कितना जियादा डेब्ट है ताके कंपनीस के फाइनेंसियल हेल्थ के बारेमे पता चलसके.
Insider traning से बचे
इनसाइडर ट्रेडिंग मे अयसा आदमी जिस के पास आयसी इनफार्मेशन है जिस तक पब्लिक नहीं पहुच सक्ति या वो इनफार्मेशन पब्लिक के लिए नहीं और वो इंसान उस इनफार्मेशन का इस्तेमाल करके सिक्यूरिटी को बेचता या खरीदता है. इनसाइडर ट्रेडिंग इल्लेगल और इसे करने पर गंभीर पेनल्टी मिलती है.

अपने Portfolio को regularly monitor करे
अपने इन्वेस्टमेंट के परफॉरमेंस पर नज़र रखे और उसके मुताबिक ज़रूरी एडजस्टमेंट करे. जैसे अगर कोई स्टॉक अच्चा परफॉर्म नहीं करना यानि ‘अंडरपरफोर्मिंग’ है उसे बेचने का सोच सकते है ताके उन पैसों से कहीं और इन्वेस्ट करसके.
Over-leveraging से बचे
इन्वेस्ट करने के लिए अगर उधार लेते है तो होसकता हिया आपको रिटर्न मेले लेकिन इसमें रिस्क भि बहुत होता है. आपको ये समज ना ज़रूरी है के उधार लेकर पैसे इन्वेस्ट करने पर अगर लोस होजये तो आप कर्जे मे अजाओगे. इसलिए इन्वेस्टमेंट के लिए कभी भि उधार नालें.
एक exit strategy होनी चाहिए
इन्वेस्ट करने से पहले ये आपको प्लान करना चाहिए के कब आप इन्वेस्टमेंट को सेल करेंगे. इसकी वजह से आप गलत समय पर इन्वेस्टमेंट sell करने से बचते है और आपका प्रॉफिट आपके हाथ मे होता है.
अपने आपको लगातार educate करते रहे
कियोंकि स्टॉक मार्किट लगातार बदलाव हो रहा है इसलिए आपको लगातार अपने आपको एडूकेट करना ज़रूरी है नये न्यूज़, ट्रेंड, और नये डेवलपमेंट के बारेमे जानना ज़रूरी है.
Specific-sector कि news के प्रभाव को समझे
सेक्टर-स्पेसिफिक न्यूज़ जैसे इंडस्ट्री ट्रेंडस और रेगुलेटरी बदलाव का असर स्टॉक मार्किट पर होसकता है. इसलिए इन सेक्टर-स्पेसिफिक डेवलपमेंट, न्यूज़, चंजेस को जानना ज़रूरी है.
Government Policies के असर पर विचार करे
गवर्नमेंट कि पॉलिसीस जैसे जीएसटी, देमोनेटीज़ेशन और टैक्स रिफार्म जैसे गवर्नमेंट पॉलिसीस का ज़रूरी असर पड़ता है. इसलिए इन पॉलिसीस को जाने और आने वली नयी पॉलिसीस के बारेमे जानकारी इखत्ती करे और ये जाने के आपके इन्वेस्टमेंट पर इसका कैसे असर पड़ेगा.
Gio-political event का असर समझे
जिओ-पोलिटिकल इवेंट जैसे कनफ्लिक्ट, संकशन, ट्रेड एग्रीमेंट जैसे इवेंट स्टॉक मार्किट पर असर दाल सक्ति है. इसलिए इनके बारेमे हमेशा जानते रहे.
Economic Indicator के असर को समझे
इकनोमिक इंडिकेटर जैसे जीडीपी, कांसुमेर प्राइस इंडेक्स (CPI) और unemployment rate जैसे इकनोमिक इंडिकेटर स्टॉक मार्किट पर बड़ा असर करती है. इसलिए इन इन इंडिकेटरस के बारेमे जानना और ये आपके इन्वेस्टमेंट पर किसतरह असर करती है ये जानना ज़रूरी है.
Technical Analysis के असर को जाने
टेक्निकल एनालिसिस मे पास्ट मार्किट डाटा, प्रिमरिली प्राइस और वॉल्यूम कि स्टडी करने से आइडेंटिटी पैटर्न और ट्रेडिंग डिसिशन लेने तक. इसलिए टेक्निकल एनालिसिस के बेसिक को जानना बहुत ज़रूरी है और इसका इस्तेमाल करके ट्रेंड को पहचानना और ट्रेडिंग के फेसले लेना.

Global market trade के असर को समझे
ग्लोबल मार्किट ट्रेंड मे उभरते बाजारों का उदय, रिन्यूएबल एनर्जी की ओर बदलाव और ई-कॉमर्स की ग्रोथ का शेयर बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है, ये इन चीजों का जानना ज़रूरी है और आपके इन्वेस्टमेंट पर इसका क्या असर होगा ये जाने.
Company news के असर को समझे
कंपनी के न्यूज़ जैसे अरनिंग रिपोर्ट, मैनेजमेंट चंजेस और प्रोडक्ट लौन्चेस जैसे चीज़े कंपनी के स्टॉक प्राइस पर असर डालती है. इसलिए कंपनी न्यूज़ के बारेमे पता होना चहिये.
Global event के प्रभाव को समझे
ग्लोबल इवेंट जैसे नेचुरल डिसास्टर, पान्डेमिक, और इकनोमिक डाउनटार्न स्टॉक मार्किट मे एक मज़बूत प्रभाव दलसकते है, इसलिए ग्लोबल इवेंट के बारेमे जानना भि ज़रूरी है हमेशा इन्फॉर्मड रहे. पोलिटिकल इवेंट स्टॉक मार्किट मे एक ज़रूरी असर चोटसकते है, इसलिए उनके नये डेवलपमेंट जाने न्यूज़ देखे और कैसे वह आपकी इन्वेस्टमेंट को असर करसकते है इससे अवगत रहे.
Divident-paying stock मे invest करने का सोचे
डिविडेंड-पेइंग शेयर्स उनको को कहा जाता है जिनमे प्रॉफिट के एक भाग को शेयर होल्डरस मे बता जाता है, आसान भाषा मे अगर आप किसी कंपनी के डिविडेंट-पेइंग स्टॉक मे इन्वेस्ट करते है तो अगर कंपनी पैसे कमाती है तो उसका कुछ हिस्सा इन डिविडेंट-स्टॉक होल्डर को भि देती है इसीको dividends कहते है. अगर स्टॉक का प्राइस भि अच्चा परफॉर्म नहीं कररहा है तब भि प्रॉफिट का कुछ हिस्सा मिलसकता है.
Valuation के concept को जाने
वैल्यूएशन स्टॉक के आंतरिक वैल्यू को निर्धारित करने के प्रोसेस का नाम है. ये ज़रूरी है के स्टॉक कि वैल्यू और आंतरिक वैल्यू को मार्किट प्राइस से कोम्पेर के पता लगया जाये के स्टॉक कि वैल्यू कम है या जियादा है.
Index funds मे investing करने का विचार करे
म्यूच्यूअल फण्ड का एक प्रकार है इंडेक्स फण्ड जो एक स्पेसिफिक स्टॉक मार्कर इंडेक्स को ट्रैक करता है, जैसे BSE सेंसेक्स और निफ्टी 50. वे स्टॉक मार्किट मे कम पैसों और diversified तरीके से इन्वेस्ट करने मे मदद करते है.
Economic Policies के असर को समझे
इकनोमिक पॉलिसीस जैसे फिस्कल पालिसी और मोनेटरी पालिसी स्टॉक मार्किट पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते है, इसलिए इन डेवलपमेंट से अवगत होना ज़रुई और इनसे आपको इन्वेस्टमेंट पर क्या असर होगा ये जानना भि ज़रूरी है.
Insider trading के प्रभाव को समझे
इनसाइडर ट्रेडिंग का असर जो कंपनीस शेयर मार्किट मे होती है उनके शेयर्स पर असर करती है, इसलिए इसके बारेमे जानना ज़रूरी है.
Penny stocks से जुड़े risk को समझे
पैनी स्टॉक उन स्टॉक को कहा जाट अहै जो लो प्राइस मे ट्रेड होते है और इन्हें speculative माना जाता है. ये स्टॉक मे दुसरे स्टॉक के मुकाबले जियादा रिस्क होता है इसलिए ये ज़रूरी है के आप इन्वेस्ट करने से पहले रिसर्च करे.
Corporate के action के असर को समझे
कॉरपोरेट एक्शनस यानि एक्वीजीशन, विलय और बायबेक जैसे कॉरपोरेट एक्शनस का असर जो कंपनीस स्टॉक मार्किट मे होती है उनके स्टॉक पर असर होता है, इसलिए अयसी जानकारी से खुदको दूर मत रखे कोई भि डेवलपमेंट आपके इन्वेस्टमेंट पर क्या असर करेगा ये आपको जानना ज़रूरी है.
Intrest rate के असर से अवगत रहे
इंटरेस्ट रेट स्टॉक मार्किट पर एक अच्चा प्रभाव दाल सकते है है कियोंकि इंटरेस्ट रेट उधार पैसो और सेविंग पर रिटर्न पर प्रभाव डालते है.
Exchange-traded funds के असर को जाने
ETFs एक प्रकार के इन्वेस्टमेंट फण्ड है जो स्पेसिफिक स्टॉक मार्किट इंडेक्स को ट्रैक करते है जैसे एसेट और कमोडिटी. ये कम कॉस्ट और डाइवर्सिफाइड तरीके से स्टॉक मार्किट मे इन्वेस्ट करने के लिए ऑफर करते है. ये थे शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स.
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1. किसी कंपनी के शेयर खरीदते समय क्या देखना चहिये?
किसी भि कंपनी मे शेयर/स्टॉक खरीदने से पहले आपको कंपनी कि रिसर्च करनि चहिये और रिसर्च मे ये चीज़े शामिल है जैसे कंपनी कि फाइनेंसियल परफॉरमेंस, कंपनी के फंडामेंटल, कंपनी कि ग्रोथ कैसे और कितनी होरही है, इन्वेस्टरस को कितना रिटर्न मिलरहा है, आदि जैसे चीजों को देखना चहिये इन्वेस्ट करने से पहले.
2. शेयर की कीमतें क्यूँ गिरती हैं?
शेयर प्राइस का कम और जियादा होने के पीछे ‘डिमांड और सप्लाई’ ज़िम्मेदार है. जैसे अगर किसी स्टॉक कि डिमांड कम होगी और सप्लाई जियादा होगी तो स्टॉक के प्राइस कम होगी, वहीँ डिमांड जियादा होगी, लोग स्टॉक को खरीदना चाहते है और सप्लाई कम लोग कम बेचरहे है तो प्राइस बढेगा
3. शेयर प्राइस को आप कैसे नियंत्रित करते हैं?
कंपनी जब स्टॉक मार्किट मे आने के बाद अगर कंपनी के स्टॉक कि मांग बढती है तो स्टॉक कि कीमत भि बढ़ेगी और स्टॉक को कोई खरीदना नहीं छटा है या कंपनी लोस मे जारही है तो स्टॉक कि प्राइस कम होजाती है.
4. ट्रेडिंग के 5 प्रकार कौन से हैं?
- इंट्राडे ट्रेडिंग
- डिलीवरी ट्रेडिंग
- स्विंग ट्रेडिंग
- पोसीशनल ट्रेडिंग
- फंडामेंटल ट्रेडिंग.
5. शेयर मार्किट मे नुकसान कैसे होता है?
अगर कोई बिना रिसर्च करें या किसी के भि कहने से इन्वेस्ट करता है तो नुकसान होना तय है इसलिए हमेशा इन्वेस्ट करने से पहले शेयर मार्किट, कम्पनी के बारेमे जाने और टेक्निकल रिसर्च करे.
Conclusion
हालांकि ये टिप्स नुकसान को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि शेयर बाजार में कोई गारंटी नहीं है और निवेश में हमेशा कुछ लेवल का जोखिम होता है.
कोई भी बड़ा निवेश निर्णय लेने से पहले प्रोफेशनल एडवाइस लेना भी ज़रूरी है. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि शेयर बाजार अन-प्रेडिक्टेबल हो सकता है और सफलता की कोई गारंटी नहीं होती है. आज हमने जाना के शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स, शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स और उनका मतलब,
आशा है आपको शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स समज मे आये होंगे, ‘शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स’ से जुदा कोई और सवाल होतो कमेंट करें और शेयर करें ताके दूसरों को भि पता चले के शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स क्या है. हमारा ये आर्टिकल ‘शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स’ यहीं समाप्त होता है.