शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स । Share Market Tips

शेयर मार्केट में नुक्सान से बचना बहुत ज़रूरी है, इसलिए हमने कुछ टिप्स या नियम निचे बताये है जिनको समजना ज़रूरी है, इन बातों को हमने एक्सपर्ट लोगों से और अपने अनुभव से सीखा है और वहीँ आपके लिए लिखा है.

शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स क्या है जानें?

1. इन्वेस्ट करने से पहले कंपनी और उसकी मैनेजमेंट टीम पर रिसर्च करें.

2. अपने पोर्टफोलियो को अलग अलग सेक्टर और इंडस्ट्रीज मे बाटे करें.

3. लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टिंग करें, शोर्ट-टर्म इन्वेस्टिंग ना करें.

4. एक क्लियर इन्वेस्टिंग स्ट्रेटेजी बनाये और उसपर हि काम करें.

5. ऐसे ग्लोबल इकनोमिक इंडिकेटर पर नज़र रखे जिससे मार्केट पर असर होसकता है.

 6. हाई-रिस्क वाले स्टॉक पर बिलकुल इन्वेस्ट ना करें.

7. एक उचित एंट्री और एग्जिट स्ट्रेटेजी रखे.

8. आप्शन ट्रेडिंग के बेसिक्स को समझे.

9. अपने पास इमरजेंसी फण्ड रखे unpredictable खर्चों और बाजार में गिरावट के लिए.

10. इंटरेस्ट रेट और इन्फ्लेशन पर भि अपनी नज़र रखे.

11. इमोशनल होकर इन्वेस्ट ना करें बलके रिसर्च और एनालिसिस पर ध्यान दे.

12. जिस कंपनी मे आप इन्वेस्ट करते है उस कंपनी के फाइनेंसियल परफॉरमेंस को मॉनिटर करें.

13. एक अच्छी रिस्क मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी बनाये.

14. अलग अलग प्रकार के इन्वेस्टमेंट के रिस्क और फायदों को समझे.

15. सब्र से काम ले और impulsive खरीद या बिक्री न करें.

16. इन्वेस्ट करने के लिए जियादा लाभ पाने के लिए कभी भि उधार ना लें.

17. अपने संपत्ति को सहीं से मैनेज करने स्ट्रेटेजी रखे.

18. छोटे और बड़े एकोनिमोक इंडीकेटर्स को ट्रैक करते रहे.

19. बाहर निकलने की उचित रणनीति अपनाएं.

20. जिन शेयर्स में आप इन्वेस्ट कर रहे हैं, उनकी लिक्विडिटी पर विचार करें.

21. IPOs के बेसिक को समझे.

22. इनसाइडर ट्रेडिंग और दुसरे संभावित मार्केट हेरफेर से अवगत रहें.

23. अपने सारे अंडे एक हि बास्केट मे ना रखे यानि सिर्फ एक जगह पूरी इन्वेस्टमेंट ना करें.

24. उन कंपनी मे इन्वेस्ट करने से बचे जिनका जिनका फाइनेंसियल परफॉरमेंस खराब हो और जो बहुत जियादा कर्जे मे है.

25. एक अच्छी स्टॉप-लोस स्ट्रेटेजी को अपनाये.

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26. फंडामेंटल एनालिसिस के बेसिक्स को समझे.

27. रेगुलेटरी एनवायरनमेंट से अवगत रहे.

28. बोंड इन्वेस्टिंग के बेसिक को समझे.

29. प्राइवेट एकुइटी और वेंचर कैपिटल को भि समझे.

30. शोर्ट-टर्म के प्राइस ऊपर-नीचे होने पर पूरा ध्यान ना लगायें.

31. बाजार की अफवाहों या प्रचार से बचने कि कोशिश करें, उससे प्रभावित नाहो.

32. करेंसी के उतार-चडाव कि वजह से आपकी इन्वेस्टमेंट पर क्या असर होगा विचार करें.

33. कंपनी कि फाइनेंसियल स्टेबिलिटी और कैश फ्लो पर अपनी नज़रे रखे.

34. बिहेवियरल फाइनेंस के बेसिक्स को समझे.

35. पोलिटिकल वातावरण से अवगत रहे.

36. टैक्स-सेविंग इन्वेस्मेंट विकल्पों का फायदा उठाये.

37. ग्लोबल पॉलिसीस और ग्लोबल ट्रेड का असर क्या होगा इससे अवगत रहे.

38. एक उचित इन्वेस्टमेंट योजना बनाएं और उस पर टिके रहें.

39. फाइनेंसियल मॉडलिंग के बेसिक को समझे.

40. मार्केट पर असर करने वाले राजनेतिक और रेगुलेटरी डेवलपमेंट पर नजर रखें.

41. रियल एस्टेट इन्वेस्टिंग के बेसिक को समझे.

42. टेक्नोलॉजी एन्विरोंमेंट से अवगत रहे.

43. अल्गोरिथम ट्रेडिंग के बेसिक को समझे.

44. गुइड़ेंस के लिए प्रोफेशनलस or फाइनेंसियल एडवाइजर से कांटेक्ट करें.

45. कैश मैनेजमेंट के लिए अच्छे से स्ट्रेटेजी बनाये.

46. अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट के बेसिक्स को समझे.

47. पोर्टफोलियो मैनेजमेंट के बेसिक्स को समझे.

48. एक अच्छी इन्सुरंस प्लानिंग स्ट्रेटेजी रखे.

49. हॉट स्टॉक्स और मार्किट ट्रेंड का पिचा करने से बचे.

50. अपने इमोशन को कंट्रोल करें और बिना सोचे फैसले नालें.

51. इकोनोमिकल एनवायरनमेंट से अवगत रहे.

52. कंपनी के प्रॉफिट और डेब्ट पर भि नज़र रखे.

53. जितना खोने पर आप बर्दाश कर सकते है उतना ही इन्वेस्ट करें उससे जियादा न करें.

54. एक प्रॉपर रिटायरमेंट स्ट्रेटेजी रखे.

55. तकनीकी विश्लेषण पर बहुत अधिक भरोसा करने से बचें.

58. लालच और डर को इन्वेस्टमेंट करते समय हावी ना होने दें.

56. इन्वेस्टमेंट लक्ष्य को रीयलिस्टिक और प्राप्त कर सके ऐसे रखे.

57. जिस कंपनी मे इन्वेस्ट करते है उसके कम्पटीशन से अवगत रहे.

58. स्टॉक मार्केट मे होने वाले नये डेवलपमेंट के बारेमे जानकारी रखे.

59. स्टॉक मार्केट मे इन्वेस्टिंग के लिए जो फीस और चार्जेज लगते है उनसे अवगत रहे.

60. ETFs और म्यूच्यूअल फण्ड के बेसिक्स को समझे.

61. इंडस्ट्री ट्रेंड से अवगत रहे.

62. अच्छी टैक्स प्लानिंग स्ट्रेटेजी बनाये.

63. Derivatives की बेसिक्स को समझें.

64. अपने निवेश के साथ देसिप्लिन रहें.

65. स्टॉक मार्केट के उतार-चदाव के लिए खुदको तैयार रखे.

66. हमेशा कंपनी के वैल्यूएशन और प्राइस और अर्निंग रेश्यो पर नज़र रखे.

67. दुनियां मे चलरहे ऐसे ट्रेंड पर नज़र रखे जिससे स्टॉक मार्केट पर असर होसकता है.

68. अपने इन्वेस्टमेंट कंपनी के विशेष डेवलपमेंट और घोषणाओं पर नज़र रखे.

69. अपने पोर्टफोलियो को बैलेंस रखें और नियमित रूप से इसकी समीक्षा और रिबैलेंस करते रहे.

70. फाइनेंसियल प्लानिंग के बेसिक को भि समझे.

71. अपने गलतियों से सीखने कि कोशिश करें और सीखकर इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी बेहतर बनायें.

72. मार्केट कैपिटलाइजेशन को देख कर या कंपनी के स्टॉक हाई प्राइस होने पर, सिर्फ ये देखकर इन्वेस्टिंग करने से बचे.

73. फाइनेंसियल स्टेटमेंट और एनालिसिस के बेसिक्स को समझे.

74. मार्केट सेंटिमेंट और इन्वेस्टर कि सेंटिमेंट पर नजर रखें.

75. कंपनी के ग्रोथ और आगे भविष्य मे कितनी प्रॉफिट कमाए गी इस पर नज़र रखे.

76. अपने स्ट्रेटेजी मे अच्छी risk-reward ratio रखे.

77. अपनी सारि संपत्ति को शेयर बाजार में न लगाएं.

78. अपने पोर्टफोलियो को diversified रखें.

79. डेब्ट और एकुइटी के बीच संतुलन बनाये रखे.

80. मार्केट साइकिल से अवगत रहे.

81. कमोडिटी ट्रेडिंग के बेसिक को समझे.

82. इनसाइडर की खरीद-फरोख्त की गतिविधियों पर नजर रखें.

83. कंपनी के देविड़ेंद इतिहास और पेआउट रेश्यो पर नजर रखें.

84. एक अच्छी एसेट प्रोटेक्शन स्ट्रेटेजी होनी चाहिए.

85. कंपनी के रिकार्ड्स को ट्रैक करें और मैनेजमेंट टीम पर नज़र रखे.

86. रिस्क मैनेजमेंट के बेसिक को समझे.

87. ग्लोबल इकनोमिक के असर को समझे.

88. क्वालिटी कम्पनीज मे इन्वेस्ट करें.

89. कंपनी के फंडामेंटल को समझे.

90. लगातार अपने आप को शेयर मार्केट कि नॉलेज देते रहे.

91. इंडेक्स फण्ड मे इन्वेस्ट करने का विचार करें.

92. कॉर्पोरेट एक्शन के असर को समझे.

93. ETFs यानि ‘एक्सचेंज -ट्रेडेड फण्ड’ के असर को समझे.

94. गवर्नमेंट के पॉलिसीस के असर को समझे.

95. इनसाइडर बाइंग के असर को समझे.

96. कॉर्पोरेट गवर्नेंस के असर को समझे.

97. एक हि कंपनी या सेक्टर मे पूरा ध्यान न लगायें.

98. इन्वेस्ट करने से पहले गोल सेट करें और रिसर्च करें.

99. मार्केट को समझे और फाइनेंसियल एडवाइजर कि मदद लें.

100. ये सारी चीज़े कोई टिप्स नहीं है बलके जो इन्वेस्टर करते है उनको बातों को बताया है, जो इन्वेस्टर्स इन चीजों को अच्छे से करते है वह सफल होते है, अपना डीमेट अकाउंट खोले और छोटे अमाउंट से इन्वेस्टिंग शुरू करें.

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शेयर बाजार में नुकसान से बचने के 50 टिप्स को समझें?

शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स (Golden tips)

मार्केट को समझे

शेयर मार्केट मे इन्वेस्ट कर ने से पहले ये जानना ज़रूरी है के शेयर मार्केट कैसे काम करता है और किन चीजों कि वजह से शेयर के प्राइस पर असर होता है. इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर, रिटेल इन्वेस्टर और मार्केट मेकर्स कि अच्छी समज होनी चाहिए, इसके अलावा रेगुलेटरी बॉडी जैसे ‘सिक्यूरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया’ SEBI कि भूमिका को समजना भि ज़रूरी है.

इन्वेस्ट करने से पहले खुदकी रिसर्च करे

जिन कम्पनीज मे आप इन्वेस्ट करना चाहते है उस कंपनी की ठीक से रिसर्च करनी चाहिए. कम्पनीज के फाइनेंसियल स्टेटमेंट, मैनेजमेंट टीम और कम्पटीशन को देखना चाहिए. इसके साथ कंपनी से जुडी न्यूज़ और अनाउंसमेंट पर भि अपनी नज़र बनाये रखे.

इनसाइडर बाइंग के असर को समझे

इनसाइडर बाइंग (Insider buying) यानि कंपनी के स्टॉक्स को कंपनी के ऑफिसर, डायरेक्टर या दुसरे अन्दर के लोग खरीदते है, तो इसे इनसाइडर ट्रेडिंग कहते है. इनसाइडर बाइंग कंपनी और उसके फ्यूचर की संभावनाओं में विश्वास का संकेत हो सकती है और इस तरह के ट्रांजैक्शन पर ध्यान देना ज़रूरी है क्योंकि वह स्टॉक के लिए सकारात्मक संकेत हो सकते हैं.

मार्केट सेंटिमेंट के असर को समझे

मार्केट सेंटिमेंट यानि स्टॉक मार्केट के प्रति इन्वेस्ट करने वाले इन्वेस्टर्स का मूड और रावैय्या को कहते है. इन्वेस्टमेंट करने से पहले मार्केट सेंटिमेंट को ध्यान मे रखना ज़रूरी है, क्योंकि एक नेगेटिव सेंटिमेंट मंदी के बाजार का संकेत दे सकती है जबकि पॉजिटिव सेंटिमेंट बाजार में तेजी का संकेत दे सकती है.

शेयर बाजार में नुकसान से बचने के 100 टिप्स

प्लान बनाये और उसी पर बने रहे

एक अच्छी और क्लियर इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी होनी ज़रूरी है और उसे फॉलो भि करना है. कुछ वक़्त के लिए market के ऊपर-नीचे होने पर जल्दी कोई भि फैसला नहीं लेना है अक्सर ये फेसले गलत होते है. मार्केट मे ये प्रिडिक्ट करना के कब मार्केट ऊपर जाएगी और कब नीचे आयेगी ये बहुत मुश्किल है इसलिए हमेशा लॉन्ग-टर्म परफॉरमेंस पर फोकस करके ही इन्वेस्टमेंट करें.

ग्रोथ स्टॉक और वैल्यू स्टॉक के मिश्रण में इन्वेस्ट करें

ग्रोथ स्टॉक ऐसी कम्पनीज होती है जो पुरे मार्केट की तुलना में फ़ास्ट ग्रोथ रेट से बढ़ती हैं, जबकि वैल्यू स्टॉक अंडर वैल्यूड कम्पनीज हैं, जिनका ग्रोथ रेट कम हो सकता है लेकिन higher डिविडेंड ऑफर कर सकते हैं.

कॉर्पोरेट के असर को समझे

Corporate Governance यानि ऐसे सिस्टम्स और प्रोसेस जिनका उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि कंपनी अपने शेयर होल्डर के सर्वोत्तम हित में संचालित हो. कंपनी के कॉर्पोरेट गवर्नेंस के कामों कि रिसर्च करे, रिसर्च मे बोर्ड डायरेक्टर कि आज़ादी, फाइनेंसियल रिपोर्ट्स कि पारदर्शिता जैसे चीज़े शामिल है.

स्टॉप-लोस आर्डर को इस्तेमाल करें

स्टॉप-लोस आर्डर एक ऐसा प्रोसेस है जिसमे शेयर्स को सेल किया जाता है जब वो एक price तक पहुच जाते है, ये संभावित नुकसान को कम करने मे मदद करता है.

उड़ने वाले स्टॉक के पीछे ना भागे

किसी भि कंपनी के स्टॉक हाल ही मे अचानक बढ़ने के प्रचार मे हर कोई पड़ता है लेकिन ये शेयर बहुत रिस्की होते है और लॉन्ग-टर्म मे ये शेयर अच्छा परफॉर्म नहीं कर सकते है.

मैक-इकनोमिक इंडिकेटर पर नज़र रखे

इंटरेस्ट रेट, GDP ग्रोथ, इन्फ्लेशन जैसे फैक्टर का असर स्टॉक मार्केट पर पड़ता है इसलिए इनपर नज़र रखना ज़रूरी है.

Over-concentration से बचे

अपना सारा ध्यान एक सेक्टर या एक स्टॉक पर ना रखे और ना हि अपना सारा पैसा एक सेक्टर या एक कंपनी मे लगायें. अपने इन्वेस्टमेंट को अलग अलग कम्पनीज और अलग अलग सेक्टर मे बाटे इससे रिस्क भी बटता है.  

धर्य से काम लें

शोर्ट-टर्म के लिए स्टॉक मार्केट ऊपर-नीचे होती है लेकिन लॉन्ग-टर्म मे पॉजिटिव रिटर्न्स मिल सकते है. ये ज़रूरी है के धर्य से काम ले स्टॉक मार्केट के कम समय के ऊपर नीचे होने से जल्दबाज़ी मे कोई भि फैसला न लें.

शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स

टैक्स के बारे मे सावधान रहे

आपको अपने इन्वेस्ट पर टैक्स के असर के बारेमे पता होना चहिये और टैक्स को अपनी इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी मे शामिल करें.

फाइनेंसियल एडवाइजर से कांटेक्ट करे

कोई भि इन्वेस्टमेंट करने कि डिसिशन लेने से पहले एक फाइनेंसियल एडवाइजर से बात करना ज़रूरी है, ताके वो आपको गुइड़ेंस दे सके और आपकी इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी को डेवेलोप करने मे मदद कर सके.

कंपनी मैनेजमेंट के असर को समझे

कंपनी के मैनेजमेंट का मज़बूत असर कंपनी के परफॉरमेंस पर पड़ता है, इसलिए ये ज़रूरी है कंपनी के मैनेजमेंट टीम कि रिसर्च करे, रिसर्च मे उनके रिकॉर्ड ट्रैक करना, उनका एक्सपीरियंस, और लीडरशिप स्टाइल ये चीज़े शामिल है.

दुनिया कि इकनोमिक के प्रभाव को जाने

दुनिया कि इकॉनमी का असर इंडियन स्टॉक मार्केट पर होसकता है. इसलिए दुनिया कि इकोनोमिकल डेवलपमेंट पर अपनी नज़र रखे.

क्वालिटी कम्पनीज मे इन्वेस्ट करे

ऐसे कम्पनीज को ढूंडे जिनक फाइनेंसियल परफॉरमेंस अच्छी और मज़बूत हो, मैनेजमेंट अच्छा हो और बिज़नेस मॉडल सुस्तेनेबल हो. इस तरह के कम्पनीज मार्केट downturns को झेलते है और लॉन्ग-टर्म में लगातार returns देते है.

सूचित रहे

हमेशा up-to-date रहे मार्केट के न्यूज़ और अनाउंसमेंट के मामले मे. इंडिया के साथ साथ पूरी दुनियां मे इसका असर होसकता है.

रिस्क और रिटर्न के कांसेप्ट को समझे

शेयर मार्केट मे इन्वेस्टमेंट करने हमेशा से कुछ रिस्क होता हि है. इसलिए आपको अपने इन्वेस्टमेंट मे कितना रिस्क है ये जानना और रिटर्न कितना फायदा होगा ये जानना बेहद ज़रूरी है.

करेंसी के उतार-चढ़ाव के प्रभाव से अवगत रहें

भारतीय रुपया अन्य करेंसी के मुकाबले उतार-चढ़ाव कर सकता है, जिसका फॉरेन इन्वेस्टमेंट के रिटर्न पर प्रभाव पड़ सकता है.

इन्फ्लेशन के असर को समझे

इन्फ्लेशन वक़्त के साथ आपके इन्वेस्टमेंट कि वैल्यू को कम करसकता है, इसलिए इन्फ्लेशन को अपने इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी मे शामिल करें और अयसे इन्वेस्टमेंट करें जो इन्फ्लेशन को मतदे कर रिटर्न देसके.

कंपनी के फंडामेंटल्स को समझे

कंपनी के फाइनेंसियल स्टेटमेंट और मैट्रिक्स को देखे जैसे प्रॉफिट, रेवेनुए और कितना जियादा डेब्ट है ताके कंपनीस के फाइनेंसियल हेल्थ के बारेमे पता चलसके.

इनसाइडर ट्रेनिंग से बचे

इनसाइडर ट्रेडिंग मे अयसा आदमी जिस के पास आयसी इनफार्मेशन है जिस तक पब्लिक नहीं पहुच सक्ति या वो इनफार्मेशन पब्लिक के लिए नहीं और वो इंसान उस इनफार्मेशन का इस्तेमाल करके सिक्यूरिटी को बेचता या खरीदता है. इनसाइडर ट्रेडिंग इल्लेगल और इसे करने पर गंभीर पेनल्टी मिलती है.    

पोर्टफोलियो क्या है

अपने पोर्टफोलियो को रेगुलरली मॉनिटर करे

अपने इन्वेस्टमेंट के परफॉरमेंस पर नज़र रखे और उसके मुताबिक ज़रूरी एडजस्टमेंट करे. जैसे अगर कोई स्टॉक अच्चा परफॉर्म नहीं करना यानि ‘अंडरपरफोर्मिंग’ है उसे बेचने का सोच सकते है ताके उन पैसों से कहीं और इन्वेस्ट करसके.

Over-leveraging से बचे

इन्वेस्ट करने के लिए अगर उधार लेते है तो होसकता हिया आपको रिटर्न मेले लेकिन इसमें रिस्क भि बहुत होता है. आपको ये समज ना ज़रूरी है के उधार लेकर पैसे इन्वेस्ट करने पर अगर लोस होजये तो आप कर्जे मे अजाओगे. इसलिए इन्वेस्टमेंट के लिए कभी भि उधार नालें.

एक एग्जिट स्ट्रेटेजी होनी चाहिए

इन्वेस्ट करने से पहले ये आपको प्लान करना चाहिए के कब आप इन्वेस्टमेंट को सेल करेंगे. इसकी वजह से आप गलत समय पर इन्वेस्टमेंट sell करने से बचते है और आपका प्रॉफिट आपके हाथ मे होता है.

अपने आपको लगातार educate करते रहे

कियोंकि स्टॉक मार्केट लगातार बदलाव हो रहा है इसलिए आपको लगातार अपने आपको एडूकेट करना ज़रूरी है नये न्यूज़, ट्रेंड, और नये डेवलपमेंट के बारेमे जानना ज़रूरी है.

सेक्टर कि न्यूज़ के प्रभाव को समझे

सेक्टर-स्पेसिफिक न्यूज़ जैसे इंडस्ट्री ट्रेंडस और रेगुलेटरी बदलाव का असर स्टॉक मार्केट पर होसकता है. इसलिए इन सेक्टर-स्पेसिफिक डेवलपमेंट, न्यूज़, चंजेस को जानना ज़रूरी है.

गवर्नमेंट पॉलिसीस के असर पर विचार करे

गवर्नमेंट कि पॉलिसीस जैसे जीएसटी, देमोनेटीज़ेशन और टैक्स रिफार्म जैसे गवर्नमेंट पॉलिसीस का ज़रूरी असर पड़ता है. इसलिए इन पॉलिसीस को जाने और आने वली नयी पॉलिसीस के बारेमे जानकारी इखत्ती करे और ये जाने के आपके इन्वेस्टमेंट पर इसका कैसे असर पड़ेगा.

जियो-पोलिटिकल इवेंट का असर समझे

जिओ-पोलिटिकल इवेंट जैसे कनफ्लिक्ट, संकशन, ट्रेड एग्रीमेंट जैसे इवेंट स्टॉक मार्केट पर असर दाल सक्ति है. इसलिए इनके बारेमे हमेशा जानते रहे.

इकनोमिक इंडिकेटर के असर को समझे

इकनोमिक इंडिकेटर जैसे जीडीपी, कांसुमेर प्राइस इंडेक्स (CPI) और unemployment रेट जैसे इकनोमिक इंडिकेटर स्टॉक मार्केट पर बड़ा असर करती है. इसलिए इन इन इंडिकेटरस के बारेमे जानना और ये आपके इन्वेस्टमेंट पर किसतरह असर करती है ये जानना ज़रूरी है.

टेक्निकल एनालिसिस के असर को जाने

टेक्निकल एनालिसिस मे पास्ट मार्केट डाटा, प्रिमरिली प्राइस और वॉल्यूम कि स्टडी करने से आइडेंटिटी पैटर्न और ट्रेडिंग डिसिशन लेने तक. इसलिए टेक्निकल एनालिसिस के बेसिक को जानना बहुत ज़रूरी है और इसका इस्तेमाल करके ट्रेंड को पहचानना और ट्रेडिंग के फेसले लेना.

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ग्लोबल मार्केट ट्रेड के असर को समझे

ग्लोबल मार्केट ट्रेंड मे उभरते बाजारों का उदय, रिन्यूएबल एनर्जी की ओर बदलाव और ई-कॉमर्स की ग्रोथ का शेयर बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है, ये इन चीजों का जानना ज़रूरी है और आपके इन्वेस्टमेंट पर इसका क्या असर होगा ये जाने.

कंपनी न्यूज़ के असर को समझे

कंपनी के न्यूज़ जैसे अरनिंग रिपोर्ट, मैनेजमेंट चंजेस और प्रोडक्ट लौन्चेस जैसे चीज़े कंपनी के स्टॉक प्राइस पर असर डालती है. इसलिए कंपनी न्यूज़ के बारेमे पता होना चहिये.

ग्लोबल इवेंट के प्रभाव को समझे

ग्लोबल इवेंट जैसे नेचुरल डिसास्टर, पान्डेमिक, और इकनोमिक डाउनटार्न स्टॉक मार्केट मे एक मज़बूत प्रभाव दलसकते है, इसलिए ग्लोबल इवेंट के बारेमे जानना भि ज़रूरी है हमेशा इन्फॉर्मड रहे. पोलिटिकल इवेंट स्टॉक मार्केट मे एक ज़रूरी असर चोटसकते है, इसलिए उनके नये डेवलपमेंट जाने न्यूज़ देखे और कैसे वह आपकी इन्वेस्टमेंट को असर करसकते है इससे अवगत रहे.

डिविडेंड देने वाले स्टॉक मे इन्वेस्ट करने पर विचार करें

डिविडेंड-पेइंग शेयर्स उनको को कहा जाता है जिनमे प्रॉफिट के एक भाग को शेयर होल्डरस मे बता जाता है, आसान भाषा मे अगर आप किसी कंपनी के डिविडेंट-पेइंग स्टॉक मे इन्वेस्ट करते है तो अगर कंपनी पैसे कमाती है तो उसका कुछ हिस्सा इन डिविडेंट-स्टॉक होल्डर को भि देती है इसीको डिविडेंड कहते है. अगर स्टॉक का प्राइस भि अच्चा परफॉर्म नहीं कररहा है तब भि प्रॉफिट का कुछ हिस्सा मिलसकता है.

वैल्यूएशन के कांसेप्ट को जाने

वैल्यूएशन स्टॉक के आंतरिक वैल्यू को निर्धारित करने के प्रोसेस का नाम है. ये ज़रूरी है के स्टॉक कि वैल्यू और आंतरिक वैल्यू को मार्केट प्राइस से कोम्पेर के पता लगया जाये के स्टॉक कि वैल्यू कम है या जियादा है.

इंडेक्स फंड्स मे इन्वेस्टिंग करने का विचार करे

म्यूच्यूअल फण्ड का एक प्रकार है इंडेक्स फण्ड जो एक स्पेसिफिक स्टॉक मार्कर इंडेक्स को ट्रैक करता है, जैसे BSE सेंसेक्स और निफ्टी 50. वे स्टॉक मार्केट मे कम पैसों और डाइवर्सिफाइड तरीके से इन्वेस्ट करने मे मदद करते है.

इकनोमिक पॉलिसीस के असर को समझे

इकनोमिक पॉलिसीस जैसे फिस्कल पालिसी और मोनेटरी पालिसी स्टॉक मार्केट पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते है, इसलिए इन डेवलपमेंट से अवगत होना ज़रुई और इनसे आपको इन्वेस्टमेंट पर क्या असर होगा ये जानना भि ज़रूरी है.

इनसाइडर ट्रेडिंग के प्रभाव को समझे

इनसाइडर ट्रेडिंग का असर जो कंपनीस शेयर मार्केट मे होती है उनके शेयर्स पर असर करती है, इसलिए इसके बारेमे जानना ज़रूरी है.

पैनी स्टॉक्स से जुड़े रिस्क को समझे

पैनी स्टॉक उन स्टॉक को कहा जाट अहै जो लो प्राइस मे ट्रेड होते है और इन्हें speculative माना जाता है. ये स्टॉक मे दुसरे स्टॉक के मुकाबले जियादा रिस्क होता है इसलिए ये ज़रूरी है के आप इन्वेस्ट करने से पहले रिसर्च करे.

कॉर्पोरेट एक्शन के असर को समझे

कॉरपोरेट एक्शनस यानि एक्वीजीशन, विलय और बायबेक जैसे कॉरपोरेट एक्शनस का असर जो कंपनीस स्टॉक मार्केट मे होती है उनके स्टॉक पर असर होता है, इसलिए अयसी जानकारी से खुदको दूर मत रखे कोई भि डेवलपमेंट आपके इन्वेस्टमेंट पर क्या असर करेगा ये आपको जानना ज़रूरी है.

इंटरेस्ट रेट के असर से अवगत रहे

इंटरेस्ट रेट स्टॉक मार्केट पर एक अच्चा प्रभाव दाल सकते है है कियोंकि इंटरेस्ट रेट उधार पैसो और सेविंग पर रिटर्न पर प्रभाव डालते है.

एक्सचेंज-ट्रेडेड फण्ड के असर को जाने

ETFs एक प्रकार के इन्वेस्टमेंट फण्ड है जो स्पेसिफिक स्टॉक मार्केट इंडेक्स को ट्रैक करते है जैसे एसेट और कमोडिटी. ये कम कॉस्ट और डाइवर्सिफाइड तरीके से स्टॉक मार्केट मे इन्वेस्ट करने के लिए ऑफर करते है.

FAQ

किसी कंपनी के शेयर खरीदते समय क्या देखना चहिये?

किसी भि कंपनी मे शेयर/स्टॉक खरीदने से पहले आपको कंपनी कि रिसर्च करनि चहिये और रिसर्च मे ये चीज़े शामिल है जैसे कंपनी कि फाइनेंसियल परफॉरमेंस, कंपनी के फंडामेंटल, कंपनी कि ग्रोथ कैसे और कितनी होरही है, इन्वेस्टरस को कितना रिटर्न मिलरहा है, आदि जैसे चीजों को देखना चहिये इन्वेस्ट करने से पहले.

शेयर की कीमतें क्यूँ गिरती हैं?

शेयर प्राइस का कम और जियादा होने के पीछे ‘डिमांड और सप्लाई’ ज़िम्मेदार है. जैसे अगर किसी स्टॉक कि डिमांड कम होगी और सप्लाई जियादा होगी तो स्टॉक के प्राइस कम होगी, वहीँ डिमांड जियादा होगी, लोग स्टॉक को खरीदना चाहते है और सप्लाई कम लोग कम बेचरहे है तो प्राइस बढेगा

शेयर प्राइस को आप कैसे नियंत्रित करते हैं?

कंपनी जब स्टॉक मार्केट मे आने के बाद अगर कंपनी के स्टॉक कि मांग बढती है तो स्टॉक कि कीमत भि बढ़ेगी और स्टॉक को कोई खरीदना नहीं छटा है या कंपनी लोस मे जारही है तो स्टॉक कि प्राइस कम होजाती है.

ट्रेडिंग के 5 प्रकार कौन से हैं?

इंट्राडे ट्रेडिंग
डिलीवरी ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग
पोसीशनल ट्रेडिंग
फंडामेंटल ट्रेडिंग.

शेयर मार्केट मे नुकसान कैसे होता है?

अगर कोई बिना रिसर्च करें या किसी के भि कहने से इन्वेस्ट करता है तो नुकसान होना तय है इसलिए हमेशा इन्वेस्ट करने से पहले शेयर मार्केट, कम्पनी के बारेमे जाने और टेक्निकल रिसर्च करे.

निष्कर्ष

हालांकि ये टिप्स नुकसान को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि शेयर बाजार में कोई गारंटी नहीं है और निवेश में हमेशा कुछ लेवल का जोखिम होता है.

कोई भी बड़ा निवेश निर्णय लेने से पहले प्रोफेशनल एडवाइस लेना भी ज़रूरी है. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि शेयर बाजार अन-प्रेडिक्टेबल हो सकता है और सफलता की कोई गारंटी नहीं होती है.

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