आज हम जानेंगे के शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स? (Share market tips in hindi), 50 शेयर बाज़ार मे नुकसान से बचने के टिप्स और उनका मतलब, चलिए देखते है पहले 100 शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स.
शेयर बाजार में नुकसान से बचने के 99 टिप्स?
1. निवेश करने से पहले कंपनी और उसकी मैनेजमेंट टीम पर रिसर्च करें.
2. अपने पोर्टफोलियो को अलग अलग सेक्टर और इंडस्ट्रीस मे बाटे diversify करें.
3. लोंग-टर्म इन्वेस्टिंग करें, शोर्ट-टर्म इन्वेस्टिंग ना करें.
4. एक क्लियर इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी बनाये और उसपर हि काम करें.
5. अयसे ग्लोबल इकनोमिक ट्रेड और इवेंट्स पर नज़र रखे जिससे मार्किट पर असर होसकता है.
6. हाई-रिस्क वाले स्टॉक पर बिलकुल इन्वेस्ट ना करें.
7. एक उचित एंट्री और एग्जिट स्ट्रेटेजी रखे.
8. आप्शन ट्रेडिंग के बेसिक्स को समझे.
9. अपने पास इमरजेंसी fund रखे अप्रत्याशित खर्चों और बाजार में गिरावट के लिए.
10. इंटरेस्ट रेट और इन्फ्लेशन पर भि अपनी नज़र रखे.
11. इमोशनल होकर इन्वेस्ट ना करें बलके रिसर्च और एनालिसिस पर ध्यान दे.
12. जिस कंपनी मे आप इन्वेस्ट करते है उसे कंपनी के फाइनेंसियल परफॉरमेंस को मॉनिटर करें.
13. एक अच्छी रिस्क मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी बनाये.
14. अलग अलग प्रकार के इन्वेस्टमेंट के रिस्क और फायदों को समझे.
15. सब्र से काम ले और impulsive खरीद या बिक्री न करें.
16. इन्वेस्ट करने के लिए जियादा लाभ पाने के लिए कभी भि उधार नलें.
17. अपने संपत्ति को सहीं से allotment करने कि स्ट्रेटेजी रखे.
18. छोटे और बड़े इकनोमिक इंडिकेटर को ट्रैक करें.
19. बाहर निकलने की उचित रणनीति अपनाएं.
20. जिन शेयरों में आप निवेश कर रहे हैं, उनकी liquidity पर विचार करें.
21. IPOs के बेसिक्स को समझे.
22. Insider trading और दुसरे संभावित मार्किट हेरफेर से अवगत रहें.
23. अपने सारे अंडे एक हि बास्केट मे ना रखे यानि सिर्फ एक जगह पूरी इन्वेस्ट ना करें.
24. उन कंपनीस मे इन्वेस्ट करने से बचे जिनका फाइनेंसियल परफॉरमेंस खराब हो और जो बहुत जियादा डेब्ट है.
25. एक अच्छी स्टॉप-लोस स्ट्रेटेजी को अपनाये.
26. फंडामेंटल एनालिसिस के बेसिक्स को समझे.
27. रेगुलेटरी एन्विरोंमेंट से अवगत रहे.
28. Bond Investing के बेसिक्स को समझे.
29. प्राइवेट एकुइटी और वेंचर कैपिटल को भि समझे.
30. शोर्ट-टर्म के लिए प्राइस ऊपर नीचे होने पर पूरा ध्यान ना लगायें.
31. बाजार की अफवाहों या प्रचार से बचने कि कोशिश करें, उससे प्रभावित नाहो.
32. करेंसी के उतार-चडाव कि वजह से आपकी इन्वेस्टमेंट पर क्या असर होगा विचार करें.
33. कंपनी कि फाइनेंसियल स्टेबिलिटी और काश फ्लो पर अपनी नज़रे रखे.
34. बिहेविअराल फाइनेंस के बेसिक्स को समझे.
35. पोलिटिकल एन्विरोंमेंट से अवगत रहे.
36. टैक्स-सेविंग इन्वेस्टमेंट विकल्पों का फायदा उठाये.
37. ग्लोबल पॉलिटिक्स और ग्लोबल ट्रेड का असर क्या होगा इससे अवगत रहे.
38. एक उचित इन्वेस्टमेंट योजना बनाएं और उस पर टिके रहें.
39. फाइनेंसियल मॉडलिंग के बेसिक्स को समझे.
40. मार्किट को एफेक्ट करने वाले पोलिटिकल और रेगुलेटरी डेवलपमेंट पर नजर रखें.
41. रियल एस्टेट इन्वेस्टिंग के बेसिक्स को समझे.
42. टेक्नोलॉजी एन्विरोंमेंट से अवगत रहे.
43. Algorithm trading के बेसिक्स को समझे.
44. गईदेंस के लिए प्रोफेशनलस or फाइनेंसियल एडवाइजर के लिए विचार करें.
45. काश मैनेजमेंट के लिए अच्छे से स्ट्रेटेजी बनाये.
46. अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट के बेसिक्स को समझे.
47. पोर्टफोलियो मैनेजमेंट के बेसिक्स को समझे.
48. एक अच्छी इन्सुरांस प्लानिंग स्ट्रेटेजी रखे.
49. हॉट स्टॉक और मार्किट ट्रेंड का पिचा करने से बचे.
50. अपने इमोशन को कंट्रोल करें और बिना सोचे फैसले नलें.
51. एकोनिमिकल एन्विरोंमेंट से अवगत रहे.
52. कंपनी के लिवरेज और डेब्ट पर भि नज़र रखे.
53. जितना खोने पर आप बर्दाश करसकते है उतना हि इन्वेस्ट करें उससे जियादा न करें.
54. एक प्रॉपर रिटायरमेंट प्लानिंग स्ट्रेटेजी रखे.
55. तकनीकी विश्लेषण पर बहुत अधिक भरोसा करने से बचें.
58. लालच और डर को अपमे इन्वेस्टमेंट के समय हावी ना होने दें.
56. इन्वेस्टमेंट लक्ष्य/गोल को रीयलिस्टिक और प्राप्त कर सके अयसा रखे.
57. जिस कंपनी मे इन्वेस्ट करते है उसके कम्पटीशन से अवगत रहे.
58. स्टॉक मार्किट मे होने वाले नये डेवलपमेंट के बारेमे जानकारी रखे.
59. स्टॉक मार्किट मे इनवेस्टिंग के लिए जो फीस और चार्ज लगते है उनसे अवगत रहे.
60. इटीएफ (ETFs) और मुचुअल फण्डस के बेसिक्स को समझे.
61. इंडस्ट्री ट्रेंड से अवगत रहे.
62. अच्छी टैक्स प्लानिंग स्ट्रेटेजी बनाये.
63. Derivatives की बेसिक्स को समझें.
64. अपने निवेश दृष्टिकोण के साथ deciplined रहें.
65. स्टॉक मार्किट के उतार-चदाव और डाउनटर्न के लिए अपने आपको तैयार रखे.
66. हमेशा कंपनी के valuation और प्राइस और अरनिंग के रेशियो पर नज़र रखे.
67. दुनियां मे चलरहे अयसे ट्रेंड पर नज़र रखे जिससे शेयर मार्किट पर असर होसकता है.
68. अपने इन्वेस्टमेंट कंपनी के स्पेसिफिक डेवलपमेंट और घोषणाओं पर नज़र रखे.
69. अपने पोर्टफोलियो को balance रखें और नियमित रूप से इसकी समीक्षा और रिबैलेंस करते रहे.
70. फाइनेंसियल प्लानिंग के बेसिक्स को भि समझे.
71. अपने गलतियों से सीखने कि कोशिश करें और सीककर इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी को इम्प्रूव करें.
72. मार्किट कैपिटलाइजेशन और कंपनी के स्टॉक प्राइस हाई है सिर्फ ये देखकर इन्वेस्टिंग करने से बचे.
73. फाइनेंसियल स्टेटमेंट और एनालिसिस के बेसिक्स को समझे.
74. मार्केट सेंटिमेंट और इन्वेस्टर कि सेंटिमेंट पर नजर रखें.
75. कंपनी के ग्रोथ और आगे भविष्य मे कितनी प्रोफिट कमाए गी इस पर नज़र रखे.
76. अपने स्ट्रेटेजी मे अच्छी risk-reward रेशियो रखे.
77. अपनी सारि संपत्ति का इन्वेस्टमेंट शेयर बाजार में न लगाएं.
78. अपने पोर्टफोलियो को diversified रखें.
79. डेब्ट और एकुइटी के बीच संतुलन बनाये रखे.
80. मार्किट साइकिल से अवगत रहे.
81. कमोडिटी ट्रेडिंग के बेसिक्स को समझे.
82. इनसाइडर की खरीद-फरोख्त की गतिविधियों पर नजर रखें.
83. कंपनी के डिविडेंड हिस्ट्री और पेआउट रेशियो पर नजर रखें.
84. एक अच्छी एसेट प्रोटेक्शन स्ट्रेटेजी होनी चहिये.
85. कंपनी के रिकॉर्ड को ट्रैक करें और मैनेजमेंट टीम पर नज़र रखे.
86. रिस्क मैनेजमेंट के बेसिक्स को समझे.
87. ग्लोबल इकॉनमी के असर को समझे.
88. क्वालिटी कंपनीस मे इन्वेस्ट करें.
89. कंपनी के फंडामेंटलस को समझे.
90. लगातार अपने आप को शेयर मार्किट कि नॉलेज देते रहे.
91. इंडेक्स फण्ड (index funds) मे इन्वेस्ट करने का विचार करें.
92. कॉरपोरेट एक्शनस के असर को समझे.
93. ETFs यानि ‘एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स’ के असर को समझे.
94. गवर्नमेंट के पोलिसीस के असर को समझे.
95. Insider buying के असर को समझे.
96.कॉरपोरेट गवर्नेंस के असर को समझे.
97. एक हि कंपनी या सेक्टर मे कंसन्ट्रेट ना करें.
98. इन्वेस्ट करने से पहले गोल सेट करें और रिसर्च करें.
99. मार्किट को समझे और फाइनेंसियल एडवाइसेर कि मदद लें. तो ये थे 100 शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स.
Explain 50 tips in Hindi

मार्किट को समझे
शेयर मार्किट मे इन्वेस्ट करेने से पहले ये जानना ज़रूरी है के कैसे काम करता है और किन चीजों कि वजह से शेयर प्राइस पर असर होता है. इसमें मार्किट मे पार्टिसिपेट करने वाले शामिल है जैसे, इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर,
रिटेल इन्वेस्टर और मार्किट मेकर्स कि अच्छी समज होनी चाहिए इसके अलावा रेगुलेटर जैसे ‘सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया’ (SEBI) कि भूमिका को समज भि ज़रूरी है.
इन्वेस्ट करने से पहले रिसर्च करे
जिन कंपनीस और सेक्टर मे आप इन्वेस्ट करना छाते है तो आपको पहले ध्यान से रिसर्च करना चहिये. कंपनीस के फाइनेंसियल स्टेटमेंट, मैनेजमेंट और कम्पटीशन को देखना चाहिए. इसके साथ साथ कंपनी कि न्यूज़ और अनाउंसमेंट पर भि अपनी नज़र बनाये रखे.
Insider buying के असर को समझे
इनसाइडर बाइंग यानि कंपनी के स्टॉकस को कंपनी के ऑफिसर, डायरेक्टर और दुसरे अन्दर के लोग खरीदते है इसे इनसाइडर बाइंग कहते है. इनसाइडर बाइंग कंपनी और उसके फ्यूचर की संभावनाओं में विश्वास का संकेत हो सकती है,
और इस तरह के ट्रांसकशन पर ध्यान देना ज़रूरी है क्योंकि वे स्टॉक के लिए सकारात्मक संकेत हो सकते हैं.
मार्किट सेंटिमेंट के असर को समझे
मार्किट सेंटिमेंट यानि स्टॉक मार्किट मे इन्वेस्ट करने वाले इन्वेस्टरस का मूड और रवैये को कहते है जो स्टॉक मार्किट के प्रति होता है. इन्वेस्टमेंट करने से पहले मार्किट सेंटिमेंट को ध्यान मे रखना ज़रूरी है,
क्योंकि एक नेगेटिव सेंटिमेंट मंदी के बाजार का संकेत दे सकती है जबकि पॉजिटिव सेंटिमेंट बाजार में तेजी का संकेत दे सकती है.

प्लान बनाये और उसी पर बने रहे
एक अच्छी और क्लियर इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी होनी ज़रूरी है और उसे फॉलो भि करना है. कुछ वक़्त के लिए मार्किट के ऊपर-नीचे होने पर जल्दी कोई भि फैसला नहीं लेना है अक्सर ये फेसले गलत होते है.
मार्किट मे ये प्रेडिक्ट करना के कब मार्किट ऊपर जाएगी और नीचे आयेगी ये बहुत मुश्किल है इसलिए हमेशा लोग-टर्म परफॉरमेंस पर फोकस करके हि इन्वेस्ट करें.
ग्रोथ और वैल्यू स्टॉक के मिश्रण में इन्वेस्ट करें
ग्रोथ स्टॉक ऐसी कंपनियां होती है जो पुरे मार्किट की तुलना में फास्ट ग्रोथ रेट से बढ़ने की उम्मीद करती हैं, जबकि वैल्यू स्टॉक undervalued companies हैं, जिनकी ग्रोथ रेट कम हो सकती है लेकिन higher devidend ऑफर करते हैं.
कॉरपोरेट गवर्नेंस के असर को समझे
कॉरपोरेट गवर्नेंस से यानि अयसे सिस्टमस और प्रोसस्सेस जिनका उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि कंपनी अपने शेयर होल्डर के सर्वोत्तम हित में संचालित हो.
कंपनी के कॉरपोरेट गवर्नेंस के कामों कि रिसर्च करे, रिसर्च मे बोर्ड डायरेक्टर कि आज़ादी, फाइनेंसियल रिपोर्टस कि पारदर्शिता जैसे चीज़े शामिल है.
स्टॉप-लोस आर्डर को इस्तेमाल करें
स्टॉप-लोस आर्डर एक अयसा आर्डर जिसमे शेयर को सेलl करते है जब वो एक प्राइस तक पहुच जाते है, जिससे संभावित नुकसान को कम करने मे मदद करता है.
हाई उड़ने वाले स्टॉक के पीछे ना भागे
किसी भि कंपनी के स्टॉक हालही मे अचानक बढ़ने के प्रचार मे हर कोई पड़ता है लेकिन ये शेयर बहुत रिस्की होते है और लोंग-टर्म मे ये शेयर अच्चा परफॉर्म नहीं करसकते है.
Macroeconomic indicators पर नज़र रखे
इंटरेस्ट रेट, गीडीपी ग्रोथ, इन्फ्लेशन जैसे फैक्टर का असर स्टॉक मार्किट पर पड़ता है इसलिए इनपर नज़र रखना ज़रूरी है.
ओवर-कंसंट्रेशन से बचे
अपना सारा ध्यान एक सेक्टर या एक स्टॉक पर ना रखे और ना हि अपना सारा पैसा एक सेक्टर या स्टॉक मे लगायें. अपने इन्वेस्टमेंट को अलग अलग कंपनीस और अलग अलग सेक्टर मे पहलएं इससे रिस्क कम होता है.
सब्र रखे (Be Patient)
शोर्ट टर्म के लिए स्टॉक मार्किट ऊपर नीचे होते है लेकिन लोंग-टर्म मे पॉजिटिव रिटर्न मिल्सकते है. ये ज़रूरी है के धर्य से काम ले स्टॉक मार्किट के कम समय के ऊपर नीचे आने से जल्बाज़ी मे कोई भि डिसिशन न लें.

टैक्स के बारे मे सावधान रहे
आपको अपने इन्वेस्टमेंट पर टैक्स के असर के बारेमे पता होना चहिये और टैक्स को अपनी इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी मे शामिल करें.
फाइनेंसियल एडवाइजर से कंसल्ट करे
कोई भि इन्वेस्टमेंट करने कि डिसिशन लेने से पहले एक फाइनेंसियल एडवाइजर से बातकरना बहुत ज़रूरी है, ताके वो आपको गइदेंस दे सके और आपकी इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी को डेवेलोप करने मे मदद करसके.
कंपनी मैनेजमेंट के असर को समझे
कंपनी के मैनेजमेंट का मज़बूत असर कंपनी के परफॉरमेंस पर पड़ता है इसलिए ये ज़रूरी है के कंपनी के मैनेजमेंट टीम कि रिसर्च करे, रिसर्च मे उनके रिकॉर्ड ट्रैक करना, उनका एक्सपीरियंस, और लीडरशिप स्टाइल ये चीज़े शामिल है.
दुनिया कि इकोनोमी के प्रभाव को जाने
दुनिया कि इकॉनमी का असर इंडियन स्टॉक मार्किट पर होसकत है. इसलिए दुनिया कि इकनोमिक डेवलपमेंट पर अपनी नज़र रखे.
क्वालिटी कंपनीस मे इन्वेस्ट करे
अयसे कंपनीस को ढूंडे जिनके फाइनेंसियल पेर्फोर्मस अच्चा और मज़बूत हो, मैनेजमेंट अच्चा हो और बिज़नेस मॉडल सुस्तेनेबल हो. इस तरह के कंपनीस मार्किट डाउनटार्न को झेलेते है और लोंग-टर्म मे लगातार रिटर्न देते रहते है.
सूचित रहे
हमेशा अप-टू-डेट रहे मार्किट के न्यूज़ और अनाउंसमेंट के मामले मे. इंडिया के साथ साथ पूरी दुनियां मे इसका असर होसकता है.
रिस्क और रिटर्न के कांसेप्ट को समझे
शेयर मार्किट मे इन्वेस्टमेंट करने हमेशा से कुछ रिस्क होता हि है. इसलिए आपको अपने इन्वेस्टमेंट मे कितना रिस्क है ये जानना और रिटर्न कितना फायदा होगा ये जानना बेहद ज़रूरी है.
करेंसी के उतार-चढ़ाव के प्रभाव से अवगत रहें
भारतीय रुपया अन्य करेंसी के मुकाबले उतार-चढ़ाव कर सकता है, जिसका फॉरेन इन्वेस्टमेंट के रिटर्न पर प्रभाव पड़ सकता है.
इन्फ्लेशन के असर को समझे
इन्फ्लेशन वक़्त के साथ आपके इन्वेस्टमेंट कि वैल्यू को कम करसकता है, इसलिए इन्फ्लेशन को अपने इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी मे शामिल करें और अयसे इन्वेस्टमेंट करें जो इन्फ्लेशन को मतदे कर रिटर्न देसके.
कंपनी के फंडामेंटल्स को समझे
कंपनी के फाइनेंसियल स्टेटमेंट और मैट्रिक्स को देखे जैसे प्रॉफिट, रेवेनुए और कितना जियादा डेब्ट है ताके कंपनीस के फाइनेंसियल हेल्थ के बारेमे पता चलसके.
इनसाइडर ट्रेडिंग से बचे
इनसाइडर ट्रेडिंग मे अयसा आदमी जिस के पास आयसी इनफार्मेशन/सिक्यूरिटी है जिस तक पब्लिक नहीं पहुच सक्ति या वो इनफार्मेशन पब्लिक के लिए नहीं और वो इंसान उस इनफार्मेशन का इस्तेमाल करके सिक्यूरिटी को बेचता या खरीदता है.
इनसाइडर ट्रेडिंग इल्लेगल और इसे करने पर गंभीर पेनल्टी मिलती है.

अपने प्रोत्फोलियो को रेगुलरली मॉनिटर करे
अपने इन्वेस्टमेंट के परफॉरमेंस पर नज़र रखे और उसके मुताबिक ज़रूरी एडजस्टमेंट करे. जैसे अगर कोई स्टॉक अच्चा परफॉर्म नहीं करना यानि ‘अंडरपरफोर्मिंग’ है उसे बेचने का सोच सकते है ताके उन पैसों से कहीं और इन्वेस्ट करसके.
Over-leveraging से बचे
इन्वेस्ट करने के लिए अगर उधार लेते है तो होसकता हिया आपको रिटर्न मेले लेकिन इसमें रिस्क भि बहुत होता है. आपको ये समज ना ज़रूरी है के उधार लेकर पैसे इन्वेस्ट करने पर अगर लोस होजये तो आप कर्जे मे अजाओगे. इसलिए इन्वेस्टमेंट के लिए कभी भि उधार नालें.
एक एग्जिट स्ट्रेटेजी होनी चाहिए
इन्वेस्ट करने से पहले ये आपको प्लान करना चाहिए के कब आप इन्वेस्टमेंट को सेल करेंगे. इसकी वजह से आप गलत समय पर इन्वेस्टमेंट sell करने से बचते है और आपका प्रॉफिट आपके हाथ मे होता है.
अपने आपको लगातार एडुकेट करते रहे
कियोंकि स्टॉक मार्किट लगातार बदलाव हो रहा है इसलिए आपको लगातार अपने आपको एडूकेट करना ज़रूरी है नये न्यूज़, ट्रेंड, और नये डेवलपमेंट के बारेमे जानना ज़रूरी है.
किसी सेक्टर कि न्यूज़ के प्रभाव को समझे
सेक्टर-स्पेसिफिक न्यूज़ जैसे इंडस्ट्री ट्रेंडस और रेगुलेटरी बदलाव का असर स्टॉक मार्किट पर होसकता है. इसलिए इन सेक्टर-स्पेसिफिक डेवलपमेंट, न्यूज़, चंजेस को जानना ज़रूरी है.
गवर्नमेंट पॉलिसीस के असर पर विचार करे
गवर्नमेंट कि पॉलिसीस जैसे जीएसटी, देमोनेटीज़ेशन और टैक्स रिफार्म जैसे गवर्नमेंट पॉलिसीस का ज़रूरी असर पड़ता है. इसलिए इन पॉलिसीस को जाने और आने वली नयी पॉलिसीस के बारेमे जानकारी इखत्ती करे और ये जाने के आपके इन्वेस्टमेंट पर इसका कैसे असर पड़ेगा.
जिओ-पोलिटिकल इवेंट का असर समझे
जिओ-पोलिटिकल इवेंट जैसे कनफ्लिक्ट, संकशन, ट्रेड एग्रीमेंट जैसे इवेंट स्टॉक मार्किट पर असर दाल सक्ति है. इसलिए इनके बारेमे हमेशा जानते रहे.
इकनोमिक इंडिकेटर के असर को समझे
इकनोमिक इंडिकेटर जैसे जीडीपी, कांसुमेर प्राइस इंडेक्स (CPI) और unemployment rate जैसे इकनोमिक इंडिकेटर स्टॉक मार्किट पर बड़ा असर करती है.
इसलिए इन इन इंडिकेटरस के बारेमे जानना और ये आपके इन्वेस्टमेंट पर किसतरह असर करती है ये जानना ज़रूरी है.
टेक्निकल एनालिसिस के असर को जाने
टेक्निकल एनालिसिस मे पास्ट मार्किट डाटा, प्रिमरिली प्राइस और वॉल्यूम कि स्टडी करने से आइडेंटिटी पैटर्न और ट्रेडिंग डिसिशन लेने तक.
इसलिए टेक्निकल एनालिसिस के बेसिक को जानना बहुत ज़रूरी है और इसका इस्तेमाल करके ट्रेंड को पहचानना और ट्रेडिंग के फेसले लेना.

ग्लोबल मार्किट ट्रेंड के असर को समझे
ग्लोबल मार्किट ट्रेंड मे उभरते बाजारों का उदय, रिन्यूएबल एनर्जी की ओर बदलाव और ई-कॉमर्स की ग्रोथ का शेयर बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है, ये इन चीजों का जानना ज़रूरी है और आपके इन्वेस्टमेंट पर इसका क्या असर होगा ये जाने.
कंपनी न्यूज़ के असर को समझे
कंपनी के न्यूज़ जैसे अरनिंग रिपोर्ट, मैनेजमेंट चंजेस और प्रोडक्ट लौन्चेस जैसे चीज़े कंपनी के स्टॉक प्राइस पर असर डालती है. इसलिए कंपनी न्यूज़ के बारेमे पता होना चहिये.
ग्लोबल इवेंट के प्रभाव को समझे
ग्लोबल इवेंट जैसे नेचुरल डिसास्टर, पान्डेमिक, और इकनोमिक डाउनटार्न स्टॉक मार्किट मे एक मज़बूत प्रभाव दलसकते है, इसलिए ग्लोबल इवेंट के बारेमे जानना भि ज़रूरी है हमेशा इन्फॉर्मड रहे.
पोलिटिकल इवेंटस के असर से अवगत रहे
पोलिटिकल इवेंट स्टॉक मार्किट मे एक मेह्तापोर्ण असर चोटसकते है, इसलिए उनके नये डेवलपमेंट जाने न्यूज़ देखे और कैसे वह आपकी इन्वेस्टमेंट को असर करसकते है इससे अवगत रहे.
डिविडेंड-पेइंग स्टॉक मे इन्वेस्ट करने का सोचे
डिविडेंड-पेइंग शेयर्स उनको को कहा जाता है जिनमे प्रॉफिट के एक भाग को शेयर होल्डरस मे बता जाता है, आसान भाषा मे अगर आप किसी कंपनी के डिविडेंट-पेइंग स्टॉक मे इन्वेस्ट करते है तो अगर कंपनी पैसे कमाती है तो उसका कुछ हिस्सा इन डिविडेंट-स्टॉक होल्डर को भि देती है इसीको dividends कहते है.
अगर स्टॉक का प्राइस भि अच्चा परफॉर्म नहीं कररहा है तब भि प्रॉफिट का कुछ हिस्सा मिलसकता है.
वैल्यूएशन के कांसेप्ट को जाने
वैल्यूएशन स्टॉक के आंतरिक वैल्यू को निर्धारित करने के प्रोसेस का नाम है. ये ज़रूरी है के स्टॉक कि वैल्यू और आंतरिक वैल्यू को मार्किट प्राइस से कोम्पेर के पता लगया जाये के स्टॉक कि वैल्यू कम है या जियादा है.
Index funds मे इन्वेस्टिंग करने का विचार करे
म्यूच्यूअल फण्ड का एक प्रकार है इंडेक्स फण्ड जो एक स्पेसिफिक स्टॉक मार्कर इंडेक्स को ट्रैक करता है, जैसे BSE सेंसेक्स और निफ्टी 50. वे स्टॉक मार्किट मे कम पैसों और diversified तरीके से इन्वेस्ट करने मे मदद करते है.

इकनोमिक पॉलिसीस के असर को समझे
इकनोमिक पॉलिसीस जैसे फिस्कल पालिसी और मोनेटरी पालिसी स्टॉक मार्किट पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते है, इसलिए इन डेवलपमेंट से अवगत होना ज़रुई और इनसे आपको इन्वेस्टमेंट पर क्या असर होगा ये जानना भि ज़रूरी है.
इनसाइडर ट्रेडिंग के प्रभाव को समझे
इनसाइडर ट्रेडिंग का असर जो कंपनीस शेयर मार्किट मे होती है उनके शेयर्स पर असर करती है, इसलिए इसके बारेमे जानना ज़रूरी है.
पैनी स्टॉक से जुड़े रिस्क को समझे
पैनी स्टॉक उन स्टॉक को कहा जाट अहै जो लो प्राइस मे ट्रेड होते है और इन्हें speculative माना जाता है. ये स्टॉक मे दुसरे स्टॉक के मुकाबले जियादा रिस्क होता है इसलिए ये ज़रूरी है के आप इन्वेस्ट करने से पहले रिसर्च करे.
कॉरपोरेट के एक्शन के असर को समझे
कॉरपोरेट एक्शनस यानि एक्वीजीशन, विलय और बायबेक जैसे कॉरपोरेट एक्शनस का असर जो कंपनीस स्टॉक मार्किट मे होती है उनके स्टॉक पर असर होता है,
इसलिए अयसी जानकारी से खुदको दूर मत रखे कोई भि डेवलपमेंट आपके इन्वेस्टमेंट पर क्या असर करेगा ये आपको जानना ज़रूरी है.
इंटरेस्ट रेट के असर से अवगत रहे
इंटरेस्ट रेट स्टॉक मार्किट पर एक अच्चा प्रभाव दाल सकते है है कियोंकि इंटरेस्ट रेट उधार पैसो और सेविंग पर रिटर्न पर प्रभाव डालते है.
एक्सचेंज-ट्रेडेड फण्ड (ETFs) के असर को जाने
ETFs एक प्रकार के इन्वेस्टमेंट फण्ड है जो स्पेसिफिक स्टॉक मार्किट इंडेक्स को ट्रैक करते है जैसे एसेट और कमोडिटी. ये कम कॉस्ट और डाइवर्सिफाइड तरीके से स्टॉक मार्किट मे इन्वेस्ट करने के लिए ऑफर करते है. ये थे शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स.
People Also Ask
1. किसी कंपनी के शेयर खरीदते समय क्या देखना चहिये?
किसी भि कंपनी मे शेयर/स्टॉक खरीदने से पहले आपको कंपनी कि रिसर्च करनि चहिये और रिसर्च मे ये चीज़े शामिल है जैसे कंपनी कि फाइनेंसियल परफॉरमेंस, कंपनी के फंडामेंटल, कंपनी कि ग्रोथ कैसे और कितनी होरही है, इन्वेस्टरस को कितना रिटर्न मिलरहा है, आदि जैसे चीजों को देखना चहिये इन्वेस्ट करने से पहले.
2. शेयर की कीमतें क्यूँ गिरती हैं?
शेयर प्राइस का कम और जियादा होने के पीछे ‘डिमांड और सप्लाई’ ज़िम्मेदार है. जैसे अगर किसी स्टॉक कि डिमांड कम होगी और सप्लाई जियादा होगी तो स्टॉक के प्राइस कम होगी, वहीँ डिमांड जियादा होगी, लोग स्टॉक को खरीदना चाहते है और सप्लाई कम लोग कम बेचरहे है तो प्राइस बढेगा
3. शेयर प्राइस को आप कैसे नियंत्रित करते हैं?
कंपनी जब स्टॉक मार्किट मे आने के बाद अगर कंपनी के स्टॉक कि मांग बढती है तो स्टॉक कि कीमत भि बढ़ेगी और स्टॉक को कोई खरीदना नहीं छटा है या कंपनी लोस मे जारही है तो स्टॉक कि प्राइस कम होजाती है.
4. ट्रेडिंग के 5 प्रकार कौन से हैं?
- इंट्राडे ट्रेडिंग
- डिलीवरी ट्रेडिंग
- स्विंग ट्रेडिंग
- पोसीशनल ट्रेडिंग
- फंडामेंटल ट्रेडिंग.
5. शेयर मार्किट मे नुकसान कैसे होता है?
अगर कोई बिना रिसर्च करें या किसी के भि कहने से इन्वेस्ट करता है तो नुकसान होना तय है इसलिए हमेशा इन्वेस्ट करने से पहले शेयर मार्किट, कम्पनी के बारेमे जाने और टेक्निकल रिसर्च करे.
निष्कर्ष?
हालांकि ये टिप्स नुकसान को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि शेयर बाजार में कोई गारंटी नहीं है और निवेश में हमेशा कुछ लेवल का जोखिम होता है.
कोई भी बड़ा निवेश निर्णय लेने से पहले प्रोफेशनल एडवाइस लेना भी ज़रूरी है. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि शेयर बाजार अन-प्रेडिक्टेबल हो सकता है और सफलता की कोई गारंटी नहीं होती है. आज हमने जाना के शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स, शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स और उनका मतलब,
आशा है आपको शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स समज मे आये होंगे, ‘शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स’ से जुदा कोई और सवाल होतो कमेंट करें और शेयर करें ताके दूसरों को भि पता चले के शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स क्या है. हमारा ये आर्टिकल ‘शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स’ यहीं समाप्त होता है.
ये भि पढ़े: