शेयर क्या होता है पूरी जानकारी । Share Kya Hota Hai

शेयर क्या होता है यह सवाल आपके मन में कई सवालों को उत्पन्न कर सकता है, और इस लेख में हम इस तीन शब्दों के पीछे छिपी हुई जानकारी को खोजेंगे। शेयर क्या है, यह कैसे काम करता है, कंपनियाँ क्यों शेयर जारी करती हैं, और इनके निवेश में क्या फायदे हैं।

हम यहां शेयर मार्केट की बुनावट से लेकर उधारण के माध्यम से शेयर की गणना तक कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे, ताकि आपको शेयर के इस रूप को समझने में मदद मिले।

शेयर क्या होता है । Share Kya Hota Hai

शेयर जिसे स्टॉक मार्केट में “स्टॉक” या “इक्विटी” के नाम से भी जाना जाता है, वह एक कंपनी की कुल मूल्य के सबसे छोटे हिस्से को दर्शाता है।

इसका मतलब है कि एक कंपनी अपनी पूंजी को छोटे हिस्सों में बाँट देती है, और हर हिस्से को “शेयर” कहा जाता है।

ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग में, जब आप किसी कंपनी के शेयर को खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी के मालिक बन जाते हैं, क्योंकि आपने उनके विशेष मूल्य पर उनके हिस्सों को खरीदा होता है।

इसके लिए, चलिए एक उदाहरण से समझें: एक कंपनी की कुल पूंजी ₹10 लाख है और वह इसे 1000 हिस्सों में बाँट देती है, तो प्रत्येक हिस्से की मूल्य ₹100 रुपये होगी। यह ₹100 का हर छोटा हिस्सा होता है, और इसे ही “शेयर” कहा जाता है।

जब आप इस कंपनी के शेयर खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी के “शेयरधारक” बन जाते हैं, यानी आप उसके हिस्सों के मालिक हो जाते हैं।

शेयरधारक कंपनी के मामलों में वोट देने का अधिकार प्राप्त करता है, जैसे कि निदेशक मंडल का चयन करना या कंपनी के नियमों में परिवर्तन करना। पर इससे पहले, शेयर बाजार के नियमों को जानना बेहद महत्वपूर्ण होता है।

कंपनी शेयर क्यूँ Issue करती है?

कंपनी शेयर क्यूँ Issue करती है

कंपनी स्टॉक क्यों जारी करती है, इसके पीछे कारण होते हैं:

पूंजी जुटाना: किसी कंपनी को शुरू करने के लिए निवेशकों और संस्थापकों द्वारा पैसे चाहिए होते हैं। जब वे अधिक पैसे की आवश्यकता होती है, तो कंपनी आमतौर पर अधिक सेयर्स जारी करती है।

विस्तार के लिए: कंपनी स्टॉक जारी करके पैसे जमा करती है, जिनका उपयोग व्यवसाय के विस्तार के लिए किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, जब कोई कंपनी नए बाजार में फूट दालती है या नया कारखाना बनाने का निर्णय लेती है, तो इसके पास अधिक संसाधन होते हैं, जिससे व्यवसाय फायदेमंद होता है।

वित्तीय स्वायत्तता: किसी कंपनी को डेट फाइनेंसिंग से उधार लेने पर ब्याज देने की जरूरत होती है, जो निश्चित समय के बाद वापस करना होता है। विपरीत, इक्विटी को पुनर्भुगतान की आवश्यकता नहीं होती है, और इससे कंपनी के नकदी प्रवाह और वित्तीय स्थिति में सुधार होता है।

शेयर बाज़ार में निवेश करने के फायदें?

शेयर बाज़ार में निवेश करने के फायदें

1. उच्च रिटर्न पाने की सम्भावना (High Returns)

शेयर मार्केट में निवेश करने के कई फायदे हो सकते हैं, जिनमें से पहला फायदा है उच्च रिटर्न पाने का। शेयर मार्केट ने पिछले कुछ सालों में बहुत अच्छे रिटर्न्स दिए हैं। यदि आप शेयर मार्केट की इतिहास की जाँच करें और इसके द्वारा प्रदान किए गए रिटर्न्स को अन्य निवेश विकल्पों जैसे बॉंड्स और फिक्स्ड डिपॉजिट के साथ तुलना करें, तो शेयर मार्केट में हमेशा से बेहतर रिटर्न मिले हैं।

2. विविधता की उपलब्ध्ता (Diversification)

आप अपने निवेश को विभिन्न विभागों और उद्योगों में बाँटकर डायवर्सिफाइ कर सकते हैं, जिससे आपके निवेश के जोखिम को कम करने में मदद मिलजाएगी। डायवर्सिफिकेशन का यह फायदा होता है कि अगर किसी एक निवेश लोस में चला जाए, तो इसका प्रभाव आपके अन्य निवेशों पर नहीं पड़ेगा।

अपने निवेश को अलग अलग कंपनी या इंडस्ट्री में बाटने से रिस्क भी बटता है। इसलिए, शेयर मार्केट में निवेश करने के साथ-साथ डायवर्सिफिकेशन का उपयोग करके आप अपने निवेश के जोखिम को कम कर सकते हैं और अधिक बेहतर प्रदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।

3. तरलता (Liquidity)

तरलता का मतलब है कि एक निवेशक किसी भी समय अपने शेयर्स को बेचकर पैसे निकाल सकता है और उन पैसों से अन्य शेयर्स खरीद सकता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी निवेशक के पास कोई शेयर है जो बुरी तरह से प्रदर्शन कर रहा है, तो वह उसे जल्दी से बेचकर किसी दूसरे शेयर में निवेश कर सकता है।

इसके अलावा, यदि आपको अपने पैसों की आवश्यकता है, तो आप अपने शेयर्स को बेचकर आसानी से पैसे निकाल सकते हैं। हालांकि, शेयर बाजार में निवेश करते समय आपको सिर्फ़ उन पैसों का निवेश करना चाहिए, जिनकी आपको आने वाले दो-तीन साल में कोई आवश्यकता नहीं है।

अचानक किसी जरूरत के लिए पैसे की आवश्यकता हो, तो आप अपने शेयर्स को बेच सकते हैं। शेयर्स को कुछ ही समय में बेचा जा सकता है और वे पैसे आपके खाते में 24 घंटे के भीतर ट्रांसफर किए जा सकते हैं।

4. लाभांश आय (Dividend Income)

शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों में कुछ कंपनियां अक्सर अपने शेयरधारकों को समय-समय पर डिविडेंड्स देती हैं, जो निवेशकों के लिए एक आय का स्रोत बन जाता है। कुछ कंपनियां उनके व्यवसाय से जो मुनाफा कमाती हैं, वह मुनाफा आमतौर पर उनके व्यापार के विस्तार के लिए लगाती हैं, और कुछ कंपनियां ऐसी होती हैं जो इस मुनाफे का एक हिस्सा अपने पास रखती हैं और बचा हुआ मुनाफा अपने शेयरधारकों में बाँटती हैं। इन पैसों को डिविडेंड कहते है।

कंपनी आमतौर पर अपने शेयरधारकों को नियमित अंतराल पर डिविडेंड देती है, जैसे कि क्वार्टरली या वार्षिक। हालांकि, डिविडेंड की राशि एक निश्चित नहीं होती क्योंकि कंपनी का मुनाफा कितना होगा यह विभिन्न कारणों से बदल सकता है।

5. पूंजी में मूल्य वृद्धि (Capital Appreciation)

जब निवेशक आज किसी कंपनी के शेयर में पैसे लगाते हैं, तो समय के साथ उनके इन शेयरों की मूल्य बढ़ती जाती है। जैसे-जैसे कंपनी आगे बढ़ती है, कंपनी का मुनाफा भी बढ़ता है, और इसके परिणामस्वरूप शेयरों की मूल्य भी बढ़ जाती है, जिससे निवेशकों को धन मूल्य बढ़ोतरी का फायदा मिलता है।

उदाहरण से समझे, यदि कोई निवेशक आज किसी कंपनी के शेयरों में 10,000 रुपए का निवेश करता है, और कंपनी 20% की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ रही है, तो आने वाले तीन साल में उनके 10,000 रुपए के शेयर का मूल्य 17,280 रुपए हो जाएगा, पांच साल में 24,880 रुपए, और दस साल में 61,900 रुपए हो सकता है।

6. मुद्रास्फीति बचाव (Inflation Hedge)

शेयर मार्केट में पैसे लगाकर हम इन्फ्लेशन को मात दे सकते हैं। जब किसी देश की अर्थव्यवस्था बढ़ती है, तो सामानों और सेवाओं की कीमतें भी बढ़ती हैं। जब देश में महंगाई हर साल 6% से बढ़ती है, और बैंक में पैसे 3% से 6-7% के दर से बढ़ते हैं, तो हमारे पैसे की मूल्य कम हो जाती है।

क्योंकि हम ज्यादा पैसे बचा सकते हैं, लेकिन उनकी वैल्यू घट जाती है। आज अगर आप 10 रुपये से कुछ खर्च करते हैं, तो 10 साल बाद वही सामान या सेवा पाने के लिए आपको 15 से 17 रुपये खर्चने पड़ सकते हैं।

7. कम राशि में निवेश करने की सुविधा (Opportunity to Invest in Small Amounts)

बहुत सारे लोगों के पास यह गलत धारणा होती है कि शेयर बाजार में निवेश करने के लिए बहुत ज्यादा पैसे की आवश्यकता है, और यह केवल अमीर लोगों के बस की बात है। लेकिन यह बिल्कुल गलत धारणा है।

अगर आपके पास एक हज़ार रूपए भी है तो उस से भी आप शेयर मार्किट में अपनी इन्वेस्टिंग की जर्नी शुरू कर सकते है। मार्किट में आपको 50-100 रूपए की कीमत वाले अच्छे शेयर्स भी मिल जायेंगे,

शेयर की विशेषताएं?

शेयर की विशेषताएं

शेयर बाजार में निवेश करने के कुछ विशेष फायदे हैं, जिनके कारण यह इन्वेस्टमेंट अन्य विकल्पों से अलग होता है। यहां हम उन विशेषताओं को जानें:

1. लिक्विडिटी (Liquidity)

शेयर बाजार में लिक्विडिटी का मतलब होता है उपयोगकर्ता की सार्वभौमिक तरलता। इसका मतलब है कि शेयरों को आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है। यह तरलता की विशेषता के कारण शेयर बाजार का निवेश बहुत लोगों के लिए प्राथमिक होता है।

2. अस्थिरता (Volatility)

शेयर बाजार में अस्थिरता का मतलब होता है कि शेयरों की मूल्य में अनिश्चितता हो सकती है। यह बाजार की स्थिति, कंपनी का प्रदर्शन और अन्य बाहरी कारणों के आधार पर मूल्यों में बड़े परिवर्तन का कारण बनती है। इसका मतलब है कि शेयर की मूल्यों का पूर्वानुमान करना मुश्किल हो सकता है और बिना विचार किए निवेश करने से नुकसान हो सकता है।

3. स्वामित्व (Ownership)

शेयर बाजार में स्वामित्व का मतलब होता है कि आप जब किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी में हिस्सेदार बन जाते हैं। शेयर होल्डर्स को कंपनी के निर्णयों में भी भागीदारी का हक होता है।

4. जोखिम (Risk)

शेयर बाजार में जोखिम का मतलब होता है कि इसमें निवेश करने पर कुछ पैसे खोने का खतरा होता है। इसे अन्य निवेश विकल्पों के साथ तुलना करके उच्च जोखिम निवेश माना जाता है, लेकिन इसके साथ ही यह भी सच है कि जहां जोखिम होता है, वहां उच्च लाभ भी हो सकता है, इसलिए शेयर बाजार का निवेश अप्रत्याशित लाभ भी प्रदान कर सकता है।

उधारण से समझाएं शेयर मार्केट कैसे काम करते है?

उधारण से समझाएं शेयर मार्केट कैसे काम करते है

चलिए, एक उदाहरण के माध्यम से ‘शेयर’ की अवधारणा को समझते हैं।

सोचिए, आप ‘म्युज़िक’ कंपनी के मालिक हैं, जो एक गायकों के संगीत एल्बम रिकॉर्ड करने वाली कंपनी है, और आपके पास केवल एक ही मालिकी है।

अब आप चाहते हैं कि आपका व्यापार ‘बॉलीवुड’ में फैले और इसके लिए ₹10 करोड़ की आवश्यकता है, लेकिन आपके पास इस योजना को पूरा करने के लिए पैसा नहीं है।

इस स्थिति में, आपके पास कुछ विकल्प हैं। आप एक निवेश बैंक कंपनी से सहायता प्राप्त कर सकते हैं, जो आपकी कंपनी के वित्तीय स्थिति की समीक्षा करेगी। उनके विश्लेषण के बाद, आपकी कंपनी का मूल्य ₹50 करोड़ के रूप में प्रतिपादित होता है।

इस निवेश बैंक कंपनी की मदद से, आपके इस कुल मूल्य को ₹100 की कीमत वाले 50 लाख शेयरों में वितरित किया जाता है।

फिर आप बाजार में खबर फैलाते हैं कि आप अपने कंपनी की 20% हिस्सेदारी, यानि ₹10 लाख शेयर बेचने का प्रस्ताव रखते हैं।

आपके पास कुल 100 निवेशक होते हैं जो आपकी कंपनी में निवेश करने के लिए तैयार होते हैं, और प्रत्येक निवेशक आपकी कंपनी के 10,000 शेयर खरीदते हैं। अब सभी शेयरहोल्डर्स को आपकी ‘म्यूज़िक’ कंपनी में 0.2% की हिस्सेदारी मिलती है।

आइए आगे बढ़ते हैं, सोचिए कि आपकी कंपनी चंडीगढ़ शहर में बहुत सफल होती है, और 2 साल में ही कंपनी का मूल्य ₹200 करोड़ तक पहुंचता है। इसके बाद, सभी निवेशकों का ₹10 लाख का शुरूआती निवेश ₹40 लाख तक पहुंचता है।

यही शेयर बाजार का सारा खेल है, इस तरीके से शेयर वास्तव में कंपनी के प्रदर्शन और निवेश को समान रूप से प्रभावित करता है।

शेयर को कैलकुलेट कैसे करते है?

शेयर को कैलकुलेट कैसे होता है

शेयर बाजार में निवेश करने के समय, यह जानना महत्वपूर्ण है कि कैसे शेयरों की मूल्य की गणना की जाती है और मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होती है। मार्केट कैपिटलाइजेशन एक कंपनी के सभी शेयरों की कुल मूल्य को दर्शाती है, जिसे “मार्केट कैप” के रूप में भी जाना जाता है।

मार्केट कैपिटलाइजेशन को गणना करने के लिए, आपको पहले जानना होगा कि कितने बकाया शेयर हैं और प्रत्येक शेयर की वर्तमान मूल्य क्या है। मार्केट कैप की गणना के लिए निम्नलिखित सूत्र का उपयोग किया जा सकता है:

मार्केट कैप की गणना = बकाया शेयरों की संख्या x प्रत्येक शेयर की वर्तमान मूल्य (Market capitalisation = number of outstanding shares x current market)

उदाहरण के लिए, यदि किसी कंपनी के पास 1 करोड़ शेयर हैं और प्रत्येक शेयर की वर्तमान मूल्य ₹50 है, तो उसकी मार्केट कैपिटलाइजेशन होगी:

मार्केट कैपिटलाइजेशन = 1 करोड़ शेयर x ₹50 = ₹50 करोड़

इस सूत्र का उपयोग करके आप किसी कंपनी की मार्केट कैपिटलाइजेशन जान सकते हैं। यदि आपको मार्केट कैपिटलाइजेशन पता है, तो आप शेयरों की कुल संख्या भी गणना कर सकते हैं:

कुल शेयरों की संख्या = मार्केट कैपिटलाइजेशन / प्रत्येक शेयर की वर्तमान मूल्य

इसका मतलब है कि यदि आपको किसी कंपनी की मार्केट कैपिटलाइजेशन पता है, तो आप शेयरों की कुल संख्या इस सूत्र का उपयोग करके निकाल सकते हैं।

उदाहरण के लिए, यदि आपको किसी कंपनी की मार्केट कैपिटलाइजेशन पता है और प्रत्येक शेयर की वर्तमान मूल्य भी पता है, तो आप कुल शेयरों की संख्या इस सूत्र का उपयोग करके निकाल सकते हैं।

इस तरीके से, आप शेयर बाजार में किसी कंपनी की मार्केट कैपिटलाइजेशन और उसकी शेयरों की संख्या को प्राप्त करके निवेश के फैसले में मदद कर सकते हैं।

शेयर कैसे खरीदते है?

शेयर कैसे खरीदते है

आजकल, किसी भी कंपनी के शेयर्स को खरीदना और बेचना बहुत ही सरल हो गया है, और आप इस काम को आसानी से ऑनलाइन अपने मोबाइल पर भी कर सकते हैं।

स्टॉक निवेश की शुरुआत करने के लिए आपके पास एक डीमैट खाता होना आवश्यक है, जिसको आप किसी भी प्रमुख ब्रोकर जैसे Upstox, Zerodha, Angel One, ICICI Direct, HDFC Securities आदि के माध्यम से खोल सकते हैं। आपको स्टेप स्टेप जानना होगा के शेयर कैसे खरीदते है।

  • सबसे पहले अपने ज़रूरत के हिसाब से स्टॉक मार्केट ब्रोकर चुनें।
  • फिर उस ब्रोकर के प्लेटफार्म से डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलें।
  • शेयर खरीदने से पहले कंपनी की अच्छी रिसर्च करें।
  • ब्रोकर के प्लेटफार्म पर जाकर कंपनी नाम सर्च करें।
  • यहां पर आपको शेयर खरीदने के लिए ‘Buy’ का आप्शन मिलेगा और बेचने के लिए ‘Sell’ का आप्शन मिलेगा।

शेयर मार्केट कैसे सीखे?

शेयर मार्केट कैसे सीखे

  1. शेयर मार्केट के मूल सिद्धांतों को समझें
  2. फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें सीखें
  3. टेक्निकल एनालिसिस कैसे करें सीखें
  4. शेयर बाजार की किताबें पढ़ें
  5. शेयर मार्केट में पैसे लगाना सीखें
  6. ऑनलाइन शेयर मार्केट के श्रेष्ठ कोर्स करें
  7. शेयर मार्केट की समझ पाने का प्रयास करें
  8. पेपर ट्रेडिंग का अभ्यास करके सीखें
  9. शेयर खरीदने से पहले कंपनियों की रिसर्च करें
  10. सफल स्टॉक मार्केट निवेशकों और व्यापारीयों का पालन करें
  11. बाजार का अध्ययन करें
  12. शेयर मार्केट में हानि के कारणों को पहचानें
  13. शेयर मार्केट संबंधित ब्लॉग और यूट्यूब चैनल को सुनें
  14. डीमेट अकाउंट बनाकर शुरू करें
  15. सिप म्यूच्यूअल फण्ड, इन्वेस्टमेंट आदि को जानें
  16. शेयर खरीदने के नियम जानें
  17. शेयर बाज़ार में नुक्सान से कैसे बचे सीखे
  18. हमारी वेबसाइट के शेयर मार्किट केटेगरी के आर्टिकल्स पढ़े।

इक्विटी शेयर क्या है?

इक्विटी शेयर किसी कंपनी के लिए दीर्घकालिक वित्त प्राप्ति स्रोत होते हैं। ये शेयर सामान्य जनता को जारी किए जाते हैं और वे पुनः मिलने की प्रक्रिया में नहीं होते हैं। इस प्रकार के शेयरों में निवेशकों के पास मतदान करने, लाभ साझा करने और कंपनी की संपत्ति का दावा करने का हक होता है। इक्विटी शेयर की मूल्य को पार मूल्य, फेस मूल्य, बुक मूल्य आदि विभिन्न प्रकारों में व्यक्त किया जा सकता है।

स्टॉक क्या है परिभाषा । What is share in hindi

एक पब्लिक कंपनी में, जिसका शेयर सार्वजनिक रूप से बाजार में बिकता है, इसीको शेयर कहा जाता है। यह शेयर कंपनी की पूंजी का छोटा सा हिस्सा होता है और यह दर्शाता है कि आप कितना हिस्सेदारी रखते हैं।

जब कोई कंपनी पब्लिक होती है, तो वह अपने शेयरों को शेयर बाजार में जारी करती है, जिन्हें लोग खरीदने और बेचने के लिए खरीद सकते हैं। कंपनी की कुल मूल्य को शेयरों में बांटा जाता है, इससे प्रत्येक शेयर की मूल्य का पता चलता है कि वह कितना हिस्सा है।

एक शेयर कितने का होता है?

एक शेयर कितने का होता है

एक शेयर का मूल्य विशेष कंपनी और वित्तीय बाजार की स्थिति पर निर्भर होता है। शेयर की मूल्य किसी कंपनी के प्रदर्शन, बाजार की प्रस्तुत परिस्थितियों और अन्य आर्थिक कारकों पर आधारित होता है। शेयर की मूल्य कैसे निर्धारित होती है, यह उस कंपनी और बाजार के द्वारा की जाने वाली प्रक्रिया के माध्यम से पता चलता है।

यदि आप किसी विशेष कंपनी के शेयर की मूल्य के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो आपको वह कंपनी के स्टॉक मार्केट या ब्रोकर के प्लेटफार्म पर कंपनी का नाम सर्च करके उनके शेयर्स का प्राइस पता कर सकते है।

शेयर कितने प्रकार के होते हैं?

शेयर बाज़ार क्या होता है

स्वामित्व मानदंड के आधार पर, शेयरों के मुख्य प्रकार होते हैं:

1. कॉमन स्टॉक: अधिकांश कंपनियां अपने स्टॉक कोमन स्टॉक के रूप में जारी करती हैं। इससे स्टॉकहोल्डर्स को डिविडेंड प्राप्त करने का अधिकार होता है, और वे कंपनी के बोर्ड के सदस्यों को चुन सकते हैं।

2. परैफर्ड स्टॉक: परैफर्ड स्टॉक एक विशेष प्रकार का स्टॉक होता है जिससे लाभांश का एक निश्चित हिस्सा होता है और मतदान के अधिकार नहीं होते।

3. हाइब्रिड स्टॉक या कनवर्टिबल परैफर्ड शेयर: ये अक्सर परैफरड स्टॉक होते हैं जिन्हें पूर्व-निर्धारित समय पर कॉमन स्टॉक में परिवर्तित करने का विकल्प होता है। ये कॉमन स्टॉक के सदस्यों के जैसे मतदान के अधिकार रख सकते हैं या नहीं रख सकते हैं।

4. एम्बेडेड-डेरीवेटिव वाले स्टॉक: कुछ कंपनियां परैफरड स्टॉक जारी करती हैं जिसमें कॉल या पुट ऑप्शंस के अधिकार शामिल होते हैं। इन्हें “कॉल करने योग्य” या “पुट्टेबल” स्टॉक कहा जाता है।

5. कॉल करने योग्य स्टॉक: इसमें कंपनी द्वारा निश्चित कीमत या समय पर खरीदने का अधिकार होता है।

6. पुट्टेबल स्टॉक: यह कंपनी को निर्धारित समय या कीमत पर बेचने का विकल्प देता है।

शेयर बाज़ार क्या होता है?

शेयर मार्केट एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म होता है जहां खरीददार और विक्रेता दिन के विशिष्ट समय में सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध शेयरों का व्यापार करते हैं। लोग अक्सर ‘शेयर मार्केट’ और ‘स्टॉक मार्केट’ शब्दों का उपयोग आपस में इंटरचेंजेबल रूप से करते हैं,

लेकिन इन दोनों के बीच मुख्य अंतर यह है कि जबकि पहले का उपयोग केवल शेयरों का व्यापार करने के लिए होता है, दूसरे में आप विभिन्न वित्तीय सुरक्षा जैसे कि बॉन्ड, डेरिवेटिव्स, विदेशी मुद्रा आदि का व्यापार कर सकते हैं। भारत में प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)।

निष्कर्ष

भारत का स्टॉक मार्केट एक ऐसा बाजार है जो लगातार बढ़ रहा है, और यह देश के लिए एक बड़ा निवेश अवसर है। अगर आपका निवेश सिर्फ सेविंग या फिक्स्ड डिपॉजिट में ही है, तो आप अपनी धन वृद्धि को रोक रहे हो सकते हैं। सबको अपने पैसे का एक हिस्सा स्टॉक मार्केट में निवेश करने का सोचना चाहिए, चाहे वो छोटा निवेश ही क्यों न हो। यह छोटा निवेश समय के साथ बड़ा रूप में बढ़ सकता है।

अगर आप आज किसी अच्छी कंपनी में सिर्फ ₹10,000 भी निवेश करते हैं, जो केवल 20% CAGR से बढ़ रही हो, तो अगले 30 साल में आपके वो ₹10,000 का निवेश 24 लाख तक पहुँच सकता है।

आपको सिर्फ एक साल के अध्ययन से यह सीखने की आवश्यकता है, और अपने निवेश की यात्रा की शुरुआत करनी चाहिए। भविष्य में इससे आपका भविष्य भी बेहतर हो सकता है। आज हमने जाना के शेयर क्या होता है। Share meaning in hindi से जुड़ा कोई सवाल होतो कमेंट करें.

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