Portfolio Kya Hai और Kaise banaye । Portfolio Meaning in Hindi

आज हम जानेंगे के portfolio kya hai, portfolio meaning in hindi, पोर्टफोलियो के भाग, प्रकार, पोर्टफोलियो कैसे बनाते है, पोर्टफोलियो क्यूँ ज़रूरी है, deversify और रेबालांस क्यूँ करना चाहिए, आदि। चलिए देखते है portfolio kya hai in hindi।

TypesPortfolio Meaning in Hindi
पोर्टफोलियोनिवेश का संग्रह।
इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियोआपके इन्वेस्टमेंट का कलेक्शन।
स्टॉक पोर्टफोलियोShares का कलेक्शन।
इनकम पोर्टफोलियोआय पोर्टफोलियो।
पोर्टफोलियो मैनेजमेंटपोर्टफोलियो को मैनेज करना।

पोर्टफोलियो क्या है । Portfolio Kya Hai

पोर्टफोलियो क्या है । Portfolio Kya Hai

पोर्टफोलियो का सीधा मतलब होता है के ‘किसी भि चीज़ का collection’ या किसी विशेष चीजों का कलेक्शन। इस article मे share market के संदार्ब मे पोर्टफोलियो को ‘collection of investments’ केह सकते है।

Investments के कलेक्शन को हम पोर्टफोलियो केह सकते है जो इन्वेस्टमेंट कोई भि एक व्यक्ति या group कर सकते है। इसमें अलग अलग assets मौजूद होते है जैसे stocks, म्यूच्यूअल फण्ड, बोंड, ETFs और रियल एस्टेट भि।

आसान भाषा मे कहें तो अगर आप इन्वेस्टमेंट करते है अलग अलग सिक्योरिटीज मे तो इन सब कि सूचि को पोर्टफोलियो कहते है। आपके इन्वेस्टमेंट कि वैल्यू पर डिपेंड है के आपका पोर्टफोलियो बड़ा होगा या छोटा है।

यानि अगर आपके इन्वेस्टमेंट पर अच्छे return आ रहे है तो आपका पोर्टफोलियो भि बड़ा होता जायेगा लेकिन अगर आपके निवेश किये गये share सहीं परफॉर्म नहीं कररहे है तो आपके पोर्टफोलियो को भि असर होगा।

बसिकाल्ली आपके सारे निवेशों को एक जगह दिखाने के लिए पोर्टफोलियो का इस्तेमाल किया जाता है, ताके आपके सारे निवेश एक जगह से देखे जा सके और आप उसे मॉनिटर कर सके।

इसी तरहा अगर आप अलग अलग कम्पनीज के shares मे इन्वेस्ट करते है तो आपके सारे इन्वेस्ट किये हुए shares कि लिस्ट को शेयर मार्केटपोर्टफोलियो कहते है।

Portfolio Meaning in Hindi । Portfolio in Hindi

पोर्टफोलियो क्या है

Portfolio meaning in Hindi कि बात करें तो ‘किसी विशेष प्रकार कि सूचि’ को portfolio कहते है, येहीं इसका अर्थ होता है, हम इस आर्टिकल मे शेयर मार्केट के संधर्ब मे बात कररहे है इसलिए इसे पोर्टफोलियो का अर्थ यानि ‘investments list’ केह सकते है।

पोर्टफोलियो शब्द कहा से आया

‘पोर्टफोलियो’ शब्द जो है वो लैटिन शब्द ‘portare’ से आया है, Portfolio in hindi मतलब है ‘ढोना’ (to carry). 18th century मे इस शब्द को तब इस्तेमाल किया जाता था जब कोई artwork, documents या दुसरे चीजों को लेकर जाया जाता था। वक़्त के साथ इस शब्द को assets के कलेक्शन के लिए किया जाने लगा जिनको कोई भि व्यक्ति या group select करता था।

अलग-अलग फील्ड मे पोर्टफोलियो का इस्तेमाल

अलग-अलग फील्ड मे पोर्टफोलियो का इस्तेमाल

अलग फील्ड मे पोर्टफोलियो कि अलग अलग परिभाषाएं है, जैसे फाइनेंसियल दुनियां मे पोर्टफोलियो को ‘Collection of investments’ कहा जाता है, जिसमे stocks, mutual funds, bonds और दुसरे तरहा के securities।

Art कि दुनियां मे artist के आर्ट कलेक्शन को पोर्टफोलियो कहा जाता है, फोटोग्राफी मे images के कलेक्शन को पोर्टफोलियो कहा जाता है. मार्केटिंग मे कम्पनीज के प्रोडक्ट या सर्विसेज के कलेक्शन को पोर्टफोलियो कहा जाता है। एजुकेशन Institute मे छात्र के काम और उपलब्धि के कलेक्शन को ‘पोर्टफोलियो ‘ भी कहा जाता है।

पोर्टफोलियो कैसे बनायें?

पोर्टफोलियो बनाने के लिए टाइम और effort लगते है, प्रोसेस को समजने के लिए इन steps को जाने:

  • इन्वेस्टमेंट लक्ष्य और रिस्क टॉलरेंस को तय करें: पोर्टफोलियो को बनाने से पहले ये तय करना ज़रूरी है के आपके इन्वेस्टमेंट उद्देश क्या है जैसे रिटायरमेंट के लिए पैसे इखट्टे करना है या घर खरीदना है, आदि। आपका रिस्क टोलेरेंस भि तय करना ज़रूरी है यानि आप कितना loss होने पर बर्दाश्त कर सकते है.
  • Asset allocation तय करना: एसेट एलोकेशन यानि आपके पोर्टफोलियो मे अलग अलग प्रकार के assets investment परसेंटेज कितना है जैसे stocks, bonds, और काश। ये फेसला आपके इन्वेस्टमेंट goals, रिस्क टॉलरेंस और इन्वेस्टमेंट टाइम पर डिपेंड है।
  • किस मे निवेश करें चुने: एसेट एलोकेशन तय करने के बाद अब किस मे निवेश मे निवेश करना है तय करें, ये stocks हो सकते है bonds, mutual funds या EFTs हो सकते है।
  • अब पोर्टफोलियो को मॉनिटर करते रहे और रेबलांस करें: ये ज़रूरी है के आप अपने इन्वेस्टमेंट goals और रिस्क टॉलरेंस के हिसाब से आगे बढ़ने के लिए लगातार पोर्टफोलियो को मॉनिटर करते रहे। पोर्टफोलियो को rebalance करके diversified बना सकते है और रिस्क को कम कर सकते है।
  • प्रोफेशनल एडवाइस: अगर आप इन्वेस्टमेंट या शेयर मार्किट मे नये और या एक बड़ी मुसीबत मे फेज है तो आपको फाइनेंसियल advice ले सकते है।

इन स्टेप को समजने के बाद फॉलो करके अच्चा diversified इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो बना सकते है जो आपके इन्वेस्टमेंट goals और रिस्क टॉलरेंस के हिसाब से हो।

अपना पोर्टफोलियो कैसे देखें?

पोर्टफोलियो देखने के लिए आपको अपने डीमैट अकाउंट में लॉग इन करना होगा, ये आप अपने ब्रोकर के वेबसाइट या ट्रेडिंग app में जाकर कर सकते है। ब्रोकर जैसे Upstox, Zerodha, Groww, Angel broking, 5paisa, आदि।

यहां आप पोर्टफोलियो आप्शन में ‘होल्डिंग’ सेक्शन में जाएं यहां आपको अपने पोर्टफोलियो की सारि जानकारी दिखेगी जैसे ख़रीदे हुए shares, उनके returns और losses, निवेश किया हुआ अमाउंट, आदि।

इसके अलावा अगर आपने ETF या Mutual fund में निवेश किया है तो वो भी इसी जगह बताया जाता है। इस तरहा आप आसानी से किसी भी ट्रेडिंग ऐप में या वेबसाइट में अपना पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट देख सकते है।

इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो के प्रकार?

portfolio kya hai

1. Defensive Portfolio Meaning in Hindi

जैसा इसका नाम है वैसा हि इसका काम भि है यानि defensive पोर्टफोलियो को मार्केट के उतार-चडाव और इकोनोमी के उतार-चडाव से प्रोटेक्ट करने के लिए बनाया जाता है।

इस तरह के पोर्टफोलियो मे सिक्योरिटीज होते है जैसे bonds, जो स्टॉक्स डिविडेंड देते है। ये पोर्टफोलियो उन investors के लिए है जो high returns से जियादा capital preservation को महेत्व देते है।

2. Aggressive Portfolio Meaning in Hindi

एक Aggressive पोर्टफोलियो, Speculative पोर्टफोलियो कि तरहा होता है लेकिन लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए। इस तरहा के पोर्टफोलियो को लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट मे high returns पाने के लिए बनाया जाता है, लेकिन इसके साथ हाई लेवल का रिस्क जुड़ा होता है। इसमें assets होते है जैसे बढ़ने वाले stocks, high-yield bonds, और बढ़ते मार्केट फण्ड।

3. Speculative Portfolio Meaning in Hindi

Speculative पोर्टफोलियो को high returns पाने के लिए बनाया जाता है, लेकिन हाई रिस्क के साथ। इस तरहा के पोर्टफोलियो मे अय्से assets होते है जिसमे जियादा risk होता है जै सेहाई रिस्क वाले stocks, options और कमोडिटीज। ये पोर्टफोलियो उन investors के लिए होता है जिनका हाई रिस्क टॉलरेंस होता है और जो बड़े नुकसान को accept कर सकते है।  

4. Income Portfolio Meaning in Hindi

meaning of portfolio in hindi

इनकम पोर्टफोलियो को एक ठीक इनकम कमाने के लिए बनाया जाता है। इस तरहा के पोर्टफोलियो मे assets होते है जो लगातार इनकम देते है, ऐसे stocks जो डिविडेंड देते है, (Devidends= कंपनी अगर प्रॉफिट कमाती है तो अपने investors को प्रॉफिट का कुछ हिस्सा stocks के रूप मे देती है जिनको डिविडेंड कहा जाता है।) और REITS (real estate investment trusts)

5. Hybrid Portfolio Meaning in Hind

Hybrid पोर्टफोलियो मे अलग अलग प्रकार के assets को mix किया जाता है जैसे stocks, bonds और cash ताके रिस्क और returns को बैलेंस कर सके।

इस तरहा के पोर्टफोलियो को मिक्स इनकम के लिए बनाया जाता है। एक hybrid पोर्टफोलियो का उधारण है 60% stocks, 30% bonds और 10% cash का मिक्सचर। हाइब्रिड पोर्टफोलियो मे अलग अलग प्रकार के assets को mix किया जाता है जैसे stocks, bonds और cash ताके रिस्क और returns को बैलेंस करसके।

इस तरहा के पोर्टफोलियो को मिक्स इनकम के लिए बनाया जाता है। एक हाइब्रिड पोर्टफोलियो का उधारण है 60% stocks, 30% bonds और 10% cash का मिक्सचर।

विभिन्न इन्वेस्टमेंट विकल्प

इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो बनाते समय, निवेशक को विभिन्न इन्वेस्टमेंट विकल्पों का ध्यान देना महत्वपूर्ण होता है। यहां हम कुछ प्रमुख इन्वेस्टमेंट विकल्पों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान कर रहे हैं, जिनमें स्टॉक मार्केट, बॉन्ड्स, म्यूचुअल फंड्स, और अन्य विकल्प शामिल हैं।

1. स्टॉक मार्केट में निवेश

  • स्टॉक्स और शेयर्स निवेश का मतलब होता है कंपनी की हिस्सेदारी खरीदना।
  • शेयर बाजार क्या है और कैसे काम करता है।
  • स्टॉक मार्केट में निवेश के लाभ और जोखिम।

स्टॉक मार्केट की रणनीतियाँ:

  • निवेश करने से पहले अध्ययन करने योग्य स्टॉक मार्केट की रणनीतियाँ।
  • शेयर चयन की प्रक्रिया और रिस्क प्रबंधन के उपाय।

2. बॉन्ड्स में निवेश

बॉन्ड्स के प्रकार:

  • निवेश करने से पहले अध्ययन करने योग्य स्टॉक मार्केट की रणनीतियाँ।
  • सरकारी और निजी बॉन्ड्स का विवरण और उनके प्रकार।
  • बॉन्ड्स के मूल्य और ब्याज की प्रक्रिया।

बॉन्ड्स के लाभ:

  • बॉन्ड्स में निवेश के फायदे और सुरक्षा का स्तर।
  • बॉन्ड्स का पॉर्टफोलियो में स्थान और उनका रिटायरमेंट प्लानिंग में महत्व।

3. म्यूचुअल फंड्स

म्यूचुअल फंड्स की कामना:

  • म्यूचुअल फंड्स का कार्यापन और उनके विभिन्न प्रकार।
  • निवेशकों को कैसे लाभांकित किया जाता है।

म्यूचुअल फंड्स के लिए चयन:

विभिन्न म्यूचुअल फंड्स के माध्यम से निवेश के आर्थिक लाभ और रिस्क।
म्यूचुअल फंड्स का प्रबंधन और निवेश सलाहकार की मदद।

4. अन्य निवेश विकल्प

वास्तुकला निवेश:

  • वास्तुकला निवेश का मतलब और इसके प्रकार।
  • वास्तुकला निवेश के लाभ और चुनौतियाँ।

गोल्ड और अन्य कमोडिटीज़:

  • सोना, चांदी, और अन्य कमोडिटीज़ में निवेश के फायदे और रिस्क।
  • कमोडिटी बाजार के कुछ महत्वपूर्ण तत्व।

इन विभिन्न इन्वेस्टमेंट विकल्पों के बारे में समझाने के बाद, निवेशक स्वयं के वित्तीय लक्ष्यों और रिस्क प्रोफाइल के आधार पर सही निवेश का चयन कर सकते हैं। यह उन्हें एक सुरक्षित और लाभकारी निवेश पोर्टफोलियो बनाने में मदद करेगा।

पोर्टफोलियो बनाने की सरल रणनीतियाँ

पोर्टफोलियो बनाने की सरल रणनीतियाँ

निवेश पोर्टफोलियो बनाते समय, कुछ सरल रणनीतियाँ अपनाने में मदद मिल सकती हैं जो आपको सफल और सुरक्षित निवेश की दिशा में मार्गदर्शन कर सकती हैं। यहां हम उन सरल रणनीतियों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे:

1. विविधता का महत्व:

  • एक विविध निवेश पोर्टफोलियो बनाने का मतलब है कि आप अपने पैसे को विभिन्न निवेश विकल्पों में बाँट रहे हैं।
  • विविध पोर्टफोलियो रिस्क को कम कर सकता है, क्योंकि एक निवेश की प्रदर्शन में हानि होने पर दूसरे निवेश विकल्पों से कुछ सुरक्षा होती है।

2. निवेश का समय सारणी तय करना:

  • निवेश के लिए सही समय सारणी तय करना महत्वपूर्ण है।
  • निवेश के लक्ष्यों के आधार पर आपको निवेश की अवधि को तय करना होगा, चाहे वो छोटी हो या लम्बी।

3. निवेश प्रबंधकों की मदद:

  • अगर आप निवेश की प्रोफेशनल मदद चाहते हैं, तो आप निवेश प्रबंधकों की सलाह ले सकते हैं।
  • प्रोफेशनल प्रबंधक आपके निवेश पोर्टफोलियो को प्रबंधित करके आपकी लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।
  • इन रणनीतियों का पालन करके, आप अपने निवेश पोर्टफोलियो को सुरक्षित और सावधानीपूर्वक बना सकते हैं, जिससे आपके वित्तीय लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद मिलेगी।

इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो के लाभ

इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो के लाभ

इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो बनाने और उसे प्रबंधित करने के फायदे अनेक होते हैं। यहां हम इन लाभों पर विचार करेंगे:

1. आर्थिक स्वावलंबन:

  • इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो बनाने से आप आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। इससे आपकी वित्तीय स्थिति मजबूत होती है और आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में सहायक होते हैं।
  • इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो के माध्यम से आप निवेश के द्वारा आय का स्रोत बना सकते हैं और अपने वित्तीय लक्ष्यों को तेजी से हासिल कर सकते हैं।

2. रिटायरमेंट प्लानिंग:

  • इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो बनाने के माध्यम से आप अपने रिटायरमेंट के लिए पैसा बचा सकते हैं। यह आपको अपने बढ़ते उम्र के साथ आरामदायक और सुरक्षित रिटायरमेंट जीने में मदद करता है।
  • रिटायरमेंट के लिए धन इकट्ठा करने के लिए इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो का उपयोग किया जा सकता है, जिससे आप विशेषज्ञता के साथ जीवन का आनंद उठा सकते हैं।

3. टैक्स बचत का तरीका:

  • सही निवेश स्ट्रैटेजी के माध्यम से आप अपनी कर बचत कर सकते हैं। कुछ निवेश विकल्प टैक्स छूट और इनकम टैक्स कटौती के तरीकों को प्रदान कर सकते हैं।
  • इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो का सही तरीके से प्रबंधन करने से आपके निवेशों का वित्तीय स्थिति पर पॉजिटिव प्रभाव पड़ता है, जिससे आपकी कर बचत होती है।

इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो के लाभ न केवल आपके आर्थिक स्वावलंबन में मदद करते हैं, बल्कि आपके वित्तीय लक्ष्यों की प्राप्ति, रिटायरमेंट प्लानिंग, और कर बचत के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए, यह उपयोगी हो सकता है जब आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है?

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है

इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो को बनाने और मेंटेन करने के प्रोसेस को पोर्टफोलियो मैनेजमेंट कहते है। पोर्टफोलियो मैनेजमेंट का सबसे बड़ा उद्देश होता है returns को बढ़ाना और रिस्क को कम करना। इसमें investors के निवेश लक्ष, रिस्क टॉलरेंस को एनालाइज करना और इन मापदंड को ध्यान मे रख कर पोर्टफोलियो बनाना, आदि जैसे चीज़े शामिल है।

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट को दो तरीकों से किया जाता है:

  1. पैसिव मैनेजमेंट: इसमें एक diversified पोर्टफोलियो बनाया जाता है लॉन्ग-टर्म returns को सोच कर।
  2. एक्टिव मैनेजमेंट: इसमें मार्किट स्तिथि, इन्वेस्टर का उद्देश, और रिस्क टॉलरेंस को देख कर पोर्टफोलियो मे ट्रेडिंग को adjustment किया जाता है।

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट का महेत्व?

पोर्टफोलियो को बनाने और मेन्टेन करने के प्रोसेस को पोर्टफोलियो मैनेजमेंट कहते है, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट इन कारणों कि वजह से ज़रूरी है जैसे:

  • डायवर्सिफिकेशन (Diversification) : पोर्टफोलियो को अलग अलग classes, industries, कंपनीस मे diversify करने से रिस्क को भि बाटा जा सकता है, diversification करने से मार्किट के उतार-चडाव से पोर्टफोलियो के performance पर जियादा असर नहीं पड़ता।
  • रिस्क मैनेज करना: पोर्टफोलियो मैनेजमेंट मे रिस्क मैनेजमेंट भि होता है, diversification, asset एलोकेशन और लगातार पोर्टफोलियो को मॉनिटर करने से रिस्क मैनेज करने मे मदद मिलती है।
  • अधिकतम Returns: पोर्टफोलियो मैनेजमेंट मे returns को अधिकतम करना भि शामिल है। सहीं जगह इन्वेस्टमेंट करके रिस्क को कम करने के अलावा इन्वेस्टर के goal को भि पा सकते है, एक अच्चा diversify पोर्टफोलियो से रिस्क को कम कर सकते है और returns को अधिकतम कर सकते है।
  • Flexibility: पोर्टफोलियो मे संपत्ति को बटना, एडजस्ट करना ये भि पोर्टफोलियो मैनेजमेंट मे शामिल है, रिस्क शाहिंशीलता और इन्वेस्टमेंट उद्देश को ध्यान मे रखकर पोर्टफोलियो को adjust करने से पोर्टफोलियो सहीं दिशा मे चलते रहता है।

इन्वेस्टर के उद्देश को पाने और रिस्क मैनेज करने के लिए पोर्टफोलियो मैनेजमेंट ज़रूरी है।

निवेश पोर्टफोलियो के जोखिम और चुनौतियाँ

निवेश पोर्टफोलियो के जोखिम और चुनौतियाँ

निवेश पोर्टफोलियो बनाने में जोखिम और चुनौतियाँ होती हैं, जो निवेशकों को ध्यान में रखनी चाहिए। इन चुनौतियों का सामान्य समाधान भी होता है, जिससे निवेशक अपने पोर्टफोलियो को सफलतापूर्वक प्रबंधित कर सकते हैं।

1. निवेश के जोखिम:

  • मूलधन का जोखिम: निवेश करते समय मूलधन के खोने का जोखिम होता है। विभिन्न निवेश विकल्पों में वित्तीय प्रतिस्पर्धा होती है और कुछ निवेश अधिक जोखिमपूर्ण हो सकते हैं जबकि कुछ न्यूनतम जोखिम हो सकते हैं।
  • मार्केट जोखिम: वित्तीय बाजारों की परिस्थितियों में परिवर्तन के कारण निवेश के मार्केट जोखिम हो सकता है। मार्केट में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है, जिससे निवेशक को नुकसान हो सकता है।

2. चुनौतियाँ और उनका सामान्य समाधान:

  • प्रबंधन चुनौतियाँ: निवेश पोर्टफोलियो को प्रबंधित करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके समाधान के लिए, निवेश प्रबंधकों की मदद लेना एक विकल्प हो सकता है, जो आपके निवेश पोर्टफोलियो को प्रोफेशनली प्रबंधित कर सकते हैं।
  • विविधता का सामाधान: निवेश पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखना महत्वपूर्ण है। यह नुकसान को कम करने में मदद कर सकता है, क्योंकि एक ही निवेश के प्रदर्शन में हानि होने पर दूसरे निवेश विकल्पों से कुछ सुरक्षा होती है।
  • समय का प्रबंधन: सही समय सारणी तय करना भी महत्वपूर्ण है। आपको निवेश के लिए ध्यान में रखना होगा कि आप अपने लक्ष्यों को कितने समय में पूरा करना चाहते हैं और उसके आधार पर निवेश की अवधि को तय करना होगा।

निवेश पोर्टफोलियो को प्रबंधित करने के लिए आपको इन चुनौतियों का सामान्य समाधान ढूंढने में मदद मिलेगी। सावधानीपूर्वक निवेश करने और सुरक्षित रूप से निवेश पोर्टफोलियो को प्रबंधित करने से आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।

पोर्टफोलियो बनाते समय इन चीजों का ध्यान रखे

meaning of portfolio in hindi (1)

इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो बनाते समय इन बातों का ध्यान रखे:

  1. इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो मे रिस्क मैनेज करने के लिए diversification ज़रूरी है।
  2. Asset allocation करना चहिये अपने goals, रिस्क टॉलरेंस और time (short-term और long-term) के हिसाब से।
  3. रिस्क टॉलरेंस को शामिल करना भि ज़रूरी है, रिस्क टॉलरेंस यानि आप मार्किट ऊपर-निचे होने पर कितना loss बर्दाश कर सकते है।
  4. Time horizon यानि आप अपने निवेश उद्देश को कितने समय मे पाना चाहते है।
  5. इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो बनाने से पहले खर्चे के बारेमे जानकारी हासिल करें, अयसे इन्वेस्टमेंट को चुने जिनका cost कम हो और जिनकी track record अच्चा हो।

Key Points

1. पोर्टफोलियो यानि निवेश का समुह जिसे एक व्यक्ति या ग्रुप बनाता है।
2. पोर्टफोलियो को अलग अलग कारणों से बनाया जाता है जैसे इनकम बनाना, रिस्क मैनेज करना या संपत्ति को बढ़ाना, आदि।
3. पोर्टफोलियो को प्रकार होते है जैसे, इनकम, Speculative, हाइब्रिड और Defensive portfolios।
4. पोर्टफोलियो को अपने स्ट्रेटेजी के मुताबिक़ मेन्टेन करने के rebalancing करना ज़रूरी है।
5. पोर्टफोलियो मैनेजमेंट मे diversification एक ज़रूरी भाग है, कियोंकि ये सिक्योरिटीज को अलग अलग इंडस्ट्री या class मे बाटने के लिए मदद करता है जिससे रिस्क भि बटता है।
6. एक बेगिन्नेर के लिए या एक बड़े प्रॉब्लम से निकलने के लिए ये ज़रूरी है के आप पोर्टफोलियो को आगे मेन्टेन करने के लिए फाइनेंसियल एडवाइस ले।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. पोर्टफोलियो क्या है इसका अर्थ?

पोर्टफोलियो का मतलब है इन्वेस्टमेंट का कलेक्शन जिसे कोई व्यक्ति या फाइनेंसियल institution बनाते और मेन्टेन करते है। पोर्टफोलियो मे बहुत सारे assets होते है जैसे stocks, bonds, रियल एस्टेट, कमोडिटीज, म्यूच्यूअल फण्ड, और दुसरे सिक्योरिटीज।

2. पोर्टफोलियो एसेट क्या है?

पोर्टफोलियो मे asset यानि अलग अलग प्रकार के इन्वेस्टमेंट जिनसे एक पोर्टफोलियो बनता है। जिनमे stocks, bonds, real estate और mutual funds, आदि होते है।

3. एक अच्चा पोर्टफोलियो कैसे बनता है?

एक अच्चा पोर्टफोलियो बनाने के अपने इन्वेस्टमेंट गोल और रिस्क टॉलरेंस को तय करना चाहिए और फिर अपने पोर्टफोलियो को अलग अलग class और इंडस्ट्रीज मे इन्वेस्ट करके diversify करना चहिये। इसके अलावा अपने पोर्टफोलियो को मॉनिटर और ज़रूरत rebalance करते रहना चहिये।

4. Types of Investment portfolio in Hindi?

Stock पोर्टफोलियो
Mutual fund पोर्टफोलियो
Index Fund पोर्टफोलियो
Real Estate पोर्टफोलियो
Debt Fund पोर्टफोलियो
Commodities पोर्टफोलियो।

निष्कर्ष

आज हमने जाना के portfolio kya hai, meaning of portfolio in hindi, portfolio in hindi, पोर्टफोलियो क्या है, पोर्टफोलियो कैसे बनाते है, आदि। आशा है आपको हमारे ये आर्टिकल portfolio meaning in hindi से कुछ जानने को मिला होगा, portfolio kya hai और portfolio in hindi से जुड़ा कोई सवाल होतो कमेंट करें और share भी करें ताके दूसरों को भी पता चले के पोर्टफोलियो क्या है।

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