टेबल ऑफ़ कंटेंट
- OTP kya hai?
- क्या ओटीपी सेफ है?
- ओटीपी क्यूँ इस्तेमाल किया जाता है?
- ओटीपी कैसे काम करता है?
- उधारण?
- ओटीपी का इस्तेमाल कहा होता है?
- फायदें?
आज हम जानेंगे के OTP kya hai aur Otp kya hota hai, ओटीपी का फुल फॉर्म क्या होता है?, ओटीपी कैसे काम करता है और इसका लोग क्यूँ इस्तेमाल करते है, ओटीपी के उधारण क्या है इसके फायदें क्या है, आदि. इन सारे सवालों के जवाब आपको यहाँ मिलजायेंगे इसलिए आर्टिकल को पूरा पढ़े?
ओटीपी क्या है?
OTP का मतलब है वन टाइम पासवर्ड जो आज कल सिक्यूरिटी के लिए इस्तेमाल किया जाता है, ये एक सिक्यूरिटी कोड होता है जब भि हम ऑनलाइन ट्रांससैकशन करते तब ये अता है. इंटरनेट बैंकिंग से या क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करके शोपिंग, मोबाइल रिचार्ज या मनी ट्रान्सफर करते है तो सारि जानकारी भरने के बाद आखिर मे एक कोड अता है उसी को OTP कहते है और ये ओटीपी बैंक के रागिस्टर नंबर पर अता है.
वेरिफिकेशन के लिए इसे भेजा जाता है यानि जो भि काम होरहा है वो आपके दुअरा हि हो रहा है ये साबित होजाता है, इस पासवर्ड का हम सिर्फ एक हि बार इस्तेमाल करसकते है, ओटीपी को सिर्फ मनी ट्रान्सफर के लिए नहीं हर काम के लिए इस्तेमाल किया जरहा है, जैसे किसी वेबसाइट मे अकाउंट बनाना होतो, अगर पासवर्ड रिसेट करना होतो, आदि और ज़यादातर ओटीपी मोबाइल मेसेज के दुअरा हि भेजा जाता है,
ओटीपी सिर्फ कुछ समय के लिए हि वलीद होता है समय होने के बाद ये कुछ काम का नहीं होता, फेसबुक, इन्स्ताग्राम, व्हाट्सऐप्प जैसे एप्लीकेशन मे अकाउंट बनाने के लिए, लॉग इन करने के लिए या पासवर्ड रिसेट करने के लिए ओटीपी कि ज़रूरत होती है,
ओटीपी सिर्फ रजिस्टर मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी पर अता है ताके आपके अलावा कोई और एक्सेस ना करसके, बिना ओटीपी के या गलत ओटीपी के ट्रांसकशन या अकाउंट एक्सेस नहीं करसकते है, अब आपको पता चलगया होगा के ओटीपी क्या है.
क्या ओटीपी सेफ है?
हाँ, कियोंकि अगर आपका यूजर नेम और पासवर्ड किस को पता चल भि जाये तो उसे ओटीपी कि ज़रूरत होगी जो सिर्फ रजिस्टर मोबाइल नंबर पे आयेगा, जब भि आप लॉग इन करोगे तो यूजर नेम वोहि होगा लेकिन ओटीपी हर बार बदलकर आयेगा, ओटीपी के ज़रिये बैंक, कॉरपोरेट और नेटवर्क दुसरे सिस्टम जिनमे सेंसिटिव जानकारी होती है उनके लिएप्रोटेक्शन का काम करता है, ओटीपी अक्सर 6 डिजिट का होता है, अब आपको पता चलगया होगा के ओटीपी क्या है और सेफ कैसे है.
ओटीपी को क्यूँ इस्तेमाल किया जाता है?

हरदिन लाखों ओटीपी पूरी दुनिया मे भेजे जाते है और इनमे सबसे जियादा मोबाइल मे ओटीपी भेजे जाते है, मोबाइल पर एसएमएस इसलिए भेजे जाते है कियोंकि हर कोई अपना खुदका एक मोबाइल रखता है जो चौबीस घंटे अपने पास होता है इसलिए ये बेहतर तरीका है किसी को भि पहचानने का इसलिए मोबाइल पर ओटीपी भिजा जाता है,
ऑथेंटिकेशन के लिए दूसरी लेयर ओटीपी को माना जाता है ताके सीबरक्राइम और फ्रौड कामों से बचा जासके और अपने बिज़नेस कि प्रोटेक्शन भि होती है, अब आपको पता चल गया होगा के ओटीपी क्या है और क्यूँ इस्तेमाल होता है.
ओटीपी कैसे काम करता है?
जब कस्टमर कि ऑथेंटिकेशन कि ज़रूरत होती है या ट्रांसकशन करना होता तब एडिशनल सिक्यूरिटी केलिए ओटीपी कि ज़रूरत होती है, अगर कस्टमर को पंचनना हो या कस्टमर पहली बार रजिस्टर कररहे हो तब ओटीपी कि मांग होती है यतो कस्टमर कि तरफ से याफिर उस इंस्टिट्यूशन कि तरफ से जिससे कस्टमर डील कररहा है,
तब ये ओटीपी ऑटोमेटिकली गेनेरेट होता है अलग लग नंबर या चरक्टेरस को मिलकर, ओटीपी के आने से पहले इसे कोई भि नहीं जान्सकता कोई भि प्रेदिक्ट नहीं करसकता के अब ओटीपी मे कौनसे नंबर आने वाले है, ओटीपी सिर्फ कुछ वक़्त के लिए होते है कुछ सेकंड या मिनट के लिए,
ओटीपी भेजने के बहुत सारे तरीके हैं कुछ ईमेलस (email) से ओटीपी भेजते है लेकिन इसे कम सुरक्षित माना जाता है, कुछ इंस्टिट्यूट वौइस्मेल (Voicemails) और मेलबॉक्स मे पिन साउंड का इस्तेमाल करते है लेकिन सबसे जियादा कॉमन है मोबाइल एसएमएस के ज़रिये ओटीपी भेजना, अब आपको पता चलगया होगा के ओटीपी क्या है और कैसे काम करता है.
ओटीपी क्या है उधारण?
मेसेज
शुरुवात मे पहले सबसे जियादा एसएमएस (SMS) मेसेज के ज़रिये ओटीपी भेजे जाते है, यूजर को सहीं से यूजर नेम और पासवर्ड डालना होता है और इंटर करना होता है फिर यूजर के रजिस्टर मोबाइल नंबर पर एक कोड अता है उसे इंटर करने के बाद यूजर का ऑथेंटिकेशन प्रोसेस.
पुश नोटिफिकेशन
टु-फैक्टर ऑथेंटिकेशन के प्रोसेस को कम्पलीट करने के लिए पुश नोटिफिकेशन मे ओटीपी भेजते है और इसे कॉपी करके पेस्ट करना होता है.
वोइस मेसेज और वौइस कालिंग
ये तरीका एसएमएस मेसेज का अल्टरनेटिव माना जाता है इसमें ऑथेंटिकेशन करने के लिए ओटीपी को कॉल करके बताया जाता है और इसे सुनकर कोड को लिखना होता है.
ईमेल
आजकल सोशल मीडिया के ऐप्स इस तरीके को बहुत इस्तेमाल कररहे है, इसमें ओटीपी ईमेल के ज़रिये अता है जो ईमेल रजिस्टर होगा और वेरीफाई होगा उसी मे ओटीपी अता है.
ओटीपी का इस्तेमाल कहा होता है?

बैंक कार्ड को एक्टिवेट करने के लिए ओटीपी का इस्तेमाल किया जाता है, हर साल लाखों नये कार्ड इशू होते है और हर कार्ड को एक्टिवेट करने के लिए कन्फर्म करना होता है तब कस्टमर के मोबाइल नंबर पर ओटीपी कोड एसएमएस भेजा जाता है और बैंक से या कार्ड से कुछ भि खरीदने के लिए या पैसे ट्रान्सफर करने के लिए ओटीपी कि ज़रूरत होती हि है,
किसी भि ऐप्प या वेबसाइट मे लॉग इन करने के लिए यूजरनेम और पासवर्ड कि ज़रूरत होती है लेकिन अगर ये गुम जाये या याद नहीं आते तो आपको पासवर्ड रिसेट का आप्शन दिया जाता है तब आपको अपने रजिस्टर नंबर पर ओटीपी भेजा जाता है तब पासवर्ड रिसेट करसकते है,
गवर्नमेंट कि सेवाएं प्राप्त करने के लिए ओटीपी का इस्तेमाल होता है, गवर्नमेंट कि वेबसाइट पर सिटीजन अपने डाटा जैसे पर्सनल टैक्स, बिज़नेस टैक्स, लाइसेंस, पासपोर्ट, हेल्थकेयर, आदि को मेन्टेन करना होता है, ऑथेंटिकेशन के लिए ओटीपी कि ज़रूरत होती है,
अगर किसी के पास दो फ़ोन हो या कोई पुराने फ़ोन से नये फ़ोन मे शिफ्ट होना चाहता है तो ओटीपी कि ज़रूरत होती है यानि हर ऐप्प और अकाउंट को नये डिवाइस से लॉग इन करने के लिए आपके पुराने फ़ोन पर ओटीपी आयेगा तब आप लॉग इन करसकते है, अब आपको पता चलगया होगा के ओटीपी क्या है और कहा इस्तेमाल किया जाता है.
ओटीपी के फायदें?

Authentication
ओटीपी कि वजह से सहीं यूजर कि पहचान होती है कियोंकि ओटीपी उसी फ़ोन मे अता है जो रजिस्टर मोबाइल नंबर होता है या ईमेल होता है, अकाउंट मे कुछ भि डालना या निकालना या बदलना या फिर कुछ भि काम होतो पहले ऑथेंटिकेशन के लिए ओटीपी इंटर करना होगा तभि करसकते है.
सिक्यूरिटी
ओटीपी कि वजह से हमें सुरक्षा मिलती है कियोंकि बिना ओटीपी के कोई भि ट्रांसकशन नहीं करसकता और अगर किसी को पासवर्ड भि पता चल जाये तोभी ओटीपी के बिना बैंक अकाउंट एक्सेस नहीं करसकते या ट्रांसकशन नहीं करसकते.
सेटिंग आसान है
ओटीपी को ‘टु स्टेप वेरिफिकेशन’ (two step verification) भि कहते है, किसी भि वेबसाइट जिसमे आपकी सेंसिटिव इनफार्मेशन है उसमे ये आप्शन पहले से इनेबल होता है अगर ना होतो इसे आप अपने अकाउंट सेटिंग मे जाकर आसानी से इनेबल करसकते है.
फ्री और स्पीड
ओटीपी बिलकुल फ्री है किसी भि यूजर को इसके लिए पैसे देने कि ज़रूरत नहीं होती, कियोंकि ओटीपी सिर्फ कुछ सेकंड या मिनट के लिए हि वलीद होता है इसलिए इसकी स्पीड भि अच्छी है सिर्फ कुछ सेकंड मे यूजर का ऑथेंटिकेशन होता है.
Random Algorithm
ओटीपी सिस्टम रैंडम अल्गोरिथम पर चलता है यानि एक बार जो ओटीपी अता है दूसरी बार जो ओटीपी आयेगा वो किसी को पता नहीं होता इसलिए अगर किसीने यूजरनेम और पासवर्ड को हैक भि करलिया तो वह बिना ओटीपी के कुछ नहीं करसकता और अगर बाय चांस किसी को ओटीपी पता चल जाये तो दूसरी बार सेम ओटीपी नहीं होगा, हमारा ये आर्टिकल “ओटीपी क्या है? (OTP kya hai)” यहीं समाप्त होता है.
People Also Ask
1. ओटीपी मे कितने नंबर होते है?
ओटीपी मे चार नंबर भि हो सकते है और 6 भि, बैंक ट्रांसकशन के लिए 6 डिजिट के कोड हि होते है.
2. ओटीपी को क्यूँ इस्तेमाल करते है?
ओटीपी को सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाता है ताके सहीं ओनर के अलावा कोई भि दूसरा फायदा ना उठा पाए.
3. कहाँ से अता है ओटीपी?
ओटीपी सिस्टम रैंडम अल्गोरिथम पर बेस्ड है, यूजर को ओटीपी ऑथेंटिकेशन सर्वर से आते है इन सर्वर मे सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर होते है जो ओटीपी को बना कर मोबाइल नंबर पर भेजते है.
4. ओटीपी कि स्पीड कितनी होती है?
ओटीपी कुछ हि सेकंड मे मोबाइल नंबर पर आजाता है लेकिन अगर दो मिनट से जियादा होगये और अभि भि ओटीपी नये तो आपको रेसेंड पर click करना होगा, कभी कभी नेटवर्क कि प्रॉब्लम कि वजह से ओटीपी आपतक पहुच नहीं पाता.
5. ओटीपी का फुल फॉर्म क्या है?
ओटीपी का फुल फॉर्म है वन टाइम पासवर्ड (One Time Password) यानि ओटीपी को सिर्फ एक हि बार इस्तेमाल किया जासकता है.
निष्कर्ष?
आज हमने जाना के OTP kya hai, ओटीपी कैसे काम करता है, फायदें क्या है, इस्तेमाल कहा किया जाता है, ओटीपी के उधारण कौनसे है, आदि, आशा है आपको अपने सवाल ‘ओटीपी क्या है’ का जवाब मिलगया होगा अगर और भि पुचना या कहना होतो कमेंट करे और शेयर करे ताके दूसरों को भि पता चले के ओटीपी क्या है, हमारा ये आर्टिकल ‘ओटीपी क्या है’ यहीं समाप्त होता है.
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