OCR Ka Full Form और OCR Kya Hai, काम, इस्तेमाल, फायदें।

ओसीआर टेक्नोलॉजी एक बिज़नेस प्रोसेस है जो ऑटोमेटेड डाटा निकालने और स्टोरेज capabilities से वक़्त और पैसे बचाता है, ऑप्टिकल करैक्टर रिकग्निशन को कभी कभी टेक्स्ट रिकग्निशन भी कहां जाता है। ओसीआर डाटा को extract करता है स्कैन डॉक्यूमेंट से, कैमरा इमेजेज से और पीडीएफ से।

ओसीआर सॉफ्टवेर इमेज से letters को निकालता है, उन्हें words बनता है और फिर sentances इससे main कंटेंट को एक्सेस कर सकता है और एडिट भी कर सकते है। इससे मैन्युअल डाटा एंट्री करने की ज़रूरत नहीं पड़ती।

अगर आप अपने काम मे डॉक्यूमेंट scanner का इस्तेमाल करते है तो आप PDF का ज़रूर इस्तेमाल किया होगा और PDF का छोटा भाई ओसीआर का नाम सुना होगा लेकिन क्या आपको पता है के OCR kya hai, इस आर्टिकल मे हम जानेंगे के ओसीआर क्या है और ocr ka full form क्या है।

हम जानेंगे के OCR ka full form Hindi, OCR in Hindi, OCR kya hai, ओसीआर फुल फॉर्म इन कंप्यूटर, ओसीआर कैसे काम करता है, ओसीआर को क्यूँ और कहां इस्तेमाल किया जाता है,OCR full form in hindi, फायदें और नुक्सान, आदि।

OCR Ka Full Form । OCR Full Form in Hindi

OCR ka full form है ‘Optical Character Recognition‘. इस टेक्नोलॉजी मे डिजिटल इमेज से टेक्स्ट को पहचानने की शक्षमता होती है, स्कैन डॉक्यूमेंट और इमेजेज मे टेक्स्ट को पहचानने के लिए इसका इस्तेमाल आमतौर पर किया जाता है।

ओसीआर सॉफ्टवेर का इस्तेमाल फिजिकल पेपर डॉक्यूमेंट और इमेजेज को टेक्स्ट के साथ इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म मे बदलने के लिए किया जा सकता है।

उधारण के लिए, अगर आप कोई भी डॉक्यूमेंट, पेपर या फोटो को प्रिंटर से स्कैन करते है, तो प्रिंटर हमेशा एक फाइल बनता है जो उसकी डिजिटल फॉर्म होती है। ये फाइल पीडीएफ हो सकती है, JPG या WEBP हो सकती है, लेकिन ये नयी फाइल original डॉक्यूमेंट की सिर्फ एक इमेज ही होती है।

अब इस scanned डॉक्यूमेंट को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म मे बदलने के बाद OCR सॉफ्टवेर इसके टेक्स्ट को recognize करता है और डॉक्यूमेंट को एडिट करने लायक बनता है, जिससे हम स्कैन डॉक्यूमेंट को एडिट कर सकते है।

ओसीआर क्या है । OCR Kya Hai

ओसीआर क्या है । OCR Kya Hai

ओसीआर का मतलब है ‘ऑप्टिकल करैक्टर रिकग्निशन’ (Optical character recognition)। इसे टेक्स्ट रिकग्निशन और ऑप्टिकल करैक्टर रिकग्निशन भी कहते है।

जब हम डिजिटल कैमरा से कोई फोटो या डॉक्यूमेंटकैप्चर करते है तो उसको स्कैन करने के बाद सर्च, रीड और एडिट करने के लिए ओसीआर की ज़रूरत पड़ती है।

बिना ओसीआर के मशीन फिजिकल डॉक्यूमेंट को स्कैन नहीं कर सकते है उसे रीड नहीं कर सकते है। ओसीआर को बनाया गया है ताके मशीन स्कैन डॉक्यूमेंट को हमारे लिए editable बनायें और उसकी एक सॉफ्ट कॉपी बनायें।

ओसीआर स्कैन डॉक्यूमेंट के कंटेंट को एनालाइज करता है और characters को कंप्यूटर की भाषा मे बदलता है ताके कंप्यूटर टेक्स्ट को पढ़ सके और उसे डिजिटल फॉर्म मे ट्रांसलेट कर सके और सॉफ्ट कॉपी फॉर्मेट बना सके जैसे वर्ड प्रोसस्स्सर मे हम डॉक्यूमेंट को एडिट, सर्च, रीड और interpret कर सकते है।

ओसीआर स्कैन डॉक्यूमेंट मे हाथ से लिखे टेक्स्ट कंटेंट को indentify करके प्रिंट कर सकता है सॉफ्ट कॉपी पर।

What is the Full Form of OCR in Hindi?

ओसीआर का फुल फॉर्म है ऑप्टिकल करैक्टर रिकग्निशन ‘Optical Character Recognition’।

OCR Ka Pura Naam?

OCR का पूरा नाम है और फुल फॉर्म है ऑप्टिकल करैक्टर रिकग्निशन यानि इंग्लिश मे ‘Optical Character Recognition’।

ओसीआर फुल फॉर्म इन कंप्यूटर । OCR Full Form in Computer

ओसीआर फुल फॉर्म इन कंप्यूटर है ऑप्टिकल करैक्टर रिकग्निशन ‘Optical Character Recognition’।

OCR क्यूँ ज़रूरी है?

OCR क्यूँ ज़रूरी है

आज के समय मे ज़यादातर बिज़नेसेस मे इनफार्मेशन भेजने और प्राप्त करने के लिए प्रिंट मीडिया का इस्तेमाल होता है। पेपर के फॉर्म में, स्कैन हुए लीगल डॉक्यूमेंट, invoices, और प्रिंटेड कॉन्ट्रैक्ट ये सब बिज़नेस प्रोसेस का हिस्सा है।

इतने सारे पेपर वर्क मे बहुत सारा टाइम और जमा करने के लिए जगह की ज़रूरत पड़ती है।

इसलिए पेपरलेस डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट का इस्तेमाल किया जाता है, डॉक्यूमेंट को इमेज मे कन्वर्ट करना स्कैन करना, इसमे वक़्त बहुत लगता है और manual काम करने की भी ज़रूरत पड़ती है।

इस तरह के डॉक्यूमेंट कंटेंट को इमेज फाइल मे बदलने से उसमे टेक्स्ट hidden होते है, वर्ड प्रोसेस करने वाले सॉफ्टवेर के लिए इन इमेजेज से टेक्स्ट प्रोसेस करना मुश्किल है टेक्स्ट डॉक्यूमेंट प्रोसेस करने से।

इस प्रॉब्लम को ओसीआर टेक्नोलॉजी सोल्व करती है टेक्स्ट इमेजेज को टेक्स्ट डाटा मे बदलकर ताके इसे दुसरे सॉफ्टवेर भी एनालाइज कर सके।

फिर हम इस डाटा को एनालाइज कर सकते है, ऑटोमेट प्रोसेस कर सकते है और इससे प्रोडक्टिविटी भी बढती है।

ओसीआर टेक्नोलॉजी का इतिहास?

ओसीआर टेक्नोलॉजी का इतिहास

Emanuel Goldberg

ऑप्टिकल करैक्टर रिकग्निशन का इस्तेमाल पहले टेलीग्राफी टेक्नोलॉजी और अंधे लोगों के लिए रीडिंग डिवाइस मे इस्तेमाल किया जाता था। Emanuel Goldberg ने ओसीआर जैसे मशीन बनायीं थी, जो characters को पढ़कर standard टेलीग्राफिक कोड मे कन्वर्ट करता था।

इसी वक़्त मे Edmund Fournier d’Albe ने Optophone इन्वेंट किया था जो goldberg की मशीन की तरह ही काम करती थी। 1920s और 1930s के बीच मे Goldberg ने एक मशीन बनायीं माइक्रोफिल्म आर्काइव को सर्च करने के लिए ऑप्टिकल कोड रिकग्निशन का इस्तेमाल करके। उन्होंने इसका नाम ‘Statistical Machine’ रखा। इस इन्वेंशन का उन्होंने 1931 मे पेटेंट करवाया था जिसे बादमे IBM ने हासिल किया।

Kurzweil’s adaptation

Ray Kurzweil ने 1974 मे Kurzweil Computer Products Inc को बनाया था, बादमे उन्होंने Omni-font OCR डेवेलोप किया एक ऐसी टेक्नोलॉजी जो ज़यादातर fonts मे प्रिंटेड टेक्स्ट को पहचान सकती थी।

Kurzweil का मानना था के ओसीआर टेक्नोलॉजी का सबसे अच्चा इस्तेमाल अंधे लोगों के लिए किया जा सकता है कंप्यूटर टेक्स्ट को जोर से बोल सकता है। इस तरह के डिवाइस मे दटेक्नोलॉजीज की ज़रूरत होती है CCD flatbed scanner और text-to-speech synthesizer.

Kurzweil ने जनवरी 13, 1976 मे प्रोडक्ट की जानकारी लोगों के सामने लायी और 1978 मे उन्होंने ओसीआर कंप्यूटर प्रोग्राम का कमर्शियल वर्शन सब के लिए लांच कर दिया। इसके सबसे पहले कस्टमर LexisNexis थे अपने लीगल पेपर और न्यूज़ डॉक्यूमेंट को ऑनलाइन डेटाबेस मे अपलोड करने के लिए इसे ख़रीदा था।

कमियाबी मिलने के बाद Kurzweil ने अपनी कंपनी Xerox को बेचदी। 2000s के समय मे ओसीआर को ऑनलाइन सर्विस की तरह उपलब्ध करादिया गया क्लाउड और मोबाइल एप्लीकेशन मे जैसे ‘ऑनलाइन फॉरेन-लैंग्वेज ट्रांसलेशन सर्विस’ मे इसका इस्तेमाल होता है।

स्मार्टफोन और smartglasses जैसे नए डेवेलोप devices इन्वेंट होने के बाद, OCR को बहुत सारे कामों के लिए इस्तेमाल किया जाता है टेक्स्ट को निकालने के लिए जिसे device के कैमरा ने खीचा है। बिना OCR के devices OCR API का इस्तेमाल करते है।

OCR कैसे काम करता है?

OCR कैसे काम करता है

  • ओसीआर के पुरे प्रोसेस मे तीन स्टेज होते है, पहला है इमेज प्री-प्रोसेसिंग, दूसरा है AI character Recognition और तीसरा है पोस्ट प्रोसेसिंग।
  • ओसीआर सिस्टम को हार्डवेयर और सॉफ्टवेर दोनों से बनाया जाता है। ओसीआर को बनाने का मकसद है के फिजिकल डॉक्यूमेंट के कंटेंट को digitally प्रोसेस करने के लिए कन्वर्ट करना।
  • Scanner डॉक्यूमेंट के फिजिकल फॉर्म को प्रोसेस करता है।
  • डॉक्यूमेंट स्कैन होने के बाद सॉफ्टवेर इसे एनालाइज करके कलर वर्शन मे बदलता है।
  • अब स्कैन डॉक्यूमेंट मे उसके लाइट और डार्क एरियाज की जांच होगी।
  • जो डार्क area होगा वो characters और जो लाइट area होगा उसे बैकग्राउंड की तरह identify किया जायेगा।
  • अब डार्क areas को आगे letters और नुमेरिक डिजिट पहचानने के लिए एनालाइज किया जायेगा। लाइन्स को शब्दों मे बटा जायेगा और शब्दों को characters मे। डार्क areas मे विशिष्टलैटर या नंबर को जानने का काम ओसीआर करता है।
  • जब characters को अलग किया जाता है और पहचाना जाता है तब उसे ASCII कोड मे बदल दिया जाता है ताके आगे ओम्पुटर सिस्टम इसको हैंडल कर सके, हमारे सामने पहचानने हुए टेक्स्ट को प्रेजेंट कर सके।
  • ओसीआर सॉफ्टवेर अलग आग तकनीक का इस्तेमाल कर सकते है लेकिन आमतौर पर एक समय मे एक करैक्टर, शब्द या टेक्स्ट के ब्लॉक को ही एनालाइज करते है।
  • एनालाइज करने के बाद करैक्टर को पहचानने के लिए इन दोनों मेसे किसी एक अल्गोरिथम का इस्तेमाल करते है जोकि है पैटर्न रिकग्निशन और फीचर रिकग्निशन।

ओसीआर के प्रकार?

ओसीआर के प्रकार

डाटा साइंटिस्ट ओसीआर टेक्नोलॉजीज को अलग अलग प्रकार मे बाटा है उनके इस्तेमाल के हिसाब से। उनमेसे कुछ उधारण है:

सिंपल ऑप्टिकल करैक्टर रिकग्निशन सॉफ्टवेर

एक सिंपल OCR इंजन है जो बहुत सारे font और टेक्स्ट इमेजेज के पैटर्न से templates बनाकर काम करता है। ये सॉफ्टवेर पैटर्न-मैचिंग अल्गोरिथम का इस्तेमाल करता है टेक्स्ट इमेजेज मे करैक्टर से करैक्टर को अपने इंटरनल डेटाबेस से compare करने के लिए।

अगर सिस्टम सब्द से शब्द को मैच करता है तो उसे ऑप्टिकल वर्ड रिकग्निशन कहते है। इस तरह के सॉफ्टवेर का एक नुक्सान ये है के बहुत सारे और अलग अलग handwriting स्टाइल और font होते है और हर एक टाइप को डेटाबेस मे स्टोर नहीं किया जा सकता है।

इंटेलीजेंट करैक्टर रिकग्निशन सॉफ्टवेर

नए और मॉडर्न ओसीआर सिस्टम मे ICR (Intelligent character recognition) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है टेक्स्ट को पढने के लिए जैसे इंसान पढ़ते है। मशीन लर्निंग सॉफ्टवेर की मदद से इंसानों की तरह बर्ताव करने के लिए ट्रेन किया जाता है।

इस सिस्टम मे इमेज के दुसरे चीजों को भी एनालाइज किया जाता है जैसे lines, curves, intersections, और loops, इन सब को एनालाइज करके मिलाने के बाद फाइनल रिजल्ट आता है। ICR भी इमेजेज मे एक वक़्त मे एक करैक्टर को ही प्रोसेस करते है लेकिन ये प्रोसेस इतना फ़ास्ट होता है के कुछ ही सेकंड मे रिजल्ट मिल जाता है।

इंटेलीजेंट वर्ड रिकग्निशन

इंटेलीजेंट वर्ड रिकग्निशन भी ICR प्रिंसिपल पर ही काम करता है लेकिन ये इमेज के करैक्टर के बजाय पुरे वर्ड इमेजेज को प्रोसेस करता है।

ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन

ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन पहचानता है watermarks, logos और दुसरे टेक्स्ट सिंबल जो डॉक्यूमेंट मे होते है।

ओसीआर के फायदें?

ओसीआर के फायदें

ओसीआर टेक्नोलॉजी के सबसे बड़े फायदे है:

प्रोडक्टिविटी और Efficiency बढती है।

ओसीआर का सबसे बड़ा फायदा ये है के प्रोडक्टिविटी और efficiency को बढाता है। डाटा एंट्री के प्रोसेस को ओसीआर टेक्नोलॉजी से ऑटोमेट कर सकते है, जिससे बहुत सारा पैसा और टाइम बचता है। बड़े बुसिनेस्सेस जिनको हर दिन बहुत सारा डाटा प्रोसेस करना होता है उनके लिए बहुत फायदेमंद है ओसीआर टेक्नोलॉजी।

उधारण के लिए bank मे हर दिन बहुत सारे चेक्स आते है, बैंक checks को जल्दी और बिना गलती के प्रोसेस करने के लिए ओसीआर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते है जिससे बैंक का टाइम बचेगा और दुसरे रिसोर्सेज की ज़रूरत नहीं पड़ेगी जो manually डाटा इंटर करने पर पड़ती है।

डाटा की एक्यूरेसी को बढ़ता है।

ओसीआर टेक्नोलॉजी का दूसरा बड़ा फायदा है डाटा एक्यूरेसी। ओसीआर टेक्नोलॉजी टेक्स्ट को प्रिंटेड या handwritten डॉक्यूमेंट से निकाल सकती है बहुत अच्छी accuracy के साथ। ये विशेष रूप से सुवास्थ के छेत्र मे काम आसक्त है जहां accuracy होना ज़रूरी होता है।

उधारण के लिए एक हॉस्पिटल ओसीआर टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल करके मेडिकल रिकॉर्ड से पेशेंट की जानकारी निकाल सकता है बिना errors के।

खर्चा कम होता है।

ओसीआर टेक्नोलॉजी कोस्ट-इफेक्टिव है। पिछले कुछ सालों मे ओसीआर सॉफ्टवेर का खर्चा कम हुआ है, जिससे हर बिज़नेस और आर्गेनाइजेशन इस्तेमाल कर सकता है। इसके अलावा ओसीआर टेक्नोलॉजी से बिज़नेसेस का पैसा लॉन्ग-टर्म मे बचा सकती है manual डाटा एंट्री की ज़रूरत को हटाकर।

डाटा का digitalization होना।

ओसीआर टेक्नोलॉजी की वजह से पेपर डॉक्यूमेंट को digitize किया जा सकता है, जिनको स्टोर करके इलेक्ट्रानिकली एक्सेस किया जा सकता है। ये विशेष रूप से उन बिज़नेसेस के लिए फायदेमंद होगा जिनको बहुत जियादा डॉक्यूमेंट को मेन्टेन करना होता है।

उधारण के लिए एक लाइब्रेरी ओसीआर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर सकती है अपने सारे बुक कलेक्शन को डिजिटाइज़ करने के लिए और लोगों के लिए ऑनलाइन अवेलेबल करने के लिए।

डॉक्यूमेंट मे आसानी से कोई भी चीज़ सर्च की जा सकती है।

डिजिटल डॉक्यूमेंट मे ओसीआर की मदद से हम विशेष चीजों को आसानी से सर्च कर सकते है। Handwritten डॉक्यूमेंट से टेक्स्ट निकालकर ओसीआर टेक्नोलॉजी हमारे लिए ये संभव बनाती है के हम किसी विशेष जानकारी के लिए डॉक्यूमेंट मे सर्च कर सकते है।

ये भी उन बिज़नेसेस के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है जिनको बहुत सारे documents को मेन्टेन करना होता है और जल्दी किसी स्पेसिफिक जानकारी को सर्च करना होता है।

ओसीआर को क्यूँ इस्तेमाल किया जाता है?

ओसीआर को क्यूँ इस्तेमाल किया जाता है

ओसीआर का सबसे जियादा इस्तेमाल प्रिंटेड पेपर documents को मशीन-readable टेक्स्ट डॉक्यूमेंट मे डालने के लिए किया जाता है. जब एक बार scanned पेपर डॉक्यूमेंट ओसीआर प्रोसेस से गुज़रता है तो उस डॉक्यूमेंट को माइक्रोसॉफ्ट वर्ड और गूगल डॉक्स जैसे वर्ड प्रोसेसर मे एडिट किया जा सकता है.

ओसीआर टेक्नोलॉजी आने से पहले पेपर डॉक्यूमेंट को डिजिटाइज़ करने का एक ही तरीका था manually re-typing करना पढता था. इससे वक़्त तो बहुत लगता ही था इसके अलावा inaccuracy और टाइपिंग मिस्टेक भी होती है. ओसीआर टेक्नोलॉजी एक hidden टेक्नोलॉजी की तरह इस्तेमाल होती है जिसे बहुत ज़रूरी कामों मे इस्तेमाल किया जाता है जैसे:

  • Airports मे पासपोर्ट रिकग्निशन के लिए.
  • बिज़नेस कार्ड या डॉक्यूमेंट मे से कांटेक्ट इनफार्मेशन निकालने के लिए.
  • ट्रैफिक साइन रिकग्निशन.
  • CAPTCHA एंटी-बोत सिस्टम्स को defeat करना.
  • हाथ से लिखी राइटिंग को मशीन पढ़ सके ऐसा बनाना.
  • बिज़नेस डाक्यूमेंट्स मे डाटा एंट्री करना जैसे invoices, रिसीट्स, बैंक स्टेटमेंट, आदि.
  • इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट को सर्च करने के काबिल बनाना जैसे गूगल बुक्स और PDFs.
  • अंधे लोगों के लिए फायदे मंद है.

क्या OCR के रिजल्ट को करेक्ट करने की ज़रूरत है?

हाँ, आप इस तरह से सोचे: बहुत सारे ओसीआर सॉफ्टवेर का readability रेट 99% हो सकता है लेकिन क्या पता 1% original डॉक्यूमेंट मे wrong हो? अगर original इमेज मे contrast और readability पहले से ही बहुत खराब हो तो ये रेट 50% तक जा सकता है जिसे रीड करना मुश्किल हो सकता है. इसलिए जब तक आप चेक नहीं करेंगे आपको पता नहीं चेलेगा.

अगर मेरा ओसीआर आउटपुट बहुत बुरा होतो?

अगर आपके original इमेज मे बहुत सारे गलतियाँ है कंट्रास्ट और characters गलत है, सहीं दिख नहीं रहे, आदि जैसे गलतियाँ है तो ओसीआर सॉफ्टवेर टेक्स्ट को recognize तो करलेगा लेकिन वो एक्यूरेट होगा या नहीं कह नहीं सकते है, ऐसे केस मे ओसीआर सॉफ्टवेर पूरी तरीके से सहीं आउटपुट निकाला है ये कह नहीं सकते है. इसलिए ये सुनिक्षित करें के आपका original डॉक्यूमेंट fuzzy न होगा.

orginal इमेज का contrast अच्चा होना चाहिए, शब्द sharp होने चहिये. अगर आपको सहीं रिजल्ट नहीं मिलता है तो प्रिंटर, और प्रिंटर सॉफ्टवेर मे कुछ सेटिंग्स होते है जिनसे आप बेहतर रिजल्ट निकाल सकते है.

ओसीआर सॉफ्टवेर को में कहां से ढूंड सकता हूँ?

ओसीआर कन्वर्शन सॉफ्टवेर आपके प्रिंटर मे इनस्टॉल हो सकता है या उसके साथ सॉफ्टवेर आ सकता है. Adobe Acrobat Pro मे ओसीआर कन्वर्शन शामिल है सॉफ्टवेर के साथ.

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

  1. OCR का पूरा नाम क्या है?

    OCR Ka Full Form है ‘Optical Character Recognition‘. इस टेक्नोलॉजी मे डिजिटल इमेज से टेक्स्ट को पहचानने की शक्षमता होती है, स्कैन डॉक्यूमेंट और इमेजेज मे टेक्स्ट को पहचानने के लिए इसका इस्तेमाल आमतौर पर किया जाता है।

  2. OCR का आविष्कार कब हुआ था?

    ओसीआर का फुल फॉर्म है ऑप्टिकल करैक्टर रिकग्निशन. ओसीआर का अविष्कार 1974 मे Ray Kurzweil ने किया था, उन्होंने ‘omni-font OCR’ नाम से इन्वेंट किया था.

  3. OCR Kya Hai in Hindi?

    हिंदी मे ओसीआर को ‘प्रकाश द्वारा सम्प्रतीकों की पहचान’ कहते है. ओसीआर एक टेक्नोलॉजी है जो इमेज और पीडीएफ के टेक्स्ट को पढ़ सकती है, फिजिकल पपेर डॉक्यूमेंट को डिजिटल पेपर डॉक्यूमेंट मे बदल सकती है इसका पूरा नाम ‘Optical Character Recognition’ है.

  4. OCR Full Form in computer in Hindi?

    OCR का फुल फॉर्म कंप्यूटर मे होता है ‘प्रकाश द्वारा सम्प्रतीकों की पहचान’ (Optical Character Recognition).

  5. ऑप्टिकल कैरेक्टर रीडर क्या है?

    Optical character recognition को ऑप्टिकल कैरेक्टर रीडर भी कहते है, इसका काम होता है के किसी भी handwritten या प्रिंटेड टेक्स्ट डॉक्यूमेंट को मशीन-एनकोडेड टेक्स्ट मे बदलना यानि मशीन को समज आसके ऐसे फॉर्मेट मे कन्वर्ट करना.

  6. ओसीआर का प्रयोग कहाँ किया जाता है?

    ओसीआर का इस्तेमाल आज आलग अलग फील्ड में किया जा रहा है जैसे बैंकिंग, सुवास्थ, logistics, airports, handwritten डॉक्यूमेंट को मशीन-readable टेक्स्ट बनाना, आदि.

  7. What is ocr hindi?

    ओसीआर को हिंदी मे ‘प्रकाश द्वारा सम्प्रतीकों की पहचान’ कह सकते है और इंग्लिश मे इसका फुल फॉर्म है ‘Optical character recognition’.

  8. ओसीआर फुल फॉर्म इन कंप्यूटर?

    ओसीआर फुल फॉर्म इन कंप्यूटर है ऑप्टिकल करैक्टर रिकग्निशन या ऑप्टिकल करैक्टर रीडर.

  9. OCR के नुक्सान?

    ओसीआर का नुक्सान ये है के अगर original डॉक्यूमेंट सहीं नहीं है तो ओसीआर टेक्नोलॉजी शेन टेक्स्ट को पहचान नहीं पायेगी और गलत डॉक्यूमेंट बन सकता है. ओसीआर टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल करने के लिए ज़रूरी रिसोर्सेज की ज़रूरत पड़ती है जैसे हाई quality device.

निष्कर्ष

आज हमने जाना के OCR ka full form Hindi, OCR in Hindi, OCR kya hai, ओसीआर फुल फॉर्म इन कंप्यूटर, ओसीआर कैसे काम करता है, ओसीआर को क्यूँ और कहां इस्तेमाल किया जाता है, OCR full form in hindi, ओसीआर का इतिहास, फायदे और नुक्सान, आदि.

आशा है आपको इन सवालों OCR ka full form और OCR kya hai के जवाब मिलगये होंगे. OCR ka full form और ocr in hindi से जुड़ा कोई भी सवाल पूछना होतो कमेंट करें और शेयर करे ताके दूसरों को भी पता चले के OCR ka full form और OCR kya hai in hindi.

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