क्या आप जानना चाहते है के Network kya hai या कंप्यूटर नेटवर्क क्या है और कैसे काम करता है तो आप सहीं जगह अये है, आज हम नेटवर्क क्या है इसके साथ नेटवर्क के कितने प्रकार होते है, नेटवर्क के क्या फायदे और नुकसान है आदि के बारेमे भि जानेंगे तो चलिए देखते है नेटवर्क क्या है.
Network kya hai?
नेटवर्क यानी कंप्यूटरस, Servers, नेटवर्क डिवाइसेस, और दुसरे डिवाइसेस का collection जिनसे डाटा शेयर किया जाता है, नेटवर्क क्या है इसका सबसे बड़ा उधारण है इंटरनेट, इंटरनेट दुनिया भर से लाखों लोगों को जोड़ता है.
जिसतरह हम एक दुसरे से बात करने के लिए आवाज़ का इस्तेमाल करते है वैसे हि एक कंप्यूटर दुसरे कंप्यूटर से कम्यूनिकेट करने के लिए नेटवर्क का इस्तेमाल करते है, इनसानों के आवाज़ बात करने के लिए एक medium है उसी तरहा नेटवर्क कंप्यूटर के लिए बात करना का मीडियम है,
जब एक से जियादा कंप्यूटर वायर या वायरलेस तरीके से जुड़ते है उसे नेटवर्क कहा जाता है, डिवाइस नेटवर्क से जुड़ने के बाद उस प्रोसेस को नेटवर्किंग कहते है,
कंप्यूटर को नेटवर्क से पे लाने के लिए इन चीजों का इस्तेमाल होता है जैसे केबल्स, सट्टेलाइट, टेलीफोन लाइन, इन्फ्रारेड लाइट बीन, रेडियो ववेव, अब आपको पता चलगया होगा के नेटवर्क क्या है.
Network कैसे काम करता है?
नेटवर्क क्या है ये जानने के बाद नेटवर्क कैसे काम्कर्ता ई ये जाने, क्लाइंट-सर्वर नेटवर्क मे एक सेंट्रल नोड होता है जिसे Server कहते है, ये सर्वर दुसरे डिवाइसेस कनेक्टेड होता है इन डिवाइसेस को Client कहते है,
ये कनेक्शन यतो वायर के साथ होता है या वायरलेस होता है जैसे घर के नेटवर्क मे राऊटर ‘सर्वर’ का काम करता है, राऊटर इंटरनेट से कनेक्टेड होता है और दुसरे डिवाइसेस जैसे कंप्यूटर, फ़ोन आदि को इंटरनेट प्रोवाइड करता है.
पब्लिक और प्राइवेट नेटवर्क मे अंतर?
- प्राइवेट नेटवर्क मे सिक्यूरिटी के बहुत सारे मेजर होते है, प्राइवेट नेटवर्क बेज़रूरी और बिना औथोरिज़ एक्सेस से बचने के लिए पासवर्ड आदि होते है, प्राइवेट नेटवर्क को स्कूल, बिज़नेस, हॉस्पिटल, घर, आदि जगहों पर लगाया जाता है.
- पब्लिक एरिया अक्सर बिज़नेस एरिया या फिर पब्लिक एरिया मे पब्लिक नेटवर्क होते है और यहीं से नेटवर्क को इस्तेमाल किया जाता है.
- कुछ पब्लिक एरिया मे वाईफाई के लिए पासवर्ड कि ज़रूरत नहीं होती लेकिन आपको पहले ब्राउज़र मे लोगइन होना होता है तभि वाईफाई का एक्सेस मिलता है.
- और कुछ पब्लिक एरिया मे वाईफाई के लिए पासवर्ड और किसी ऑथेंटिकेशन कि ज़रूरत नहीं होती डायरेक्ट आप वाईफाई को इस्तेमाल करसकते है.
- कुछ पब्लिक एरिया मे Wi-Fi के लिए Password कि ज़रूरत होती है बिना पासवर्ड के आईफाई एक्सेस नहीं मिलता है.
Note: पब्लिक नेटवर्क से अपने डिवाइस को कनेक्ट ना करे और अगर करते भि है तो कोई भि प्राइवेट और सेंसिटिव इनफार्मेशन को यूस ना करे कियोंकि चाहे आप कितनी भि encrypted वेबसाइट पर चले जाये पब्लिक नेटवर्क पर आप किस यूआरएल पर है सब पता चलता है, इसलिए बिना पासवर्ड वाले पब्लिक नेटवर्क को अपने किसी भि डिवाइस से कनेक्ट नहीं करना चाहिए.
नेटवर्क कितने प्रकार के होते हैं?

- पर्सनल एरिया नेटवर्क (PAN)
- होम एरिया नेटवर्क (HAN)
- लोकल एरिया नेटवर्क (LAN)
- मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क (MAN)
- वाइड एरिया नेटवर्क (WAN)
- वायरलेस लोकल एरिया नेटवर्क (WLAN)
- कैंपस नेटवर्क (CAN)
- स्टोरेज एरिया नेटवर्क (SAN)
- कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क (CDN)
- वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN)
- सिस्टम एरिया नेटवर्क (SAN)
- पासिव ऑप्टिकल लोकल एरिया नेटवर्क (POLAN).
नेटवर्क के फायदें और नुकसान?
नेटवर्क के फायदें?
नेटवर्क के नुकसान से जियादा फायदें है कुछ बिज़नेस तो इसके बिना चलते हि नहीं है,
- नेटवर्क का सबसे बड़ा फायदा ये है के नेटवर्क से जुड़े सारे डिवाइसेस के बीच डाटा या इनफार्मेशन शेयर किजासकती है, इन डिवाइसेस मे नेटवर्क कि मदद से डाटाबेस को एक्सेस करसकते है,
- नेटवर्क से जुड़े सारे डिवाइसेस एक दुसरे से फास्ट कम्यूनिकेट करसकते है चाट, मेसेज, ईमेल और विडियो कांफ्रेंस के ज़रिये से,
- नेटवर्क कि मदद से बहुत सारे कंप्यूटर एक हि प्रिंटर से जुड़ सकते है, अगर नेटवर्क नहीं होता तो हर कंप्यूटर को एक प्रिंटर से कनेक्ट करना पड़ता था लेकिन अब बहुत सारे कंप्यूटरस को एक हि प्रिंटर से कनेक्ट हो सकते है,
- नेटवर्क कि मदद से हम डाटा को स्टोर भि करसकते है जिससे ये एक बेकअप कि तरह काम करता है.
नेटवर्क के नुकसान?
- जिस तरहा नेटवर्क से कनेक्ट होने पर कम्यूटरस एक दुसरे से इनफार्मेशन शेयर करसकते है उसी तरहा वायरस और मैलवेयर भि कंप्यूटरस मे आने के चांसेस होते है,
- नेटवर्क को इनस्टॉल करना बहुत महँगा होता है, बड़े कैंपस मे नेटवर्क सेटअप करने मे बहुत पैसे लगते है, केबलिंग के लिए, नेटवर्क कार्डस, राऊटरस, ब्रिजेस, फायरवाल्स, सॉफ्टवेयर ये सारे चीज़े महेंगे होते है फिर इनस्टॉल करने कि सर्विस प्राइस जो तकनीशियनस को देना होता है, लेकिन मे घर के नेटवर्क जो कि सिंपल इंटरनेट एक्सेस के लिए इस्तेमाल किया जाता है उसे आसानी से इनस्टॉल करसकते है,
- नेटवर्क को किसी भि बिज़नेस या कॉरपोरेट मे मैनेज, मेन्टेन या उसकी सेटिंग करना आसान नहीं होता ये बहुत मुश्किल काम है इसलिए अयसे आदमी कि ज़रूरत होती है जिसके पास एक्सपीरियंस और सर्टिफिकेट हो.
Devices जो Networking मे काम आते है?

- हब
- स्विच
- मॉडेम
- राऊटर
- ब्रिज
- रिपीटर
HUB
हब एक बेसिक नेटवर्किंग डिवाइस है, हब दो तरह के होते है एक्टिव और पैसिव हब.
Switch
ये डिवाइस भि हब कि तरह फिजिकल लेयर मे काम करती है और स्विच डाटा को रिसीव करके फिल्टर करके एड्रेस पता लगाके डिवाइस को फोर्फार्ड करदेता है.
Modem
मॉडेम नाम तो सुना हि होगा, घर मे इंटरनेट लगवाने के लिए इसे इस्तेमाल किया जाता है, हमारा कंप्यूटर जो है डिजिटल दता को हि समजता जैसे बाइनरी 0 और 1 लेकिन केबल मे डाटा एनालॉग सिगनल के फॉर्म मे होता है यहाँ पर मॉडेम काम अत है, यानि हमारे कंप्यूटर तक बाहेर के डाटा को पहुचने के लिए मॉडेम एनालॉग सिगनल को डिजिटल डाटा के फॉर्म मे (Convert) करता है तभि डाटा कंप्यूटर तक पहुचता है.
Wifi Router
राऊटर का काम होता है के दो नेटवर्क के बीच के रूट और ट्रैफिक को कंट्रोल करना, राऊटर दो नेटवर्क को वायर के साथ या वायरलेस तरीके से कनेक्ट है.
Bridge
ब्रिज राऊटर कि तरह दो सब-नेटवर्क को जोड़ता है जो एकही नेटवर्क के होते है.
Wifi Repeater
रिपीटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो सिगनल कि Strength को बदता है यानि अगर दूर के डिस्टेंस तक केबल लगाना है तो रिपीटर डिवाइस कि ज़रूरत पड़ती है.
इतिहास?
नेटवर्क कि 1960 से 1970 के बीच इन्वेंट किया गया था इसको अरपानेट (ARPANET) संस्थान के दुअरा बनाया गया था नेटवर्क का नाम भि (ARPANET) था, इसका फुल फॉर्म है “एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी नेटवर्क”,
नेटवर्क को पहले अमेरिका के डिफेंस मे सूचनाओं को गुप्त तरीके से भेजने के लिए इस्तेमाल किया गया फिर धीरे धीरे इसका इस्तेमाल यूनिवर्सिटीस और बिज़नेसमेन करने लगे ये आज इतना डेवेलोप होचका है और हर सेक्टर मे काम अत है और आज ये “इंटरनेट” दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है.
नेटवर्क का उधारण: Wi-Fi

क्लाइंट-सर्वर नेटवर्क का सबसे अच्चा उधारण है घर का वाईफाई जिसे वायरलेस लोकल एरिया नेटवर्क (WLAN) कहते है, घरों मे बहुत सारे डिवाइस है जो बिना वायर यानि वायरलेसलि राऊटर से कनेक्टेड रहते है,
राऊटर घर मे central node कि तरहा काम करता है जो खुद बड़े नेटवर्क से जुदा होता है जोकि इंटरनेट है, कियोंकि अब सारे डिवाइसेस राऊटर से कनेक्टेड है इसलिए ये डिवाइसेस भि नेटवर्क का हिस्सा है, अब डिवाइसेस इंटरनेट को यूस करसक्ति है, दुसरे डिवाइस से कम्यूनिकेट करसकते है,
दुसरे डिवाइसेस से बिना डायरेक्ट कनेक्शन बनाये भि एक दुसरे से कम्यूनिकेट करसकते है, नेटवर्क से जुड़ने के बाद फाइल शेयर करसकते है, इनफार्मेशन को सेंड और रिसीव करसकते है आदि,
मॉडर्न नेटवर्क के आने से पहले एक कंप्यूटर को दुसरे कंप्यूटर से कम्यूनिकेट करने मे बहुत मुश्किल होती थी, पहले कंप्यूटरस को एलएएन (LAN) केबल दुअरा कनेक्ट किया जाता था, इसमें मैकेनिकल स्विच और केबल का इस्तेमाल होता था, जिसकी वजह से कंप्यूटर और डिवाइसेस दूर नहीं रह सकते थे कियोंकि केबल कि वजह से.
People Also Ask
1. पहला कंप्यूटर नेटवर्क क्या था?
पहला कंप्यूटर पैकेट स्विचन जिसे ARPANET कहते है वो 1960 और 1970 के बीच बनाया गया था, पहला अरपानेट मेसेज 29 अक्टोबर, 1969 मे बनया गया था.
2. सर्वर क्या है?
सर्वर एक सुपर कंप्यूटर कि तरह होता है जो नेटवर्क से कंप्यूटर तक सूचनाये प्रदान करता है जो पूछी जाती है और नेटवर्क से जुड़े दुसरे कंप्यूटर का डाटा भि सर्वर पर हि स्टोर होता है.
3. VPN क्या है?
‘Virtual Private Network’ ये एक नेटवर्क होता है जो प्राइवेट होता है, इसे कंपनीस अपने इंटरनल नेटवर्क को इंटरनेट के साथ मिलकर बनती है, आजकल इस वीपीएन का बहुत इस्तेमाल हो रहा है अपनी सिक्यूरिटी और प्राइवेसी के लिए.
निष्कर्ष?
आज हमने जाना के Network kya hai, computer network kya hai, नेटवर्क कैसे काम करता है, network kya hota hai, इतिहास क्या है आदि, आशा है आपको इस सवाल ‘Network kya hai’ का जवाब मिलगया होगा,
कुछ पूछना या कहना होतो कमेंट करे और दूसरों को शेयर करे ताके दूसरों को भि पता चले के नेटवर्क क्या है, हमारा ये आर्टिकल ‘Network kya hai’ यहीं समाप्त होता है.
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