Memory Kya Hai प्रकार, RAM और ROM

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आज हम जानेंगे के Memory kya hai, मेमोरी के प्रकार कितने होते है, मेमोरी मेजरमेंट यूनिट, रेम और रोम क्या है और इनदोनो मे अंतर क्या है, कंप्यूटर मेमोरी कि ज़रूरत क्यूँ है और मेमोरी के फीचर क्या है, आदि,

यानि मेमोरी कि सारि बेसिक और ज़रूरी चीज़े आपको पता चल जाएँगी, इन सारे सवालों का जवाब आपको यहा मिलजायेगा इसलिए आर्टिकल को आखिर तक पढ़े, चलिए देखते है मेमोरी क्या है.

मेमोरी क्या है?

कंप्यूटर आज हर फील्ड मे इस्तेमाल किया जारहा है और आज कंप्यूटर टेक्नोलॉजी का एहम हिस्सा बनगया है, कंप्यूटर का इस्तेमाल अपने डाटा/इनफार्मेशन को स्टोर करने के लिए किया जाता है, बड़े बड़े आर्गेनाइजेशन, इंस्टिट्यूट, स्कूल, गवर्नमेंट सेक्टर, प्राइवेट सेक्टर, बुसिनेस्सेस, आदि अपने बड़े साइज़ के डाटा को कंप्यूटर मे सुरक्षित रखति है ताके उस डाटा को समय समय पर प्रोसेस करसके.

कंप्यूटर मे डाटा स्टोर करने के लिए कंप्यूटर मेमोरी कि ज़रूरत होती है, मेमोरी कंप्यूटर का ज़रूरी हिस्सा है जिनमे यूजर अपने डाटा और फाइलस को स्टोर करते है, सीपीयू जो कंप्यूटर का ब्रेन है इसके तीन भाग है और उन तीनों मे तीसरा भाग मेमोरी यूनिट है, कंप्यूटर अपने स्टोरेज डिवाइस मे डाटा तेम्पोरारिली या परमानेंटली स्टोर करता अपने डिवाइस/कार्ड मे इस डिवाइस को मेमोरी कहते है,

डाटा को प्रोसेस करने के लिए, डाटा स्टोर करने के लिए कंप्यूटर मेमोरी का इस्तेमाल किया जाता है, कंप्यूटर के दो बेसिक टाइप होते है प्राइमरी मेमोरी जो volatile memory होती है और दूसरी है सेकेंडरी मेमोरी जो नॉन-वोलेटाइल मेमोरी होती है, अब आपको पता चलगया होगा के मेमोरी क्या है? अब जानते है के मेमोरी के प्रकार कितने है.

मेमोरी के प्रकार?

Memory kya hai

मेमोरी के प्रमुख तीन प्रकार होते है:

  1. केच मेमोरी (Cache Memory)
  2. प्राइमरी मेमोरी / मेन मेमोरी
  3. सेकेंडरी मेमोरी.

Cache Memory

केच मेमोरी कि स्पीड बहुत जियादा होती है कियोंकि ये हाई स्पीड सेमीकंडक्टर मेमोरी है, सीपीयू और मेन मेमोरी के बीच इसका काम रहता है, सीपीयू जो डाटा और प्रोग्राम को बार बार इस्तेमाल करता है उस डाटा और प्रोग्राम को पकडे रखने का काम केच मेमोरी का होता है, ऑपरेटिंग सिस्टम डाटा और प्रोग्राम के हिस्सों को डिस्क से केच मेमोरी को ट्रान्सफर करदेता है ताके उस डाटा और प्रोग्राम को सीपीयू एक्सेस करसके, चलिए अब केच मेमोरी के फायदें और नुकसान के बारेमे जानते है.

केच मेमोरी के फायदें

  • मेन मेमोरी के मुकाबले केच मेमोरी जियादा फास्ट होती है और टाइम भि कम खर्च करती है मेन मेमोरी के मुकाबले,
  • केच मेमोरी उन प्रोग्राम को स्टोर करता है जो सिर्फ कुछ पर्टिकुलर मेहि प्रोसेस करना होता है,
  • केच मेमोरी डाटा को तेम्पोरारिली स्टोर करती है.

केच मेमोरी के नुकसान

  • पहली बात केच मेमोरी जियादा महेंगी होती है,
  • केच मेमोरी कि सिर्फ लिमिटेड कैपेसिटी हि होती है.

Primary Memory

प्राइमरी मेमोरी जिसे मेन मेमोरी भि कहते है, प्राइमरी मेमोरी सिर्फ उन्ही डाटा या प्रोग्राम को पकडे रखति है जिसपर फिलहाल कंप्यूटर मे अभि काम चलरहा है लेकिन जैसे हि कंप्यूटर बंद होजाता है प्राइमरी मेमोरी डाटा lost करती है ये भि तेम्पोरारिली मेमोरी है, प्राइमरी मेमोरी मे भि लिमिटेड कैपेसिटी होती है,

प्राइमरी मेमोरी भि सेमीकंडक्टर से बना होता है और जो डाटा और प्रोग्राम को प्रोसेस करना होता है वोहि डाटा प्राइमरी मेमोरी मे स्टोर होता है, प्राइमरी मेमोरी कंप्यूटर का वोर्किंग मेमोरी होता है, सेकेंडरी मेमोरी के मुकाबले प्राइमरी मेमोरी फास्ट होती है, बिना प्राइमरी मेमोरी के कंप्यूटर रन नहीं करता, इसके दो सब-केटेगरी है RAM और ROM, अब आपको पता चलगया होगा के प्राइमरी मेमोरी क्या है.

RAM

मेमोरी क्या है- Memory kya hai

रेम का फुल फॉर्म रैंडम एक्सेस मेमोरी, रेम प्राइमरी मेमोरी का एक हिस्सा होता है जिसे सीपीयू डायरेक्टली एक्सेस करता है, डाटा को पढने (read) और लिखने (write) के लिए रेम का इस्तेमाल किया जाता है, रेम एक वोलेटाइल मेमोरी है यानि कंप्यूटर बंद होने पर रेम का सारा डाटा लॉस्ट होजाता है, जिन डाटा या प्रोग्राम को मॉडिफाई किया जाता है उन्हें रेम मे स्टोर किया जाता है, रेम चिप को दो प्रकार है सटाटिक रेम (SRAM) और डायनामिक रेम (DRAM).

ROM

रोम का फुल फॉर्म है रीड ओनली मेमोरी, कंप्यूटर सिस्टम के ज़रूरी और नाज़ुक इनफार्मेशन को ‘रोम’ मे स्टोर किया जाता है जैसे कंप्यूटर को बूट करने के लिए  ज़रूरी प्रोग्राम रोम मे स्टोर रहते है, आसान भाषा मे कहे तो कंप्यूटर को चलाने के लिए जो प्रोग्राम बहुत ज़रूरी होते है उन्हें रोम स्टोर करता है,

रोम एक नॉन-वोलेटाइल मेमोरी है जो कंप्यूटर को बंद करने के बाद भि डाटा को लॉस्ट नहीं करता, जैसा इसका नाम रीड ओनली मेमोरी है यानि रोम मे स्टोर डाटा को सिर्फ पढ़ा जासकता है इसमे कोई बदलाव नहीं किया जासकता, इस डाटा का इस्तेमाल कैलकुलेटर और पेरिफेरल डिवाइस मे जियादा होता है.

रोम के प्रकार

  • प्रोग्रामेबल रीड-ओनली मेमोरी (PROM)- इस मेमोरी को यूजर प्रोग्रामिंग करसकता है लेकिन एक बार प्रोग्रामिंग करने के बाद इसे चेंज या मॉडिफाई नहीं किया जासकता
  • एरासब्ल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी (EPROM)- इस मेमोरी को फिरसे प्रोग्राम किया जासकता है, फिरसे प्रोग्राम करने के पहले के डाटा को इरेस (erase) करना पडता है, डाटा को इरेस करने के लिए अल्ट्रा वायलेट लाइट मे लाना पड़ता है,
  • इलेक्ट्रिसिटी एरासब्ल प्रोग्रामेबल रीड ओनली ममोरी (EEPROM)- इस मेमोरी के डाटा को इरेस किया जासकता है लेकिन इसमें अल्ट्रा वायलेट लाइट कि ज़रूरत नहीं है बस इलेक्ट्रिक फील्ड कि ज़रूरत होती है, इस मेमोरी चिप के सारे डाटा को इरेस किया जासकता है,  

Secondary Memory

Memory kya hai- perfectalex.in

कंप्यूटर मेमोरी का तीसरा और आखरी भाग सेकेंडरी मेमोरी है, इसे एक्सटर्नल यानि बाहेर कि मेमोरी भि कहा जाता है और ये नॉन-वोलेटाइल मेमोरी होती है, डाटा और इनफार्मेशन को परमानेंटली यानि हमेशा के लिए स्टोर करने के लिए सेकेंडरी मेमोरी का इस्तेमाल किया जाता है, मेन मेमोरी के मुकाबले सेकेंडरी मेमोरी स्लो काम करती है,

सेकेंडरी मेमोरी को सीपीयू डायरेक्टली एक्सेस नहीं करसकता इसकेलिए पहले सेकेंडरी मेमोरी के डाटा को मेन मेमोरी मे ट्रान्सफर किया जाता है तब सीपीयू एक्सेस करसकता है, सेकेंडरी मेमोरी मैग्नेटिक और ऑप्टिकल मेमोरी होते है जिनको बैकअप मेमोरी भि कहा जाता है, सेकेंडरी मेमोरी के उधारण है डीवीडी, फ्लाश ड्राइव, सीडी-रोम, हार्डड्राइव इत्यादि. अमेज़न पर बेस्ट हार्ड ड्राइव, एसएसडी, खरीद सकते है.

Primary Memory vs Secondary Memory

प्राइमरी मेमोरीसेकेंडरी मेमोरी
प्रिमम्री मेमोरी कंप्यूटर मे होती है जिसमे सीपीयू डायरेक्ट एक्सेस करसकता है, इनपुट डिवाइस से डाटा सबसे पहले प्राइमरी मेमोरी अता है.सेकेंडरी मेमोरी यानि एक्सटर्नल मेमोरी जो स्टोरेज डिवाइस मे होती है, इसे बहुत जियादा डाटा को स्टोर करने के लिए इस्तेमाल करते है.
बिना प्राइमरी मेमोरी के कंप्यूटर नहीं चलता.बिना सेकेंडरी मेमोरी के भि कंप्यूटर चलसकता है.
प्राइमरी मेमोरी इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) पर बेस्ड होती है.सेकेंडरी मेमोरी ऑप्टिकल मीडिया पर बेस्ड होती है.
प्राइमरी मेमोरी बहुत फास्ट होती है.सेकेंडरी मेमोरी स्लो काम करती है.
प्राइमरी मेमोरी तेम्पोरारिली मेमोरी है.सेकेंडरी मेमोरी परमानेंट मेमोरी है.

Memory Measurement Unit

मेमोरी क्या है और मेमोरी के प्रकार कितने है पता चलगया होगा अब मेमोरी मेजर करने के लिए यूनिट के बारेमे जाने, जब मेमोरी कि बात करते है तो आपने ये दूना होगा के मेमोरी कितने जीबी कि है या कितने एमबी कि है ये मेमोरी को मेजर करने के यूनिट है,

मेमोरी को मेजर करने के लिए सबसे छोटी यूनिट है बिट (Bit), कंप्यूटर बाइनरी कि लैंग्वेज समजता है यानि (0,1) इसी को बिट भि कहते है और 8 बिट मिलकर एक बाइट (byte) बनता है, चलिए देखते है मेमोरी के छोटे से लेकर बड़े यूनिट.

यूनिट (Unit)शोर्ट नेमकैपेसिटी
बिट (Bit)बी (B)0,1
बाइट (Byte)बी (B)8 बिट
किलोबाईट (Kilobyte)केबी (KB)1024 बाइट
मेगाबाइट (Megabyte)एमबी (MB)1024 किलोबाईट
गीगाबाईट (Gigabyte)जीबी (GB)1024 मेगाबाइट
तेराबाइट (Terabyte)टीबी (TB)1024 गीगाबाईट
पेटाबाइट (Petabyte)पीबी (PB)1024 तेराबाइट
एक्साबाइट (Exabyte)ईबी (EB)1024 पेटाबाइट
जेट्टाबाइट (Zettabyte)जेडबी (ZB)1024 एक्साबाइट
योट्टबाइट (Yottabyte)वायबी (YB)1024 जेट्टाबाइट

कंप्यूटर मेमोरी कि ज़रूरत क्यूँ होती है?

कंप्यूटर को इस्तेमाल करते वक़्त हमें बहुत सारि चीज़े स्टोर करने कि ज़रूरत होती है जैसे इमेजेज, वीडियोस, डॉक्यूमेंट, फाइल्स, आदि, इन सभ को स्टोर करने के लिए कंप्यूटर मेमोरी कि ज़रूरत होती है, अगर हमें डाटा या इन्फोर्मातों फिरसे एक्सेस करना है तो हमें स्टोर करना हि पड़ेगा वरना हम अगली बार डाटा को एक्सेस नहीं करसकते है.

People Also Ask

1. मेमोरी कि सबसे छोटी और बड़ी यूनिट कौनसी है?

मेमोरी को मेजर करने के लिए सब से छोटी यूनिट बिट (Bit) है और सबसे बड़ी योट्टबाइट (Yottabyte) है.

2. प्रोसेसिंग स्पीड ऑफ़ मेमोरी किसे कहते है?

एक सेकंड मे मेमोरी जितना डाटा ट्रान्सफर करती है इसे ‘प्रोसेसिंग स्पीड ऑफ़ मेमोरी’ कहा जाता है, जैसे अगर मेमोरी एक सेकंड मे दो सौ केबी (KB) डाटा ट्रान्सफर करती है तो मेमोरी कि स्पीड दो सौ केबीपीएस (200 KBps) होगी.

3. कंप्यूटर कि स्थायी मेमोरी किसे कहते है?

कंप्यूटर कि स्थायी मेमोरी है ‘रीड ओनली मेमोरी’ (ROM) ये कंप्यूटर कि परमानेंट मेमोरी है जिसे डिलीट या बदला नहीं जासकता.

4. मेमोरी के प्रकार?

मेमोरी के प्रमुख तीन प्रकार होते है:

  • कचे मेमोरी (Cache Memory)
  • प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory)
  • सेकेंडरी मेमोरी (Secondary Memory).

5. रेम और रोम का फुल फॉर्म

रेम (RAM) का फुल फॉर्म है रैंडम एक्सेस मेमोरी (Random Access Memory) और रोम (ROM) का फुल फॉर्म है (Read Only Memory).

निष्कर्ष

आज हमने जाना के Memory kya hai, मेमोरी के कितने प्रकार होते है, रेम और रोम क्या है, प्राइमरी मेमोरी क्या है और सेकेंडरी मेमोरी क्या है, मेमोरी को मेजर करने के यूनिट कौनसे है, कंप्यूटर मेमोरी कि ज़रूरत क्यूँ होती है, आदि,

आशा है आपको इस सवाल ‘मेमोरी क्या है’ से जुड़े सवालों के जवाब मिलगये होंगे और भि कुछ कहना या पूछना होतो कमेंट करे और शेयर करे ताके दूसरों को भि पता चले के ‘मेमोरी क्या है’, हमारा ये आर्टिकल ‘what is memory in hindi’ यहीं समाप्त होता है.

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