Laghu udyog kya hai और कैसे शुरू करें: लघु उद्योग क्या है?

आज हम जानेंगे के लघु उद्योग क्या है और लघु उद्योग कैसे शुरू करें, लघु उद्योग के उधारण क्या है, सबसे अच्चा लघु उद्योग कौनसा है, लघु उद्योग रजिस्ट्रेशन कैसे करे और इसके फायदें क्या है, लघु उद्योग शुरू करने के लिए कितना पैसा लगता है,

लघु उद्योग के कितने प्रकार होते है, आदि के बारेमे विस्तार से जानेंगे अगर आपको किसी एक सवाल का जवाब चाहिए तो ऊपर दिए गये टेबल ऑफ़ कंटेंट का इस्तेमाल करसकते है, चलिए देखते है लघु उद्योग क्या है और लघु उद्योग कैसे शुरू करें.

Laghu udyog kya hai?

लघु उद्योग यानि ‘Small Scale Industry’ जिसे शोर्टफॉर्म मे SSI कहते है, लघु उद्योग यानि अयसे इंडस्ट्रीज / बिज़नेस जिनमे प्रोडक्ट या सर्विस कि मनुफेक्टुरिंग, रेंडरिंग और प्रोडक्शन होता है छोटे स्केल मे, कम लागत मे.

Laghu udyog कैसे शुरू करें?

अब आपको पता चलगया होगा के लघु उद्योग क्या है? अब लघु उद्योग कैसे शुरू करें ये जाने? एसएसआई (SSI) इकोनोमी के लिए बहुत ज़रूरी चीज़ है खासकरके देवेलोपिंग कंट्री इंडिया के लिए, रोज़गार पैदा करने मे लघु उद्योग ज़रूरी रोल पली करता है, इसलिए अगर आपभी स्माल स्केल बिज़नेस करना चाहते है, इन चीजों का होना ज़रूरी है.

  • रजिस्ट्रेशन
  • सहीं फैसला लेना
  • ओनरशिप
  • मैनेजमेंट
  • प्रोडक्ट का चुनाव
  • लोकेशन
  • टेक्नोलॉजी
  • लेबर / मेनपावर
  • फाइनेंस
  • मशीनरी
  • प्रोडक्शन
  • मार्केटिंग
  • मार्किट रिसर्च
  • लघु उद्योग कैसे शुरू करें, नीचे जाने विस्तार से.

Small Scale Industry Registration?

MSME मिनिस्ट्री के दुअरा हम लघु उद्योग रजिस्ट्रेशन करसकते है, लघु उद्योग कैसे शुरू करें ये जानने के बाद ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भि जाने स्टेप बाय स्टेप:

Step1: सबसे पहले उदयम रजिस्ट्रेशन वेबसाइट पर जाएँ, यहां आपको क्लिक करने के लिए ये टेक्स्ट मिलेगा “फॉर न्यू इंटरप्रेन्योरस हु आर नोट रजिस्टर्ड येट अस एमएसएमइ और थोस विथ इएम- II”.

Step2: यहा अपना ‘आधार नंबर’ डाले और ‘इंटरप्रेन्योर का नाम’ डाले और “वलिदेत एंड गेनेरटे ओटीपी” बटन पर क्लिक करे.

Step3: अब आपको मोबाइल पर अये ओटीपी को इंटर करना है और नेक्स्ट पेज मे आपको पैन कार्ड के डिटेल्स डालनी है और “पैन वलिदेत” पर क्लिक करना है.

Step4: अब उदयम रजिस्ट्रेशन पेज ओपन होगा जिस मे आपको अपने पर्सनल डिटेल और इंडस्ट्री से जुड़े डिटेलस को डालनी है जैसे इंडस्ट्री का नाम, बैंक अकाउंट डिटेल्स और एड्रेस, आदि. इन सब को सहीं से डालने के बाद ‘सबमिट’ पर क्लिक करे और अब फाइनल ओटीपी आयेगी उसे इंटर करे.

Step5: इतना सब करने पर ‘एमएसएमइ’ रजिस्ट्रेशन कम्पलीट होचुका है मेसेज अता है, वेरिफिकेशन के बाद ‘एमएसएमइ’ रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट इशू होता है.

Step6: एक व्यक्ति एक से जियादा इंडस्ट्री रजिस्ट्रेशन करसकते है और कोई भि रजिस्ट्रेशन फीस नहीं देनी होती है.

लघु उद्योग शुरू करने के लिए ज़रूरी बातें?

लघु उद्योग कैसे शुरू करें (स्टेप बाय स्टेप)

Decision Making

चलिए विस्तार से जानते है के लघु उद्योग कैसे शुरू करें? सबसे पहले ये सोचे और अपने दिमाग मे बिठाले के आपको कैसा स्मोल स्केल बिज़नेस बनाना है, ये डीसाइड करना ज़रूरी है के कारपोरेशन या पार्टनरशिप कैसे सेटअप करे.

यहाँ आपको अपनी ताकत अपनी कमजोरी को जानना होगा अपने Entrepreneur करियर को बनाने के लिए, इन चीजों को जानने के बाद आपको अपने बिज़नेस किस टाइप और साइज़ का होगा ये पता चलता है.

Product Selection

मार्किट कि रिसर्च करने से प्रोडक्ट डीसाइड करने मे मदद मिलती है, प्रोडक्ट का पोटेंशियल मार्किट मे अच्चा होना चाहिए और फायदेंमंद होना चाहिए. मार्किट रिसर्च करते समय इन बातों का ध्यान रखे जैसे प्रोडक्ट के लिए गवर्नमेंट के पॉलिसीस को ध्यान मे रखे,

कम्पटीशन नहीं होना चाहिए या थोडा होना चाहिए, प्रोडक्ट इनोवेटिव होना चाहिए यानि कुछ नया दिखना चाहिए, मार्किट मे आसानी से मिलना चाहिए, प्रोडक्ट बनाने का रॉ मटेरियल आसानी से अवेलेबल होना चाहिए और आपके बजट मे होना चाहिए.

Location

लघु उद्योग शुरू करने के लिए लोकेशन चूस करना ज़रूरी है, लोकेशन मार्किट से करीब होनी चाहिए, रॉ मटेरियल अवेलेबल होना चाहिए, लेबर, ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज, नये इंफ्रास्ट्रक्चर और फैसिलिटी होनी चाहिए, प्लोट रेट भि कम होना चाहिए, इन चीजों को ध्यान मे रखे लोकेशन तय करते समय. इंडिया मे गवर्नमेंट भि इंडस्ट्रियल एस्टेट (estate) ऑफर करती है जिन प्लोट मे कुछ चीज़े बनीहुई होती है.

Ownership

 लघु उद्योग चलने के लिए तीन तरह के ओनरशिप होती है: प्रोप्राइटरी (Proprietary), पार्टनरशिप (Partnership), और कंपनी (Company).

  • प्रोप्राइटरी ओनरशिप मे सारे राइट्स ओनर के होते है और सारे मार्केटिंग और मनुफेकचर होने वाले आइटम के एक्सक्लूसिव राईटस होते है.
  • पार्टनरशिप यानि बिज़नेस के दो या जियादा पार्टनर होते है, सारे पार्टनर अपने बिज़नेस मे इन्वेस्ट करते है और अपने प्रॉफिट, नुकसान और रिस्क को बाटते है, मिलकर अपने स्किल का इस्तेमाल करके बिज़नेस को आगे बढ़ाते है.  
  • कंपनी एक लीगल एंटिटी (legal entity) होती है जिसके एसेटस और लियाबिलीटीस ओनर से अलग होते है. इन मेसे किसी को भि चूस करसकते है अपने बिज़नेस को चलने के लिए.

Registration

ऊपर के सारे स्टेप फॉलो करने के बाद अपने स्माल स्केल इंडस्ट्री को रजिस्ट्रेशन करना है, लघु उद्योग को रेगिस्टर इन औथोरीटीस मे किया जाता है जैसे स्टेट डायरेक्टरेट ऑफ़ इंडिया, आरबीआई, डीजीएस&डी, आरएलए, आदि. रजिस्ट्रेशन इसलिए करते है ताके गवर्नमेंट को इंडस्ट्री के बारेमे पता हो, रजिस्ट्रेशन कैसे करते है ये आपको आगे विस्तार से बताया गया है.

Technology and ManPower

अब आपको लघु उद्योग के लिए मशीनरी खरीदने होते है और कर्मचारियों को हायर करना होता है अलग अलग डिपार्टमेंट मे काम करने के लिए, इस वक़्त इन्सुरांस करना भि ज़रूरी होजाता है, मशीनरी खरीदने के बाद इनको चलने के लोगों कि ज़रूरत होती है, एम्प्लोय को हायर करने का प्रोसेस शुरू करना होगा जोकि इसतरह होता है रिक्रूटमेंट, ट्रेनिंग और प्लेसमेंट. अब आपको पता चल गया होगा के लघु उद्योग क्या है और लघु उद्योग कैसे शुरू करें.

ये भि पढ़े: बैंक खाते कितने प्रकार के होते है?

लघु उद्योग के उधारण?

laghu udyog images

  • मोमबत्ती बनाना
  • ब्यूटी पार्लर
  • पेपर प्लेट मनुफेक्टुरिंग इंडस्ट्री
  • टूथपिक बनाना
  • Spinning and weaving industry
  • जनरल स्टोर
  • अगरबत्ती मेनुफेकचर करना
  • वाटर बोटेल मेनुफेकचर करना
  • मसाला बनाना
  • बकेरीस
  • प्रिंटिंग और ज़ेरॉक्स लमिनेशन सेंटर
  • कोकोनट आयल बनाना
  • जूस शॉप
  • फास्ट फ़ूड रेस्तोरांत
  • फ्रूट और वेजिटेबल शॉप
  • मोबाइल रिचार्ज दूकान
  • फिल्टर वाटर सप्लाई
  • चाक मेनुफेकचर करना
  • अचार बनाना
  • बायोडीजल प्रोडक्शन
  • Cashew nut processing
  • क्ले प्रोडक्ट
  • माचिस मेनुफेकचर करना
  • पेपर बैग्स
  • चॉकलेट बनाना
  • डायरी बिज़नेस
  • मसाले बनाना
  • आइस क्रीम कि दूकान
  • लेडीज टेलर
  • अलमारी का बिज़नेस
  • राइस मिल
  • डिटर्जेंट पोदर बनाना
  • फोटोग्राफी
  • गिफ्ट पैकिंग स्टोर
  • खिलोने मेनुफेकचर करना
  • टी-शर्ट प्रिंटिंग शॉप
  • आटा चक्की कि दूकान
  • School stationeries
  • Sports product shop
  • स्लिपर्स बनाना
  • इलेक्ट्रॉनिक रिपेयरिंग शॉप
  • मोबाइल रिपेयरिंग
  • लीथेर बेल्ट मेनुफेकचर करना
  • Soap manufacture करना
  • हनी प्रोसेसिंग
  • बुक शॉप
  • Ghee मेनुफेकचर करना

सबसे अच्चा लघु उद्योग कौनसा है?

आशा है अब आपको पता चलगया होगा के लघु उद्योग क्या है और कैसे शुरू करें? अब ये जाने के आपके लिए कौनसा लघु उद्योग अच्चा है, ऊपर हमने बहुत सारे लघु उद्योग के बारेमे बताया है हो सकता है आप किसी दुसरे बिज़नेस के बारेमे सोच रहे होंगे या आपको सहीं बिज़नेस चूस करने मे दिक्कत आरही होगी, आपको वोहि बिज़नेस चूस करना है जिसमे आपका इंटरेस्ट है और जिसमे आप हर वक़्त अपना सौ प्रतिशत देसकते है.

Registration के फायदें?

  • लघु उद्योग को टैक्स रिफंड ऑफर होता है,
  • बहुत सारे अयसे गवर्नमेंट टेंडर्स होते है जो सिर्फ लघु उद्योग को मिलते है,
  • जो बिज़नेस एसएआई (SSI) मे रेगिस्टर होते है उनको गवर्नमेंट कि तरफ लाइसेंस और सर्टिफिकेशन हासिल करने मे जियादा मदद मिलती है.
  • एमएटी (MAT) टैक्स को 10 साल नहीं बलके 15 साल इस्तेमाल करसकते है,
  • रेगिस्टर करने के बाद पेटेंट करने के लिए और इंडस्ट्री सेटअप करने के लिए पैसे कम लगते है.
  • एसएसआई कोलैटरल-फ्री आटोमेटिक लोन्स भि लेसकते है रॉ मटेरियल और बुदिनेस रिस्टार्ट करने के लिए.    
  • अयसे बहुत सारे गवर्नमेंट स्कीमस होते है जिनसे ‘स्मोल स्केल इंडस्ट्री’ को सपोर्ट मिलता है, जैसे ‘CGTMSE’, ‘MPDA’, ‘CVY’, ‘CITUS’, आदि.

लघु उद्योग शुरू करने के लिए कितना पैसा लगता है?

लघु उद्योग शुरू करने के लिए कितना पैसा लगता है

लघु उद्योग मे कितना पैसा लगता है या कितना पैसा लगाना चाहिए ये आपके शमता पर डिपेंड है कियोंकि इसे कोई भि गरीब इंसान शुरू नहीं करसकता कियोंकि कम से कम एक स्मोल स्केल बिज़नेस के लिए पचास हज़ार का इन्वेस्टमेंट तो लगता हि है, आपको अपने बिज़नेस खुद पर कॉंफिडेंट है तो आप जितना जियादा पैसा लगायेंगे उतना आपकी इनकम होगी.

लघु उद्योग के प्रकार?

काम के आधार पर लघु उद्योग के तीन प्रमुख प्रकार होते है,

Manafacturing Industry

अयसे इंडस्ट्रीज जिसमे फिनिश्ड प्रोडक्ट मनुफेकचर किये जाते है जिसे कस्टमर तक पहुचाया जाता है या फिर आगेकी प्रोसेसिंग के लिए भेजा जाता है. मनुफेक्टुरिंग इंडस्ट्रीज के उधारण है पॉवर लूम्स, इंजीनियरिंग यूनिट्स, प्रोसेसिंग यूनिट्स, आदि.

Ancillary Industries

ये इंडस्ट्रीज कॉम्पोनेन्ट को मेनुफेकचर करते है दुसरे मेनुफेकचरर के लिए, कंपोनेंट्स बनाने के बाद ये मेनुफेकचरर इन सब को अस्सेम्बल करके एक फाइनल प्रोडक्ट तैयार करते है, बड़े कंपनीस फिनिश्ड प्रोडक्ट मेनुफेकचर करते है लेकिन प्रोडक्ट का हर पार्ट नहीं बनाते,

जो इंडस्ट्रीज / वेंडर्स इन बड़ी कंपनीस के लिए कॉम्पोनेन्ट बनती है उन्हें एंसीलरी इंडस्ट्रीज कहा जाता है.

Service Industry

सर्विस इंडस्ट्रीज यानि जो सिर्फ सर्विस बेस्ड इंडस्ट्रीज होती है मेनुफेक्टुरिंग मे इनका कोई लेना देना नहीं होता है, ये सर्विस प्रोवाइड करते है जैसे मेंटेनेंस, रिपेयरिंग आदि. इसतरह के और भि प्रकार है लघु उद्योग के जैसे कॉटेज यूनिट्स, विलेज इंडस्ट्रीज, एक्स्पोअर्ट.

लघु उद्योग का इकॉनमी मे असर?

  1. इंडिया के टोटल गुडस और सर्विसेज मे 40% स्मोल स्केल इंडस्ट्रीज होते है इसलिए इकॉनमी मे ज़रूरी रोल निभाते है,
  2. ज़यादातर एक्सपोर्ट मटेरियल इंडिया के बड़े कंपनीस को स्मोल स्केल इंडस्ट्रीज हि देती है ये अनुमानित 50% एक्सपोर्ट मटेरियल लघु उद्योग इंडस्ट्रीज से अता है.
  3. रूरल एरियाज मे एम्प्लॉयमेंट इनकि वजह से हि मिलता है, एम्प्लॉयमेंट बढ़ाने कि वजह से इकॉनमी मे बहुत बड़ा रोल प्ले करता है.
  4. लघु उद्योग इंडस्ट्रीज मेक इन इंडिया को प्रमोट करते है इसलिए लोकल प्रोडक्ट कि डिमांड भि बदती है. आज का हमारा ये आर्टिकल ‘लघु उद्योग क्या है’ यहीं समाप्त होता है.

People Also Ask

  • लघु उद्योग रजिस्ट्रेशन के लिए ज़रूरी डॉक्यूमेंट कौन से हैं?

    स्मोल स्केल इंडस्ट्रीज के लिए रजिस्ट्रेशन क्यूँ ज़रूरी है और कैसे करे हमने ऊपर बताया है, लघु उद्योग रजिस्ट्रेशन करने के लिए उदयम रजिस्ट्रेशन वेबसाइट पर पैन कार्ड और आधार कार्ड कि ज़रूरत होती है.

  • क्या लघु उद्योग के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन करना चाहिए?

    ये ज़रूरी नहीं है के आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन करना हि है लेकिन अगर इंडस्ट्रीज जीएसटी एक्ट के अन्दर आते है तो उन्हें जीएसटी रजिस्ट्रेशन करना ज़रूरी है.

3. क्या SSI और MSME एक हैं?

हाँ| पहले जो स्मोल स्केल इंडस्ट्रीज प्रोडक्ट बनती थी, सर्विस देती थी उनको ‘Small Scale Industries’ मे रजिस्ट्रेशन करवाना होता था लेकिन गवर्नमेंट ने 2006 मे ‘एमएसएमइ’ एक्ट पास किया जिसमे स्माल और माइक्रो इंडस्ट्रीज को एमएसएमइ ‘माइक्रो. स्मोल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज’ मे लाया गया यानि अब एसएसआई और एमएसएमइ एक हि है.

4. प्रोडक्ट सेलेक्ट करते समय इन बातों का ध्यान रखे?

जब प्रोडक्ट सेलेक्ट करते है इनबातों का ध्यान ज़रूर रखे जैसे: प्रोडक्ट कि जियादा डिमांड होना चाहिए और प्रोडक्ट यूनिक होना चाहिए, बजट मे होना चाहिए और आसानी से मिलजाना चाहिए, कुछ कम्पटीटरस होने चाहिए.

5. ट्रेड नेम क्यूँ ज़रूरी है?

स्मोल स्केल इंडस्ट्रीज के लिए ट्रेड नेम ज़रूरी इसलिए है कियोंकि इससे एंटरप्राइज को खुदकी आइडेंटिटी मिलती है, गवर्नमेंट भि इसी ट्रेड नेम से पहचानती है, अगर कोई आपका एंटरप्राइज का नाम लेकर गलत काम कररहा है तो आपको ये ट्रेड नेम बचाता है.

6. लघु उद्योग के लिए कितना लोन मिल सकता है?

अगर छोटा बिज़नेस है तो सरकार एक लाख से दो करोड़ का लोन दे सक्ति है और अगर मिडिल क्लास के बिज़नेस है तो 25 लाख से पांच करोड़ तक लोन देसक्ति है.

8. लघु उद्योग रजिस्ट्रेशन कि फीस कितनी है?

स्मोल स्केल इंडस्ट्रीज के लिए रजिस्ट्रेशन अप्लाई करने के लिए कोई भि फीस नहीं लिजाती है.

9. सोशल मीडिया के कौन से साईट का इस्तेमाल करे विज्ञापन के लिए?

अपने बिज़नेस या प्रोडक्ट का विज्ञापन करने के लिए अपनी वेबसाइट बनासकते है और सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, इन्स्ताग्राम, व्हाटस ऐप्प, ट्विटर, इतियादी का इस्तेमाल करसकते है.

निष्कर्ष?

आज हमने जाना के Laghu udyog kya hai, लघु उद्योग कैसे शुरू करें, बेस्ट लघु उद्योग कौन से है, लघु उद्योग को कैसे शुरू करें स्टेप बाय स्टेप, आदि.

आशा है आपको इस सवाल ‘लघु उद्योग क्या है?’ का जवाब मिलगया होगा और भि कुछ कहना या पूछना होतो कमेंट करे और शेयर करे ताके दूसरों को भि पाता चले के ‘लघु उद्योग क्या है’. हमारा ये आर्टिकल ‘laghu udyog in hindi’ यहीं समाप्त होता है.

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