आज इंटरनेट को दुनिया मे हर कोई इस्तेमाल करता है ये लखों कंप्यूटर, वेबसाइटस और सर्वर को कनेक्ट करता है, आज हम जानने वाले है के Internet kya hai, इंटरनेट कैसे काम करता है, इंटरनेट की खोज किसने की, what is internet in hindi, आदि, चलिए जानते है इंटरनेट क्या है और इंटरनेट से जुड़े ज़रूरी तथ्य.
Internet Kya Hai
इंटरनेट एक बड़ा नेटवर्क है जो दुनिया के कंप्यूटरस को कनेक्ट करता है, इंटरनेट के साथ लोग जानकारी शेयर करसकते है और कहीं से भि बात करसकते है. इंटरनेट ‘क्लाइंट सर्वर आर्किटेक्चर’ पर बेस्ड है यानि जो भि मोबाइल या कंप्यूटर से जानकरी हासिल कररहे है वह क्लाइंट है और जहा जानकारी रखी गयी है उसे सर्वर कहते है.
सिंपल भाषा मे कहे तो दुनिया का कोई भि कंप्यूटर किसी दुसरे कंप्यूटर से कनेक्ट होने के बाद जानकारी ट्रान्सफर करता है या कुछ भि करता है तो उस कनेक्शन को इंटरनेट कहते है. अब आपको पता चल गया होगा कि Internet kya hai चलिए अब जानते है के इंटरनेट की खोज किसने की.
Internet कि खोज किसने की?
इंटरनेट को किसी एक इंसान ने नहीं बनाया इंटरनेट को 1960 मे बहुत सारे लोगों ने और आर्गेनाईजेशन ने मिलकर बनाया है, अब आप सोच रहे होंगे के आखिर उस वक़्त किस लिए इंटरनेट को बनाया गया था कियोंकि किसी भि चीज़ कि शुरुवात किसी वजह से होती है,
1960 मे शीत युद्ध मे जल्दी जल्दी और ख़ुफ़िया तरीके से इनफार्मेशन/मेसेज भेजने कि ज़रूरत पड़ी इसी वजह से टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके एक नेटवर्क को बनाया गया और ये नेटवर्क डेवेलोप होते होते आज इंटरनेट बनगया है,
इंटरनेट को बनाने मे कुछ साइंटिस्ट जैसे लियोनार्ड केलेंरोक, जे.सी.आर लिकलिडर, रोबर्ट टेलर नाम शामिल है, अब आपको पता चल गया होगा कि इंटरनेट की खोज किसने की है.
Internet कैसे काम करता है?
इंटरनेट का काम clients और सर्वर के बीच होता है चलिए इसे समजते है, क्लाइंट यानि लैपटॉप या मोबाइल जो इंटरनेट से कनेक्टेड है और सर्वर यानि वो बड़े बड़े कंप्यूटर जिसमे इनफार्मेशन जमा है और ये भि Indirectly इंटरनेट से कनेक्टेड होता है,
ये सर्वरस ‘इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर’ कि मदद से इंटरनेट से कनेक्टेड रहते है इन्हें IP एड्रेस से पहचाना जा सकता है, हर वेबसाइट का एक अलग Domain Name होता है जैसे हमारे वेबसाइट का डोमेन नेम “Perfectalex.in” है कियोंकि हर इंसान को लम्बे लम्बे नंबर याद रखने मे परेशानी होति है इसलिए हर वेबसाइट का एक डोमेन नेम होता है,
अब आप जब भि ब्राउज़र मे कोई भि डोमेन नेम सर्च करते है तो वो रिकुएस्ट सीधे सर्वर को भेजी जाती है और वो सर्वर डोमेन नेम से आइपी एड्रेस ढूंडता है सर्वर आइपी एड्रेस इसलिए ढूंडता है क्योंकि सर्वर डोमेन नेम को समज नहीं सकता,
उस डोमेन नेम का आइपी एड्रेस मिलने के बाद अब सर्वर इस आईपी एड्रेस को बड़ी फ़ोन डायरेक्टरी मे सर्च करता है जिसे ‘डीएनएस’ भि कहते है जिसका फुल फॉर्म है ‘डोमेन नेम सर्वर’ अब यहाँ से आईपी एड्रेस मिलने के बाद ये सर्वर ब्राउज़र पे वेबसाइट का कंटेंट दिखता है,
अगर आप वायरलेस मीडियम का इस्तेमाल करने यानि ३जि या 4जि का इस्तेमाल करते है तो डाटा पहले ऑप्टिकल केबल्स मे फ्लो होता है वहां से टावर्स पहोचता है फिर टावर्स से ‘इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स’ के रूप मे आपके मोबाइल, लैपटॉप मे अता है,
अगर आप रौटेर्स का इस्तेमाल करते है तो ऑप्टिकल फाइबर राऊटर से कनेक्टेड होता है फिर इलेक्ट्रिकल सिगनलस से ईथरनेट केबल्स तक पहुच कर इंटरनेट आपके कंप्यूटर या लैपटॉप मे अता है, अब आपको पता चलगया होगा इंटरनेट क्या है और कैसे काम करता है.
इंटरनेट control कौन करता है?
इंटरनेट डीसेंट्रलाइज्ड है यानि इसे कोई भि एक इंसान या आर्गेनाइजेशन कंट्रोल नहीं करता, अयसा कहा जाता है के अमेज़न, फेसबुक जैसे बड़े कंपनीयां इंटरनेट पर जानकारी और पैसों को इन्फ्लुएंस करती है,
कुछ देशो मे इंटरनेट के कुछ हिस्सों को ब्लोक करदिया गया है सन्सरशिप के ज़रिये, अब आपको पता चल गया होगा कि Internet kya hai और कौन कंट्रोल करता है.
IP Address kya hai?
आईपी एड्रेस का मतलब है इंटरनेट प्रोटोकॉल, हर लैपटॉप या कोई भि डिवाइस का एक आईपी एड्रेस होता है जिसे इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर देता है, पहचान के लिए हर लैपटॉप, कंप्यूटर आदि का एक यूनिक आईपी एड्रेस होता है ये इंटरनेट टेक्नोलॉजी का बहुत अहम हिस्सा है,
आईपी एड्रेस नंबर्स के चार सेट होता है जैसे 182.142.3.28. हर आईपी एड्रेस का सेट नंबर 0 से 255 के बीच होता है मतलब 0.0.0.0 से 255.255.255.255 के बीच आईपी एड्रेस होते हैं,
कोई अपने लैपटॉप के आईपी एड्रेस को देख सकता है आप को पहले विंडोज मेनू मे जानकर नेटवर्क आप्शन पर क्लिक करना है फिर स्टेटस को क्लिक करके प्रॉपर्टीज पर क्लिक करना है आपको आईपी एड्रेस दिखजायेगा, चार तरह के आईपी एड्रेस मिलते है.
- स्टाटिक आईपी एड्रेस
- डायनामिक आईपी एड्रेस
- प्राइवेट आईपी एड्रेस
- पब्लिक आईपी एड्रेस.
World Wide Web kya hai?

वेब पेजेज और वेब डॉक्यूमेंट के कलेक्शन को वर्ल्ड वाइड वेब कहते है जिन्हें हम इंटरनेट पे उनके URL को टाइप करने पर देखसकते है, जैसे अगर आप www.perfectalex.in ये यूआरएल इंटरनेट पर टाइप करेंगे तो आपको ‘Perfect Alex’ वेबसाइट से जुड़े सारे वेब पेजेज और वेब डॉक्यूमेंट दिखाई देंगे जो वर्ल्ड वाइड वेब पर स्टोर है,
यूजर के दुअरा वेब पर कुछ भि सर्च करने पर वर्ल्ड वाइड वेब यूजर को उसके कीवर्ड से जुड़े कंटेंट प्रोवाइड करता है हाइपरमीडिया लिंक और हाइपर टेक्स्ट के फॉर्म मे, वर्ल्ड वाइड वेब प्रोजेक्ट को 1989 मे टिमोथी बेर्नेर्स के दुअरा बनाया गया था ताके CERN मे रिसर्च करनेवाले एक साथ मिलकर अच्छे से काम करसके.
WWW और Internet मे क्या अंतर?
World Wide Web | Internet |
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सारे वेब पेजेज और वेब डॉक्यूमेंट वर्ल्ड वाइड वेब पर स्टोर होती है जिनको ढूंड ने के लिए एक यूनिक यूआरएल कि ज़रूरत होती है, | इंटरनेट कोमुटरस का ग्लोबल नेटवर्क है जिसका वर्ल्ड वाइड वेब के ज़रिये एक्सेस मिलता है |
वर्ल्ड वाइड वेब सॉफ्टवेयर कि तरह होता है | इंटरनेट हार्डवेयर कि तरह होता है |
वर्ल्ड वाइड वेब एक सर्विस है | और इंटरनेट एक Infrastructure है, |
वर्ल्ड वाइड वेब HTTP का इस्तेमाल करता है | इंटरनेट आईपी एड्रेस का इस्तेमाल करता है |
वर्ल्ड वाइड वेब इंटरनेट का सबसेट है. | इंटरनेट वर्ल्ड वाइड वेब का सुपरसेट है. |
इंटरनेट के इस्तेमाल कहा होता है?

Education
पढाई का कोई भि मटेरियल स्टूडेंट वेब से लेसकता है, जो चलकर क्लास अटेंड नहीं करसकते वह घर बैठे कोई भि कोर्स कम्पलीट करसकते है और नॉलेज गेन करसकते है, इंटरनेट कि मदद से डिजिटल प्लेटफार्म पर ऑनलाइन टीचिंग होती है.
Social Networking
सोशल नेटवर्किंग साईट और ऐप्स का मकसद है दुनिया के लोगों को मिलाना एक साथ लाना, सोशल नेटवर्किंग साईट के मदद से हम अपने दूर बैठे लोगों से बात करसकते है, विडियो कॉल करसकते है इमेजेज भेज्सकते है आदि, ग्रुप बनाकर डिस्कशन करसकते हा मीटिंग भि करसकते है.
Online Business
ऑनलाइन शोपिंग वेबसाइटस कि मदद से घर बैठे आसानी से समान खरीद सकते है एकोम्मेर्स साईट जैसे अमेज़न, फ्लिप्कार्ट, मिन्त्रा आदि वेबसाइट ने हमारी ज़िन्दगी आसान कि है, कैशलेस मनी ट्रान्सफर: कुछ भि खरीद ने के लिए साईट पर आपको पे करना होता है हर वेबसाइट मे कैशलेस ट्रांससैकशन करने के बहुत सारे आप्शन होते है पेटीएम, डेबिट कार्ड आदि.
एंटरटेनमेंट
इंटरनेट को एंटरटेनमेंट के लिए भि बहुत यूस किया जाता है जैसे आप मूवीज देखसकते है, सोंग सुन सकते है, गेम्स खेल्सकते है आदि, मूवी, गेम और सोंग आदि को इंटरनेट से डाउनलोड भि करसकते है, इंडिया मे कुछ लोगों के लिए इंटरनेट यानी फेसबुक, व्हात्साप, मूवीज और सोंग के लिए हि है.
Business Promotion
इंटरनेट कि मदद से लोग अपने बिज़नेस का विज्ञापन करते है जिससे उनका बिज़नेस दुनिया के हर कोने मे पहुच जाये, बड़े बड़े बिज़नेस इंटरनेट पर विज्ञापन, एफिलिएट मार्केटिंग और अपनी वेबसाइट आदि बनाकर अपने बिज़नेस को प्रमोट करती है.
Internet in Mobile
इंटरनेट पहले सिर्फ कंप्यूटर मे इस्तेमाल किया जाता था पिछले 1-2 डिकेड से मोबाइल मे इंटरनेट को बहुत यूस किया जारहा है, कंप्यूटर हर इंसान के पास नहीं है लेकिन मोबाइल हर इंसान के पास है अब हर वो चीज़ जो कंप्यूटर से कि जासक्ति है वो अब स्मार्ट फ़ोन के ज़रिये कि जाती है.
इंटरनेट के फायदें और नुकसान?
इंटरनेट के फायदें?
- इंटरनेट आज बेस्ट कम्युनिकेशन मीडियम बनचूका है, आप हर तरह से मेसेज भेज सकते है ईमेल, फेसबुक, व्हाट्सअप्प आदि पर. ऑनलाइन मीटिंग के लिए विडियो कांफ्रेंस भि करसकते है,
- इंटरनेट कि वजह से कभीभि कहाँ भि नेट बैंकिंग के ज़रिये पैसे भेज सकते है और लें सकते है,
- इंटरनेट पर लोग आसानी से जॉब भि ढूंड सकते है लिंकेदीन के मदद से और यूथ के लिए इंटरनेट के पास एक और चीज़ है जिसे फ्रीलांसिंग कहते है जिससे लोग साइड मे पैसे कम सकते है,
- फ्री टाइम मे एन्जॉय करने के लिए या रिलैक्स करने के लिए इंटरनेट पर बहुत सारि चीज़े है जैसे मूवीज, म्यूजिक, पॉडकास्ट, गेम्स, आदि.
- इंटरनेट के आने कि वजह से बहुत सारे लोग इंटरनेट से पैसा भि आमटे है सोशल मीडिया मार्केटिंग करके, ब्लॉग्गिंग करके या डिजिटल मार्केटिंग करके आदि.
- इंटरनेट इंसान कि सहूलियत बन चूका कियोंकि इंसान अपने घर बैठे इंटरनेट के ज़रिये अपने सामान मंगवा सकता है चाहे वो कितना भि छोटा सामान हो या जितना भि बड़ा सामान हो सारि शौपिंग घर बैठे करसकते है, ट्रेन, प्लेन कि टिकेट भि घर बैठे बुक कि जासकती है,
- इंटरनेट पर अपने मोबाइल मे जीपीएस के ज़रिये और डिजिटल मैप के ज़रिये किसी भि रोड और डायरेक्शन मे जासकते है,
- अगर किसी भि चीज़ के बारेमे जानना हो तो इंटरनेट कि मदद से जानसकते है, उदहारण के लिए जैसे आप इंटरनेट के बारेमे जानरहे है इंटरनेट के ज़रिये.
इंटरनेट के नुकसान?
- टाइम बहुत जियादा वेस्ट करते है लोग इंटरनेट पर जिसकी वजह से उनकी प्रोडक्टिविटी ख़तम होजाती है लोगों को कोई स्किल वाला काम करना चाहिए जिससे उनकी प्रोडक्टिविटी बढे.
- बच्चे या बड़े कभी कभी इंटरनेट पर कुछ अपनी ऐसी जानकारी शेयर करदेते है जिससे उन्हें फाइनेंसियल प्रॉब्लम होती है.
- जियादा वक़्त स्क्रीन के सामने रहने से फिजिकल बॉडी को इफ़ेक्ट होता है, बच्चो को बाहेर आउटडोर गेम्स खेलने का मौका नहीं मिलता और स्क्रीन को जियादा देर तक टुकुर टुकुर देखने से अखो पर बुरा असर पडता है.
- साइबर क्रिमिनल होते है जो इंटरनेट पर क्राइम करते है.
- छोटे बच्चे गेम्स और मूवीज मे अपना सारा वक़्त लगा रहे है और ये उनकी ओवरआल पर्सनालिटी और सोशल डेवलपमेंट के लिए सहीं नहीं है.
- कुछ लोग इंटरनेट पर सिर्फ लोगों को बुलिंग करते है और नेगेटिविटी पहलाते है उन्हें एक मौका मिलगया है सोशल मीडिया पर लड़ने का जो सहीं नहीं है.
- ऑनलाइन पर कुछ करने से पहले सोचना पड़ता है कियोंकि प्राइवेसी का खतरा होता है कोई आपका पर्सनल डाटा यूस करसकता है या उसे बेच सकता है.
- इंटरनेट कि मदद से कम उम्र के बच्चे आसानी से अश्लील वीडियोस और इमेजेज देखरहे है जिसकी वजह से उनपर नेगेटिव असर होरहा है.
इंडिया मे इंटरनेट कब आया?

इंडिया मे इंटरनेट 15 औगेस्ट 1995 को सर्वजनिक किया गया था, उस वक़्त वीएसएनअल (VSNL) यानि ‘विदेश संचार निगम लिमिटेड’ के दुअरा चालू किया गया था,
उस वक़्त सिर्फ ज़रूरी चीज़ों के लिए इंटरनेट इस्तेमाल किया जाता था जैसे सिर्फ ज़रूरी मेसेज को भेजने और लेने के लिए इस्तेमाल किया जाता है वो भि 8-10 kbps कि स्पीड अति थी,
उस वक़्त सिर्फ बीस से तीस कंप्यूटर इंटरनेट से जुड़े थे और उसका खर्चा भि बहुत यानि 9-10 kbps इंटरनेट के लिए महीने का खर्चा पांच सौ से छे सौ था लेकिन आज भारत के लग भग हर व्यति के पास मोबाइल फ़ोन है और उसमे इंटरनेट है,
आज इंटरनेट को हर काम के लिए इस्तेमाल किया जाता चाहे वो पढाई के लिए हो या मेडिकल के लिए हो या कोई भि काम हो.
इंटरनेट कैसे और कौन देता है?
इंटरनेट को कौन देता है ये तो पता नहीं लेकिन अहर देश मे सरकार इंटरनेट को कंट्रोल करती है और ये इंटरनेट बड़े बड़े टेक कंपनियों दुअरा समुन्दर के नीचे केबल वायर को बिछाकर डाटा ट्रान्सफर किया जाता है ये बड़े बड़े टेक कंपनी देश के इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कम्पनीज को बजते है जैसे एयरटेल, जिओ, आईडिया आदि,
फिर ये इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर इंटरनेट को टावर्स कि मदद से हमतक इंटरनेट पहुचाते है और लोकल इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर को भि बजते है, इसतरह इंटरनेट हमारे पास अता है.
क्या मे इंटरनेट बना सकता हूँ?
जी हाँ इंटरनेट बनाया जा सकता है लेकिन उसके लिए पूरी जानकारी होनी ज़रूरी है कुछ कम्पनीज अपने ऑफिस मे खुदका इंटरनेट चलती है ताके काम जल्दी हो और सिक्योर तरीके से हो.
क्या आप जानते है इंटरनेट कि इन बातों को?
- क्या आप ये जानते है के ईमेल को वर्ल्ड वाइड वेब से पहले बनाया गया था.
- इंटरनेट बिलकुल फ्री होता है हम जो पैसे देते है वो उसकी मेंटेनेंस के लिए होता है.
- आज भि इंटरनेट को दुनिया कि सिर्फ 40% पोपुलेशन हि इस्तेमाल करती है.
- हम जो इंटरनेट का हिस्सा इस्तेमाल करते है वो इंटरनेट का सिर्फ 5% हि है.
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1. इंटरनेट कि सबसे पहली वेबसाइट कौनसी थी?
6 अगस्त 1991 मे इंटरनेट पर पहला वेब पेज पोस्ट किया गया था जोकि है ये, http://info.cern.ch/hypertext/WWW/TheProject.html.
2. इंटरनेट का सबसे पहले इस्तेमाल कब हुआ?
इंटरनेट का सबसे पहला इस्तेमाल 29 अक्टूबर 1969 मे एक कंपनी (ARPANET) दुअरा किया गया था.
3. Internet kya hai?
इंटरनेट बहुत सारे कंप्यूटरस से जुड़ा जाल है.
4. हिंदी मे इंटरनेट को क्या कहते है?
हिंदी मे इंटरनेट को अंतरजाल कहते है.
5. मालिक कौन है?
इंटरनेट को कोई भि एक इंसान या कोई कंपनी या कोई देश या नाहीं आर्मी कंट्रोल करती है इसका मालिक कोई भि नहीं है.
निष्कर्ष?
आज हमने जाना के Internet kya hai, इंटरनेट की खोज किसने की, what is internet in hindi आदि,
आशा है आपको इस सवाल इंटरनेट क्या है का जवाब मिलगया होगा और भि कुछ पूछना या कहना होतो कमेंट करे और अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करे ताके उन्हें भीतो पता चले के Internet kya hai, हमारा ये आर्टिकल ‘इंटरनेट क्या है’ यहीं समाप्त होता है.
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