इस आर्टिकल मे
- Freelancing kya hai?
- फ्रीलांसर किसे कहते है?
- फ्रीलांसिंग कैसे करें?
- फ्रीलांसिंग vs जॉब?
- फायदें और नुकसान?
- फ्रीलांसिंग मे पोपुलर जॉब?
- कितने पैसे कमा सकते है?
जानेंगे के फ्रीलांसिंग क्या है? (Freelancing kya hai), फ्रीलांसर क्या होता है चलिए देखते है.
What is Freelancing in hindi: Freelancing kya hai?
फ्रीलांसिंग यानि सेल्फ-एम्प्लोयमेंट, इसमें आपको प्रोजेक्ट या कॉन्ट्रैक्ट मिलता है उसे अपने स्किल से पूरा करना होता है, यहाँ कोई कंपनी आपको फुल टाइम हायर नहीं करती आप अलग अलग क्लाइंट से काम लेते है और उन्हें पूरा करके देते है, जैसे एडिटिंग, आर्टिकल राइटिंग, वेब डिजाइनिंग, आदि.
कसी भि तरह कि कंपनी या लोग फ्रीलांसर को हायर करसकते है अपने प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए लेकिन फ्रीलांसर अपने टैक्स, हेल्थ इन्सुरांस, पैनशन और दुसरे पर्सनल चीजों के लिए खुद ज़िम्मेदार होते है, कियोंकि वो किसी के अंडर नहीं बलके खुद काम करते है तो उनके खर्चे उन्हें हि उठाने होते है.
जैसे कंपनी मे हर वक़्त काम करना होता है इसका उल्टा फ्रीलांसर मे आप अपने मुताबिक काम करने का समय तय करसकते है. फ्रीलांसिंग मे सिर्फ एक स्किल वाले हि काम नहीं करते,
अयसा काम जिसे आप फ्रीलांसिंग वेबसाइट मे बता सकते है जिसे आप इंटरनेट कि मदद से करसकते है और जिसे करने पर लोग आपको पैसे देते है अयसा हर काम फ्रीलांसिंग मे अता है.
- किसी कंपनी मे काम करने कि जगह अपने स्किल, एक्सपीरियंस और नॉलेज से क्लाइंटस (clients) का टास्क पूरा करते है तो इसे फ्रीलांसिंग कहते है.
- फ्रीलांसिंग और ‘वर्क फ्रॉम होम’ जॉब दोनों अलग अलग है. ज़यादातर फ्रीलांसिंग के काम आप घर बैठे इंटरनेट कि मदद से होते है.
फ्रीलांसर क्या होता है? (Freelancer kya hota hai)
फ्रीलांसर यानि उस इंसान को कहते है जो अपने स्किल, नॉलेज से ऑनलाइन क्लाइंट टास्क पूरा करता है घर बैठे जिसके उसे पैसे मिलते है. ज़रूरी नहीं है के फ्रीलांसर सिर्फ बिज़नेस के लिए काम अक्रें कोई भि आदमी फ्रीलांसर से काम करवा सकता है.
फ्रीलांसर अपने क्लाइंट तक पहुचने के लिए थर्ड-पार्टी प्लेटफार्म जैसे फीवर, अपवर्क जैसे वेबसाइट का इस्तेमाल करते है फिर अपने नेटवर्क से क्लाइंट तक पहुचते है.
उधारण के लिए अगर आपको वेबसाइट डिजाईन करने अति है अच्छे से तो जिनको अपने वेबसाइट कि डिजाईन करनी होती है वह आपसे कांटेक्ट करेंगे आप उनका काम करेंगे वह फिर आपको उसके पैसे देंगे. क्या फ्रीलांसर बनना सहीं होगा, फ्रीलांसिंग से कितना पैसा कमा सकते है, इसमें करियर बनेगा क्या नहीं इन सारे सवालों के जवाब आगे जाने. इस इंडस्ट्री कि बात इतनी इसलिए होरही है कियोंकि यूएस मे काम करने वाले एडल्ट पोपुलेशन कि 11 परसेंट लोग फुल-टाइम फ्रीलांसिंग करते है.
Freelancing Kaise Kare?
फ्रीलांसिंग शुरू करने का सबसे अच्चा तरीका कौनसा होगा ये आपके स्किल, केटेगरी और इंडस्ट्री डिपेंड है, लेकिन हम कुछ ज़रूरी टिपस बताएँगे जिससे एक बिगिनर फ्रीलांसिंग शुरू करसकता है:
स्टेप1: अपनी केटेगरी को तय करें.
आपके पास कौनसी स्किल है, आप क्या करसकते है या पहले क्या करते थे, अगर कुछ नहीं आता तो अपने इंटरेस्ट के केटेगरी मे ऑनलाइन कोर्स के ज़रिये सीखे. अगर सिर्फ एक चीज़ अति है तो उससे शुरू करें फिर आगे जाकर दूसरी चीज़े सीखसकते है.
स्टेप2: अच्चा पोर्टफोलियो बनाये.
फ्रीलांसिंग शुरू करने का बेस्ट तरीका है एक बढ़िया पोर्टफोलियो बनाये जिसमे आपके पुँराने काम का सैंपल, केस स्टडी और अपने क्लाइंटस के टेस्टीमोनियल ऐड करसकते है.
स्टेप3: काम और क्लाइंट के लिए वेबसाइट मे प्रोफाइल बनाएं.
काम मिलने का आसान तरीका है फ्रीलांसिंग वेबसाइटस, इन वेबसाइट को फ्रीलांसर और और काम देने वाले क्लाइंट इस्तेमाल करते है. यहाँ अपना प्रोफाइल बनाकर अपने केटेगरी मे काम धुडसकते है.
स्टेप4: सोशल मीडिया का इस्तेमाल करें अपने सर्विसेज को बताने के लिए.
आप एक फ्रीलांसर है और आप ये सर्विस प्रोवाइड करते है ये बताने के लिए सोशल मीडिया एक अच्चा तरीका है, लिंकेदीन, ट्विटर और फेसबुक का इस्तेमाल करके अपने काम को शेयर करें, यहीं से बिज़नेसेस और क्लाइंट से कनेक्ट होसकते है और अपने ब्रांड को भि बिल्ड करसकते है.
स्टेप5: ऑनलाइन कम्युनिटी, फोरमस और इंडस्ट्री इवेंट.
बहुत सारे ऑनलाइन कम्युनिटी फोरम है जहा फ्रीलांसर एक दुसरे से कनेक्ट रहते है, काम ढूंडने का अच्चा तरीका है, यहाँ से दुसरे अनुभवि फ्रीलांसर से सुझाव और उनके एक्सपीरियंस के बारेमे जानसकते है. जिससे आपको फायदा होगा.
अगर कहीं आपकी इंडस्ट्री का इवेंट होता है तो उसे अटेंड ज़रूर करें, यहाँ अच्छे क्लाइंट से मिल्सकते है और अपनी इंडस्ट्री के बारेमे बहुत कुछ जानने को भि मिलेगा, दुसरे फ्रीलांसर से नेटवर्क बनाने के अच्चा तरीका है.
Freelancing ke liye Websites?

- अपवर्क (Upwork.com)
- फीवर (Fiverr.com)
- पीपल परऑवर (Peopleperhour.com)
- फ्रीलांसर (Freelancer.com)
- क्लिक वर्कर (Clickworker)
- तोप्तल (Toptal.com)
- 99डिजाईन (99designs.com)
- गुरु (Guru.com)
- टलेंट.हब्सस्टाफ (talent.hubstaff.com)
- तरुलांसर (Truelancer.com)
- स्टूडियो.एंवातो (Studio.envato)
- सिम्पलीहायरद (Simplyhired.co.in)
- क्रैग्स्लिस्ट (Craigslist.org)
अप वर्क (Upwork)
फ्रीलांसिंग शुरूवात करने के लिए ये वेबसाइट बहुत सहीं कियोंकि ये वेबसाइट बहुत पोपुलर और ऑथेंटिक है. इसमें कोई भि अपने स्किल का इस्तेमाल करके काम करसकता है लेकिन इसमें अपने अकाउंट को अप्प्रोव (approve) करना थोडा मुश्किल है.
फीवर (Fiverr)
फीवर.कॉम भि बहुत पोपुलर साईट है फ्रीलांसिंग के लिए, इस वेबसाइट मे हर दिन बहुत सारे फ्रीलांसर और क्लाइंट दोनों अकाउंट बनाते है. इसमें अकाउंट बनाना आसान है, डिजाइनिंग से लेकर मार्केटिंग तक सारि सर्विसेज के लिए काम मिलता है.
Freelancing vs Full-time Job?
फ्रीलांसिंग (Freelancing) | जॉब (Full-Time Job) |
---|---|
फ्रीलांसिंग मे आप अपना काम कभी भि और कहीं से भि करसकते है, अपने हिसाब से क्लाइंट को चूस करके उनसे प्रोजेक्ट लेसकते है. | फुल-टाइम जॉब आपको कुछ घंटे लगातार काम करना होता है और ऑफिस मे जाकर जो काम दिया जाता है वो पूरा करना होता है. |
कियोंकि फ्रीलांसर इंडिपेंडेंट काम करते है तो उन्हें कंपनी से कोई फायदे नहीं मिलते जैसे हेल्थ इन्सुरांस, पेड वेकेशन, बीमार होने पर छुट्टी, रिटायरमेंट प्लान, आदि. | जॉब मे आपको अपने एम्प्लायर से काफि फायदें मिलते है जैसे, हेल्थ इन्सुरांस, पेड वेकेशन, रिटायरमेंट प्लान, आदि. |
फ्रीलान्सिंग मे आप काम आगे क्या मिलेगा कैसे मिलेगा ये पता नहीं होता जिससे फ्यूचर प्लान करना मुश्किल होता है. | लेकिन फुल-टाइम जॉब मे एक जैसे काम करते रहना होता है लगातार, कितने पैसे मिलेंगे और कितने काम करना है ये पता होता है, जिससे फ्यूचर प्लान आसानी से करसकते है. |
फ्रीलांसर के तौर पर आपको अपना मोटिवेशन खुद बनना पड़ेगा कियोंकि यहाँ आप खुद अपने बॉस है. | फुल-टाइम जॉब आपको itna काम करना है फिर प्रमोशन मिलेगा इसका मोटिवेशन होता है. |
फ्रीलांसिंग मे Popular Categories?

आईटी और डेवलपमेंट मे फ्रीलांसिंग (IT and Development)
इस केटेगरी मे बहुत सारे टेक्निकल जॉब है जैसे:
- प्रोग्रामिंग (Programming): अगर आप कोडिंग करते है तो ये प्रोग्रामिंग फील्ड मे काम करसकते है जो बहुत पोपुलर फील्ड है.
- यूएक्स डिज़ाइनर (UX designer): यू क्स डिज़ाइनर वेबसाइट एलिमेंटस को, सॉफ्टवेयर और मोबाइल ऐप्पस को मोबाइल-फ्रेंडली बनाते है. ये लोग रिसर्च और कॉमपेतिटर को अनालिस करके सलूशन देते है.
- वेब डेवेलोप (Web developer): वेब डेवलपर कोड लिखते है वेबसाइट के लेआउट बनाने के लिए, वेब डेवलपर क्लाइंट कि ज़रूरत के हिसाब से वेबसाइट को बनाते है और मेन्टेन करते है.
राइटिंग और ट्रांसलेशन मे फ्रीलांसिंग (Writing and translation)
इस केटेगरी मे ये फील्ड आते है:
- एडिटर (Editor): एडिटिंग मे ये काम शामिल है जैसे कंटेंट को अच्छे से रिव्यु करना, ग्रामातिकल मिस्टेक देखना, साथ मे कंटेंट फैक्ट-चेक करना क्लाइंट तक कंटेंट सबमिट करने से पहले.
- कॉपी राइटर (Copywriter): कॉपीराइटर का काम होता है के क्लाइंट के लिए प्रोफेशनल कंटेंट लिखाण जो एन्गाजिंग हो और पढने वालों को प्रेरित करे. न्यूज़लैटर बनाना, वेबसाइट कि कॉपी तैयार करना, सोशल मीडिया पोस्ट और प्रिंट मीडिया के कंटेंट लिखना ये सभ काम भि कॉपी राइटर को मिल्सकते है.
- ट्रांसलेटर (Translator): इन्हें इंटरप्रेटर भि कहते है इनको इसलिए हायर किया जाता है ताके टेक्स्ट को सहीं से दूसरी लैंग्वेज ट्रांसलेट किया जासके, जो वेबसाइट, प्रोडक्ट या मार्केटिंग के लिए इस्तेमाल होसकता है.
डिजाईन और क्रिएटिव मे फ्रीलांसिंग (Design and creative)
- विडियो एडिटर (Video Editor): इसमें प्रोजेक्ट के ज़रूरत के हिसाब से एडिटिंग करनी होती है बेसिक और एडवांस दोनों, इसमें ग्राफ़िक, ऑडियो, इफ़ेक्ट आदि को मिलाना और फाइनल प्रोडक्ट बनाना जैसे काम होते है.
- ग्राफ़िक डिज़ाइनर (Graphic Designer): ग्राफ़िक डिज़ाइनर को फ्रीलान्स मे बढ़िया लोगो बनाने का काम, वेबसाइट ब्रांडिंग एलिमेंट बनाने का काम और कॉरपोरेट लिटरेचर, आदि का काम मिलता है.
- फोटोग्राफर (Photographer): फोटोग्राफर क्लाइंट से मिलकर मार्केटिंग के लिए, वेबसाइट कंटेंट के लिए, या दुसरे बिज़नेस के कामों के लिए फोटोज बना सकते है. हो सकता है फोटोग्राफर को शादियों मे, जन्मदिनों मे और ख़ास इवेंट मे फोटो खीचने के लिए हायर किया जाये.
- वेबसाइट डिज़ाइनर (Website Designer): वेबसाइट डिज़ाइनर का काम होता है के क्लाइंट के लिए अच्छी क्वालिटी कि वेबसाइट बनाये और मेन्टेन करें, क्लाइंट को सहीं प्लगइन और थीम सेलेक्ट करने मे मदद करें, आदि. बहुत सारे काम करसकते है.
फाइनेंस और एकाउंटिंग मे फ्रीलांसिंग (Finance Accounting)
फाइनेंस केटेगरी मे बहुत सारे नये क्लाइंट के साथ काम करसकते है:
- अकाउंटेंट (Accountant): क्लाइंट अकाउंटेंट फ्रीलांसर को हायर करते है अपने फाइनेंसियल जानकारी को मैनेज करने, बुक तैयार करने और बजट मिलाने. स्टार्ट अप के लिए टैक्स रिटर्न तैयार करने का प्रोजेक्ट भि मिलता है.
- इन्वेस्टर (Investor): क्लाइंट को जब सीरियस डिसिशन लेने होते है इन्वेस्ट के लिए तो इन्वेस्टर कि एडवाइस लेते है. इन्वेस्टर कंपनी के सारि फाइनेंसियल जानकारी को एनालिसिस करके क्लाइंट को जवाब देता है.
- फाइनेंसियल एडवाइजर (Financial Adviser): जैसे नाम से पता चलता है के क्लाइंट को पर्सनल और बिज़नेस फाइनेंसेस को मैनेज करने के लिए एडवाइस चाहिए होती है. क्लाइंट को एक्सपर्ट एडवाइस देने से पहले रिसर्च होती है.
मार्केटिंग और सेल्स मे फ्रीलांसिंग (Marketing and Sales)
बिज़नेस के लिए सेल से जियादा ज़रूरी कुछ नहीं होता है और सेल्स के लिए मार्केटिंग भि बहुत ज़रूरी है जिसके लिए फ्रीलांसर को हायर किया जाता है.
- मार्केटिंग स्ट्रेटेजिस्ट (Marketing Strategist): क्लाइंट कस्टमर तक पहुचने के प्रोग्राम को डेवेलोप करने और अच्छे एडवरटाइजिंग कैंपेन के लिए मार्केटिंग स्ट्रेटेजिस्ट को हायर करते है. अच्छे फ्रीलान्स मार्केटिंग स्ट्रेटेजिस्ट से सहीं टारगेट करके सेल बढ़ाये जा सकते है.
- आउटरीच कोओर्दिनाटर (Outreach coordinator): इसमें फ्रीलांसर को क्लाइंट के प्रोडक्ट या सर्विसेज को कैसे लोगों तक पहुचाये ये देखना होता है, प्रोजेक्ट के मकसद के हिसाब से कैंपेन बजट को मैनेज करना और अच्छी क्वालिटी का मार्केटिंग मटेरियल तैयार करने जैसे काम होते है.
- कस्टमर कांटेक्ट मेनेजर (Customer contact manager): कांटेक्ट मेनेजर का काम होता है के कस्टमर के उम्मीद के अनुसार सर्विस कि क्वालिटी होनी चहिये, सर्विस टारगेट और स्टाफ के लिए डेवलपमेंट प्लान भि बनाना होता है.
इंजीनियर और आर्किटेक्चर मे फ्रीलांसिंग (Engineering and architecture)
इंजीनियरिंग और आर्किटेक्चर जॉब भि फ्रीलान्स मे करसकते है. इस केटेगरी मे इन फील्ड मे काम मिलता है जय:
- इंटीरियर डिज़ाइनर (Engineer Designer): इंटीरियर डिज़ाइनर का काम होता है अपने क्लाइंट को फर्नीचर लेआउट और मटेरियल के बारेमे एडवाइस देना. इसमें डिजिटल टूल का इस्तेमाल भि होसकता है समझाने के लिए.
- रिमोट मैकेनिकल इंजीनियर (Remote Digital Engineer): इनका काम होता है के क्लाइंट कि मशीनस, सेंसर और टूल कि डिजाईन और डेवेलोप करने मे मदद करना, आदि.
- आर्किटेक्ट (Architect): अगर आप एक आर्किटेक्ट है तो फ्रीलांसिंग मे आपको बिल्डिंग डिजाईन के प्रोजेक्ट मिल्सकते है, स्ट्रक्चर डिजाईन, आदि प्रोजेक्ट मिलते है आपको अपने अकिल और अनुभव को देखते हुए प्रोजेक्ट लेना है.
फ्रीलांसिंग के फायदें और नुकसान क्या है?

फ्रीलांसिंग के फायदें? (Freelancing ke Advantages)
1. Flexibility होती है.
फ्रीलांसिंग का सबसे बड़ा फायदा येही है के आप जब चाहे और जहा चाहे काम करसकते है, जैसे आप बीच पर जाकर भि अपना काम करसकते है.
2. स्किल बढ़ासकते है.
फ्रीलांसिंग आपको एक फील्ड मे अलग अलग प्रोजेक्ट मिलते है जिनको करने मे आप नये नये चीज़े सीखते है आपको स्किल इम्प्रूव होती है.
3. अपना रेट खुद तय करते है.
आप खुद अपने काम का रेट तय करते है, आप जितना जियादा काम करेंगे उतना जियादा एअर्निंग होगी.
4. क्लाइंट को खुद चूस करसकते है.
अपने इंटरेस्ट और स्किल के हिसाब से आप कोई भि क्लाइंट को चूस करसकते है जो आपके लिए फिट होते है उन्हें.
5. बिज़नेसेस के साथ रिलेशन बनासकते है.
कियोंकि आप खुद अपने क्लाइंट और प्रोजेक्ट को चूस करते है तो एक से क्सियादा बिज़नेसेस के साथ अपना संबंद बनासकते है.
6. पैसे कमाने कि कोई लिमिट नहीं है.
आप कितने पैसे कमाएंगे ये आप तय करते है अपने काम मे कंसिस्टेंट रहकर और अलग अलग प्रोजेक्ट कम्पलीट आप अच्छी कमाई करसकते है.
Freelancing ke Disadvantages?
1. अकेला पन मेह्स्सोस होता है.
फ्रीलांसिंग का सबसे बड़ा चैलेंज है आप अकेला महसूस करेंगे, अगर जॉब होती तो बॉस और कोल्लिग़ से इंटरैक्ट होते है लेकिन फ्रेलान्सिंग एक रूम या अकेले काम करना होता है.
2. लीगल सपोर्ट नहीं होता है.
अगर क्लाइंट के साथ आपका कोई इशू होजाता है, या कोई कंप्लें अति है, या पेमेंट नहीं अति तो आपके पास कोई लीगल या एचआर सपोर्ट नहीं होता है. ये सारे प्रॉब्लम आपको खुद सोल्व करने होंगे जिसमे वक़्त लगता है. इस बचने के लिए फ्रीलान्स कॉन्ट्रैक्ट साइन करले प्रोजेक्ट करने से पहले या फिर फ्रीलांसर यूनियन को जोइन करें जिससे आपको बाहेर से सपोर्ट या मिल्सकता है.
3. जॉब मे मिलने वली सुविधाएँ नहीं मिलती.
कियोंकि आप एक सेल्फ-एम्प्लोय है तो आपको कोई भि एम्प्लायर कि तरफ से मिलने वाले फायदे नहीं मिलते जैसे हेल्थ इन्सुरांस, रिटायरमेंट, ऑफर और दूसre फुल-टाइम जॉब मे मिलने वाले फायदें.
4. हमेशा एक जैसा वक़्त नहीं रहता.
हमेशा एक जैसे वक़्त नहीं होता फ्रीलांसिंग मे कभी बहुत सारे प्रोजेक्ट मिलते है और कभी एक भि नहीं मिलता तो आप फ्रीलांसिंग कि शुरुवात मे हर दिन काम करना होगा अपनी इनकम को मैनेज करने के लिए.
5. Administrative ज़िम्मेदारियाँ.
जब आप अपने बूस बनते है तो आपको दूसरी जिम्मेदारिय भि खुद उठानी पड़ती है जैसे टैक्स रेगुलेट, इन्वोइस, पेपर वर्क, मार्केटिंग, आदि. इनकि आपको नॉलेज होनी चाहिए और इनके लिए टाइम अलग से देना होता है.
Popular Freelancing Jobs?
- वेब डिजाइनिंग (Web Designing)
- विडियो डिजाइनिंग (Video Desiging)
- मोबाइल ऐप्प डेवलपमेंट (Mobile App Development)
- प्रोग्रामिंग (Programming)
- कस्टमर सपोर्ट (Customer Support)
- फोटो एडिटिंग (Photo Editing)
- कंटेंट राइटिंग (Content Writing)
- सोशल मीडिया मार्केटिंग (Social Media Marketing)
- डाटा एंट्री (Data Entry)
- ब्लॉग्गिंग (Blogging)
- एकाउंटिंग सर्विसेज (Accounting Services)
- पॉडकास्ट (Podcast)
- वोइस ओवर आर्टिस्ट (Voice over Artist)
- ऑनलाइन टीचिंग (Online Teaching)
- एनीमेशन (Animation)
- प्रूफ रीडिंग (Proof Reading)
- लोगो डिजाईन (Logo Design)
- डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing)
- वेब डेवलपमेंट (Web Development)
- ग्राफ़िक्स डिजाइनिंग (Graphics Designing)
- फोटोशॉप डिजाईन (Photoshop Design)
- मार्केटिंग सर्विसेज (Marketing Services)
- एसइओ (SEO)
- यूएस डिजाइनिंग (UX Desiging)
- ग्राफ़िक डिजाइनिंग (Graphic Designing)
- ट्रांसलेशन (Translation)
- तेलीमार्केटिंग (Telemarketing).
फ्रीलांसिंग करने के लिए ज़रूरी चीज़े?
फ्रीलांसिंग के लिए कौनसी टेक्निकल चीज़े है जो ज़रूरी है:
- कंप्यूटर या लैपटॉप
- स्मार्टफोन
- अच्चा इंटरनेट कनेक्शन
- ईमेल अकाउंट और बैंक अकाउंट.
Freelancing से कितने पैसे कमा सकते है?
एक अनुभवि और अच्चा फ्रीलांसर 50-80 हज़ार कमासकता है, लेकिन इसके लिए शुरूवात रेगुलर काम करना होगा अपने स्किल बढ़ाना होगा एक्सपीरियंस गेन करना होगा तब जाकर आप इससे जियादा पैसे भि कम सकते है.
जियादा पैसे देने वालि Freelancing Job?
- डिजिटल मार्केटिंग
- विडियो एडिटिंग
- वेब डेवलपमेंट
- ग्राफ़िक डिजाइनिंग
- कंटेंट राइटिंग.
Freelancer बनने के लिए Skills?
- नेगोशियेशन (Negotiation) और सेल करने कि स्किल.
- टाइम मैनेजमेंट स्किल यानि वक़्त पर काम ख़तम.
- अपनी बात सामने वाले के सामने रखने कि स्किल यानि कम्युनिकेशन स्किल.
- आप खुद अपने बॉस है इसलिए अपने बिज़नेस एकाउंटिंग स्किल.
- काम हमेशा अकेले मे करना होता है तो अपने स्ट्रेस को मैनेज करने कि स्किल.
सवाल (FAQ)
1. इंडिया के टॉप फ्रीलांसिंग वेबसाइट?
फ्रीलान्स इंडिया (Freelance India)
गुरु (Guru)
चेग्ग इंडिया (Chegg India)
तरुलांसर (Truelancer)
यूथ4वर्क (Youth4work)
फ्रीलांसर (Freelancer)
फीवर (Fiverr)
ड्रीम स्टार्ट (Dream Starts)
दा फ्लेक्सीपोर्ट (The Flexiport)2. फ्रीलांसिंग करने के लिए किसी डिग्री कि ज़रूरत है क्या?
नहीं. ये कोई जॉब नहीं जहाँ आपको डिग्री कि ज़रूरत लगेगी बस आपके पास स्किल होनी चाहिए अपने फील्ड मे, ताके फ्रीलांसिंग करसके, बहुत जियादा पढाई कि ज़रूरत नहीं है लेकिन बेसिक नॉलेज होनी चाहिए अपने फील्ड कि.
3. स्कैम होने से कैसे बचे?
अपने आपको protect करने के लिए हर क्लाइंट को अपना आईडी प्रोफ डॉक्यूमेंट मतदें. स्कैम करने वाले आपकी आईडी का इस्तेमाल करते है फ्रीलांसर को स्कैम करने के लिए. हर रिटेन मे लें और इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर का इस्तेमाल करे.
4. क्या छत्रों के लिए फ्रीलांसिंग सहीं है?
बिलकुल सहीं है, स्टूडेंट कोई अपने इंटरेस्ट के फील्ड मे कोई कोर्स करना चहिये सीखने के बाद, फ्रीलांसिंग के लिए वक़्त निकालसकते है.
5. फ्रीलांसिंग मे करियर बना सकते है?
लोग अक्सर फ्रीलांसिंग को पार्ट-टाइम करते है और कुछ लोग जो अच्छे से करना सीखतेहै वह इसे फुल-टाइम जॉब बनालेते है.
6. बिगिनर के लिए बेस्ट फ्रीलांसिंग वेबसाइट कौनसी है?
फीवर (Fiverr), अप वर्क (Upwork).
7. फ्रीलांसिंग से पैसे कैसे कमाए?
आपको जो भि स्किल अति है अगर कोई उसके पैसे देसकता है तो आपको फ्रीलांसिंग कि वेबसाइट पर अपना अकाउंट बनाना चाहिए और आप क्या करसकते है और कितने मे करते है ये बताये अगर आपका काम और दाम अच्चा होगा तो लोग आप्केकाम करने पर पैसे देंगे इस्तरहा आप फ्रीलांसिंग से पैसे कमा सकते है.
निष्कर्ष
फ्रीलांसिंग एक स्किल है जैसे चेस या क्रिकेट जिसे जितना प्रैक्टिस करेंगे उतनी आपकी तकनीक पोलिश होगी. आज हमने जाना के फ्रीलांसिंग क्या है? (Freelancing kya hai), freelancer kya hota hai, फ्रीलांसिंग कैसे करें, फ्रीलांसिंग के फायदें और नुकसान क्या है,
आशा है आपको इस सवाल ‘what is freelancing in hindi’ का जवाब मिलगया होगा, फ्रीलांसिंग से जुदा कोई सवाल हो या हमें शुक्रिया कहना है तो कमेंट करें और शेयर करें ताके दूसरों को भि पता चले के ‘फ्रीलांसिंग क्या है (Freelancing kya hai)’. हमारा ये आर्टिकल ‘फ्रीलांसिंग क्या है (what is freelancing in hindi)’ यहीं समाप्त होता है.
ये भि पढ़े: एफिलिएट मार्केटिंग क्या है?