आज हम जानेंगे के email kya hai, ईमेल क्या होता है, ईमेल कैसे काम करता है, ईमेल का फुल फॉर्म क्या है, ईमेल का इतिहास क्या है, ईमेल आईडी कैसे बनाएं, इमेल भेजे कैसे,
इमेल के फायदें क्या है और इमेल कि लिमिटेशन क्या है, इमेल को क्यूँ इस्तेमाल करना करते है, ईमेल और वेब मेल मे क्या अंतर है, इमेल सिक्योर है क्या नहीं ये सारि बातें हम जानने वाले है, चलिए देखते है इमेल क्या होता है.
Introduction
इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन 1970स मे इन्वेंट हुआ इस वक़्त चिट्टीयां और टेलीग्राम का दौर चलरहा था, इस इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन को लोग एक दुसरे से बात करने के लिए इस्तेमाल करते है और इसीको ईमेल कहा जाता है.
रे टोम्लिंसों (Ray Tomlinson) ने अरपानेट कंपनी के लिए दो कंप्यूटर सिस्टमस के बीच कम्युनिकेशन भेजा था इसलिए इन्हें फादर ऑफ़ ईमेल भि कहा जाता है, इलेक्ट्रॉनिक मेल को ईमेल कहा जाता है,
ईमेल को भेजने के लिए फिसिकल पेपर, लैटर कि ज़रूरत नहीं है, पोस्टल सर्विस कि जगह ईमेल एड्रेस होना चाहिए और इंटरनेट कनेक्शन होना चाहिए, चलिए देखते है ईमेल क्या है.
Email kya hai?
ईमेल यानि इलेक्ट्रॉनिक मेल, इंटरनेट के ज़रिये एक डिवाइस से दुसरे डिवाइस को मेसेजेस भेजने के तरीकों मे एक तरीका ईमेल भि है, ईमेल को एजुकेशन,
बिज़नेस जैसे फील्ड और डॉक्यूमेंट भेजने के लिए बहुत इस्तेमाल किया जाता है, इसके ज़रिये पूरी दिनिया मे कहीं भि मेसेज करसकते है. सबसे पहले रे टोम्लिंसों ने खुदको को ईमेल किया था जिसमे टेक्स्ट था, ईमेल मे किसी इनफार्मेशन को इलेक्ट्रॉनिकल्ली एक जगह से दुसरे जगह भेजा जाता है,
इसमें sender और receiver का काम होता है, ईमेल, लैटर कि तरह हि काम करता है लेकिन इसमें बहुत सारे फायदें है जैसे वक़्त बचता है, आदि, सेंड किये हुए और रिसीव किये हुए ईमेल को कभी भि देखसकते है कियोंकि सर्वर ईमेल को डिलीवर और फॉरवर्ड करने के साथ इसे स्टोर भि करता है,
जब ईमेल को बनाया गया था तब ईमेल इतना एडवांस नहीं था पहले सिर्फ ईमेल को सेम कंप्यूटर मेहि इस्तेमाल किया जा सकता था और सिर्फ ऑनलाइन होने परहि ईमेल रिसीव किया जासकता था,
ईमेल के ज़रिये यूजर टेक्स्ट भेजसकते है, इमेजेज और डॉक्यूमेंट भि भेजसकते है और रिसीव करसकते है,
ईमेल के बहुत सारे clients, क्लाइंटस उन्हें कहते है जहाँ पर हम अपना ईमेल एड्रेस बना सकते है और ईमेल सेंड और रिसीव करसकते है, ऐसे बहुत सारे प्रोग्राम है जैसे जीमेल, Outlook, Yahoo Mail, Reddifmail, हॉटमेल, आदि,
Email ID कैसे बनाते हैं?
किसी ईमेल सर्विस प्रोवाइडर को चूस करके उसमे फ्री मे अपना ईमेल अकाउंट, ईमेल आईडी बनाकर ईमेल भेज्सकते है, हम यहा पर जीमेल मे अकाउंट और ईमेल आईडी कैसे बनाते हैं ये जानने वाले है स्टेप बाय स्टेप,
Step1: सबसे पहले स्मार्टफ़ोन कि सेटिंग मे आपको ‘accounts’ का आप्शन दिखेगा उसपर टेप करे.
Step2: अब आपको ‘ऐड अकाउंट’ आप्शन दिखेगा उसपर टेप करने के बाद आपको यहा तीन चार आप्शन दिखेंगे जिसमे से आपको गोगल पर टेप करना है.
Step3: आपको ‘क्रिएट अकाउंट’ के आप्शन पर टेप करना है, यहां अपना फर्स्ट नेम और लास्ट नेम डालना है और नेक्स्ट पर टेप करना है.
Step4: यहां अपना डेट ऑफ़ बिर्थ और जेंडर सेलेक्ट करना है और नेक्स्ट पर टेप करना है.
Step5: अब आपको अपना ईमेल बनाना है इसके लिए आपको अपना नाम या कुछ भि शब्द इस्तेमाल करसकते है जीमेल बनाने के लिए जैसे हमारे वेबसाइट का जीमेल एड्रेस है (perfectalex.in@gmail.com), इसी तरह आपको अपना नाम इंटर करके नेक्स्ट पर टेप करना है.
Step6: अगर आपका नाम अवैलेब्ल नहीं है तो उसे थोडा चेंज करे या कोई नंबर डाले,
Step7: अब आपको इस प्रोसेस का आखरी काम करना है पासवर्ड क्रिएट करे, एक मुश्किल और आपको याद रहे ऐसा पासवर्ड इंटर करे अगर नंबर डालना चाहे तो डाले याफिर स्किप करके ‘I Agree’ पर टेप करे.
Step8: अब आपका ईमेल अकाउंट और ईमेल आईडी बनचूका है कियोंकि ये जीमेल मे बना है इसे जीमेल अकाउंट और जीमेल आईडी कहा जाता है.
ईमेल क्यूँ चाहिए?
अपने बिज़नेस के लिए पर्सनल कामों के लिए इस्तेमाल करना चाहिए और बहुत सारे लोग कररहे है कियोंकि ये बहुत फास्ट है, इसमें मल्टीमीडिया को भेजा जासकता है,
बहुत सारे बिज़नेस ईमेल को स्टैण्डर्ड कम्युनिकेशन बना चुके है, इसमें पिछले ईमेल को कभी भि देखजासकता है और आपको इसके डाटा को अलग से स्टोर करने i ज़रूरत नहीं है ये खुदही स्टोर होजाता है.
Kya Email Secure hai?
बहुत सारे लोग ईमेल के ज़रिये ज़रूरी इनफार्मेशन या पर्सनल इनफार्मेशन भेजते है लेकिन ईमेल एक सिक्योर सिस्टम नहीं है, अटैक करने वाले एमैल्स को अपना टारगेट बनाते है,
जैसे मेसेज को अनएन्क्रिप्टेड करके, मैलवेयर को फेलाके, सोशल इंजीनियरिंग के ज़रिये, डोमेन स्पूफिंग करके, स्पैम करके, आदि,
ये सब एन्क्रिप्शन नाहोने कि वजह्स से होता है, इन सब से बचने के लिए ईमेल क्लाइंट भि काम करते है जैसे ‘ट्रांसपोर्ट लेयर सिक्यूरिटी एन्क्रिप्शन’ (TLS encryption) और ‘एंड-टु-एंड एन्क्रिप्शन’ (E2EE).
ईमेल कैसे काम करता है?
ईमेल क्या है ये जानने के बाद ईमेल कैसे काम करता है ये जाने, ईमेल मेसेज सॉफ्टवेयर प्रोग्राम और वेब ब्राउज़र के ज़रिये भेजे जाते है, जिन्हें ईमेल क्लाइंटस कहते है,
एक मेसेज बहुत सारे सर्वर तक पहुचता है recipient’s के सर्वर तक पहुचने से पहले, रेसिपेंट यानि वो यूजर जिसके पास मेसेज जाने वाला है,
जैसे चिट्टी को पोस्ट करने के बाद कई सारे पोस्ट ऑफिस से होते हुए चिट्टी रेसिपेंट के मेल बॉक्स तक पहुचती है, जब एक बार ईमेल भेजा जाता है तब बहुत सारे स्टेपस को पार करके अपनी सहीं जगह पर पहुचता है.
- भेजने वाले का सर्वर जिसे मेल ट्रान्सफर एजेंट (MTA) भि कहा जाता है ये मेल सेरवर ‘सिंपल मेल ट्रान्सफर प्रोटोकॉल’ (SMTP) कनेक्शन शुरू करदेता है,
- ‘एसएमटीपी’ ईमेल के डाटा को चेक करता है जिससे पता रेसिपेंट का ईमेल एड्रेस पता चलता है जहा इस ईमेल को पहुचना है, अब डोमेन नेम सिस्टम (DNS) का इस्तेमाल करके डोमेन नेम को आईपी एड्रेस मे बदलता है,
- ‘एसएमटीपी’ रेसिपेंट के डोमेन नेम से जुड़े ‘मेल एक्सचेंज (MX) सर्वर को ढूंडता है अगर मिलजाता है तो ईमेल को रेसिपेंट के मेल सर्वर को फॉरवर्ड करदेता है,
- ईमेल रेसिपेंट के मेल सर्वर पर स्टोर होता है जिसे ‘पोस्ट ऑफिस प्रोटोकॉल’ (POP) रेसिपेंट के डिवाइस मे डाउनलोड करता है और मेल सर्वर से ईमेल को डिलीट करदेता है, लेकिन जो ‘इंटरनेट मेसेज एक्सेस प्रोटोकॉल’(IMAP) है ये ईमेल को ईमेल क्लाइंट मे स्टोर करता है जिससे यूजर अपने किसी भि कनेक्टेड डिवाइस से ईमेल को एक्सेस करसकते है.
ईमेल आईडी बनाने के लिए ज़रूरी चीज़े?

ईमेल क्या है और कैसे काम करता है ये तो जान्लिया अब जाने ईमेल आईडी बनाने के लिए ज़रूरी जीजे,
ईमेल एड्रेस बनाने के लिए या भेजने के लिए आपको पैसे देने कि ज़रूरत नहीं होती ईमेल फ्री होता है बस आपके पास इन चीजों का होना ज़रूरी है:
- सबसे पहले आपके पास कंप्यूटर, लैपटॉप, टेबलेट या स्मार्टफ़ोन होना चाहिए इंटरनेट कनेक्शन के साथ,
- अब आपको सहीं ईमेल सर्विस प्रोवाइडर चुनने कि ज़रूरत है कियोंकि बाकी का काम सीसी सॉफ्टवेयर मे होने वाला है जैसे ईमेल एड्रेस बनाना, ईमेल भेजना और ईमेल रिसीव करना.
Best Email Service Provider?
- Gmail: सबसे जियादा फेमस और इस्तेमाल किया जाने वाला ईमेल सर्विस प्रोवाइडर बुसिनेस्सेस से लेकर हर कोई इसे अपने काम के लिए इस्तेमाल करता है,
- Yahoo mail: ईमेल आईडी को बनाने और भेजने के लिए ये भि एक अच्चा ईमेल क्लाइंट है,
- Outlook: इसे माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने बनाया है जो बहुत ईमेल क्लाइंट है, इसे जियादातर बिज़नेस मे इस्तेमाल किया जाता है, इसी तरह जोहो मेल, और रीडिफ़ मेल भि अच्छे ईमेल सर्विस प्रोवाइडर है, चलिए अब देखते है के ईमेल एड्रेस कैसे बनाये.
ईमेल के फायदे?
ईमेल को हर कोई अपने ज़रूरत के हिसाब से इस्तेमाल करता है लेकिन यहां ईमेल के कुछ कॉमन कामों के बारेमे बात करेंगे जिससे सब लोग फायदा उठाते है,
- ईमेल को कम्युनिकेशन के लिए बनाया गया था और आज कम्युनिकेशन के लिए ईमेल का बहुत सारे लोग उपयोग करते है कियोंकि आप इसे कहीं से भि लिखकर कहीं भि भेजसकते है और कुछ हि सेकंड मे वो रेसिपेंट के पास पहुचता जाता है,
- ईमेल को लिखने के लिए पेन, पेपर कि ज़रूरत नहीं होती चिट्टी कि तरह और ईमेल बिलकुल फ्री होता है इसके कोई भि चार्जेज नहीं होते है,
- ईमेल मे टेक्स्ट के साथ बहुत सारे फोटो और विडियो या फिर देचुमेंटस भि भेज सकते है, जिसे ईमेल अत्त्च्मेंट (Email Attachments) भि कहते है,
- ईमेल मे टेक्स्ट के लिए बहुत सारि जगह मिलती है और किसी भि पिछले ईमेल को कभी देखसकते है इसका सारा रिकॉर्ड स्टोर रहता है,
- चित्तियाँ के मकाबले ये काफी सेफ होती है सिक्यूरिटी के मामले मे.
Email कि limitations?

जैसे हर चीज़ के फायदें होते है वैसे हि नुकसान भि होते है, माना के ईमेल के कुछ लिमिटेशन है लेकिन लेकिन है,
- इमेल को सिर्फ इंटरनेट के ज़रिये हि भेजा जा सकता है बिना इंटरनेट के ईमेल किसी को नहीं भेज्सकते,
- ईमेल के ज़रिये कोई बड़ी फाइल नहीं भेजसकते कियोंकि फाइल साइज़ पर लिमिट है,
- ईमेल के ज़रिये हर तरह के फाइल फॉर्मेट नहीं भेज सकते है जैसे .इएक्सइ (.exe)
- ईमेल मे बहुत सारे स्पैम मेल आते कियोंकि ये ईमेल का एक प्रकार है जिसकी वजह से हमें कभी सहीं ईमेल को ढूंडने मे मुश्किल होती है.
Email vs Web?
पहले बात करते है वेब ईमेल कि जो ईमेल ब्राउज़र के ज़रिये भेजे जासकते है उन्हें वेबईमेल कहा जाता है और जो ईमेल एप्लीकेशन और ब्राउज़र के ज़रिये भेजे जाते है उन्हें भि ईमेल कहा जाता है,
जैसे कि जीमेल एक वेबईमेल टाइप है और जो ईमेल सिर्फ एप्लीकेशन के ज़रिये भेजे जाते है जैसे आउटलुक ऑफिस 365 ये नॉन-ब्राउज़र ईमेल सर्विस है,
ब्राउज़र-बेस्ड ईमेल को भेजने के लिए सिर्फ इंटरनेट कि ज़रूरत होती है और नॉन-ब्राउज़र ईमेल के लिए हमें एक एप्लीकेशन कि ज़रूरत होती है और नॉन-ब्राउज़र ईमेल सर्विस कुछ सिक्यूरिटी के फायदें मिलते है.
ईमेल का इतिहास?
सबसे पहले ईमेल का उधारण 1965 मे दिखा जब ‘Massachusetts Institute of Technology’ के कंप्यूटर मे एक मेलबॉक्स नाम का प्रोग्राम था जिसकी मदद से यूजर दुसरे यूजर के लिए मेसेज लिखते थे,
जो अगली बार कंप्यूटर मे लॉग इन करता था उसे ये मेसेज मिलता था लेकिन इस वक़्त ये सिर्फ यूजर एक हि कंप्यूटर के दूसरा कररहे थे,1969 मे ‘एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी नेटवर्क’ (ARPANET) ने अपने नेटवर्क के सारे कंप्यूटर के बीच कम्युनिकेशन करने के लिए इसे डेवेलोप किया, 29 अक्टूबर 1969 मे अरपानेट के दुअरा पहला कंप्यूटर मेसेज भेजा था,
1971 मे अरपानेट के प्रोग्रामर Ray Tomlinson ने ईमेल बनाया, इस टेक्नोलॉजी से एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर को मेसेज भेजा जाता था,
रे टोम्लिंसों ने ईमेल भेजने के लिए @ का इस्तेमाल किया इसलिए आज भि @ कही इस्तेमाल किया जाता है, आशा अब आपको पता चलगया होगा के ईमेल क्या है और इसका इतिहास भि.
ईमेल का उपयोग?

- इमेल के ज़रिये टेक्स्ट मेसेज और मल्टीमीडिया किसी को भि, कहीं से भि, कभी भि भेज्सकते है वोभी सिर्फ कुछ सेकंड मे,
- जीमेल के ज़रिये लोग विडियो-कोंफेरेंसिंग और वर्चुअल मीटिंग भि करते है,
- जीमेल मे ये फीचर भि होता है के आपको आने वाले कॉमन इमल के जवाब पहले से सेट करसकते है ताके ईमेल का रिप्लाई ऑटोमेटिकली चला जाये.
ईमेल के प्रकार?
Newsletters
ये ईमेल किसी कंपनी या एक इंसान भेजता है अपने सब्सक्राइबर (Subscriber) को, इसके अनादर विज्ञापन होसकता है, प्रोडक्ट का प्रमोशन होसकता है, मार्केटिंग कंटेंट होसकता है या कोई आने वाला इवेंट, वेबिनर या सेमिनार होसकता है आर्गेनाइजेशन कि तरफ से.
Onboarding Emails
ये ईमेल सब्सक्रिप्शन लेने के फ़ौरन बाद भेजा जाता है, प्रोडक्ट को इस्तेमाल करने के बारेमे या किसी आर्गेनाइजेशन कि तरफ से अपनी होने वली जर्नी के बारेमे.
Plain-text Email
इस तरह के ईमेल मे सिर्फ सिंपल टेक्स्ट भेजे जाते है, इसमें कोई भि विडियो, इमेज या कोई भिया अटैचमेंट नहीं होता है इस तरह के ईमेल सिर्फ चैटिंग के लिए भेजते है जैसे दुसरे चैटिंग ऐप्प मे होता है.
Transaction Email
इसके नाम से पता चलरहा है के इसमें Invoices के हालही मे हुए ट्रांसकशन के बारेमे जानकारी डीजाती है, कुछ भि खरीदने के बाद बाद कन्फर्मेशन के लिए या ट्रांसकशन फैल होने पर के वापस पैसे कब मिलजायेंगे, इन सारे कामों के लिए ट्रांसकशनल ईमेल भेजे जाते है, आपको पता चलगया होगा के ईमेल क्या है और प्रकार कितने है.
ये आर्टिकल ‘Email kya hai’ यहीं समाप्त होता है इससे जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल के जवाब जाने.
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1. ईमेल का फुलफॉर्म?
ईमेल का फुल फॉर्म होता है 'Electronic Mail'.
2. फादर ऑफ़ ईमेल किसे कहते है?
'Ray Tomlinson' को फादर ऑफ़ ईमेल कहा जाता है.
निष्कर्ष?
आज हमने जाना के Email kya hai, ईमेल का इतिहास, what is email in hindi, ईमेल कैसे काम करता है, Email id kaise banaye, ईमेल के फायदें और लिमिटेशन, ईमेल के प्रकार, ईमेल कहा इस्तेमाल किया जाता है, ईमेल सिक्योर है के नहीं, आदि.
आशा है आपको अपने अब clear हो चूका होगा के Email kya hai, और भि कुछ पूछना या कहना होतो कमेंट करे और शेयर करे ताके दूसरों पता चले के ‘ईमेल क्या है’, हमारा ये आर्टिकल ‘Email kya hota hai’ यहीं समाप्त होता है.
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