कंप्यूटर आज के समय में बहुत एडवांस टेक्नोलॉजी में से एक है, जिसका इतिहास बहुत रोचक और बहुत बड़ा है और आशा है कि इसका भविष्य भी इंसानों के लिए काफी फायदेमंद होगा। लेकिन हम आज कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं, यह जानने के लिए इस आर्टिकल को लिखा गया है।
क्या आप जानना चाहते हैं कि computer kitne prakar ke hote hain, डेटा को हैंडल करने के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार और साइज़ के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार कितने हैं। इससे पहले आपको यह जानना चाहिए कि कंप्यूटर क्या है। अगर आपको पता नहीं है कि कंप्यूटर के प्रकार कितने हैं और उनका नाम क्या है, तो आपको हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ना चाहिए।
कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं?
कंप्यूटर को पहले दो कैटेगरी में बाँटा गया है, पहला ‘Size’ के आधार पर, और दूसरा ‘डेटा हैंडलिंग’ के आधार पर। डेटा को हैंडल करने की योग्यता के आधार पर, कंप्यूटर के तीन प्रकार होते हैं और ये कंप्यूटर के तीन प्रमुख रूप होते हैं:
● डिजिटल कंप्यूटर
● एनालॉग कंप्यूटर
● हाइब्रिड कंप्यूटर.
कंप्यूटर के Size के आधार पर पांच प्रकार होते है:
● मिनी कंप्यूटर
● पीसी ‘पर्सनल कंप्यूटर’
● सुपर कंप्यूटर
● मैंनफ्रेम कंप्यूटर
● वर्कस्टेशन.
डाटा को हैंडल करने के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार?

1. एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer)
ये कंप्यूटर सिर्फ एनालॉग डेटा को प्रोसेस करने के लिए ही बनाए जाते हैं, ऐसा डेटा जो हर वक्त बदलता है और जिसकी कोई करेक्ट वैल्यू नहीं होती, उसे एनालॉग डेटा कहते हैं।
यानी इस कंप्यूटर को ऐसे चीजों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिनमें हमें ‘exact’ वैल्यू की ज़रूरत नहीं होती, बस उसके आसपास की वैल्यू चाहिए होती है। ये कंप्यूटर ‘क्वांटिटीस’ को मेजर करने के लिए बनाया जाता है, जैसे टेम्प्रेचर, स्पीड वेट, लम्बाई, वोल्टेज, प्रेशर आदि।
ये कंप्यूटर लगातार बदलते हुए बदलाव को फिजिकल क्वांटिटी में मापता है, कंप्यूटर को नंबर्स या कोड्स से कोई कन्वर्शन की ज़रूरत नहीं, ये डायरेक्टली डेटा को एक्सेप्ट करते हैं मैस्यूरिंग डिवाइस से, इसके उदाहरण हैं जैसे बदलते तापमान को मापने के लिए थर्मोमीटर का इस्तेमाल होता है और जैसे विंग मशीन का इस्तेमाल वेट मेज़र करने के लिए होता है।
अब जानते हैं कि किन जगहों पर इसका इस्तेमाल होता है, केमिकल इंडस्ट्री में और पेपर बनाने में इसका इस्तेमाल होता है, आयिल रिफाइनरी में फ्लो और तापमान को मापने में किया जाता है आदि। एनालॉग कंप्यूटर डेटा प्रोसेस करने के बाद आउटपुट को किसी ग्राफ के ज़रिए या फिर डायल के ज़रिए दिखाता है।
2. डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer)

डिजिटल कंप्यूटर्स को इसलिए बनाया जाता है ताकि कैलकुलेशन और लॉजिकल ऑपरेशन हाई स्पीड में हों, ये कंप्यूटर रॉ डेटा को इनपुट करता है फिर इसे प्रोसेस करता है और उसके रिजल्ट को आउटपुट करता है।
ये कंप्यूटर सिर्फ बाइनरी इनपुट को समझता है जो 0 और 1 हैं, यानि हम जो भी कंप्यूटर से चाहते हैं, कंप्यूटर उसे 0 और 1 में बदलता है, फिर उसे प्रोसेस करता है और फिर उसका रिजल्ट आउटपुट करता है। डिजिटल कंप्यूटर के उदाहरण हैं: डेस्कटॉप, लैपटॉप, स्मार्टफोन, कैलकुलेटर आदि।
डिजिटल कंप्यूटर के फायदें?
- इस कंप्यूटर में बहुत सारी स्टोरेज कैपेसिटी होती है। आप अपने डाटा को स्टोर भी कर सकते हैं और कभी भी एक्सेस कर सकते हैं।
- इन कंप्यूटरों में स्पीड भी बहुत ज्यादा होती है क्योंकि ये डेटा को डिजिटली प्रोसेस करते हैं।
- हार्डवेयर की कीमत भी कम होती है क्योंकि आईसी टेक्नोलॉजी बहुत आगे बढ़ चुकी है।
- हम डिजिटल कंप्यूटर में विभिन्न फीचर एड कर सकते हैं।
3. हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer)

हाइब्रिड का मतलब होता है दो अलग चीजों से बना हुआ, एनालॉग और डिजिटल कंप्यूटर को मिलकर बनाया गया है। हाइब्रिड कंप्यूटर हाइब्रिड कंप्यूटर बहुत फास्ट होते हैं, एनालॉग कंप्यूटर की तरह और स्टोरेज, अक्यूरेसी होती है डिजिटल कंप्यूटर की तरह। यानी, ये कंप्यूटर दोनों तरह के डेटा को प्रोसेस कर सकते हैं।
हाइब्रिड कंप्यूटर एनालॉग सिग्नल को एक्सेप्ट करते हैं, इनपुट के फॉर्म में। फिर इनपुट डेटा को प्रोसेस करने से पहले उसे डिजिटल फॉर्म में बदलते हैं। हाइब्रिड कंप्यूटर को कुछ खास जगहों में इस्तेमाल किया जाता है, जहाँ एनालॉग और डिजिटल दोनों कंप्यूटर का उपयोग करना होता है।
वहीं, इसका सबसे अच्छा उदाहरण है पेट्रोल पंप, एयरप्लेन, अस्पताल। पेट्रोल पंप में फ्यूल के फ्लो को मेजर करके उसे क्वांटिटी और प्राइस में बदला जाता है, ये हाइब्रिड कंप्यूटर होता है। अस्पताल में पेशेंट के ब्लड प्रेशर और बॉडी टेम्परेचर को डिजिटल फॉर्म में कनवर्ट करता है।
साइज़ के आधार पर कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं?
1. मिनी कंप्यूटर (Mini Computer)
मिनीकंप्यूटर को मिनीफ्रेम कंप्यूटर भी कहा जाता है, मिनीकंप्यूटर एक मीडियम साइज़ और मल्टीप्रोसेसिंग कंप्यूटर है, इस कंप्यूटर में चार से दो सौ यूजर का समर्थन होता है, यह अलग-अलग इंस्टिट्यूट के विभागों में उपयोग किया जाता है, जैसे कि बिलिंग, अकाउंटिंग, इन्वेंट्री मैनेजमेंट आदि।
मिनीकंप्यूटर मेनफ्रेम कंप्यूटर से छोटा होता है और माइक्रोकंप्यूटर से बड़ा होता है, मिनीकंप्यूटर का वेट बहुत कम होता है, जिसकी वजह से इसे कहीं भी ले जाया जा सकता है, मिनीकंप्यूटर फास्ट होता है और मेनफ्रेम कंप्यूटर से सस्ता होता है, मिनीकंप्यूटर का उपयोग कॉम्प्लेक्स डेटा की प्रोसेसिंग के लिए किया जाता है।
2. माइक्रो कंप्यूटर (MicroComputer)

पीसी कंप्यूटर, यानि पर्सनल कंप्यूटर, इस कंप्यूटर को जनरल कामों के लिए बनाया जाता है, जिसे सिंगल यूजर इस्तेमाल करते हैं। हम लोग आमतौर पर घरों में इन कंप्यूटरों का उपयोग करते हैं।
इसके नाम से पता चलता है कि इसे पर्सनल कामों के लिए बनाया गया है, जैसे असाइनमेंट, मूवी देखना, ऑफिस का काम आदि। इनके उदाहरण हैं डेस्कटॉप, कंप्यूटर्स, लैपटॉप्स, टेबलेट, ये सभी माइक्रो कंप्यूटर के प्रकार हैं।
इन कंप्यूटरों में कुछ सॉफ़्टवेयर को ही इस्तेमाल किया जा सकता है, इन्हें इस्तेमाल करना बहुत आसान है और ये साइज़ में छोटे होते हैं। इसमें सिंगल यूजर बहुत सारे काम कर सकता है, माइक्रो कंप्यूटर को घरों में, ऑफिस में और स्कूल में इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रकार के कंप्यूटर्स को सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि ये सस्ते और साइज़ में छोटे होते हैं।
3. मैं फ्रेम कंप्यूटर (MainFrame Computer)
मेनफ्रेम कंप्यूटर को इस तरह बनाया जाता है कि उसे सौ से हजार यूजर एक साथ उपयोग कर सकते हैं, एक ही वक्त में अलग-अलग प्रोग्राम चला सकते हैं, इन सभी फीचर्स को देखकर बड़े-बड़े संस्थान इसे उपयोग करते हैं जैसे कि बैंक, टेलिकॉम सेक्टर, एयर ट्रैफिक कंट्रोल, इंडस्ट्रीज, डिफेंस आदि।
ये कंप्यूटर बहुत महंगा होता है, इसकी परफ़ॉरमेंस बहुत अच्छी और हाई कैपेसिटी स्टोरेज होती है, बड़े-बड़े डेटा को प्रोसेस करने में काम आता है और जल्दी खराब नहीं होता, इसकी लाइफ लॉन्ग होती है। मेनफ्रेम कंप्यूटर आम कंप्यूटर से बिलकुल अलग होते हैं, परफ़ॉरमेंस में भी और देखने में भी, ये सुपर कंप्यूटर की तरह होते हैं।
4. वर्कस्टेशन (Workstation)
वर्कस्टेशन को सिर्फ किसी एक बड़े काम को करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है, जैसे कोई टेक्निकल या साइंटिफिक एप्लिकेशन्स। ये बहुत महंगे होते हैं और इनके माइक्रोप्रोसेसर बहुत फास्ट होते हैं।
इसकी RAM में बहुत स्पेस होती है और ग्राफिक एडाप्टर की स्पीड बहुत ज्यादा होती है। वर्कस्टेशन को सिर्फ एक यूजर के इस्तेमाल के लिए बनाया जाता है, ये बहुत महंगे और बड़े-बड़े कामों के लिए बनाए जाते हैं। कंप्यूटर क्या है और इसका इतिहास जानने के लिए इस आर्टिकल को पढ़ें।
5. सुपर कंप्यूटर (Super Computer)

कंप्यूटर के प्रकार में सबसे बड़ा और फास्ट सुपरकंप्यूटर है, सुपरकंप्यूटर को ज्यादा अमाउंट ऑफ़ डेटा को प्रोसेस करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है, सुपरकंप्यूटर को एक सेकंड में लाखों इंस्ट्रक्शन दे सकते हैं और वह उन्हें फ़ॉलो भी करता है। ये सब इसलिए होता है क्योंकि सुपरकंप्यूटर से हजारों प्रोसेसर इंटरकनेक्टेड होते हैं।
सुपरकंप्यूटर को इंजीनियरिंग, विज्ञान की चीजों के लिए और बड़े आर्गेनाइजेशन इस्तेमाल करते हैं, जैसे कि वेदर की फ़ॉरकास्टिंग, साइंटिफ़िक रिसर्च, न्यूक्लियर एनर्जी रिसर्च, स्टॉक मार्केट, आदि। इसे 1976 में रोगर क्रे (Roger Cray) ने बनाया था, सुपरकंप्यूटर को नासा इस्तेमाल करता है ताकि स्पेस को और जानसके सेटेलाइट की मदद से।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. कंप्यूटर के तीन प्रमुख प्रकार कौनसे है?
एनालॉग कंप्यूटर, डिजिटल कंप्यूटर और हाइब्रिड कंप्यूटर ये कंप्यूटर के तीन प्रमुख प्रकार है.
2. फादर ऑफ़ कंप्यूटर कौन है?
कंप्यूटर को बहुत लोगों ने मिलकर बनाया है, लेकिन चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) का कंप्यूटर बनाने में बहुत बड़ा योगदान था, इसलिए उन्हें ‘कंप्यूटर के पिता’ कहा जाता है।
3. आम तौर पे घर मे इस्तेमाल होने वाले कंप्यूटरस कौनसे प्रकार के होते है?
डिजिटल कंप्यूटर.
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