Civil Engineer in Hindi?
क्या आप सिविल इंजीनियर कैसे बने ये जानना चाहते है तो सहीं जगह अये है, आज यहाँ आपको जानने को मिलेगा के civil engineer kaise bane, 10वीं और 12वीं के बाद सिविल इंजीनियर कैसे बने, डिग्री कौनसी करे, नौकरी, इंटर्नशिप, सैलरी और सभ जाने,
भारत बहुत तेज़ी से देवोलोप हो रहा है, बड़े शहर से लेकर छोटे शहर सभ तेज़ी से डेवेलोप हो रहे है, रियल स्टेट मार्किट बहुत बड़ी होरही है घर, रोड, बिल्डिंग, डेम जैसे चीजों को बनाने के लिए सिविल इंजीनियर कि बहुत ज़रूरत होती है इसलिए काफी स्टूडेंट सिविल इंजीनियर बनना चाहते है या बनना सोचरहे है उनके लिए इस आर्टिकल मे सारि जानकारी.
10वीं के बाद Civil Engineer kaise bane?
Step1: सिविल इंजीनियर बनने के दो रास्ते है पहला रास्ता है डिप्लोमा कोर्स करना और दूसरा रास्ता है सिविल इंजीनियरिंग मे डिग्री हासिल करना.
Step2: 10वीं के बाद किसी को सिविल इंजीनियर बनना है तो उसे पोलीटेकनिक कॉलेज से डिप्लोमा कोर्स करना होगा, इस पोलीटेकनिक डिप्लोमा कोर्स 12वीं के बाद भि करसकते है.
Step3: डिप्लोमा कॉलेज मे एडमिशन लेने केलिए एंट्रेंस एग्जाम देना होता है, अक्सर डिप्लोमा कोर्स को कम्पलीट करने मे तीन साल का वक़्त लगता है, डिप्लोमा कोर्स करने पर जूनियर सिविल इंजीनियर बनजाते है, डिप्लोमा चलिए अभ देखते है सिविल इंजीनियर बनने का दूसरा रास्ता 12वीं बाद Civil Engineer kaise bane.
12वीं के बाद सिविल इंजीनियर कैसे बने?
Step1: सिविल इंजीनियर कैसे बने इसका दूसरा रास्ता ये है के सिविल इंजीनियरिंग मे बीटेक या बीइ डिग्री कि पढाई करना.
Step2: गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज मे एडमिशन लेने केलिए एंट्रेंस एग्जाम देना होगा, एंट्रेंस एग्जाम के बारेमे आगे विस्तार से बताया गया है, एंट्रेंस एग्जाम के लिए वोहि स्टूडेंट योग्य है जो 12वीं मे फिजिक्स, मैथ और केमिस्ट्री सब्जेक्ट से पढाई कि हो और 60% मार्कस के साथ.
Step3: एंट्रेंस एग्जाम स्टेट और नेशनल दोनों लेवल पर होते है, बीटेक करने के लिए प्राइवेट कॉलेज एंट्रेंस एग्जाम नहीं लेते लेकिन प्राइवेट कॉलेज मे एडमिशन लेने से पहले एक बार उस कॉलेज के बारेमे रिसर्च ज़रूर कर लीजियेगा.
Step4: एंट्रेंस एग्जाम थोड़े मुश्किल होते है इनके लिए अच्छे से तय्यारी करे, एंट्रेंस एग्जाम को क्लियर करने के बाद आपके मार्कस और रैंक के हिसाब से किसी भि कॉलेज मे एडमिशन मिलजाता है.
Step5: एडमिशन मिलने के बाद बीटेक कि पढाई करे, ये बैचलर डिग्री चार साल कि होती है, इसमें स्टूडेंट को ये सिखाया जाता है के घर के डिजाईन कैसे बनाये, कौनसा और कितना मटेरियल इस्तेमाल करना चाहिए, किस जगह पर कौनसी चीज़ बन्सक्ति है, आदि.
Step6: डिग्री हासिल करने के बाद आप एक सीनियर सिविल इंजीनियर कहलाये जाते है, अभ आप आगे कि पढाई करसकते है या फिर जॉब करसकते है.
Step7: प्रैक्टिकल नॉलेज को बड़ाने के लिए इंटर्नशिप करसकते है और सर्टिफाइड सिविल इंजीनियर बनने के लिए लिसेंस कि ज़रूरत है, अभ आपको आईडिया मिलगया होगा कि civil engineer kaise bane, चलिए इन्सारे चीजों को विस्तार से जानते है.
Civil Engineering in Hindi?
सिविल इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग कि एक पुरानी और बहुत बड़ी फील्ड है, सिविल इंजीनियरिंग मे किसी भि घर, बिलिंग, कान्नाल्स, डेम्स, ब्रिज, रोड जैसी चीजों कि डिजाईन, कंस्ट्रक्शन, मजबूती के लिए किस मटेरियल का कितना इस्तेमाल होगा और सिविल इंजीनियरिंग बहुत से अलग अलग फील्ड है जिसमे स्टूडेंट महारत हासिल करसकते है.
सिविल इंजीनियर मे Scope?
किसी भि प्रोफेशन मे अपना करियर बनाने से पहले उस फील्ड के बारेमे जानना ज़रूरी है, जैसा पहले हि कहा है के भारत तेज़ी से डेवेलोप होरहा है, रियल स्टेट मार्किट बढ़ी हो रही है, हर काम के लिए जैसे रोड बनानी हो, घर बनाना हो, डेम्स, बिल्डिंग या कुछ भि कंसट्रकशन करना होतो सिविल इंजीनियर कि ज़रूरत पढ़ती हि है, इन चीजों कि वजह से स्किल और अनुभवि सिविल इंजीनियर कि डिमांड बडरही है,
सिविल इंजीनियरिंग करने के बाद कंस्ट्रक्शन, एजुकेशनल इंस्टिट्यूट, रिसर्च और रियल स्टेट मे नौकरी करसकते है, आज हर शहर मे हाईवे, रेल्वे, मोल, ब्रिज, रोड, बिल्डिंग, एयरपोर्ट, हॉस्पिटल, होटल्स, शॉप्स, शोरूम अयसे कई सारे बिल्डिंग बनायीं जाती है जिनमे सिविल इंजीनियर का बड़ा रोल होता है,
डेवेलोप देशों मे सिविल इंजीनियर कि डिमांड होती है बहुत सारे इंडियन सिविल इंजीनियर कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों मे जाते है, सिविल इंजीनियर कि ज़रूरत इंडियन आर्मी और गवर्नमेंट firms मे होता है इसके अलावा एक सिविल इंजीनियर अपना खुदका firm शुरू करसकता या करसकती है.
सिविल इंजीनियर काम क्या करते है?

सिविल इंजीनियर का काम होता है के पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर मे प्रोजेक्ट को हाथ मे लेना जैसे रोड, बिल्डिंग, एयरपोर्ट, तुन्नेल्स, डेम्स, स्कूल, हॉस्पिटल्स, वाटर सप्लाई सिस्टम, सैवेज सिस्टम आदि, इन प्रोजेक्ट्स को डिजाईन करना, ऑपरेट करना, प्लान के मुताबिक वर्कर्स से काम करवाना, किसी घर या बिल्डिंग को मजबूती के साथ बनाना, मजबूत बनाने के लिए सहीं मटेरियल का यूस करना.
Civil Engineer Eligibility
- सिविल इंजीनियर बनने के लिए 10वीं और 12वीं कि पढाई पूरी करे, 12वीं मे पीसीएम सब्जेक्ट से 60% मार्कस होने चाहिए,
- डिप्लोमा कोर्स करने के लिए 10वीं पास होना होगा,
- बीटेक कॉलेज मे एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम देना होगा और एंट्रेंस एग्जाम देने के लिए 12वीं मे 60% अंक होने चाहिए,
- बीटेक के बाद एमटेक करने के लिए गेट क्वालीफाई करना होगा
सिविल इंजीनियर बनने के लिए Entrance Exams?
12वीं के बाद एंट्रेंस एग्जाम देना होगा बीटेक डिग्री के लिए, नेशनल लेवल और स्टेट लेवल के एंट्रेंस एग्जाम दे सकते है जैसे JEE Main, AIEEE, आईटीआई आदि, कुछ कॉलेज अपने खुदके एंट्रेंस एग्जाम भि कंडक्ट करती है, इनमे से कोई भि एक एंट्रेंस एग्जाम को क्लियर करसकते है एग्जाम के अंक और रैंक के हिसाब से आपको कॉलेज मे एडमिशन मिलता है, जितने अच्छे मार्कस होंगे उतने अच्छे कॉलेज मे एडमिशन होगा, इंडिय के कुछ टॉप एंट्रेंस एग्जाम,
- KCET
- JEE
- JEE Main
- GATE
- BITSAT
- MHT CET
कुछ कॉलेज मे एडमिशन केलिए स्टेट लेवल एंट्रेंस एग्जाम देना होगा, बहुत सारे अयसे भि कॉलेज है जो बिना एंट्रेंस एग्जाम के एडमिशन देते है, स्टूडेंट किसी भि प्राइवेट कॉलेज मे भि एडमिशन लेसकते है लेकिन इन कोल्लेजेस मे फीस बहुत जियादा होती है,
गवर्नमेंट कॉलेज के मुकाबले, प्राइवेट कॉलेज मे एडमिशन लेने से पहले एक बार रिसर्च ज़रूर करना जैसे कि कम्पस प्लेसमेंट, टीचिंग सुविधाएँ, लैब हो, यहाँ फीस लगभग 50 से एक लाख के करीब होती है प्रति वर्ष.
Civil Engineering Courses
- Diploma in Civil Engineering
- B.Tech in Civil Engineering
- B.e in Civil Engineering
- M.tech Civil Engineering.
सिविल इंजीनियर बनने के लिए आप पोलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स करसकते है या बी.टेक डिग्री करसकते है, ये चार साल का कोर्स है इसे पूरा करने के बाद सीनियर सिविल इंजीनियर बनते है.
Top Civil Engineering Colleges
- आईआईटी, मुंबई
- आईआईटी, कानपूर
- आईआईटी, दिल्ली
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस, बेंगलोर
- आईआईटी, गुहाटी
- आईआईटी, खरगपुर
- उस्मानिया यूनिवर्सिटी
- बीआईटी, रांची
- आईआईटी, मद्रास
- सरदार पटेल कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, मुंबई
- आईआईटी, रूरकी
- गवर्नमेंट पोलिटेक्निक, बरेली
- एनआईटी, त्रिची
- कोइम्बतुर इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस, तमिलनाडु
- आईआईटी- बीएचयू
- इंजीनियरिंग कॉलेज ऑफ़ अजमेर
- बीआईटीएस-पिलानी.
इंटर्नशिप

इंटर्नशिप करना ज़रूरी है सिविल इंजीनियर बनने के बाद या फिर पढाई के दौरान भि इंटर्नशिप करसकते है, इंटर्नशिप से किताबी नॉलेज प्रैक्टिकल नॉलेज मे बदलती है, इंटर्नशिप करने से आप स्किल्ड प्रोफेशनल्स से बहुत कुछ सीखते है,
तरह तरह के प्रोजेक्ट दिए जाते है उन्हें कम्पलीट कैसे करते है ये सीखपाते है, जब आप किसी जगह जॉब के लिए जाता है तो वहां एक्सपीरियंस के बारेमे पुचा जाता है तब आपको इंटर्नशिप का फायदा होसकता है.
Civil Engineer License
किसी भि सिविल इंजीनियर को सर्टिफाइड सिविल इंजीनियर बनने के लिए लाइसेंस कि ज़रूरत होगी, लाइसेंस पाने के लिए कुछ सालों का अनुभव ज़रूरी है, सिविल इंजीनियर के बाद कुछ सालों का अनुभव प्राप्त करने के बाद लाइसेंस के लिए अप्लाई करसकते है, लाइसेंस मिलने के बाद आप एक प्रोफेशन सिविल इंजीनियर कहलाते है.
Post
Geotechnology Engineer
जिओटेकनोलजी इंजीनियर का काम होता है के जियोलॉजी के किसी भि प्रोजेक्ट मे किसी भि प्रॉब्लम को सोल्व करे, जिओटेकनोलजी इंजीनियर को शुरुवात मे एवरेज सैलरी तीन से चार लाख प्रतिवर्ष मिलती है.
Structural Engineer
ये इंजीनियर बिल्डिंग, ब्रिज, आदि जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को बनाने का काम करते है, डिजाईन करना, प्लान करना और सुपरवाईस करना, स्ट्रक्चरल इंजीनियर कि सैलरी कि बात करे तो बिगिनर कि एवरेज सैलरी चार से पांच लाख प्रतिवर्ष तक होती है.
Professor
लेक्चरर और प्रोफेस्सर बनके स्टूडेंट को पढ़ा सकते है, एक बिगिनर एवरेज सैलरी 3.5 लाख से चार लाख तक होती है.
Construction Engineer
कंस्ट्रक्शन इंजीनियर का काम ये होता है के बड़े प्रोजेक्ट कि ज़िम्मेदारी लेना, प्लान के बुअताबिक चलना, लीडर कि तरह सबसे सहीं काम करवाना, कंस्ट्रक्शन इंजीनियर कि एवरेज सैलरी एक बिगिनर के तौर पर 3.5 लाख से 4 लाख तक प्रतिवर्ष होती है.
Site Engineer
साईट इंजीनियर का काम होता है के साईट पर आम करने वाले सभि लोगों कि सुरक्षा कि ज़िम्मेदारी, साईट मैनेजमेंट टीम का हिस्सा साईट इंजीनियर होता है, एक बिगिनर साईट इंजीनियर कि एवरेज सैलरी 2.5 लाख से 3 लाख तक प्रतिवर्ष होती है,
ये थे कुछ सिविल इंजीनियरिंग मे आने वाले पद इनके अलावा हाईद्रोलिक इंजीनियर, मटेरियल इंजीनियर, फॉरेंसिक इंजीनियर, एनवायर्नमेंटल इंजीनियर, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, सुपरवाईज़र, कोस्टल इंजीनियर, तकनीशियन, असिस्टंट इंजीनियर, कंस्ट्रक्शन प्लांट इंजीनियर, अर्थकुँक इंजीनियर, आदि.
Civil Engineer Salary
डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग सैलरी- प्राइवेट सेक्टर मे नौकरी करने पर शुरुवाती सैलरी 10 से 15 हज़ार रुपे प्रतिमहिना मिलती है, सैलरी कितनी मिलेगी ये इसपर भि डिपेंड करता है कि कौनसी कंपनी, शहर, स्टेट मे नौकरी मिलती है, गवर्नमेंट सेक्टर मे नौकरी मिलने पर सिविल इंजीनियर को 35 से 40 हज़ार रुपे सैलरी प्रतिमहिना मिल सक्ति है,
डिग्री इन सिविल इंजीनियरिंग सैलरी- स्टूडेंट बी.इ या बी.टेक कम्पलीट करके सिविल इंजीनियर बनने के बाद, प्राइवेट सेक्टर मे सिविल इंजीनियर कि सैलरी 30 से 40 हज़ार प्रतिमहिना होसक्ति है और गवर्नमेंट सेक्टर मे जॉब मिलने पर सिविल इंजीनियर को 50 से 60 हज़ार रुपे प्रतिमहिना सैलरी मिलती है.
Specialization in Civil Engineer?

- विल इंजीनियरिंग कि इन शाखाओं मे महारत हासिल करके स्पेशलिस्ट बनसकते है,
- अर्बन इंजीनियरिंग
- हाइड्सिरोलिक इंजीनियरिंग
- स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग
- वाटर रिसोर्सेज इंजीनियरिंग
- इरीगेशन इंजीनियरिंग
- ब्रिज इंजीनियरिंग
- मैटेरियल्स इंजीनियरिंग
- ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियरिंग
- जनरल इंजीनियरिंग
- एन्विरोंमेंटल इंजीनियरिंग
- जिओटेकनिकल इंजीनियरिंग
- फायर प्रोटेक्शन इंजीनियरिंग
- कोस्टल एंड ओसियन इंजीनियरिंग.
स्किल
- सिविल इंजीनियर का काम बहुत ज़िम्मेदारी से भरा होता है इसलिए कंपनीस स्किल्ड सिविल इंजीनियर को जॉब देना पसंद करते है, सिविल इंजीनियर कैसे बने? (civil engineer kaise bane) ये तो जालिया अब सिविल इंजीनियर मे कौनसी स्किल होनी चाहिए ये जाने,
- सिविल इंजीनियर के पास Communication स्किल होनी चाहिए,
- प्रक्टिकल नॉलेज को हमेशा बढ़ाते रहना चाहिए,
- क्रितिविटी और टीमवर्क
- प्लानिंग करने आना चहिये और हर काम ज़िम्मेदारी से करना चाहिए,
- अपने थिंकिंग पॉवर या शार्प माइंड का इस्तेमाल करना,
- कंप्यूटर स्किल अनी चाहिए सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल,
- लीडरशिप क्वालिटी के साथ साथ टाइम मैनेजमेंट स्किल होनी चाहिए,
- प्रोजेक्ट कि हर छोटी बड़ी चीज़ को अटेंशन देना,
- सिविल इंजीनियर को ड्राइंग और बिल्डिंग आना चाहिए.
People Also Ask
1. Civil Engineer vs Architecture
बहुत सारे लोगों को सिविल इंजीनियर और आर्किटेक्चर के बीच का फर्क पता नहीं होता, आर्किटेक्चर का काम ये होता है कि वो किसी भि प्रोजेक्ट/इन्फ्रास्ट्रक्चर या बिल्डिंग का डिजाईन तैयार करता है, बिल्डिंग बनने के बाद कैसी दिखेगी ये दिखता है, बिल्डिंग को अच्चा लुक देकर प्लान बनता है,
दूसरी तरफ सिविल इंजीनियर का काम आर्किटेक्चर के बनाये गये डिजाईन को वातविक रूप देकर, फिजिकली प्रोजेक्ट तैयार करने का होता है, आर्किटेक्चर के प्लान को सिविल इंजीनियर एक्सीक्यूट करता है, बिल्डिंग मे कौनसा मटेरियल लगेगा और बिल्डिंग मजबूत कैसे बनेगी ये सिविल इंजीनियर का काम है, दोनों कि फील्ड अलग अलग है लेकिन एक दुसरे पर डिपेंड है, आपकी चॉइस है आप क्या बनना चाहते है.
2. ग्रेजुएट सिविल इंजीनियर को लेने वली कंपनीस?
- जकोब्स इंजीनियर (Jacobs)
- टाटा कंसल्टिंग इंजीनियरस लिमिटेड
- स्च्लुम्बेर्गेर (Schlumberger)
- एल एंड टी
- मायटस इन्फ्रा लिमिटेड
- पॉवर ग्रिड कारपोरेशन इंजीनियरस लिमिटेड
- लैंड ट्रांसपोर्ट अथोरिटी
- शपूरजी पल्लोंजी
- जोनेस लंग लासेल्ले.
निष्कर्ष
आज इस आर्टिकल मे हमने जाना के civil engineer kaise bane, 10वीं के बाद सिविल इंजीनियर कैसे बने, 12वीं के बाद सिविल इंजीनियर कैसे बने, डिग्री कौनसी चूस करे, सैलरी कितनी होती है और भि सभ कुछ,
आशा है आपको इस सवाल ‘Civil Engineer kaise bane’ का जवाब मिलगया होगा, दोस्तों को शेयर करे ताके उन्हें भि तो पता चले के civil engineer kaise bane, हमारा ये आर्टिकल ‘Civil Engineer in Hindi’ यहीं समाप्त होता है.
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